hotaks444
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उधर अमित का फ़ोन राज को आया।
अमित: क्या हाल है।
राज : बढ़िया।
अमित: दोनों काम हो गए?
राज: हाँ रश्मि ने ज़ेवर पसंद कर लिए हैं। और कौन सा दूसरा काम?
अमित: अरे उसे पटाने का काम और क्या?
राज हँसते हुए: हाँ यार वह भी हो गया। और बहुत अच्छे से हो गया। मैंने उसके तीनों छेदों का मज़ा ले लिया। क्या माल है यार।
अमित: यार बड़े बदमाश हो जो इतनी जल्दी से इतना मज़ा ले लिए।
राज हँसते हुए: अपना काम तो ऐसा ही है।
अमित: अरे भाई अब उसको वापस तो भेजो या वहाँ ही रात भर रख कर ठोकने का इरादा है?
राज कमिनी हँसी हँसकर : यार मन तो यही कर रहा है पर क्या किया जाए। वापस भेजता हूँ उसे । चलो फिर बात करेंगे।
फिर राज जय और रश्मि के पास आया और बोला: चलो सब काम हो गया? अमित का फ़ोन आया था , कह रहा था कि रश्मि जी को जल्दी से भेज दो। सो ,चलो अब मैं आपको बस अड्डे तक छोड़ आता हूँ।
रश्मि ने जय को गले लगाया और उसका माथा चूमा और राज के साथ साड़ियों के पैकेट लेकर कार में बैठी और कर बस अड्डे को चल पड़ी।
रश्मि: अमित भाई सब क्या बोले?
राज: वो पूछ रहा था कि रश्मि की चुदाई कर दी ना?
रश्मि: छी क्या बोल रहे हैं? वो ऐसा कभी नहीं पूछेंगे। आपने क्या बात दिया।
राज: हाँ मैंने बता दिया किहमारे सम्बंध अब बहुत मधुर हो गए हैं। आज मैंने तुम्हारे तीनों छेदों का मज़ा ले लिया है।
रश्मि: ही भगवान । आप कितनी गंदी बातें करते हो। कोई ऐसा भी बोलता है भला? भाई सब क्या बोले?
राज: वो बोला कि प्यासे को पानी देना पुण्य का काम है। हम दोनों प्यासे हैं और अपनी अपनी प्यास बुझा लिए तो उसने बुराई क्या है।
रश्मि उसकी जाँघ पर हाथ रखकर: आप किसी और को तो नहीं बताएँगे ना?
राज उसके हाथ को सहलाया और फिर उसके हाथ को उठाकर अपने लौड़े के ऊपर रखकर बोला: जानू, बस तुम इसकी प्यास बुझाती रहो, बाक़ी जो तुम चाहोगी, सब हो जाएगा।
रश्मि ने प्यार से लौड़े को पैंट के ऊपर से दबाकर कहा: मैंने कभी मना किया है। आप जब कहेंगे हाज़िर हो जाऊँगी।
राज ने भी हाथ बढ़ाकर उसकी साड़ी के ऊपर से बुर को दबाकर कहा: सच आज का मज़ा हमेशा याद रहेगा। क्या मस्त बुर और गाँड़ है तुम्हारी। चूसती भी बहुत बढ़िया हो। अमित की ट्रेनिंग पक्की है।
रश्मि: चूसना तो मैंने शादी के पहले ही सीख लिया था ।
राज: सच मे ? कौन था?
