hotaks444
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सुमित--भाई अंदर चलो ना,,,,,,,,,,,,,सुमित बोला
मैं--नही आज नही मुझे तेरा घर देखना था बस देख लिया,,,,अब उसी दिन आउन्गा जब किसी को अपने
साथ लेके आउन्गा,,,,,,वैसे भी लेट हो गया हूँ अब घर जाना है,,,,,,,,,मैने उसको बाइ बोला
ऑर घर की तरफ चल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वहाँ से मैं सीधा करण के घर गया,,,,,,,मैने बेल बजाई तो करण ने ही गेट खोला ऑर मुझे
गले लगा कर मिला ,,फिर हम दोनो अंदर चले गये,,,,,,वो सोफे पर बैठ गया ऑर मैं भी उसके
साथ बैठ गया,,,,,,,वो अभी भी उदास था,,,,,,,,,,,
मैं--,कारण यार तू उदास मत हो प्लज़्ज़्ज़्ज़ मैं जानता हूँ तुझे टेन्षन है अपनी सिस के लिए लेकिन तेरी सिस मेरी भी तो सिस है,,,,ऑर मैने तेरे को एक बार बोल दिया ना कि मैं सब ठीक है दूँगा,,,,,,,चल मुझे तेरे से बात करनी है रूम मे चलते है यहाँ तेरी मोम आ जाएगी,,,,,,,,,
करण-यहीं बात करो सन्नी,वैसे भी घर मे कोई नही है,,,,,माँ ऑर दीदी बाहर गई है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--तूने दीदी से बात की थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
करण--हाँ की थी लेकिन दीदी ने मेरी कोई बात नही सुनी,,,,,,फिर मैने उनको प्यार से समझाया और उन्होने मुझे 10 दिन का टाइम दिया है बस ऑर 10 दिन के बाद वो मेरी कोई बात नही सुनेगी,,,5_10दिन मे क्या होगा सन्नी,,,,,,,,,,
मैं--करण तू टेन्षन मत ले दिन बहुत है,,मेरे पे भरोसा रखो,,,,,,,,
करण--लेकिन 10 दिन मे क्या होगा सन्नी,,,,,,,,
मैं--बोला ना तू टेन्षन मत ले,,,सब मेरे पेर छोड़ दे,,,,,,तू बस ये बता तेरी दीदी उसको मिलने कब
जाने वाली है लास्ट टाइम,,,,,,,,,,,
करण--दीदी 2 दिन बाद उस से शादी की बात करने वाली है तभी वो उसको मिलने जाएगी,,,उसके बाद 10 दिन नही मिलेगी लेकिन तुझे 10 दिन मे कुछ करना होगा सन्नी वरना वो अमित मेरी दीदी की,,,,,,,,इतना बोलकर वो फिर से रोने लगा,,,,,,,,,,
मैने उसको चुप करवाया ओर यकीन दिलवाया कि मैं सब कुछ ठीक कर दूँगा बस तू मेरे साथ रहना,,,ऑर मुझे टाइम बता देना कि कब तेरी दीदी उसको मिलने जाने वाली है,,,,,,,,,,
करण--ठीक है सन्नी मैं बता दूँगा,,,,,,,,,,,,,
फिर हम लोग कुछ देर बातें करते रहे ऑर बाद मे मैं अपने घर को चला गया,,,,,,,,,,,,,
घर आया खाना खाया ऑर अपने रूम मे चला गया,,,,,रूम मे सोनिया अपना लप्पी लेके बेड पर लेटी
हुई थी,,,मैने उसकी तरफ ध्यान नही दिया ऑर बाथरूम मे जाके फ्रेश होके अपने लप्पी पर गेम
खेलने लगा,,मैं उसकी तरफ कोई ध्यान नही दे रहा था बस गेम खेलने मे मस्त था,,,,तभी एक
आवाज़ सुनाई दी,,,,,,,,,अब तबीयत कैसी है भाई,,ये सोनिया की आवाज़ थी,,,लेकिन मैने कोई जवाब नही
दिया,,,,,,,,,,उसके फिर पूछा,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैने फिर से कोई जवाब नही दिया,,,,,,,,वो उठी ऑर
मेरे बेड के पास आ गई ऑर मेरा लप्पी छीन कर साइड रख दिया,,,,,,,,,,
सोनिया--भाई मैं जानती हूँ तू मेरे से गुस्सा है,,,,,,मैं भी तो तेरे से गुस्सा हूँ,,,,,,,,,,लेकिन एक बेहन होने के नाते मैं
तेरी तबीयत तो पूछ ही सकती हूँ ना,,,,,,,,,,,,,,
