desiaks
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समर ने अपने टट्टे खाली कर दिए थे, और उसका सारा वीर्य जाकर नेहा की शार्टस पे गिर गया। ठीक जहां उसकी चूत थी। समर ने जैसी ही अपनी बहन की वो बात सुनी। वो काबू नहीं कर पाया खुद पे और अपने लण्ड पे। उसकी बहन ने उसे अपनी चूत पर स्मूच करने को कहा था। झड़ने के बाद भी उसके दिमाग में सेक्स चढ़ा हआ था। उसने नेहा की ओर देख, और जो उसे दिखा उसने उसके होश उड़ा दिए।
नेहा बेड पे बैठ गई थी। उसने अपनी टाँगें फैला रखी थी। उसकी शार्टस पे चूत वाली जगह पर समर का वीर्य था और नेहा उसे अपनी चूत पर धीरे-धीरे मल रही थी। उसकी शार्टस जो पहले ही उसके खुद के रसों से गीली पड़ी थी, उनपर अब वो खुद अपने भाई के लण्ड का क्रीम मल रही थी, और अपनी चूत को मजे दे रही थी। समर आँखें फाड-फाडकर नेहा को देख रहा था। उसकी बहन की गोरी नंगी टांगों के बीच में छोटी सी शार्टस थी. जिस पर से नेहा अपनी चूत मल रही थी।
नेहा ने सीधा समर की आँखों में देखा- “क्यों भाई, अच्छा लग रहा है सीन?" नेहा बोली।
समर ने नेहा की तरफ देखा, अपना सिर हाँ में हिलाया और फिर उसके हाथों को उसकी चूत पर घूमता देखने लगा।
नेहा ने हाथ हिलाना रोका। समर ने ऊपर नेहा की आँखों में देखा की आखीरकार उसने अपनी चूत से खेलना क्यों रोका? उन दोनों की आँखें एक दूसरे से मिली। समर को देखते-देखते उसने एक सेक्सी सी स्माइल दी और एक पल में अपनी वीर्य से सनी उंगलियों को अपने मुँह में घुसा दिया। जिसे देखकर समर का मुंह खुल गया। उसका लण्ड फिर झटके मारने लगा।
नेहा मस्ती से समर को कामुकता से घूरते हुए उसका वीर्य खा रही थी, कहा- “बहुत टेस्टी चीज है ये समर, आई लोव इट..." नेहा बोली। उसने अपनी शार्टस से थोड़ा और उठाया और उसे भी चाटने लगी- “मैं तो इसे पूरे दिन खा सकती हूँ..” कहकर उसने समर को आँख मारी।
समर मन में- “वाह... मेरी दीदी तो एकदम रांड की तरह बिहेव कर रही है, और मैं उनके पीछे पागल होता जा रहा है। कितनी सेक्सी है दीदी। क्या ये सब सच में हो रहा है?" समर अपनी आँखों और अपनी किश्मत पर विश्वास नहीं कर पा रहा था।
नेहा- “तुझे पता है ना समर... अब हम वापस नार्मल नहीं हो सकते..." नेहा ने वीर्य खाते हुए कहा- “हमने जो ये शुरू किया है, ये अब आगे ही बढ़ेगा..."
आगे बढ़ेगा सुनकर समर के मन में तो खुशी की लहर दौड़ गई। उसकी आँखों में जो चमक आ गई वो नेहा ने देख ली।
नेहा- “तू चाहता है की आगे बढ़े ये?" नेहा ने पूछा। उसका दिल भी तेज धड़क रहा था।
समर ने नेहा की तरफ देखा, उसके होंठों पे उसका वीर्य लगा हुआ था। क्या सीन था, कहा- “हाँ... हाँ दीदी..." समर ने जवाब दिया।
नेहा- “मैं भी यही चाहती हूँ..” नेहा बोली- “तुझे धीरे-धीरे बहुत मजे मिलेंगे समर। ऐसे मजे जो शायद आज तक किसी बहन ने अपने भाई को ना दिए हो.." नेहा की चूत तो आग से भी गरम थी, वो लंबी-लंबी सांसें भर रही
थी- “मगर ये सब तुझे आसानी से नहीं मिलेगा। तुझे वो सब करना होगा जो मैं कहूँगी..”
अपनी दीदी के मुँह से ये बातें सुनकर समर का दिल उछलने लगा, और उसका लण्ड भी। दीदी मुझे हर मजा देगी। ऐसे आफर को कोई कैसे ठकरा सकता ह? कहा- “मैं हर चीज करूंगा दीदी। जो भी आप बोलोगी। हर चीज..” उसने सपाट से बोला।
उसके इतने तेज रिप्लाई से नेहा भी हैरान हो गई। समर की आँखों में उसको एक गहरी प्यास नजर आ रही थी,
और वो प्यास और किसी के लिए नहीं बल्की अपनी बहन के लिए ही थी।
नेहा- “वेरी गड समर...” नेहा बोली, वो फिर से अपनी शार्ट पे लगे वीर्य को अपनी चूत पे रगड़ने लगी- “मैं यही सुनना चाहती थी। क्योंकी मेरे लिए तू पहला काम आज से ही करेगा, और अभी से ही... तैयार है?"