रश्मि हंस कर : अगली बार मिलूँगी तो बताऊँगी। चलिए आप हाथ हटाइए नहीं तो साड़ी भी गीली हो जाएगी।
राज: क्यों पैंटी तो पहनी हो? पेटिकोट भी है।
रश्मि: आपके छूने से बाढ़ आ जाती है वहाँ। बस अब हाथ हटायिए। यह कहकर वह अपना हाथ भी उसके पैंट से हटा लेती है।
बस अड्डे पहुँचकर राज बोला: अरे पैंट में लौड़ा अजस्ट करना पड़ेगा , ये तो एकदम खड़ा हो गया है।
रश्मि हँसते हुए बाहर आ गयी और राज भी पैंट ठीक करके बाहर आया।
फिर वह उसको बस पर चढ़ाकर वापस घर को चला गया।
शाम को शशी आइ तो वह अभी भी नींद में था। शशी चाय बनाकर लाई । राज फ़्रेश होकर सोफ़े पर बैठा था। उसने शशी को गोद में खींचकर कहा: और पिरीयड तो नहीं आया।
शशी: नहीं अभी तक नहीं आया।
राज : भगवान ने चाहा तो आएगा भी नहीं।
राज उसके पेट को सहलाते हुए उसकी चूचि दबाने लगा।
शशी: आऽऽऽह क्या कर रहे हैं। समधन को नहीं चोद पाए क्या? जो मेरे पीछे पड़े हो।
राज: अरे उसकी तो तीनों छेद का मज़ा के लिया। वो तो ४५ साल की है और तू तो अभी भी जवान है मेरी जान। ये कहते हुए उसने उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर दबा दी।
शशी: आऽऽह तीन बार झड़ने के बाद अभी भी गरम हो रहे हैं। आप आदमी हो या राक्षश ?
राज: वो मेरी समधन जाते जाते भी मेरा लौड़ा गरम कर गई है , अब तुम ही उसे ठण्डा कर दो।
शशी मुस्कुरा कर बोली: मैं तो इसको शांत करने को हमेशा तैयार हूँ। ये कहते हुए उसने अपनी गाँड़ उठायी और लौड़े को दबा दिया।
राज मुस्कुरा कर उसकी सलवार खोल दिया और उसने पैंटी भी निकाल दी। राज उसको अपने सामने खड़ा करके उसकी बुर को चाटने लगा । वह जल्दी ही गरम होकर हाऽऽऽय्यय करने लगी। अब राज ने बैठे हुए अपनी पैंट और चड्डी उतार करके नीचे खिसका दी। उसने शशी को खींचकर अपने लौड़े को चूसने का इशारा किया। वह अब उसके पैरों के बीच घुटने के बल बैठ कर उसका लौड़ा चूसने लगी। अब राज ने उसको अपनी गोद में खींच कर उसकी टांगों को अपनी गोद के दोनों ओर किया और शशी ने भी अपनी गाँड़ उठाकर अपनी बुर के मुँह में लौड़े को रखा और धीरे से उसपर बैठने लगी। अब वह पूरा नीचे होकर उसका मोटा लौड़ा अपनी बुर में निगल चुकी थी।
राज ने उसके दोनों चूतरों को पकड़ा और उसकी कमर को उछालकर अपने लौड़े पर दबाकर चुदाई करने लगा। शशी भी हाऽऽऽऽय करके अपनी गाँड़ उछालकर उसके लौड़े पर ऊपर नीचे हो रही थी। राज ने अपनी एक ऊँगली में थूक लगाया और उसकी गाँड़ में डाल दिया। वह आऽऽऽऽऽऽह कर उठी और भी ज़ोर ज़ोर से चुदाई करने लगी। उसकी टाइट बुर में उसका मोटा लौड़ा जैसे फँस सा रहा था। राज ने महसूस किया कि जवान बुर आख़िर जवान ही होती है। सच में शशी की बुर रश्मि की बुर से बहुत टाइट थी। वह अब मस्ती से नीचे से धक्के मारने लगा और शशी की सिसकारियाँ निकलने लगीं। वह अब कुर्ते को उठाकर उसकी चूचियाँ भी ब्रा के अंदर हाथ डाल कर मसलने लगा था। उसके निपल्ज़ भी तन गए थे जिसे उसने मसल कर शशी को मस्ती से भर दिया।
