hotaks444
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थोड़ी देर तक सन्नाटा रहा. सिर्फ़ समुद्र मे लहरो की आवाज़ आ रही..
फिर स्नेहा ने मुस्कुरा कर अरुण के गाल पर किस किया और अपनी आँख से आँसू पोछते हुए वापस अपने रूम की तरफ चली गयी..
"मान गये गुरु..." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
अरुण भी थोड़ी देर बाद जाके सोनिया के पास सो गया.
अरुण की आँख खुली अगली सुबह तो उसे कुछ गीला गीला महसूस हुआ.. आँख रगड़ते हुए उसने चादर के अंदर देखा तो सोनिया तो थी नही..
"ओह गॉड..आरोही.." उसने वापस अपना सिर तकिये पर पटकते हुए कहा..वो चादर के अंदर से ही उसके लंड को चूस रही थी..
"अगर तुमने इसे रोका तो जान ले लूँगा तेरी.." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने बोला
"कोई देख लेगा आरोही.." अरुण धीरे से बोला लेकिन तुरंत ही अपने मूह पर हाथ रख लिया जैसे ही आरोही ने जीभ उसके टेस्टेस से लेकर उसके लंड तक लगाई..
"ओह ये तो और भी अच्छा होगा.." आरोही हँसते हुए बोली और दोबारा उसे चूसने लगी..
स्नेहा की आँखें चौड़ी हो गयी और उसे यकीन न्ही हो रहा था जो वो देख रही थी..
इधर आरोही लंड को पूरी तेज़ी के साथ चूसने लगी..उसने टेस्टेस से लेकर लंड के सुपाडे तब जीभ दौड़ाई और फिर सुपाडे के छेद पर जीभ गोल गोल घुमाने लगी और फिर मूह मे भरकर चूसने लगी..
"मैं घर पहुचने तक का इंतजार नही कर सकती.." लंड को उपर नीचे करते हुए आरोही ने कहा..
"बाकी सब..ऊहह" अरुण ने कुछ पूछना चाहा
"माइ ब्रेकफास्ट.." आरोही ने जल्दी से कहा और आह के साथ लंड को मूह मे भर लिया..अरुण को ऐसा लगा जैसे किसी ने रेशम से भी चिकनी चीज़ मे उसका लंड डाल दिया हो जब आरोही ने जीभ के साथ लंड को मसाज करना स्टार्ट किया..आरोही के मूह से थूक की धार निकल लंड के नीचे गिरने लगी जो उसने हाथों से लंड पर मसल दी..
स्नेहा ने अपना नाश्ता कर लिया फिर वो बाहर निकल गयी थी सुबह का नज़ारा लेने जब वो वापस आई तो कमरे से आती आहें सुन ठिठक कर रुक गयी तो वो पीछे से घूम कर खिड़की से देखने लगी और जब उसने आरोही को अरुण का लंड चूस्ते देखा तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी..
वो कभी अरुण को देखती जो आहें भर रहा था और कभी आरोही को उसका लंड चूस्ते हुए देखती..
उसके चेहरे पर लाली आने लगी और उसे लगा जैसे गर्मी एका एक बढ़ गयी हो.. वो वहाँ से हटाना चाह रही थी लेकिन उसके कदम हिलने का नाम ही नही ले रहे थे.. क्या हो रहा है ये?? क्या दी को पता है इस बारे मे..?? क्या करूँ मैं.??
तुरंत ही सुप्रिया पता नहीं कैसे वहाँ पर आ गयी और सामने का नज़ारा देख कर उसने एक तेज साँस के साथ अपना हाथ अपने मूह पर रख लिया..स्नेहा को देख कर सुप्रिया की और ज़्यादा हालत खराब हो गयी..
"ओह माइ गॉड..." सुप्रिया बोली..
"आइ नो दी..." स्नेहा ने एग्ज़ाइट्मेंट मे थोड़ा तेज बोल दिया..
अरुण तो मस्ती मे कुछ नही सुन रहा था लेकिन ये आवाज़ आरोही ने सुन ली.. उसने नज़र उठाकर सामने देखा तो दोनो बड़ी बहनो के देख कर डरने की जगह उसके चेहरे पर स्माइल और बढ़ गयी और उसने और ज़्यादा मस्ती के साथ लंड चूसना स्टार्ट कर दिया.. आरोही ने सोचा अब इस टाइम तो वो अपना ब्रेकफास्ट छोड़ कर नही जाने वाली..फिर उसे रीयलाइज़ हुआ कि अरुण ने उसके अंदर एक नयी आरोही को जगा दिया है. अरुण के लंड मे झटके लगने लगे..
