hotaks444
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7 बजते बजते हम ने होटेल छोड़ दिया और टॅक्सी लेकर स्टेशन का रास्ता पकड़ लिया ट्रेन आने मे टाइम था तो हम वेट करने लगे उन्होने कुछ पत्रिकाए खरीद ली थी पढ़ने के लिए जब ट्रेन आई तो मैने चार्ट मे अपना और उनका नाम चेक किया और फिर अपने डिब्बे की तरफ बढ़ चले एक बार फिर एक कॅबिन हमारे लिए रिज़र्व था तो कोई टेंशन की बात नही थी ट्रेन ने सीटी मारी और फिर चल पड़ी हमे लेकर जैसे ही लाइट्स डिंम हुवी मैं पद्मिटनी पर टूट पड़ा और जब तक ट्रेन देहरादून स्टेशन पर पहुचि मैं पद्मिपनी को कई बार चोद चुका था एक हफ्ते की लगातार सदाबहार चुदाई से पद्मिटनी का यौवन और भी ज़्यादा खिल गया था स्टेशन पर उतरते ही पद्मिटनी ने कहा कि मैं अभी जाउन्गी और तुम दो तीन घंटे बाद आना तो मैने कहा कि नो प्राब्लम तो मैं फिर शाम तक ही अकादमी मे एंट्री किया और रिपोर्टिंग के बाद होस्टल चला गया
मैं जिस काम के लिए मुंबई गया था वो तो हुआ नही पर पद्मिीनी ने जो प्यार दिया था वो भी भुलाए नही भूल रहा था इधर अकादमी मे आने के बाद मैं बहुत बिज़ी हो गया था बस सनडे को ही पद्मिदनी से मुलाकात होती थी बाकी सूखा ही पड़ा था एक तो हार्डकोर ट्रैनिंग ने गान्ड मार रखी थी और पद्मिहनी से भी नही मिल पा रहा था मुट्ठी मारने का भी टाइम नही था बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाया करती थी और अगली सुबह फिर से वोही परेशानी सारा दिन शरीर दुख़्ता ही रहता था चिल चिलाती धूप मे युधाभ्यास की रियल टाइम ट्रैनिंग चल रही थी तो बस वॉट लगी पड़ी थी कभी कभी ऋतु मॅम का फोन आ जाता था वो भी चुदने को ही मचलती रहती थी मैने कहा था कि मॅम जैसे ही कुछ जुगाड़ होगा आप से भी मिलूँगा मैं खुद भी बड़ा ही परेशान था ट्रेनिंग के चार साल तो कट गये थे पर ये लास्ट के कुछ महीने गान्ड ही मार रहे थे पर ये टाइम भी किसी तरह से झेलना ही था हाँ बस इतना था कि दो तीन दिन मे पद्मिकनी फोन कर लिया करती थी तो थोड़ा सा आराम मिल जाया करता था एक शाम मैने मिता को फोन लगाया तो पता चला कि हिमाचल के ही सरकारी. हॉस्पिटल मे उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी और अगले कुछ महीनो मे वो किसी ना किसी हॉस्पिटल मे जॉब के लिए अप्लाइ कर देगी वैसे वो आर्म्ड फोर्सस की मेडिकल कॉर्प के बारे मे सोच रही थी पर मैने उसको स्ट्रिक्ट्ली मना कर दिया कि तू जॉब करेगी तो सिविल एरिया मे ही करेगी मैने मिता से कहा कि यार कुछ भी करके तुझे मेरी पासिंग परेडे मे आना है तो वो बोली कि वो देखेगी अगर कोई प्राब्लम ना हुवी तो वो पक्का आएगी फिर कुछ प्यार मोहब्बत की बाते करने के बाद मैने फोन कट कर दिया तो दोस्तो एक महीना ऐसे ही गुजर गया मैं बड़ा ही परेशान था पद्मि नी को चोदने का तो दूर किस करने का सिंगल मौका भी नही मिला था एक दिन मेरे कॅंटीन वाले दोस्त का फोन आया कि यार एक गढ़वाली औरत मिली है क्लेमेनटाउन साइड मे बस तेरे लिए ही तू देख ले अगर फ्री हो तो , तो मैने कहा भाई सनडे को मीटिंग फिक्स कर्दे तो वो बोला कि यार वो कोई पैसे मे धंधा नही करती है ठीक घर की है तो मैने कहा कि फिर वो मुझसे क्यो चुदेगि तो वो बोला यार उसकी एक फ्रेंड को मैने फसाया हुआ था तो उसको पता