वह उइइइइइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽ करके झड़ने लगी।
राज भी अपना लौड़ा उछालकर उसकी बुर में झड़ गया। अब शशी जब उसके लौड़े के ऊपर से उठी तो उसकी जाँघों से उसका और राज का काम रस बह रहा था।
अब दोनों फ़्रेश होकर बैठे तो शशी ने रश्मि की चुदाई की पूरी कहानी सुनी और हँसकर बोली: आप भी एक दिन में बिचारि का कोई छेद नहीं छोड़े। सभी में लौड़ा पेल दिए।
राज भी कमीनी हँसी हँसने लगा। उस दिन और कुछ ख़ास नहीं हुआ।
रात को राज ने रचना से बात की फ़ोन पर जय के सामने। वह बोली: पापा मैं शादी में पक्का आऊँगी। सगाई में मुझे माफ़ कर दो।
जय: ठीक है दीदी शादी में ख़ूब मस्ती करेंगे। जीजा जी को भी ले आओ ना।
रचना: वो नहीं आ पाएँगे। लो पापा उनसे बात करो।
राजीव( रचना का पति) : नमस्ते पापा जी, सच में मुझे छुट्टी नहीं मिल रही है। पर मैं अभी भी कोशिश कर रहा हूँ। अगर छुट्टी मिली तो मैं ज़रूर आऊँगा।
राज: ठीक है बेटा कोशिश करना। अच्छा अब रखता हूँ।
जय: पापा लगता है जीजा जी भी आ ही जाएँगे।
राज: उसका पक्का नहीं है।पर हमारी दुलारि बेटी तो आएगी ही।
तभी उसकी निगाह एक ग्रूप फ़ोटो पर पड़ी जिसमें पायल अपने दोनों बच्चों के साथ थी। उस फ़ोटो में जय बहुत शांत दिख रहा था और रचना बहुत चुलबुली दिख रही थी। रचना की बड़ी बड़ी छातियाँ टी शर्ट में जैसे फटी जा रही थी। राज को अपने लौड़े में थोड़ी सी अकड़न महसूस हुई पर उसने अपने सिर को झटका और अपने आप पर कंट्रोल करके सोने चला गया।
अगले कुछ दिनों में सब सगाई की तैयारी में व्यस्त रहे। जय और डॉली प्यारी प्यारी बातें करते रहते। उधर राज रश्मि से गंदी बातें करता रहता। शशी की चुदाई चालू थी और आख़िर एक दिन शशी बोली: साहब , एक महीने से ऊपर हो गया है मेरे पिरीयड को आए हुए।
राज: ओह बढ़िया, चलो मैं अभी मेडिकल स्टोर से प्रेग्नन्सी टेस्टिंग की किट लेकर आता हूँ। यह कहकर वो किट लेने गया और लेकर वापस आया। वो शशी को समझाने की कोशिश किया कि उसको कैसे उपयोग करना है, पर शशी परेशान होकर बोली: मुझे समझ नहीं आ रहा है।
राज: अच्छा चलो बाथरूम में चलते हैं। वहाँ पहुँचकर वह उसको सलवार और पैंटी खोलने को बोला। वह दोनों खोल दी और कमर के नीचे नंगी हो गयी। अब वह उसको नीचे बैठ कर मूतने को बोला और किट की स्ट्रिप हाथ में ले लिया और उसके सामने ख़ुद भी बैठ गया ।वह सी सी की आवाज़ के साथ मूतने लगी और राज ने स्ट्रिप को उसके पिशाब की धार के सामने रखा। अब राज ने देखा कि स्ट्रिप गीली हो गयी है और उसका हाथ भी पेशाब से गीला हो चुका था। उसने खड़ा होकर स्ट्रिप को ध्यान से देखा। थोड़ी ही देर में स्ट्रिप ने रंग बदला और राज मुस्कुरा उठा। अब वह अपना हाथ धोया और कमर से नीचे नंगी खड़ी शशी को गोद में उठाकर चूमने लगा।
फिर वह उसे बिस्तर पर लिटाया और बोला: शशी तू प्रेगनेनेट हो गयी मेरी जान। यह कहकर वह उसे बेतहाशा चूमने लगा।
अमित: क्या हाल है।
राज : बढ़िया।
अमित: दोनों काम हो गए?