आरोही ने एक बार मुस्कुराकर अपनी दोनो बहनों की तरफ देखा जिनका मूह खुला का खुला रह गया था फिर जैसे ही अरुण के लंड से स्पर्म की पिचकारी निकलना स्टार्ट हुई उसने अपना मूह डाइरेक्ट सुपाडे पर रख कर अपना नाश्ता करना स्टार्ट कर दिया..जितना उस से हो सकता था उतना स्पर्म वो गले से नीचे उतारती चली गयी..बाकी उसके मूह के किनारों से नीचे रिसने लगा..
"गुड मॉर्निंग भाई..आंड थॅंक फॉर ब्रेकफास्ट..," आरोही ने मूह पोन्छकर और बेड से उतरते हुए कहा.. उसने दोबारा खिड़की की तरफ देखा लेकिन तब तक दोनो जा चुकी थी. तो वो शवर लेने बाथरूम मे चली गयी..
वही स्नेहा और सुप्रिया साइड मे खड़ी होकर जो अभी देखा उसके बारे मे खुसुर पुसुर कर रही थी..
"दट वाज़..." सुप्रिया ने बोलना चालू किया..
"डिफरेंट," स्नेहा बोली..
"मुझे उन दोनो से इस घर पहुचते ही बात करनी होगी..," सुप्रिया स्नेहा का हाथ पकड़कर बोली.."तुम उनसे कुछ मत कहना..ओके.?"
स्नेहा वहाँ बुत की तरह खड़ी आरोही की लंड चूस्ति इमेज को सोच रही थी..और अरुण का लंड किसी विसल टवर की तरह खड़ा हुआ...
"स्नहाआ.." सुप्रिया ने स्नेहा को हिलाते हुए कहा..
"हुह..ओके..ओके..मैं क्या कहूँगी किसी से.? कि मैने आरोही को उसका लिंग चूस्ते हुए देखा है?? अपने ही भाई का...मैं बस....हुहह.." स्नेहा अपना सिर हिलाते हुए बोली..
वास्तव मे स्नेहा की तरह सुप्रिया भी ये सब देखकर गरम हो चुकी थी...लेकिन वो ये बात स्नेहा पर जाहिर नही होने देना चाहती थी..उसे ये यकीन ही नही हो रा था कि अरुण दूसरी किसी बहेन के साथ भी ये सब करेगा..
"चलो नॉर्मल बिहेव करना..मैं उनसे बात करूँगी..चलो.." सुप्रिया स्नेहा को अपने पीछे खींचते हुए चलने लगी..
घर पहुचने तक सब नॉर्मल ही रहा. अरुण तो पूरी फ्लाइट के दौरान सोता ही रहा..सुबह सुबह ही उसका जूस जो निकाल लिया गया था..स्नेहा और सुप्रिया आपस मे खुसुर पसुर करती रही और सोनिया अरुण का हाथ थामे उसके पास लेटी रही..
रात मे अपने बेड पर सोते टाइम अरुण के मन मे आवाज़ आई.."व्हाट आ ट्रिप, ड्यूड! व्हाट आ ट्रिप!" और फिर सब कुछ बंद हो गया...
रात मे थोड़ा लेट आने के कारण सब सोने चले गये..सुबह जब सुप्रिया नीचे आई तो आरोही टीवी देख रही थी..सुप्रिया ने सोचा यही सही वक़्त है..और हिम्मत कर के आगे बढ़ी.
"आरोही, मुझे कुछ बात करनी है." सुप्रिया उसके सामने सोफे पर बैठते हुए बोली.
"हां दी, बोलो." आरोही ने टीवी मूट करते हुए बोला.
"तो.." सुप्रिया कहने के लिए शब्दो को ढूँढने लगी.."स्नेहा आंड आइ सॉ यू.." सुप्रिया ने जल्दी से बोल दिया और एकटक आरोही की तरफ देखने लगी..
"मुझे पता है." आरोही ने कंधे उचका कर कहा और नॉर्मल बैठी रही जैसे कुछ हुआ ही ना हो.
सुप्रिया ने अपना खुला मूह बंद करके 2 मिनिट तक सोचा.."बस यही कहना है तुम्हे??" सुप्रिया ने पूछा.
"दी, आप सुनना क्या चाहती हो? कुछ कहने के लिए है ही नही. आंड बाइ दा वे आइ नो अबाउट यू आंड अरुण.. सो आप एग्ज़ॅक्ट्ली उस पोज़िशन मे नही है कि मुझे लेक्चर दे सके.." आरोही ने एक कुटिल मुस्कान के साथ सुप्रिया से कहा..
सुप्रिया को ये बात सुनकर पहले तो झटका लगा. फिर उसने थूक को गले मे निगलते हुए आगे बढ़कर उस से कहा.."आरोही, ये इतनी सीधी बात नही है."
"क्यू? आप उसके साथ इंटिमेट हो सकते हो, सोनिया उसके साथ इंटिमेट हो सकती है, मैं जिसका सबसे पहला हक़ है भाई के उपर वो इंटिमेट नही हो सकती? आख़िर क्यूँ??" आरोही ने थोड़ा सख्ती के साथ कह दिया..