नेहा बेड पे बैठ गई थी। उसने अपनी टाँगें फैला रखी थी। उसकी शार्टस पे चूत वाली जगह पर समर का वीर्य था और नेहा उसे अपनी चूत पर धीरे-धीरे मल रही थी। उसकी शार्टस जो पहले ही उसके खुद के रसों से गीली पड़ी थी, उनपर अब वो खुद अपने भाई के लण्ड का क्रीम मल रही थी, और अपनी चूत को मजे दे रही थी। समर आँखें फाड-फाडकर नेहा को देख रहा था। उसकी बहन की गोरी नंगी टांगों के बीच में छोटी सी शार्टस थी. जिस पर से नेहा अपनी चूत मल रही थी।
नेहा ने सीधा समर की आँखों में देखा- “क्यों भाई, अच्छा लग रहा है सीन?" नेहा बोली।
समर ने नेहा की तरफ देखा, अपना सिर हाँ में हिलाया और फिर उसके हाथों को उसकी चूत पर घूमता देखने लगा।
नेहा ने हाथ हिलाना रोका। समर ने ऊपर नेहा की आँखों में देखा की आखीरकार उसने अपनी चूत से खेलना क्यों रोका? उन दोनों की आँखें एक दूसरे से मिली। समर को देखते-देखते उसने एक सेक्सी सी स्माइल दी और एक पल में अपनी वीर्य से सनी उंगलियों को अपने मुँह में घुसा दिया। जिसे देखकर समर का मुंह खुल गया। उसका लण्ड फिर झटके मारने लगा।
नेहा मस्ती से समर को कामुकता से घूरते हुए उसका वीर्य खा रही थी, कहा- “बहुत टेस्टी चीज है ये समर, आई लोव इट..." नेहा बोली। उसने अपनी शार्टस से थोड़ा और उठाया और उसे भी चाटने लगी- “मैं तो इसे पूरे दिन खा सकती हूँ..” कहकर उसने समर को आँख मारी।
समर मन में- “वाह... मेरी दीदी तो एकदम रांड की तरह बिहेव कर रही है, और मैं उनके पीछे पागल होता जा रहा है। कितनी सेक्सी है दीदी। क्या ये सब सच में हो रहा है?" समर अपनी आँखों और अपनी किश्मत पर विश्वास नहीं कर पा रहा था।
नेहा- “तुझे पता है ना समर... अब हम वापस नार्मल नहीं हो सकते..." नेहा ने वीर्य खाते हुए कहा- “हमने जो ये शुरू किया है, ये अब आगे ही बढ़ेगा..."
आगे बढ़ेगा सुनकर समर के मन में तो खुशी की लहर दौड़ गई। उसकी आँखों में जो चमक आ गई वो नेहा ने देख ली।
नेहा- “तू चाहता है की आगे बढ़े ये?" नेहा ने पूछा। उसका दिल भी तेज धड़क रहा था।
समर ने नेहा की तरफ देखा, उसके होंठों पे उसका वीर्य लगा हुआ था। क्या सीन था, कहा- “हाँ... हाँ दीदी..." समर ने जवाब दिया।
नेहा- “मैं भी यही चाहती हूँ..” नेहा बोली- “तुझे धीरे-धीरे बहुत मजे मिलेंगे समर। ऐसे मजे जो शायद आज तक किसी बहन ने अपने भाई को ना दिए हो.." नेहा की चूत तो आग से भी गरम थी, वो लंबी-लंबी सांसें भर रही
थी- “मगर ये सब तुझे आसानी से नहीं मिलेगा। तुझे वो सब करना होगा जो मैं कहूँगी..”
अपनी दीदी के मुँह से ये बातें सुनकर समर का दिल उछलने लगा, और उसका लण्ड भी। दीदी मुझे हर मजा देगी। ऐसे आफर को कोई कैसे ठकरा सकता ह? कहा- “मैं हर चीज करूंगा दीदी। जो भी आप बोलोगी। हर चीज..” उसने सपाट से बोला।
उसके इतने तेज रिप्लाई से नेहा भी हैरान हो गई। समर की आँखों में उसको एक गहरी प्यास नजर आ रही थी,
और वो प्यास और किसी के लिए नहीं बल्की अपनी बहन के लिए ही थी।
नेहा- “वेरी गड समर...” नेहा बोली, वो फिर से अपनी शार्ट पे लगे वीर्य को अपनी चूत पे रगड़ने लगी- “मैं यही सुनना चाहती थी। क्योंकी मेरे लिए तू पहला काम आज से ही करेगा, और अभी से ही... तैयार है?"