मैं कुछ नही बोला,,,,
सोनिया--देखो भाई उस रात आपने जो हरकत की मेरे साथ वो ग़लत थी आपने एक भाई बेहन के रिश्ते को खराब कर दिया ,,मुझे उस रात बहुत गुस्सा आया था दिल किया कि डॅड को सब कुछ बता दूनन,,,,,,,,लेकिन उस दिन आपने मेरी वजह से उन लोगो को बहुत मारा था इस से पता चलता है कि आपको मेरी फ़िक्र है वरना आप उन लोगो को क्यू
मारते,,,आप बहुत अच्छे हो भाई,,,लेकिन आपका एक रूप ऑर भी है जो मुझे अच्छा नही लगता,,,,प्लज़्ज़्ज़
आप खुद को थोड़ा बदलो भाई क्योंकि मैं आपसे ज़्यादा देर गुस्सा नही रह सकती लेकिन मैं आपको
उस रूप मे आक्सेप्ट भी नही कर सकती,,आप मेरे भाई हो ऑर क्यूँ आप इस रिश्ते को गंदी हरकतों
से खराब करना चाहते हो,,,,,,
,मैने कुछ नही बोला तो उसने मेरे सर पर हाथ फेरा ऑर उठकर अपने बेड पर वापिस चली गई ऑर मेरी तरफ देखने लगी,,मैने भी एक पल उसको देखा ऑर अपने लप्पी पर गेम खेलने लग गया,,,लेकिन मेरा ध्यान उसकी बातों की तरफ ही था,,,लप्पी तो मैने उसको इग्नोर करने के लिए खोला था,,,मैं हल्की नज़रो से उसको देख रहा था कुछ देर तक वो बैठी रही
यही सोचती हुई कि मैं उसके साथ बात करूँगा लेकिन कुछ देर बाद वो लप्पी बंद करके मेरी ओर पीठ करके लेट गई,,,,मैं भी वापिस गेम खेलने लगा,,,,,,
अगले दिन नाश्ता किया ऑर बाहर बाइक की तरफ गया तो देखा कि सोनिया बाहर खड़ी कविता की वेट कर रही
थी,,,,,मैने बाइक स्टार्ट किया ऑर वहाँ से जाने लगा तभी पीछे से माँ की आवाज़ सुनाई दी,,,,,
माँ--बेटा सोनिया को भी साथ ले जाओ,,,बेचारी कब्से कविता का वेट कर रही है तुम ले जाओ वरना लेट हो जाएगी
,मैं कुछ नही बोला ऑर बाइक लेके वहाँ से चला गया,,,,,,,,मैं मिरर मे पीछे देख रहा था तो सोनिया का ध्यान मेरी तरफ ही था माँ ने 1-2 बार मुझे आवाज़ भी लगाई लेकिन मैने कोई ध्यान नही दिया ऑर वहाँ से चला गया,,,,,कॉलेज एंटर किया ही था कि सला मनहूस मिल गया सुमित . लेकिन इसको अब बर्दाश्त करना भी ज़रूरी था क्योंकि यही तो मेरी हल्प कर सकता था,,,,,
सुमित--ऑर सन्नी भाई क्या हाल है,,,,,
मैं--मैं ठीक हूँ सुमित तुम सूनाओ,,,,,,,,,,,,,
सुमित--तो भाई कब आना है मेरे रूम मे अपनी गर्लफ्रेंड को लेके,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--क्यू भाई तेरे को मेरे से भी ज़्यादा जल्दी है क्या,,,,,,,,
सुमित-नही भाई वो मुझे कुछ पैसे चाहिए थे कुछ समान लेके आना था,,,,अब उधार माँगते शरम आती थी तो
सोचा कि आप रूम मे जल्दी आ जाओ तो मुझे भी कुछ पैसे मिल जाते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--क्यू तेरा दोस्त अमित नही आता क्या अभी,,,,,,,,,,,,,
सुमित--अरे भाई उसके साथ कोई सेट होगी तभी आएगा,,,,वैसे एक तो अभी सेट है उसके साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--अच्छा कॉन,,,,,,,,,,,,,,,
सुमित--पता नही भाई कॉन है मुझे बताया नही उसने लेकिन इतना पक्का पता है अपने कॉलेज की नही है,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--तेरे को कैसे पता,,,,,,,,,,
सुमित--क्योंकि भाई कॉलेज की होती तो उसके दोस्तो को तो पता ही होता,,,,,,,,,वैसे कल लेके आने वाला है मेरे रूम