"ए..ए..ए.एक मिनिट." सुप्रिया ने उसका हाथ थामते हुए कहा..
"मैं इतनी भी बेवकूफ़ नही हूँ दी. मुझे पता है मैने क्या देखा और क्या सुना.." आरोही लगातार उसे झटके पर झटके दिए जा रही थी.
सुप्रिया के कान लाल होने लगे.
"आइ नो तुम स्टुपिड नही हो आरोही. मैं तो बस उसकी हेल्प करने की कोसिस कर रही थी. तुम्हारे और सोनिया की वजह से वो हर वक़्त सेक्स के बारे मे ही सोचता रहता था.." सुप्रिया ने अपनी सफाई दी.
"कसम से दी., आप ने अपना पल्ला तो ऐसे झाड़ा जैसे आपका कुछ रोल ही नही था उसमे.. मैने कई बार उसे आपके क्लीवेज की तरफ देखते हुए पाया एस्पेशली जब आप विदाउट ब्रा की टीशर्ट के उपर वो एप्रन पहनती थी. उसकी तो साँसें अटक जाती थी.." आरोही ने अपना वॉर किया.
अब सुप्रिया सकपका गयी..
"मैने कभी जानबूझ कर ये नही किया. लेकिन तुम और सोनिया ये जानबूझ कर करती हो. मैने देखा था कैसे हवस भरी नज़रों से तुम उसे देख रही थी उस दिन जब वो पूल की सफाई कर रहा था. कितनी बार तुम्हारा हाथ अपने बूब्स पर गया था. मैने तो आज तक ऐसा कुछ नही किया." सुप्रिया अपना बचाव करने लगी.
"ओके दी..माना मैने देखा. लेकिन आइ कॅंट कंट्रोल इट..मैं उससे वैसी चीज़े करना चाहती हूँ जो मैं बता नही सकती.." आरोही अपने हथियार डालते हुए बोली..
सुप्रिया ने एक दम उसकी तरफ देखा तो वो सख्ती की जगह नाज़ुक सी आरोही को देख रही थी..
"दी मुझे पता नही कुछ दिनो से अरुण को देखकर क्या हो जाता है..इट्स अनकंट्रोलबल.."
"इट'स ओके, आरोही.." सुप्रिया ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा.."मैं समझ सकती हूँ तुम क्या कहना चाहती हो.." सुप्रिया के चेहरे पर भी इस वक़्त एक सेक्सी स्माइल आ गयी. "लेकिन फॉर युवर इन्फर्मेशन, हम लोगो ने अभी तक सेक्स नही किया है.." सुप्रिया ने उसके गाल और बालों को सहलाते हुए कन्फेस किया.
आरोही ने दाँत दिखाते हुए सुप्रिया की तरफ देखा.."तो आपको कोई प्राब्लम नही है मुझसे..??" आरोही ने दोनो हाथों मे सुप्रिया का हाथ दबाकर पूछा और बिल्कुल किसी छोटी बच्ची की तरह क्यूट सी नज़रो से उसकी ओर देखने लगी..
"ना, मेरा बच्चा.." सुप्रिया ने उसे गले लगाते हुए कहा..
"मैने भी अभी तक भाई के साथ कुछ नही किया है, पता है.. लेकिन कभी कभी कंट्रोल नही होता. मन होता है बस टूट पडो उस पर. ऐसा लगता है किसी और आरोही ने मेरे उपर कब्जा कर लिया हो. मेरा मन कहता है कि ये ग़लत है लेकिन आइ कॅंट कंट्रोल.." आरोही सुप्रिया के कंधे पर सर रख के बोली..
अब दोनो बहनें अपने ही भाई से सेक्स के बारे मे आराम से बातें करने लगी. दोनो के बीच की हिचक काफूर हो गयी थी.
"वैसे सोनिया तो सिर्फ़ उसके साथ सोती है ना मतलब उसे अकेले सोने मे डर लगता है इसलिए ना.?? उनके बीच कुछ..." सुप्रिया ने अपना सवाल दाग दिया..
आरोही ने पहले तो अपने होंठ बंद रखे लेकिन फिर बोल दिया.."सेकेंड नाइट ऑफ दा ट्रिप..उन दोनो को लगा मैं सो रही थी लेकिन मेरी आँखें ही नही हटी उन दोनो पर से.."
सुप्रिया और ज़्यादा डीटेल माँगने लगी.."उहह लेकिन कैसे क्या हुआ.." सुप्रिया को समझ मे नही आ रहा था किस तरीके से पूछे.."क्या अरुण ने.."