राज: हाँ रश्मि ने ज़ेवर पसंद कर लिए हैं। और कौन सा दूसरा काम?
अमित: अरे उसे पटाने का काम और क्या?
राज हँसते हुए: हाँ यार वह भी हो गया। और बहुत अच्छे से हो गया। मैंने उसके तीनों छेदों का मज़ा ले लिया। क्या माल है यार।
अमित: यार बड़े बदमाश हो जो इतनी जल्दी से इतना मज़ा ले लिए।
राज हँसते हुए: अपना काम तो ऐसा ही है।
अमित: अरे भाई अब उसको वापस तो भेजो या वहाँ ही रात भर रख कर ठोकने का इरादा है?
राज कमिनी हँसी हँसकर : यार मन तो यही कर रहा है पर क्या किया जाए। वापस भेजता हूँ उसे । चलो फिर बात करेंगे।
फिर राज जय और रश्मि के पास आया और बोला: चलो सब काम हो गया? अमित का फ़ोन आया था , कह रहा था कि रश्मि जी को जल्दी से भेज दो। सो ,चलो अब मैं आपको बस अड्डे तक छोड़ आता हूँ।
रश्मि ने जय को गले लगाया और उसका माथा चूमा और राज के साथ साड़ियों के पैकेट लेकर कार में बैठी और कर बस अड्डे को चल पड़ी।
रश्मि: अमित भाई सब क्या बोले?
राज: वो पूछ रहा था कि रश्मि की चुदाई कर दी ना?
रश्मि: छी क्या बोल रहे हैं? वो ऐसा कभी नहीं पूछेंगे। आपने क्या बात दिया।
राज: हाँ मैंने बता दिया किहमारे सम्बंध अब बहुत मधुर हो गए हैं। आज मैंने तुम्हारे तीनों छेदों का मज़ा ले लिया है।
रश्मि: ही भगवान । आप कितनी गंदी बातें करते हो। कोई ऐसा भी बोलता है भला? भाई सब क्या बोले?
राज: वो बोला कि प्यासे को पानी देना पुण्य का काम है। हम दोनों प्यासे हैं और अपनी अपनी प्यास बुझा लिए तो उसने बुराई क्या है।
रश्मि उसकी जाँघ पर हाथ रखकर: आप किसी और को तो नहीं बताएँगे ना?
राज उसके हाथ को सहलाया और फिर उसके हाथ को उठाकर अपने लौड़े के ऊपर रखकर बोला: जानू, बस तुम इसकी प्यास बुझाती रहो, बाक़ी जो तुम चाहोगी, सब हो जाएगा।
रश्मि ने प्यार से लौड़े को पैंट के ऊपर से दबाकर कहा: मैंने कभी मना किया है। आप जब कहेंगे हाज़िर हो जाऊँगी।
राज ने भी हाथ बढ़ाकर उसकी साड़ी के ऊपर से बुर को दबाकर कहा: सच आज का मज़ा हमेशा याद रहेगा। क्या मस्त बुर और गाँड़ है तुम्हारी। चूसती भी बहुत बढ़िया हो। अमित की ट्रेनिंग पक्की है।
रश्मि: चूसना तो मैंने शादी के पहले ही सीख लिया था ।
राज: सच मे ? कौन था?
