hotaks444
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सोनिया के कॉलेज आने से पहले तक मैं शोभा दीदी को 2 बार ऑर चोद चुका था ,,,,,सोनिया के
आने से पहले हम ने घर की हालत ठीक करदी थी जो भी समान टूटा था डाइनिंग टेबल से गिरके
ऑर जितना भी शोभा दीदी की चूत का पानी ओर मेरे लंड के स्पर्म गिरा था ज़मीन पर हम ने
वो सब सॉफ कर दिया था सोनिया के आते ही दीदी किचन मे खाना बनाने चली गई ऑर सोफे पर
बैठ कर टीवी देखने लगा,,सोनिया अपने रूम मे जाके फ्रेश होके नीचे आ गई ऑर
डाइनिंग टेबल पर बैठ गई,,,,,शोभा दीदी खाना लेके आ गई ,,,,,,,,,,
दीदी आज आप खाना बना रही हो माँ कहाँ है,,,,,,,,,,,सोनिया ने पूछा,,,,
माँ गाओं गयी है उनके चाचा जी की तबीयत बहुत खराब है,,,,अब शायद बचने की उम्मीद
नही है ,,,,हॉस्पिटल वालो ने भी अब जवाब दे दिया है,, शोभा दीदी ने सोनिया को बताया
सोनिया की आँखें खाना कहते हुए नम होने लगी थी,,,,,,,,,,,वो थी ही ऐसी किसी का दर्द नही
देख सकती थी,,ऑर अब तो माँ के चाचा जी की बात हो रही थी जिनके बचने के चान्स बहुत
कम थे,,,,,,,,,
अरे पगली तू दिल छोटा मत कर ओर खाना खा आराम से,,,,भगवान ने चाहा तो सब ठीक होगा
,,,,वैसे भी उनकी उमर काफ़ी हो चुकी है ,,,,,,, शोभा दीदी ने सोनिया को समझाते हुए कहा
सोनिया फिर भी नम आँखे किए मुँह मे जो रोटी का नीवाला था उसको हल्के हल्के चबाती रही
,,,,,,,,
माँ वापिस कब आएगी दीदी,,,,,,,,,सोनिया ने खाना चबाते हुए पूछा
पता नही सोनिया,,,,,,,,,,4-5 दिन का तो बोलके गई है बाकी फोन करके बताने को बोला था
मामा जी ने,,,,,,,,,, शोभा ने जबाब दिया
शोभा ने इतनी बात की ऑर अपने रूम मे उपर की तरफ चली गई,,,,,
मेरा ध्यान उनकी बातों की तरफ था शोभा दीदी जब चली गई तो मैं उनको उपर जाते देख
रहा था वो सीडियाँ चढ़ कर उपर चली गई ऑर मेरी नज़रे वापिस पलट कर डाइनिंग टेबल की
तरफ गई तो सोनिया मेरी तरफ देख रही थी,,,,एक पल के लिए हम दोनो की नज़रे आपस मे मिली
ऑर वो खाने खाने के लिए प्लेट की तरफ देखने लगी जबकि मैं वापिस टीवी देखने लगा,,,,,,,,
उसने भी दोबारा मेरी तरफ देखा या नही मुझे नही पता लेकिन मेरी हिम्मत नही हुई
दोबारा उसकी तरफ देखने की,,,,,,,,,,ये नही है कि मुझे उस से डर लगता था बल्कि जब भी उसकी
तरफ देखता तो वो अजीब नज़रो से मुझे देखने लग जाती उसकी नज़रो मे गुस्सा नही होता था
लेकिन जो भी भावना होती थी उसके देखने के अंदाज़ मे मैं उसको समझ नही पा रहा
था ऑर बेचैन हो जाता था ऑर यही बेचैनी मुझे डरने लग जाती थी,,,,,,,,,
सोनिया ने भी खाना खाया ऑर उपर रूम मे चली गई ऑर मैं टीवी देखने मे बिज़ी हो गया
,,,,,,,,,,,,,