"आइ नो एग्ज़ॅक्ट्ली व्हाट यू वॉंट टू हियर.." आरोही ने अपनी आँखें बंद करके कहा..और उस सीन को याद करने लगी.."नही अरुण तो कभी स्टार्ट कर ही नही सकता..माना कि वो सेक्स के बारे मे काफ़ी सोचता है लेकिन ये कभी नही..सोनिया ने स्टार्ट किया..इट वाज़ ब्यूटिफुल, ऐसा लग रहा था कि वो दोनो भाई बहेन नही लवर हो. मुझे काफ़ी जलन भी हो रही थी सोनिया को देख कर.." आरोही ने धीरे से कहा..
"वाउ, आइ विश आइ कुड हॅव बिन देयर.." सुप्रिया एक दम से बोल पड़ी लेकिन फिर बात को बचाने की कोसिस करने लगी.."आइ मीन.."
"कोई नही दी,,मैं खुद खुद को वहाँ इमॅजिन कर रही थी..मेरी भी इच्छा हो रही थी कि सोनिया की जगह मैं जाउ वहाँ पर.."
"क्या होगा हम लोगो का.." सुप्रिया और आरोही दोनो एक साथ बोल पड़ी फिर हँसने लगी..
"सो डोंट गेट मी रॉंग, लेकिन अब क्या इरादा है..??" सुप्रिया ने पूछा..
"पता नही दी..आइ थिंक मैं उसे तब तक रिझाती रहूंगी जब तक वो अपना कंट्रोल खोकर मुझ पर टूट ना पड़े. मैं तब तक कुछ नही करने वाली जब तक वो खुद कुछ नही करेगा. वैसे भी आइ वॉंट हिम टू बी माइ फिस्ट.." आरोही ने शर्म से लाल होकर नीचे देखते हुए कहा.
"ओह्ह..इसमे शरमाने की कोई बात नही है. युवर फर्स्ट टाइम शुड बी स्पेशल." सुप्रिया ने उसके गाल पर किस करते हुए कहा.
"दी आपको देखना चाहिए था उस रात दोनो को. वो इतने प्यार से सोनिया के साथ सब कुछ कर रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी बहुत ही खूबसूरत सी चीज़ मे विघ्न डाल रही हूँ वहाँ होकर. मेरी बातें थोड़ी अजीब लग रही होगी ना..क्यूकी इट वाज़ जस्ट सेक्स है ना. माना कि ये थोड़ा ग़लत भी था क्यूकी वो दोनो भाई बहेन है लेकिन इट वाज़ अमेज़िंग ऐसा मैने पहले बार किसी लड़के और लड़की के बीच होते हुए देखा. ऐसा लग रहा था कि दोनो की बॉडी आपस मे एक दूसरे को समझ रही थी बिना होठ हिलाए.. लाइक दे वर कनेक्टेड थ्रू आ इनविज़िबल थ्रेड.." आरोही वो सीन याद करके बोली.
"बाइ दा वे हमारा अरुण काफ़ी लकी है जो उसके लिए 3 3 लड़कियाँ पागल हुई पड़ी हैं.." सुप्रिया हँस कर बोली..
तो आरोही भी हँस पड़ी लेकिन फिर कुछ सोच कर वो अपने होठ काटने लगी.."दी..मैं कुछ...आइ डॉन'ट नो हाउ टू से इट.." आरोही हिचकिचा कर बोली..
"आरोही, हम लोग इतना कुछ डिसकस कर चुके अब और ऐसी क्या बात होगी जो तुम्हे इतना एंबॅरस करे.." सुप्रिया उसका हाथ दबा कर बोली..
"दी..इस वक़्त मन तो मेरा कर रहा है कि अभी उपर अरुण के रूम मे जाउ और उस पर टूट पडू..लेकिन..क्या आप.." आरोही को समझ मे नही आ रहा था कि वो अपनी बात कैसे कहे..
सुप्रिया ने उसे बोलने के लिए इशारा किया
"दी मुझे डर लगता है, कही मैं कुछ ग़लत ना कर दूं.." आरोही दुखी मन से बोली..
"मेला बेबी, टेन्षन मत ले. मैं हूँ ना. तुम्हे कुछ भी चाहिए हो यू कॅन अस्क मी..ओके" सुप्रिया उसे गले से लगाकर बोली..
तो आरोही ने भी उसे कस कर पकड़ लिया..
"दी?"
"हां..बच्चा.."
"क्या आप मुझे देखने दोगे..और अगर मेरा मन किया तो क्या मैं थोड़ी हेल्प भी कर सकती हूँ..?" आरोही ने अपने होंठ काटते हुए पूछा..
सुप्रिया को उसकी बात समझ मे आ गयी फिर थोड़ी देर सोचने के बाद उसने मुस्कुरा कर बोला.."हुन्ह..मेबी..आइ कॅन थिंक ऑफ आ रोल फॉर यू..आंड आइ हॅव आ प्लान..!!"
फिर दोनो आपस मे प्लान डिसकस करने लगी..