रश्मि हंस कर : अगली बार मिलूँगी तो बताऊँगी। चलिए आप हाथ हटाइए नहीं तो साड़ी भी गीली हो जाएगी।
राज: क्यों पैंटी तो पहनी हो? पेटिकोट भी है।
रश्मि: आपके छूने से बाढ़ आ जाती है वहाँ। बस अब हाथ हटायिए। यह कहकर वह अपना हाथ भी उसके पैंट से हटा लेती है।
बस अड्डे पहुँचकर राज बोला: अरे पैंट में लौड़ा अजस्ट करना पड़ेगा , ये तो एकदम खड़ा हो गया है।
रश्मि हँसते हुए बाहर आ गयी और राज भी पैंट ठीक करके बाहर आया।
फिर वह उसको बस पर चढ़ाकर वापस घर को चला गया।
शाम को शशी आइ तो वह अभी भी नींद में था। शशी चाय बनाकर लाई । राज फ़्रेश होकर सोफ़े पर बैठा था। उसने शशी को गोद में खींचकर कहा: और पिरीयड तो नहीं आया।
शशी: नहीं अभी तक नहीं आया।
राज : भगवान ने चाहा तो आएगा भी नहीं।
राज उसके पेट को सहलाते हुए उसकी चूचि दबाने लगा।
शशी: आऽऽऽह क्या कर रहे हैं। समधन को नहीं चोद पाए क्या? जो मेरे पीछे पड़े हो।
राज: अरे उसकी तो तीनों छेद का मज़ा के लिया। वो तो ४५ साल की है और तू तो अभी भी जवान है मेरी जान। ये कहते हुए उसने उसकी सलवार के ऊपर से उसकी बुर दबा दी।
शशी: आऽऽह तीन बार झड़ने के बाद अभी भी गरम हो रहे हैं। आप आदमी हो या राक्षश ?
राज: वो मेरी समधन जाते जाते भी मेरा लौड़ा गरम कर गई है , अब तुम ही उसे ठण्डा कर दो।
शशी मुस्कुरा कर बोली: मैं तो इसको शांत करने को हमेशा तैयार हूँ। ये कहते हुए उसने अपनी गाँड़ उठायी और लौड़े को दबा दिया।
राज मुस्कुरा कर उसकी सलवार खोल दिया और उसने पैंटी भी निकाल दी। राज उसको अपने सामने खड़ा करके उसकी बुर को चाटने लगा । वह जल्दी ही गरम होकर हाऽऽऽय्यय करने लगी। अब राज ने बैठे हुए अपनी पैंट और चड्डी उतार करके नीचे खिसका दी। उसने शशी को खींचकर अपने लौड़े को चूसने का इशारा किया। वह अब उसके पैरों के बीच घुटने के बल बैठ कर उसका लौड़ा चूसने लगी। अब राज ने उसको अपनी गोद में खींच कर उसकी टांगों को अपनी गोद के दोनों ओर किया और शशी ने भी अपनी गाँड़ उठाकर अपनी बुर के मुँह में लौड़े को रखा और धीरे से उसपर बैठने लगी। अब वह पूरा नीचे होकर उसका मोटा लौड़ा अपनी बुर में निगल चुकी थी।
राज ने उसके दोनों चूतरों को पकड़ा और उसकी कमर को उछालकर अपने लौड़े पर दबाकर चुदाई करने लगा। शशी भी हाऽऽऽऽय करके अपनी गाँड़ उछालकर उसके लौड़े पर ऊपर नीचे हो रही थी। राज ने अपनी एक ऊँगली में थूक लगाया और उसकी गाँड़ में डाल दिया। वह आऽऽऽऽऽऽह कर उठी और भी ज़ोर ज़ोर से चुदाई करने लगी। उसकी टाइट बुर में उसका मोटा लौड़ा जैसे फँस सा रहा था। राज ने महसूस किया कि जवान बुर आख़िर जवान ही होती है। सच में शशी की बुर रश्मि की बुर से बहुत टाइट थी। वह अब मस्ती से नीचे से धक्के मारने लगा और शशी की सिसकारियाँ निकलने लगीं। वह अब कुर्ते को उठाकर उसकी चूचियाँ भी ब्रा के अंदर हाथ डाल कर मसलने लगा था। उसके निपल्ज़ भी तन गए थे जिसे उसने मसल कर शशी को मस्ती से भर दिया।
