hotaks444
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जिंदगी के रंग अपनों के संग
साथियो जैसा कि मैं पहले भी बता चुका हूँ कि मैं कोई रायटर वायटर नही हूँ पर हाँ जो कहानी अच्छी लगती है उसे हिन्दी फ़ॉन्ट मे कनवर्ट करके आपके लिए पोस्ट कर देता हूँ और उम्मीद करता हूँ मेरी ये कोशिस आपको पसंद आएगी
चलिए अब तोड़ा पात्रो का परिचय प्राप्त कर लेते हैं
मामी (मीरा)- एक बहुत ही सुलझी हुई औरत है और मेरी दूसरी माँ भी बहुत ही खूबसूरत कोई एक बार देख के बोल ही नही सकता कि ये एक जवान लड़की की माँ है (दोस्तो यहाँ एज इसलिए नही लिखे कि फीमेल्स को अपनी एज छुपाने मे अलग ही मज़ा आता है) मामा का बिज़्नेस संभालने मे ये काफ़ी हेल्प करती है.
नैना- मामा-मामी की एक्लोति संतान देखने में किसी हीरोइन से कम नही और नखरे भी वैसे ही मुझ से एक साल बड़ी होने के नाते हमेशा मुझ पे हुकुम चलाती रहती है इन को मेरे से बस एक ही प्रॉब्लम है कि मेरे को इनसे ज़्यादा प्यार क्यू मिलता है गुस्सा तो हमेशा इनकी नाक पे रहता है.
शैल्ली- ये नैना दीदी की फ्रेंड और हमारे पड़ोसी जॉन अंकल की बेटी है जिस का ज़्यादातर टाइम हमारे घर में ही बीतता है पर क्यू ये मेरे आज तक समझ नही आया देखने में कमाल की है बिल्कुल बार्बी डॉल की तरह इन के 2 बॉय फ्रेंड के बारे में मुझे पता है.
मैं-अजय स्पोर्ट्समैन होने की वजह से बॉडी काफ़ी फिट आंड फाइन है. फेस भी काफ़ी हद तक अट्रॅक्टिव है जिस वजह से मुझे लोगो की काफ़ी अटेन्षन्स मिलती है लाइफ में ऐसा कुछ भी नही जो मैने चाहा और वो मुझे नही मिला मैं अपनी लाइफ से काफ़ी हद तक खुश था. और अब मेरी एक ही इच्छा (विश थी कि मैं इंडिया मे रह के अपनी आगे की लाइफ को एंजाय कर सकूँ.
सुबह के 7 बज रह थे और आज सनडे होने की वजह से मुझे जल्दी उठने की जल्दी नही थी और मैं अपने मीठे सपनो में था कि किसी ने मेरे उपर पानी डाल दिया बता नही सकता कि मुझे कितना गुस्सा आया पर जब नीद खुली और सामने देखा तो सारा घुस्सा रफू-चक्कर हो गया सामने नैना दी हाथ में पानी का जग लिए खड़ी थी. क्या दी आप भी आराम से नही उठा सकती थी पूरा गीला कर दिया.
नैना दी- पिछले आधे घंटे से मोम उठा तो रही है आराम से पर तू है कि उठने का नाम ही नही ले रहा इस लिए मैने अपना तरीका आज़मा लिया और देख काम बन गया तू एक मिनट में उठ गया.
मैं- हाई कोई कभी तो मेरा भी टाइम आएगा तब बताउन्गा आपको.
नैना दी- वो टाइम कभी नही आ सकता. चल जल्दी फ्रेश हो के नीचे आ मोम-डॅड तेरा ही वेट कर रहे है.
मैं- ओके, आप चलो मैं 15 मिंट्स में आता हू.
जल्दी आना नही तो अच्छा नही होगा ये बोल के नैना दी नीचे चली गयी और मैं फ्रेश होने बाथरूम में चला गया फिर आधे घंटे में तैयार हो के नीचे गया यहाँ पे मामा नाश्ते की टेबल पे न्यूसपेपर पढ़ रहे थे मैं उन के पास गया उन के पैर छू के मॉर्निंग विश किया फिर मामी का पूछा तो पता चला कि किचन में है मैं किचन में चला गया वहाँ मामी जूस निकाल रही थी मैं ने मामी के पैर छुए और मॉर्निंग विश कर के नाश्ते की टेबल पे आ गया. वहाँ आते ही नैना दी ने अपने पैर आगे कर दिए. मैं और मामा नैना दी को देखने लगे तो नैना दी ने बोला कि पैर छूने के लिए आख़िर मैं भी तो बड़ी हू. उनकी बात सुनके मेरी और मामा की हँसी निकल गयी फिर मैं ने उन को भी मॉर्निंग विश किया फिर ऐसे ही हसी मज़ाक में हम सब ने नाश्ता किया.
मामा- तो अजय आज का क्या प्लान है.
मैं- कुछ खास नही बस अपने डॉक्युमेंट्स स्कूल से कलेक्ट करने है इस के बाद फ्री हूँ.
मामा- गुड डॉक्युमेंट्स कलेक्ट कर के मुझे मेरे ऑफीस में आ के मिलो.