फिर स्नेहा ने मुस्कुरा कर अरुण के गाल पर किस किया और अपनी आँख से आँसू पोछते हुए वापस अपने रूम की तरफ चली गयी..
"मान गये गुरु..." अरुण के दिमाग़ से आवाज़ आई
अरुण भी थोड़ी देर बाद जाके सोनिया के पास सो गया.
अरुण की आँख खुली अगली सुबह तो उसे कुछ गीला गीला महसूस हुआ.. आँख रगड़ते हुए उसने चादर के अंदर देखा तो सोनिया तो थी नही..
"ओह गॉड..आरोही.." उसने वापस अपना सिर तकिये पर पटकते हुए कहा..वो चादर के अंदर से ही उसके लंड को चूस रही थी..
"अगर तुमने इसे रोका तो जान ले लूँगा तेरी.." अरुण के दिमाग़ की आवाज़ ने बोला
"कोई देख लेगा आरोही.." अरुण धीरे से बोला लेकिन तुरंत ही अपने मूह पर हाथ रख लिया जैसे ही आरोही ने जीभ उसके टेस्टेस से लेकर उसके लंड तक लगाई..
"ओह ये तो और भी अच्छा होगा.." आरोही हँसते हुए बोली और दोबारा उसे चूसने लगी..
स्नेहा की आँखें चौड़ी हो गयी और उसे यकीन न्ही हो रहा था जो वो देख रही थी..
इधर आरोही लंड को पूरी तेज़ी के साथ चूसने लगी..उसने टेस्टेस से लेकर लंड के सुपाडे तब जीभ दौड़ाई और फिर सुपाडे के छेद पर जीभ गोल गोल घुमाने लगी और फिर मूह मे भरकर चूसने लगी..
"मैं घर पहुचने तक का इंतजार नही कर सकती.." लंड को उपर नीचे करते हुए आरोही ने कहा..
"बाकी सब..ऊहह" अरुण ने कुछ पूछना चाहा
"माइ ब्रेकफास्ट.." आरोही ने जल्दी से कहा और आह के साथ लंड को मूह मे भर लिया..अरुण को ऐसा लगा जैसे किसी ने रेशम से भी चिकनी चीज़ मे उसका लंड डाल दिया हो जब आरोही ने जीभ के साथ लंड को मसाज करना स्टार्ट किया..आरोही के मूह से थूक की धार निकल लंड के नीचे गिरने लगी जो उसने हाथों से लंड पर मसल दी..
स्नेहा ने अपना नाश्ता कर लिया फिर वो बाहर निकल गयी थी सुबह का नज़ारा लेने जब वो वापस आई तो कमरे से आती आहें सुन ठिठक कर रुक गयी तो वो पीछे से घूम कर खिड़की से देखने लगी और जब उसने आरोही को अरुण का लंड चूस्ते देखा तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गयी..
वो कभी अरुण को देखती जो आहें भर रहा था और कभी आरोही को उसका लंड चूस्ते हुए देखती..
उसके चेहरे पर लाली आने लगी और उसे लगा जैसे गर्मी एका एक बढ़ गयी हो.. वो वहाँ से हटाना चाह रही थी लेकिन उसके कदम हिलने का नाम ही नही ले रहे थे.. क्या हो रहा है ये?? क्या दी को पता है इस बारे मे..?? क्या करूँ मैं.??
तुरंत ही सुप्रिया पता नहीं कैसे वहाँ पर आ गयी और सामने का नज़ारा देख कर उसने एक तेज साँस के साथ अपना हाथ अपने मूह पर रख लिया..स्नेहा को देख कर सुप्रिया की और ज़्यादा हालत खराब हो गयी..
"ओह माइ गॉड..." सुप्रिया बोली..
"आइ नो दी..." स्नेहा ने एग्ज़ाइट्मेंट मे थोड़ा तेज बोल दिया..
अरुण तो मस्ती मे कुछ नही सुन रहा था लेकिन ये आवाज़ आरोही ने सुन ली.. उसने नज़र उठाकर सामने देखा तो दोनो बड़ी बहनो के देख कर डरने की जगह उसके चेहरे पर स्माइल और बढ़ गयी और उसने और ज़्यादा मस्ती के साथ लंड चूसना स्टार्ट कर दिया.. आरोही ने सोचा अब इस टाइम तो वो अपना ब्रेकफास्ट छोड़ कर नही जाने वाली..फिर उसे रीयलाइज़ हुआ कि अरुण ने उसके अंदर एक नयी आरोही को जगा दिया है. अरुण के लंड मे झटके लगने लगे..
