Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी - Page 5 - SexBaba
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Chudai kahani एक मस्त लम्बी कहानी

[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large].फ़िर उसको अपने ह्थेली में ऐसे फ़ैलाया कि उसकी चूत से सटा हुआ भाग एक दम सामने हो गया और फ़िर मैं अपने हाथ को जमील के नाक के सामने कर दिया। जमील हल्के से सुँघा तो मैंने उसको उकसाया, "अबे साले जोर से सुँघ ना, देख तो अभी भी सानिया की बूर की बू, इसमें से आ रही है। एक बार देख तो ले कि कैसी खुश्बू है तुम्हारे जवान बेटी की बूर में। कसम से कहता हूँ यार, इस कुँवारी जुली की बूर से जरा भी कम न है तेरी बेटी की चूत।" अब जमील ने जोर की साँस खींची, आँख बन्द और चेहरे पर मस्ती। आज पहली बार एक बाप को अपनी जवान बेटी की बूर के पानी की ऐसे खुश्बू लेते देख मेरा लन्ड टनटनाने लगा। वो जमील अब पक्का बेटीचोद दिख रहा था मुझे और मैं अब सोचने लगा कि कैसे साले की बेटी को उसी हरामी के सामने चोदुँगा। मेरा लन्ड यह सब सोच ठनक गया और दो-चार ठुनकी भी लगा दिया। जुली सब सुन कर कुछ समझने लगी और वो भी अब जमील के चेहरे के भाव देख रही थी। वो अब पैन्टी को नाक से सटा कर सुँघ रहा था और उसे हल्के से अपने नाक और होठ पर घुमा रहा था। मैंने कहा-"चाट ले यार, टेस्ट कर ले अपनी बेटी की बूर का पानी" और जमील सच में पैन्टी को उसी जगह पर चाटने लगा जहाँ सानिया के बूर की पुत्ती सटी हुई थी उस पैन्टी से। मादरचोद अब हरामीपन की हद कर रहा था और मैंने जुली को कहा कि वो अब प्लीज मेरा लन्ड चुस कर झाड़ दे, मैंने उसको इसके अलग से पैसे का वायदा किया। जुली खुशी-खुशी मेरे पास आ गयी और मेरे लन्ड को बाहर निकाल कर चुसने लगी। मैं सानिया के बदन के बारे मेम सोचने लगा। जमील साला पता नहीं क्या सोच रहा था। मैंने देखा कि वो खुद अपने हाथ में अपना लन्ड पकड़ कर मुठ मार रहा था और पैन्टी से खेल रहा था। मैं समझ गया कि अब साला बेटीचोद अपनी बेटी सानिया के बारे में सोच कर मुठ मार रहा है। मेरे और जमील दोनों के लन्ड से लगभग साथ हीं माल निकला। मेरा सब जुली के हथेली पर फ़ैल गया जबकि जमील ने अपना माल सानिया के पैन्टी के उपर गिराया और फ़िर उसी पैन्टी से अपना लन्ड पोंछा। मैंने अब उससे पूछा-"अब बतओ, कब समय देते हो मुझे?" उसने पूछा-"किसलिए?" मैंने याद कराया कि अब जब वो एक लड़की की सील तोड़ चुका तो शर्त के हिसाब से अब उसको अपनी बेटी को मुझसे चुदाते हुए देखना था।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
 
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