hotaks444
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कुछ टाइम रूम मे सन्नाटा रहा,,,,,,,,वो दोनो डरे हुए थे ,,,,शायद मैं भी क्यूकी पता
नही था अब आगे क्या होगा,,,मैने एक प्लान तो बनाया था ऑर प्लान कामयाब भी हुआ लेकिन अब
आगे क्या होना था ये नही पता था किसी को भी,,,,मुझे भी नही ,,,,,,,,,,,क्या वो दोनो गुस्सा
करते मेरे पे,,,,,,,,,,,या करण मेरे से फाइट करता,,,,,,,या शिखा मेरे पे गुस्सा करती,,,,
तभी वो दोनो एक साथ गुस्से मे बोल पड़े..........
शिखा--सन्नी ये क्या किया तुमने ,,,,,शरम नही आती तुमको एक भाई बेहन के साथ ऐसा करते हुए
वो भी इतनी चालाकी से,,,,,,,,ज़रा तो सोचा होता ,,,,,,,,,
करण--सन्नी तुमको शरम नही आई मेरे से ही मेरी बेहन के साथ चुदाई करवाते हुए,,,,,क्या सोच
कर ऐसी घटिया हरकत की तूने,,,,,,,,मैं तेरी जान ले लूँगा,,,,,,,
इस से पहले करण कुछ ऑर बोलता शिखा बोलने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सन्नी ये तूने अच्छा नही किया
हम भाई बेहन है ,,,ऑर तूने हमारे बीच ये सब करवा दिया,,,ज़रा भी नही सोचा तुमने
हमारे रिश्ते के बारे मे,,,,,,,
सन्नी--अच्छा अब भाई बेहन का रिश्ता याद आ गया,,अभी कुछ देर पहले तो बड़ी मस्ती मे चुदाई
का मज़ा ले रहे थे दोनो,,,ऑर अब रिश्ते की बात कर रहे हो,,,,,,,,,
करण--सन्नी वो तो तुमने धोखे से मुझे,,,,,,,,,
सन्नी--धोखा नही करण इसको वासना बोलते है,,,,,,,,,,जब तेरा लंड तेरी बेहन की चूत मे था अगर
उसी टाइम मैं तेरी बेहन के फेस से चद्दर हटा देता तब भी तू नही रुकता ऑर वैसे ही
अपनी बेहन की चुदाई करता रहता,,,ऑर ना शिखा दीदी आप इसको रोकती ,,,क्यूकी जब एक लंड ओर
चूत का मेल होता है तो ये कोई नही सोचता कि लंड अपने भाई का है या बाप का,,,,ऑर ना ही
ये सोचता है कि सामने नंगी लेटी हुई औरत उसकी बेहन है या माँ,,,,किसी को कोई फ़र्क नही
पड़ता ,,,,,,,,,,,,,सबको बस मज़ा चाहिए,,,,,,,,,,,,,आप लोग बोलो क्या आप लोगो को मज़ा नही आया
एक दूसरे से चुदाई करके,,,,,,,,क्या तुझे ऐसा लगा करण कि जिस चूत मे तेरा लंड है वो
तेरी अपनी बेहन की है,,,,,,,,,,,,,,ऑर क्या शिखा दीदी आपको एक पल के लिए भी ऐसा लगा कि वो लंड
मेरा नही जो आपकी चूत मे चुदाई कर रहा है बल्कि आपके भाई करण का है,,,,,,,,दोनो
चुप चाप बैठे मेरी बात सुन रहे थे कोई कुछ नही बोला ,,,,,,,,,,करीब 5 मिनट तक
ऐसे ही रूम मे खामोशी का आलम रहा फिर मैं उठा ऑर ऐसे ही नंगा बाहर आ गया
ताकि उन दोनो को कुछ टाइम मिल सके ऑर वो दोनो खुद को ऐसी हालत मे करीब से देख सके
ऑर उनका डर कुछ हद तक दूर हो जाए,,,,,
मैं वहाँ से उठा ऑर किचन मे आके पानी पीने लगा क्यूकी मैं भी बहुत घबरा गया था
मैने कुछ ऐसा कर दिया था जिस से करण ऑर शिखा या तो मेरे से उमर भर के लिए नाराज़
हो जाते या अभी वापिस जाके मैं ऑर करण मिलकर एक ही बेड पर शिखा दीदी को 2 असली लंड का
मज़ा देते,,,,,,,,,,,,,,मैं किचन से अभी बाहर निकला ही था कि कुछ ऐसा हो गया जो मैने
सोचा भी नही था,,,,,,,,,,,,,
नही था अब आगे क्या होगा,,,मैने एक प्लान तो बनाया था ऑर प्लान कामयाब भी हुआ लेकिन अब
आगे क्या होना था ये नही पता था किसी को भी,,,,मुझे भी नही ,,,,,,,,,,,क्या वो दोनो गुस्सा
करते मेरे पे,,,,,,,,,,,या करण मेरे से फाइट करता,,,,,,,या शिखा मेरे पे गुस्सा करती,,,,
तभी वो दोनो एक साथ गुस्से मे बोल पड़े..........