आरोही ने एक बार मुस्कुराकर अपनी दोनो बहनों की तरफ देखा जिनका मूह खुला का खुला रह गया था फिर जैसे ही अरुण के लंड से स्पर्म की पिचकारी निकलना स्टार्ट हुई उसने अपना मूह डाइरेक्ट सुपाडे पर रख कर अपना नाश्ता करना स्टार्ट कर दिया..जितना उस से हो सकता था उतना स्पर्म वो गले से नीचे उतारती चली गयी..बाकी उसके मूह के किनारों से नीचे रिसने लगा..
"गुड मॉर्निंग भाई..आंड थॅंक फॉर ब्रेकफास्ट..," आरोही ने मूह पोन्छकर और बेड से उतरते हुए कहा.. उसने दोबारा खिड़की की तरफ देखा लेकिन तब तक दोनो जा चुकी थी. तो वो शवर लेने बाथरूम मे चली गयी..
वही स्नेहा और सुप्रिया साइड मे खड़ी होकर जो अभी देखा उसके बारे मे खुसुर पुसुर कर रही थी..
"दट वाज़..." सुप्रिया ने बोलना चालू किया..
"डिफरेंट," स्नेहा बोली..
"मुझे उन दोनो से इस घर पहुचते ही बात करनी होगी..," सुप्रिया स्नेहा का हाथ पकड़कर बोली.."तुम उनसे कुछ मत कहना..ओके.?"
स्नेहा वहाँ बुत की तरह खड़ी आरोही की लंड चूस्ति इमेज को सोच रही थी..और अरुण का लंड किसी विसल टवर की तरह खड़ा हुआ...
"स्नहाआ.." सुप्रिया ने स्नेहा को हिलाते हुए कहा..
"हुह..ओके..ओके..मैं क्या कहूँगी किसी से.? कि मैने आरोही को उसका लिंग चूस्ते हुए देखा है?? अपने ही भाई का...मैं बस....हुहह.." स्नेहा अपना सिर हिलाते हुए बोली..
वास्तव मे स्नेहा की तरह सुप्रिया भी ये सब देखकर गरम हो चुकी थी...लेकिन वो ये बात स्नेहा पर जाहिर नही होने देना चाहती थी..उसे ये यकीन ही नही हो रा था कि अरुण दूसरी किसी बहेन के साथ भी ये सब करेगा..
"चलो नॉर्मल बिहेव करना..मैं उनसे बात करूँगी..चलो.." सुप्रिया स्नेहा को अपने पीछे खींचते हुए चलने लगी..
घर पहुचने तक सब नॉर्मल ही रहा. अरुण तो पूरी फ्लाइट के दौरान सोता ही रहा..सुबह सुबह ही उसका जूस जो निकाल लिया गया था..स्नेहा और सुप्रिया आपस मे खुसुर पसुर करती रही और सोनिया अरुण का हाथ थामे उसके पास लेटी रही..
रात मे अपने बेड पर सोते टाइम अरुण के मन मे आवाज़ आई.."व्हाट आ ट्रिप, ड्यूड! व्हाट आ ट्रिप!" और फिर सब कुछ बंद हो गया...
रात मे थोड़ा लेट आने के कारण सब सोने चले गये..सुबह जब सुप्रिया नीचे आई तो आरोही टीवी देख रही थी..सुप्रिया ने सोचा यही सही वक़्त है..और हिम्मत कर के आगे बढ़ी.
"आरोही, मुझे कुछ बात करनी है." सुप्रिया उसके सामने सोफे पर बैठते हुए बोली.
"हां दी, बोलो." आरोही ने टीवी मूट करते हुए बोला.
"तो.." सुप्रिया कहने के लिए शब्दो को ढूँढने लगी.."स्नेहा आंड आइ सॉ यू.." सुप्रिया ने जल्दी से बोल दिया और एकटक आरोही की तरफ देखने लगी..
"मुझे पता है." आरोही ने कंधे उचका कर कहा और नॉर्मल बैठी रही जैसे कुछ हुआ ही ना हो.
सुप्रिया ने अपना खुला मूह बंद करके 2 मिनिट तक सोचा.."बस यही कहना है तुम्हे??" सुप्रिया ने पूछा.
"दी, आप सुनना क्या चाहती हो? कुछ कहने के लिए है ही नही. आंड बाइ दा वे आइ नो अबाउट यू आंड अरुण.. सो आप एग्ज़ॅक्ट्ली उस पोज़िशन मे नही है कि मुझे लेक्चर दे सके.." आरोही ने एक कुटिल मुस्कान के साथ सुप्रिया से कहा..
सुप्रिया को ये बात सुनकर पहले तो झटका लगा. फिर उसने थूक को गले मे निगलते हुए आगे बढ़कर उस से कहा.."आरोही, ये इतनी सीधी बात नही है."
"क्यू? आप उसके साथ इंटिमेट हो सकते हो, सोनिया उसके साथ इंटिमेट हो सकती है, मैं जिसका सबसे पहला हक़ है भाई के उपर वो इंटिमेट नही हो सकती? आख़िर क्यूँ??" आरोही ने थोड़ा सख्ती के साथ कह दिया..