चला तो वो भी थोड़ा एंजाय करना चाहती है अब मैं तो कर नही सकता तो तू चान्स ले ले मैने कहा थॅंक्स भाई पर मैं सनडे को ही मिल सकता हू तो वो बोला ओके मैं बात करके बता ता हूँ मैने सोचा चलो यार याडी ने ये काम सही किया थोड़ी गर्मी शांत हो जाएगी पर पंगा कॅंपस से बाहर जाने का था तो मैने मूर्ति सर को कहा कि सर मुझे कुछ काम है आउट पास का इंतज़ाम कर वा दो तो वो बोले कि नो प्राब्लम मैं लेटर इश्यू कर दूँगा तुम शाम तक घूम फिर आना मैं खुश हो गया अब मुझे इंतज़ार था सनडे का और लंड को एक नयी चूत का दो दिन और गुजर गये अगले दिन सनडे था मैने पद्मिननी को फोन करके बता दिया था कि मैं आज बाहर जा रहा हू कुछ ज़रूरी काम से तो वो नाराज़ हो गयी और फोन कट कर दिया मैने सोचा कि इसको बाद मे पटा लूँगा फिर मैं अपने याडी के साथ निकल पड़ा उसने किसी को फोन किया तो करीब पंद्रह मिनट बाद जहाँ हम खड़े थे एक कार आके रुकी उसमे दो लॅडीस थी हम दोनो भी बैठ गये और आधे घंटे बाद कार एक बंगले मे एंटर कर गयी मैं सोच रहा था कि इस कमिने ने इतने मस्त और अमीर माल पर कैसे हाथ सॉफ कर दिया अंदर जाते ही हमारा इंट्रोडक्षन हुआ तो पता चला कि जो औरत आज मेरी पार्ट्नर बन ने वाली थी उसका नाम था सरिता उमर 26-27 साल हाइट थोड़ी छोटी शरीर ना ज़्यादा पतला ना ज़्यादा मोटा था तो सरिता ने बिना किसी भूमिका के डाइरेक्ट्ली कहा कि देखो हम सब यहाँ पर फुल एंजाय करने के लिए आए है तो हमे उस पर ही कॉन्सेंट्रेट करना चाहिए और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उपर के कमरे मे ले आई वो दोनो नीचे ही रह गये सरिता मुझे कुछ ज़्यादा ही बोल्ड लगी कमरे मे आते ही उसने गेट को लॉक किया और मुझसे कहने लगी कि क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है मैं मन ही मन हँसा और कहा कि अब ये सुनारों के आगे सुई बेचेगी वो बोली की देखो मुझे बस वाइल्ड सेक्स की ही हसरत है मैने कुछ नही कहा मैने सोच लिया था इसको कुछ ज़्यादा ही घमंड है या ये कुछ ज़्यादा शो-ऑफ कर रही है तो मैने उसको पकड़ा और उसके होंठो पर अपने प्यासे लब रख दिए और कस कस के उसके होंठो चूसने लगा
मैं जिस काम के लिए मुंबई गया था वो तो हुआ नही पर पद्मिीनी ने जो प्यार दिया था वो भी भुलाए नही भूल रहा था इधर अकादमी मे आने के बाद मैं बहुत बिज़ी हो गया था बस सनडे को ही पद्मिदनी से मुलाकात होती थी बाकी सूखा ही पड़ा था एक तो हार्डकोर ट्रैनिंग ने गान्ड मार रखी थी और पद्मिहनी से भी नही मिल पा रहा था मुट्ठी मारने का भी टाइम नही था बिस्तर पर पड़ते ही नींद आ जाया करती थी और अगली सुबह फिर से वोही परेशानी सारा दिन शरीर दुख़्ता ही रहता था चिल चिलाती धूप मे युधाभ्यास की रियल टाइम ट्रैनिंग चल रही थी तो बस वॉट लगी पड़ी थी कभी कभी ऋतु मॅम का फोन आ जाता था वो भी चुदने को ही मचलती रहती थी मैने कहा था कि मॅम जैसे ही कुछ जुगाड़ होगा आप से भी मिलूँगा मैं खुद भी बड़ा ही परेशान था ट्रेनिंग के चार साल तो कट गये थे पर ये लास्ट के कुछ महीने गान्ड ही मार रहे थे पर ये टाइम भी किसी तरह से झेलना ही था हाँ बस इतना था कि दो तीन दिन मे पद्मिकनी फोन कर लिया करती थी तो थोड़ा सा आराम मिल जाया करता था एक शाम मैने मिता को फोन लगाया तो पता चला कि हिमाचल