मैं-ओके, जैसा आप ठीक समझे.
साथियो जैसा कि मैं पहले भी बता चुका हूँ कि मैं कोई रायटर वायटर नही हूँ पर हाँ जो कहानी अच्छी लगती है उसे हिन्दी फ़ॉन्ट मे कनवर्ट करके आपके लिए पोस्ट कर देता हूँ और उम्मीद करता हूँ मेरी ये कोशिस आपको पसंद आएगी
चलिए अब तोड़ा पात्रो का परिचय प्राप्त कर लेते हैं
मामी (मीरा)- एक बहुत ही सुलझी हुई औरत है और मेरी दूसरी माँ भी बहुत ही खूबसूरत कोई एक बार देख के बोल ही नही सकता कि ये एक जवान लड़की की माँ है (दोस्तो यहाँ एज इसलिए नही लिखे कि फीमेल्स को अपनी एज छुपाने मे अलग ही मज़ा आता है) मामा का बिज़्नेस संभालने मे ये काफ़ी हेल्प करती है.
नैना- मामा-मामी की एक्लोति संतान देखने में किसी हीरोइन से कम नही और नखरे भी वैसे ही मुझ से एक साल बड़ी होने के नाते हमेशा मुझ पे हुकुम चलाती रहती है इन को मेरे से बस एक ही प्रॉब्लम है कि मेरे को इनसे ज़्यादा प्यार क्यू मिलता है गुस्सा तो हमेशा इनकी नाक पे रहता है.
शैल्ली- ये नैना दीदी की फ्रेंड और हमारे पड़ोसी जॉन अंकल की बेटी है जिस का ज़्यादातर टाइम हमारे घर में ही बीतता है पर क्यू ये मेरे आज तक समझ नही आया देखने में कमाल की है बिल्कुल बार्बी डॉल की तरह इन के 2 बॉय फ्रेंड के बारे में मुझे पता है.
मैं-अजय स्पोर्ट्समैन होने की वजह से बॉडी काफ़ी फिट आंड फाइन है. फेस भी काफ़ी हद तक अट्रॅक्टिव है जिस वजह से मुझे लोगो की काफ़ी अटेन्षन्स मिलती है लाइफ में ऐसा कुछ भी नही जो मैने चाहा और वो मुझे नही मिला मैं अपनी लाइफ से काफ़ी हद तक खुश था. और अब मेरी एक ही इच्छा (विश थी कि मैं इंडिया मे रह के अपनी आगे की लाइफ को एंजाय कर सकूँ.
सुबह के 7 बज रह थे और आज सनडे होने की वजह से मुझे जल्दी उठने की जल्दी नही थी और मैं अपने मीठे सपनो में था कि किसी ने मेरे उपर पानी डाल दिया बता नही सकता कि मुझे कितना गुस्सा आया पर जब नीद खुली और सामने देखा तो सारा घुस्सा रफू-चक्कर हो गया सामने नैना दी हाथ में पानी का जग लिए खड़ी थी. क्या दी आप भी आराम से नही उठा सकती थी पूरा गीला कर दिया.
नैना दी- पिछले आधे घंटे से मोम उठा तो रही है आराम से पर तू है कि उठने का नाम ही नही ले रहा इस लिए मैने अपना तरीका आज़मा लिया और देख काम बन गया तू एक मिनट में उठ गया.
मैं- हाई कोई कभी तो मेरा भी टाइम आएगा तब बताउन्गा आपको.
नैना दी- वो टाइम कभी नही आ सकता. चल जल्दी फ्रेश हो के नीचे आ मोम-डॅड तेरा ही वेट कर रहे है.
मैं- ओके, आप चलो मैं 15 मिंट्स में आता हू.
जल्दी आना नही तो अच्छा नही होगा ये बोल के नैना दी नीचे चली गयी और मैं फ्रेश होने बाथरूम में चला गया फिर आधे घंटे में तैयार हो के नीचे गया यहाँ पे मामा नाश्ते की टेबल पे न्यूसपेपर पढ़ रहे थे मैं उन के पास गया उन के पैर छू के मॉर्निंग विश किया फिर मामी का पूछा तो पता चला कि किचन में है मैं किचन में चला गया वहाँ मामी जूस निकाल रही थी मैं ने मामी के पैर छुए और मॉर्निंग विश कर के नाश्ते की टेबल पे आ गया. वहाँ आते ही नैना दी ने अपने पैर आगे कर दिए. मैं और मामा नैना दी को देखने लगे तो नैना दी ने बोला कि पैर छूने के लिए आख़िर मैं भी तो बड़ी हू. उनकी बात सुनके मेरी और मामा की हँसी निकल गयी फिर मैं ने उन को भी मॉर्निंग विश किया फिर ऐसे ही हसी मज़ाक में हम सब ने नाश्ता किया.
मामा- तो अजय आज का क्या प्लान है.
मैं- कुछ खास नही बस अपने डॉक्युमेंट्स स्कूल से कलेक्ट करने है इस के बाद फ्री हूँ.
मामा- गुड डॉक्युमेंट्स कलेक्ट कर के मुझे मेरे ऑफीस में आ के मिलो.
मैं-ओके, जैसा आप ठीक समझे.