"ए..ए..ए.एक मिनिट." सुप्रिया ने उसका हाथ थामते हुए कहा..
"मैं इतनी भी बेवकूफ़ नही हूँ दी. मुझे पता है मैने क्या देखा और क्या सुना.." आरोही लगातार उसे झटके पर झटके दिए जा रही थी.
सुप्रिया के कान लाल होने लगे.
"आइ नो तुम स्टुपिड नही हो आरोही. मैं तो बस उसकी हेल्प करने की कोसिस कर रही थी. तुम्हारे और सोनिया की वजह से वो हर वक़्त सेक्स के बारे मे ही सोचता रहता था.." सुप्रिया ने अपनी सफाई दी.
"कसम से दी., आप ने अपना पल्ला तो ऐसे झाड़ा जैसे आपका कुछ रोल ही नही था उसमे.. मैने कई बार उसे आपके क्लीवेज की तरफ देखते हुए पाया एस्पेशली जब आप विदाउट ब्रा की टीशर्ट के उपर वो एप्रन पहनती थी. उसकी तो साँसें अटक जाती थी.." आरोही ने अपना वॉर किया.
अब सुप्रिया सकपका गयी..
"मैने कभी जानबूझ कर ये नही किया. लेकिन तुम और सोनिया ये जानबूझ कर करती हो. मैने देखा था कैसे हवस भरी नज़रों से तुम उसे देख रही थी उस दिन जब वो पूल की सफाई कर रहा था. कितनी बार तुम्हारा हाथ अपने बूब्स पर गया था. मैने तो आज तक ऐसा कुछ नही किया." सुप्रिया अपना बचाव करने लगी.
"ओके दी..माना मैने देखा. लेकिन आइ कॅंट कंट्रोल इट..मैं उससे वैसी चीज़े करना चाहती हूँ जो मैं बता नही सकती.." आरोही अपने हथियार डालते हुए बोली..
सुप्रिया ने एक दम उसकी तरफ देखा तो वो सख्ती की जगह नाज़ुक सी आरोही को देख रही थी..
"दी मुझे पता नही कुछ दिनो से अरुण को देखकर क्या हो जाता है..इट्स अनकंट्रोलबल.."
"इट'स ओके, आरोही.." सुप्रिया ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा.."मैं समझ सकती हूँ तुम क्या कहना चाहती हो.." सुप्रिया के चेहरे पर भी इस वक़्त एक सेक्सी स्माइल आ गयी. "लेकिन फॉर युवर इन्फर्मेशन, हम लोगो ने अभी तक सेक्स नही किया है.." सुप्रिया ने उसके गाल और बालों को सहलाते हुए कन्फेस किया.
आरोही ने दाँत दिखाते हुए सुप्रिया की तरफ देखा.."तो आपको कोई प्राब्लम नही है मुझसे..??" आरोही ने दोनो हाथों मे सुप्रिया का हाथ दबाकर पूछा और बिल्कुल किसी छोटी बच्ची की तरह क्यूट सी नज़रो से उसकी ओर देखने लगी..
"ना, मेरा बच्चा.." सुप्रिया ने उसे गले लगाते हुए कहा..
"मैने भी अभी तक भाई के साथ कुछ नही किया है, पता है.. लेकिन कभी कभी कंट्रोल नही होता. मन होता है बस टूट पडो उस पर. ऐसा लगता है किसी और आरोही ने मेरे उपर कब्जा कर लिया हो. मेरा मन कहता है कि ये ग़लत है लेकिन आइ कॅंट कंट्रोल.." आरोही सुप्रिया के कंधे पर सर रख के बोली..
अब दोनो बहनें अपने ही भाई से सेक्स के बारे मे आराम से बातें करने लगी. दोनो के बीच की हिचक काफूर हो गयी थी.
"वैसे सोनिया तो सिर्फ़ उसके साथ सोती है ना मतलब उसे अकेले सोने मे डर लगता है इसलिए ना.?? उनके बीच कुछ..." सुप्रिया ने अपना सवाल दाग दिया..
आरोही ने पहले तो अपने होंठ बंद रखे लेकिन फिर बोल दिया.."सेकेंड नाइट ऑफ दा ट्रिप..उन दोनो को लगा मैं सो रही थी लेकिन मेरी आँखें ही नही हटी उन दोनो पर से.."
सुप्रिया और ज़्यादा डीटेल माँगने लगी.."उहह लेकिन कैसे क्या हुआ.." सुप्रिया को समझ मे नही आ रहा था किस तरीके से पूछे.."क्या अरुण ने.."