मे उसको,,सुबह कॉलेज टाइम,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--नही आज नही मुझे तेरा घर देखना था बस देख लिया,,,,अब उसी दिन आउन्गा जब किसी को अपने
साथ लेके आउन्गा,,,,,,वैसे भी लेट हो गया हूँ अब घर जाना है,,,,,,,,,मैने उसको बाइ बोला
ऑर घर की तरफ चल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वहाँ से मैं सीधा करण के घर गया,,,,,,,मैने बेल बजाई तो करण ने ही गेट खोला ऑर मुझे
गले लगा कर मिला ,,फिर हम दोनो अंदर चले गये,,,,,,वो सोफे पर बैठ गया ऑर मैं भी उसके
साथ बैठ गया,,,,,,,वो अभी भी उदास था,,,,,,,,,,,
मैं--,कारण यार तू उदास मत हो प्लज़्ज़्ज़्ज़ मैं जानता हूँ तुझे टेन्षन है अपनी सिस के लिए लेकिन तेरी सिस मेरी भी तो सिस है,,,,ऑर मैने तेरे को एक बार बोल दिया ना कि मैं सब ठीक है दूँगा,,,,,,,चल मुझे तेरे से बात करनी है रूम मे चलते है यहाँ तेरी मोम आ जाएगी,,,,,,,,,
करण-यहीं बात करो सन्नी,वैसे भी घर मे कोई नही है,,,,,माँ ऑर दीदी बाहर गई है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--तूने दीदी से बात की थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
करण--हाँ की थी लेकिन दीदी ने मेरी कोई बात नही सुनी,,,,,,फिर मैने उनको प्यार से समझाया और उन्होने मुझे 10 दिन का टाइम दिया है बस ऑर 10 दिन के बाद वो मेरी कोई बात नही सुनेगी,,,5_10दिन मे क्या होगा सन्नी,,,,,,,,,,
मैं--करण तू टेन्षन मत ले दिन बहुत है,,मेरे पे भरोसा रखो,,,,,,,,
करण--लेकिन 10 दिन मे क्या होगा सन्नी,,,,,,,,
मैं--बोला ना तू टेन्षन मत ले,,,सब मेरे पेर छोड़ दे,,,,,,तू बस ये बता तेरी दीदी उसको मिलने कब
जाने वाली है लास्ट टाइम,,,,,,,,,,,
करण--दीदी 2 दिन बाद उस से शादी की बात करने वाली है तभी वो उसको मिलने जाएगी,,,उसके बाद 10 दिन नही मिलेगी लेकिन तुझे 10 दिन मे कुछ करना होगा सन्नी वरना वो अमित मेरी दीदी की,,,,,,,,इतना बोलकर वो फिर से रोने लगा,,,,,,,,,,
मैने उसको चुप करवाया ओर यकीन दिलवाया कि मैं सब कुछ ठीक कर दूँगा बस तू मेरे साथ रहना,,,ऑर मुझे टाइम बता देना कि कब तेरी दीदी उसको मिलने जाने वाली है,,,,,,,,,,
करण--ठीक है सन्नी मैं बता दूँगा,,,,,,,,,,,,,
फिर हम लोग कुछ देर बातें करते रहे ऑर बाद मे मैं अपने घर को चला गया,,,,,,,,,,,,,
घर आया खाना खाया ऑर अपने रूम मे चला गया,,,,,रूम मे सोनिया अपना लप्पी लेके बेड पर लेटी
हुई थी,,,मैने उसकी तरफ ध्यान नही दिया ऑर बाथरूम मे जाके फ्रेश होके अपने लप्पी पर गेम
खेलने लगा,,मैं उसकी तरफ कोई ध्यान नही दे रहा था बस गेम खेलने मे मस्त था,,,,तभी एक
आवाज़ सुनाई दी,,,,,,,,,अब तबीयत कैसी है भाई,,ये सोनिया की आवाज़ थी,,,लेकिन मैने कोई जवाब नही
दिया,,,,,,,,,,उसके फिर पूछा,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैने फिर से कोई जवाब नही दिया,,,,,,,,वो उठी ऑर
मेरे बेड के पास आ गई ऑर मेरा लप्पी छीन कर साइड रख दिया,,,,,,,,,,
सोनिया--भाई मैं जानती हूँ तू मेरे से गुस्सा है,,,,,,मैं भी तो तेरे से गुस्सा हूँ,,,,,,,,,,लेकिन एक बेहन होने के नाते मैं
तेरी तबीयत तो पूछ ही सकती हूँ ना,,,,,,,,,,,,,,
मैं कुछ नही बोला,,,,