शिखा--सन्नी ये क्या किया तुमने ,,,,,शरम नही आती तुमको एक भाई बेहन के साथ ऐसा करते हुए
वो भी इतनी चालाकी से,,,,,,,,ज़रा तो सोचा होता ,,,,,,,,,
करण--सन्नी तुमको शरम नही आई मेरे से ही मेरी बेहन के साथ चुदाई करवाते हुए,,,,,क्या सोच
कर ऐसी घटिया हरकत की तूने,,,,,,,,मैं तेरी जान ले लूँगा,,,,,,,
इस से पहले करण कुछ ऑर बोलता शिखा बोलने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सन्नी ये तूने अच्छा नही किया
हम भाई बेहन है ,,,ऑर तूने हमारे बीच ये सब करवा दिया,,,ज़रा भी नही सोचा तुमने
हमारे रिश्ते के बारे मे,,,,,,,
सन्नी--अच्छा अब भाई बेहन का रिश्ता याद आ गया,,अभी कुछ देर पहले तो बड़ी मस्ती मे चुदाई
का मज़ा ले रहे थे दोनो,,,ऑर अब रिश्ते की बात कर रहे हो,,,,,,,,,
करण--सन्नी वो तो तुमने धोखे से मुझे,,,,,,,,,
सन्नी--धोखा नही करण इसको वासना बोलते है,,,,,,,,,,जब तेरा लंड तेरी बेहन की चूत मे था अगर
उसी टाइम मैं तेरी बेहन के फेस से चद्दर हटा देता तब भी तू नही रुकता ऑर वैसे ही
अपनी बेहन की चुदाई करता रहता,,,ऑर ना शिखा दीदी आप इसको रोकती ,,,क्यूकी जब एक लंड ओर
चूत का मेल होता है तो ये कोई नही सोचता कि लंड अपने भाई का है या बाप का,,,,ऑर ना ही
ये सोचता है कि सामने नंगी लेटी हुई औरत उसकी बेहन है या माँ,,,,किसी को कोई फ़र्क नही
पड़ता ,,,,,,,,,,,,,सबको बस मज़ा चाहिए,,,,,,,,,,,,,आप लोग बोलो क्या आप लोगो को मज़ा नही आया
एक दूसरे से चुदाई करके,,,,,,,,क्या तुझे ऐसा लगा करण कि जिस चूत मे तेरा लंड है वो
तेरी अपनी बेहन की है,,,,,,,,,,,,,,ऑर क्या शिखा दीदी आपको एक पल के लिए भी ऐसा लगा कि वो लंड
मेरा नही जो आपकी चूत मे चुदाई कर रहा है बल्कि आपके भाई करण का है,,,,,,,,दोनो
चुप चाप बैठे मेरी बात सुन रहे थे कोई कुछ नही बोला ,,,,,,,,,,करीब 5 मिनट तक
ऐसे ही रूम मे खामोशी का आलम रहा फिर मैं उठा ऑर ऐसे ही नंगा बाहर आ गया
ताकि उन दोनो को कुछ टाइम मिल सके ऑर वो दोनो खुद को ऐसी हालत मे करीब से देख सके
ऑर उनका डर कुछ हद तक दूर हो जाए,,,,,
मैं वहाँ से उठा ऑर किचन मे आके पानी पीने लगा क्यूकी मैं भी बहुत घबरा गया था
मैने कुछ ऐसा कर दिया था जिस से करण ऑर शिखा या तो मेरे से उमर भर के लिए नाराज़
हो जाते या अभी वापिस जाके मैं ऑर करण मिलकर एक ही बेड पर शिखा दीदी को 2 असली लंड का
मज़ा देते,,,,,,,,,,,,,,मैं किचन से अभी बाहर निकला ही था कि कुछ ऐसा हो गया जो मैने
सोचा भी नही था,,,,,,,,,,,,,