"आइ नो एग्ज़ॅक्ट्ली व्हाट यू वॉंट टू हियर.." आरोही ने अपनी आँखें बंद करके कहा..और उस सीन को याद करने लगी.."नही अरुण तो कभी स्टार्ट कर ही नही सकता..माना कि वो सेक्स के बारे मे काफ़ी सोचता है लेकिन ये कभी नही..सोनिया ने स्टार्ट किया..इट वाज़ ब्यूटिफुल, ऐसा लग रहा था कि वो दोनो भाई बहेन नही लवर हो. मुझे काफ़ी जलन भी हो रही थी सोनिया को देख कर.." आरोही ने धीरे से कहा..
"वाउ, आइ विश आइ कुड हॅव बिन देयर.." सुप्रिया एक दम से बोल पड़ी लेकिन फिर बात को बचाने की कोसिस करने लगी.."आइ मीन.."
"कोई नही दी,,मैं खुद खुद को वहाँ इमॅजिन कर रही थी..मेरी भी इच्छा हो रही थी कि सोनिया की जगह मैं जाउ वहाँ पर.."
"क्या होगा हम लोगो का.." सुप्रिया और आरोही दोनो एक साथ बोल पड़ी फिर हँसने लगी..
"सो डोंट गेट मी रॉंग, लेकिन अब क्या इरादा है..??" सुप्रिया ने पूछा..
"पता नही दी..आइ थिंक मैं उसे तब तक रिझाती रहूंगी जब तक वो अपना कंट्रोल खोकर मुझ पर टूट ना पड़े. मैं तब तक कुछ नही करने वाली जब तक वो खुद कुछ नही करेगा. वैसे भी आइ वॉंट हिम टू बी माइ फिस्ट.." आरोही ने शर्म से लाल होकर नीचे देखते हुए कहा.
"ओह्ह..इसमे शरमाने की कोई बात नही है. युवर फर्स्ट टाइम शुड बी स्पेशल." सुप्रिया ने उसके गाल पर किस करते हुए कहा.
"दी आपको देखना चाहिए था उस रात दोनो को. वो इतने प्यार से सोनिया के साथ सब कुछ कर रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी बहुत ही खूबसूरत सी चीज़ मे विघ्न डाल रही हूँ वहाँ होकर. मेरी बातें थोड़ी अजीब लग रही होगी ना..क्यूकी इट वाज़ जस्ट सेक्स है ना. माना कि ये थोड़ा ग़लत भी था क्यूकी वो दोनो भाई बहेन है लेकिन इट वाज़ अमेज़िंग ऐसा मैने पहले बार किसी लड़के और लड़की के बीच होते हुए देखा. ऐसा लग रहा था कि दोनो की बॉडी आपस मे एक दूसरे को समझ रही थी बिना होठ हिलाए.. लाइक दे वर कनेक्टेड थ्रू आ इनविज़िबल थ्रेड.." आरोही वो सीन याद करके बोली.
"बाइ दा वे हमारा अरुण काफ़ी लकी है जो उसके लिए 3 3 लड़कियाँ पागल हुई पड़ी हैं.." सुप्रिया हँस कर बोली..
तो आरोही भी हँस पड़ी लेकिन फिर कुछ सोच कर वो अपने होठ काटने लगी.."दी..मैं कुछ...आइ डॉन'ट नो हाउ टू से इट.." आरोही हिचकिचा कर बोली..
"आरोही, हम लोग इतना कुछ डिसकस कर चुके अब और ऐसी क्या बात होगी जो तुम्हे इतना एंबॅरस करे.." सुप्रिया उसका हाथ दबा कर बोली..
"दी..इस वक़्त मन तो मेरा कर रहा है कि अभी उपर अरुण के रूम मे जाउ और उस पर टूट पडू..लेकिन..क्या आप.." आरोही को समझ मे नही आ रहा था कि वो अपनी बात कैसे कहे..
सुप्रिया ने उसे बोलने के लिए इशारा किया
"दी मुझे डर लगता है, कही मैं कुछ ग़लत ना कर दूं.." आरोही दुखी मन से बोली..
"मेला बेबी, टेन्षन मत ले. मैं हूँ ना. तुम्हे कुछ भी चाहिए हो यू कॅन अस्क मी..ओके" सुप्रिया उसे गले से लगाकर बोली..
तो आरोही ने भी उसे कस कर पकड़ लिया..
"दी?"
"हां..बच्चा.."
"क्या आप मुझे देखने दोगे..और अगर मेरा मन किया तो क्या मैं थोड़ी हेल्प भी कर सकती हूँ..?" आरोही ने अपने होंठ काटते हुए पूछा..
सुप्रिया को उसकी बात समझ मे आ गयी फिर थोड़ी देर सोचने के बाद उसने मुस्कुरा कर बोला.."हुन्ह..मेबी..आइ कॅन थिंक ऑफ आ रोल फॉर यू..आंड आइ हॅव आ प्लान..!!"
फिर दोनो आपस मे प्लान डिसकस करने लगी..