के ही सरकारी. हॉस्पिटल मे उसकी इंटेर्नशिप चल रही थी और अगले कुछ महीनो मे वो किसी ना किसी हॉस्पिटल मे जॉब के लिए अप्लाइ कर देगी वैसे वो आर्म्ड फोर्सस की मेडिकल कॉर्प के बारे मे सोच रही थी पर मैने उसको स्ट्रिक्ट्ली मना कर दिया कि तू जॉब करेगी तो सिविल एरिया मे ही करेगी मैने मिता से कहा कि यार कुछ भी करके तुझे मेरी पासिंग परेडे मे आना है तो वो बोली कि वो देखेगी अगर कोई प्राब्लम ना हुवी तो वो पक्का आएगी फिर कुछ प्यार मोहब्बत की बाते करने के बाद मैने फोन कट कर दिया तो दोस्तो एक महीना ऐसे ही गुजर गया मैं बड़ा ही परेशान था पद्मि नी को चोदने का तो दूर किस करने का सिंगल मौका भी नही मिला था एक दिन मेरे कॅंटीन वाले दोस्त का फोन आया कि यार एक गढ़वाली औरत मिली है क्लेमेनटाउन साइड मे बस तेरे लिए ही तू देख ले अगर फ्री हो तो , तो मैने कहा भाई सनडे को मीटिंग फिक्स कर्दे तो वो बोला कि यार वो कोई पैसे मे धंधा नही करती है ठीक घर की है तो मैने कहा कि फिर वो मुझसे क्यो चुदेगि तो वो बोला यार उसकी एक फ्रेंड को मैने फसाया हुआ था तो उसको पता चला तो वो भी थोड़ा एंजाय करना चाहती है अब मैं तो कर नही सकता तो तू चान्स ले ले मैने कहा थॅंक्स भाई पर मैं सनडे को ही मिल सकता हू तो वो बोला ओके मैं बात करके बता ता हूँ मैने सोचा चलो यार याडी ने ये काम सही किया थोड़ी गर्मी शांत हो जाएगी पर पंगा कॅंपस से बाहर जाने का था तो मैने मूर्ति सर को कहा कि सर मुझे कुछ काम है आउट पास का इंतज़ाम कर वा दो तो वो बोले कि नो प्राब्लम मैं लेटर इश्यू कर दूँगा तुम शाम तक घूम फिर आना मैं खुश हो गया अब मुझे इंतज़ार था सनडे का और लंड को एक नयी चूत का दो दिन और गुजर गये अगले दिन सनडे था मैने पद्मिननी को फोन करके बता दिया था कि मैं आज बाहर जा रहा हू कुछ ज़रूरी काम से तो वो नाराज़ हो गयी और फोन कट कर दिया मैने सोचा कि इसको बाद मे पटा लूँगा फिर मैं अपने याडी के साथ निकल पड़ा उसने किसी को फोन किया तो करीब पंद्रह मिनट बाद जहाँ हम खड़े थे एक कार आके रुकी उसमे दो लॅडीस थी हम दोनो भी बैठ गये और आधे घंटे बाद कार एक बंगले मे एंटर कर गयी मैं सोच रहा था कि इस कमिने ने इतने मस्त और अमीर माल पर कैसे हाथ सॉफ कर दिया अंदर जाते ही हमारा इंट्रोडक्षन हुआ तो पता चला कि जो औरत आज मेरी पार्ट्नर बन ने वाली थी उसका नाम था सरिता उमर 26-27 साल हाइट थोड़ी छोटी शरीर ना ज़्यादा पतला ना ज़्यादा मोटा था तो सरिता ने बिना किसी भूमिका के डाइरेक्ट्ली कहा कि देखो हम सब यहाँ पर फुल एंजाय करने के लिए आए है तो हमे उस पर ही कॉन्सेंट्रेट करना चाहिए और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे उपर के कमरे मे ले आई वो दोनो नीचे ही रह गये सरिता मुझे कुछ ज़्यादा ही बोल्ड लगी कमरे मे आते ही उसने गेट को लॉक किया और मुझसे कहने लगी कि क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है मैं मन ही मन हँसा और कहा कि अब ये सुनारों के आगे सुई बेचेगी वो बोली की देखो मुझे बस वाइल्ड सेक्स की ही हसरत है मैने कुछ नही कहा मैने सोच लिया था इसको कुछ ज़्यादा ही घमंड है या ये कुछ ज़्यादा शो-ऑफ कर रही है तो मैने उसको पकड़ा और उसके होंठो पर अपने प्यासे लब रख दिए और कस कस के उसके होंठो चूसने लगा