सोनिया--देखो भाई उस रात आपने जो हरकत की मेरे साथ वो ग़लत थी आपने एक भाई बेहन के रिश्ते को खराब कर दिया ,,मुझे उस रात बहुत गुस्सा आया था दिल किया कि डॅड को सब कुछ बता दूनन,,,,,,,,लेकिन उस दिन आपने मेरी वजह से उन लोगो को बहुत मारा था इस से पता चलता है कि आपको मेरी फ़िक्र है वरना आप उन लोगो को क्यू
मारते,,,आप बहुत अच्छे हो भाई,,,लेकिन आपका एक रूप ऑर भी है जो मुझे अच्छा नही लगता,,,,प्लज़्ज़्ज़
आप खुद को थोड़ा बदलो भाई क्योंकि मैं आपसे ज़्यादा देर गुस्सा नही रह सकती लेकिन मैं आपको
उस रूप मे आक्सेप्ट भी नही कर सकती,,आप मेरे भाई हो ऑर क्यूँ आप इस रिश्ते को गंदी हरकतों
से खराब करना चाहते हो,,,,,,
,मैने कुछ नही बोला तो उसने मेरे सर पर हाथ फेरा ऑर उठकर अपने बेड पर वापिस चली गई ऑर मेरी तरफ देखने लगी,,मैने भी एक पल उसको देखा ऑर अपने लप्पी पर गेम खेलने लग गया,,,लेकिन मेरा ध्यान उसकी बातों की तरफ ही था,,,लप्पी तो मैने उसको इग्नोर करने के लिए खोला था,,,मैं हल्की नज़रो से उसको देख रहा था कुछ देर तक वो बैठी रही
यही सोचती हुई कि मैं उसके साथ बात करूँगा लेकिन कुछ देर बाद वो लप्पी बंद करके मेरी ओर पीठ करके लेट गई,,,,मैं भी वापिस गेम खेलने लगा,,,,,,
अगले दिन नाश्ता किया ऑर बाहर बाइक की तरफ गया तो देखा कि सोनिया बाहर खड़ी कविता की वेट कर रही
थी,,,,,मैने बाइक स्टार्ट किया ऑर वहाँ से जाने लगा तभी पीछे से माँ की आवाज़ सुनाई दी,,,,,
माँ--बेटा सोनिया को भी साथ ले जाओ,,,बेचारी कब्से कविता का वेट कर रही है तुम ले जाओ वरना लेट हो जाएगी
,मैं कुछ नही बोला ऑर बाइक लेके वहाँ से चला गया,,,,,,,,मैं मिरर मे पीछे देख रहा था तो सोनिया का ध्यान मेरी तरफ ही था माँ ने 1-2 बार मुझे आवाज़ भी लगाई लेकिन मैने कोई ध्यान नही दिया ऑर वहाँ से चला गया,,,,,कॉलेज एंटर किया ही था कि सला मनहूस मिल गया सुमित . लेकिन इसको अब बर्दाश्त करना भी ज़रूरी था क्योंकि यही तो मेरी हल्प कर सकता था,,,,,
सुमित--ऑर सन्नी भाई क्या हाल है,,,,,
मैं--मैं ठीक हूँ सुमित तुम सूनाओ,,,,,,,,,,,,,
सुमित--तो भाई कब आना है मेरे रूम मे अपनी गर्लफ्रेंड को लेके,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--क्यू भाई तेरे को मेरे से भी ज़्यादा जल्दी है क्या,,,,,,,,
सुमित-नही भाई वो मुझे कुछ पैसे चाहिए थे कुछ समान लेके आना था,,,,अब उधार माँगते शरम आती थी तो
सोचा कि आप रूम मे जल्दी आ जाओ तो मुझे भी कुछ पैसे मिल जाते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--क्यू तेरा दोस्त अमित नही आता क्या अभी,,,,,,,,,,,,,
सुमित--अरे भाई उसके साथ कोई सेट होगी तभी आएगा,,,,वैसे एक तो अभी सेट है उसके साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--अच्छा कॉन,,,,,,,,,,,,,,,
सुमित--पता नही भाई कॉन है मुझे बताया नही उसने लेकिन इतना पक्का पता है अपने कॉलेज की नही है,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--तेरे को कैसे पता,,,,,,,,,,
सुमित--क्योंकि भाई कॉलेज की होती तो उसके दोस्तो को तो पता ही होता,,,,,,,,,वैसे कल लेके आने वाला है मेरे रूम
मे उसको,,सुबह कॉलेज टाइम,,,,,,,,,,,,,,,,,,