वह उइइइइइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽऽऽ करके झड़ने लगी।
राज भी अपना लौड़ा उछालकर उसकी बुर में झड़ गया। अब शशी जब उसके लौड़े के ऊपर से उठी तो उसकी जाँघों से उसका और राज का काम रस बह रहा था।
अब दोनों फ़्रेश होकर बैठे तो शशी ने रश्मि की चुदाई की पूरी कहानी सुनी और हँसकर बोली: आप भी एक दिन में बिचारि का कोई छेद नहीं छोड़े। सभी में लौड़ा पेल दिए।
राज भी कमीनी हँसी हँसने लगा। उस दिन और कुछ ख़ास नहीं हुआ।
रात को राज ने रचना से बात की फ़ोन पर जय के सामने। वह बोली: पापा मैं शादी में पक्का आऊँगी। सगाई में मुझे माफ़ कर दो।
जय: ठीक है दीदी शादी में ख़ूब मस्ती करेंगे। जीजा जी को भी ले आओ ना।
रचना: वो नहीं आ पाएँगे। लो पापा उनसे बात करो।
राजीव( रचना का पति) : नमस्ते पापा जी, सच में मुझे छुट्टी नहीं मिल रही है। पर मैं अभी भी कोशिश कर रहा हूँ। अगर छुट्टी मिली तो मैं ज़रूर आऊँगा।
राज: ठीक है बेटा कोशिश करना। अच्छा अब रखता हूँ।
जय: पापा लगता है जीजा जी भी आ ही जाएँगे।
राज: उसका पक्का नहीं है।पर हमारी दुलारि बेटी तो आएगी ही।
तभी उसकी निगाह एक ग्रूप फ़ोटो पर पड़ी जिसमें पायल अपने दोनों बच्चों के साथ थी। उस फ़ोटो में जय बहुत शांत दिख रहा था और रचना बहुत चुलबुली दिख रही थी। रचना की बड़ी बड़ी छातियाँ टी शर्ट में जैसे फटी जा रही थी। राज को अपने लौड़े में थोड़ी सी अकड़न महसूस हुई पर उसने अपने सिर को झटका और अपने आप पर कंट्रोल करके सोने चला गया।
अगले कुछ दिनों में सब सगाई की तैयारी में व्यस्त रहे। जय और डॉली प्यारी प्यारी बातें करते रहते। उधर राज रश्मि से गंदी बातें करता रहता। शशी की चुदाई चालू थी और आख़िर एक दिन शशी बोली: साहब , एक महीने से ऊपर हो गया है मेरे पिरीयड को आए हुए।
राज: ओह बढ़िया, चलो मैं अभी मेडिकल स्टोर से प्रेग्नन्सी टेस्टिंग की किट लेकर आता हूँ। यह कहकर वो किट लेने गया और लेकर वापस आया। वो शशी को समझाने की कोशिश किया कि उसको कैसे उपयोग करना है, पर शशी परेशान होकर बोली: मुझे समझ नहीं आ रहा है।
राज: अच्छा चलो बाथरूम में चलते हैं। वहाँ पहुँचकर वह उसको सलवार और पैंटी खोलने को बोला। वह दोनों खोल दी और कमर के नीचे नंगी हो गयी। अब वह उसको नीचे बैठ कर मूतने को बोला और किट की स्ट्रिप हाथ में ले लिया और उसके सामने ख़ुद भी बैठ गया ।वह सी सी की आवाज़ के साथ मूतने लगी और राज ने स्ट्रिप को उसके पिशाब की धार के सामने रखा। अब राज ने देखा कि स्ट्रिप गीली हो गयी है और उसका हाथ भी पेशाब से गीला हो चुका था। उसने खड़ा होकर स्ट्रिप को ध्यान से देखा। थोड़ी ही देर में स्ट्रिप ने रंग बदला और राज मुस्कुरा उठा। अब वह अपना हाथ धोया और कमर से नीचे नंगी खड़ी शशी को गोद में उठाकर चूमने लगा।
फिर वह उसे बिस्तर पर लिटाया और बोला: शशी तू प्रेगनेनेट हो गयी मेरी जान। यह कहकर वह उसे बेतहाशा चूमने लगा।