रात को हम लोग उपर बुआ की किचन के बाहर डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना खा रहे
थे ,,,,माँ नही थी इसलिए सबका खाना उपर ही बनाया था बुआ ने,,,,,,,,,सब लोगो ने खाना
ख्तम किया ऑर अपने अपने रूम मे चले गये,,,मैं भी अपने रूम मे आया ऑर कुछ देर
लॅपटॉप पर गेम खेलने लगा ,,,,तब तक सोनिया बाहर ही थी ,,,,कुछ देर बाद मैं शवर
लेने के लिए बाथरूम मे चला गया ऑर जब बाहर आया तो बाहर का नजारा देख कर आँखें
फटी की फटी रह गई,,,,बाहर सोनिया बर्म्यूडा पहन कर मिरर के सामने खड़ी थी उसने
उपर सिर्फ़ ब्रा पहना हुआ था अभी वो ब्रा को बाँध ही रही थी ऑर तभी उसका ध्यान मिरर
मे मेरी तरफ गया मैं बाथरूम मे डोर पर खड़ा उसको देख रहा था उसने जल्दी से
वापिस पलट कर अपनी टी-शर्ट उठाई ऑर अपने सीने को ऐसे ही टी-शर्ट से ढक लिया ,,,,,,उसके
हाथों मे टी-शर्ट थी ऑर उसने दोनो हाथों से टी-शर्ट पकड़ कर खुद को ढका हुआ था ,,,
वो मेरी तरफ देख रही थी ऑर मैं उसकी तरफ ना वो कुछ बोल रही थी ऑर ना ही मैं,,,,,,,,तभी
अचानक मेरा फोन बजने लगा ऑर हम दोनो सपने से जाग गये ऑर मैं तेज़ी से अपने बेड
पर पड़े हुए फोन की तरफ बढ़ा ऑर फोन उठा कर जल्दी से रूम से बाहर चला गया ऑर
जाते जाते सोनिया को सॉरी बोल गया लेकिन मैने पलट कर उसकी तरफ नही देखा था,,,,,,,,,,,
फोन करण का था उसको आज भी चूत लेने का मन हो रहा था लेकिन मैने मना कर दिया
बोला कि आज बुआ है बुटीक पर आज मुश्किल है,,,,मैने ऐसा क्यूँ किया नही जानता,,,,,दिल तो
मेरा भी था आज चूत लेने को लेकिन फिर भी मैने करण को मना कर दिया था ना जाने
क्यू,,,,शायद अभी जो कुछ मेरे रूम मे हुआ ऑर जिस हालत मे मैं सोनिया को देखा ऑर जिस
तरह से चुप चाप वो मुझे देख रही थी शायद उसकी वजह से मैं बेचैन हो गया
था,,,,,,,,,,फोन पर बात करने के बाद भी मेरा दिल नही कर रहा था रूम मे जाने को
पता नही वो क्या सोच रही होगी ,,,मेरी हिम्मत नही हो रही थी उसका सामना करने की मैं
बहुत डर गया था,,,,लेकिन रूम मे तो जाना ही था,,,,,,मैं डरते हुए अपने रूम मे गया ,,
मैने सोनिया की तरफ एक बार भी नही देखा ऑर सीधा अपने बेड पर जाके अपनी तरफ की लाइट
ऑफ करके चद्दर लेके सोनिया की तरफ पीठ की ऑर लेट गया,,,,,,,,मुझे नींद तो नही आ रही
थी फिर भी मैं सोने की कोशिश करने लगा,,,,,,,,,काफ़ी टाइम तक मेरी आँख नही लगी अब
तो सोनिया भी शायद सो चुकी होगी मैने हिम्मत करके उसकी तरफ फेस किया ऑर देखा तो होश
उड़ गये फिर से वो बेड पर बैठी हुई थी ऑर मेरी तरफ देख रही थी उसी तरह अजीब नज़रो से ,,
मुझसे उसका इस तरह मुझे देखना मेरे से बर्दाश्त नही हो रहा था ,,,मैं बहुत ज़्यादा
बेचैन हो गया था दिल तो किया एक बार पूछ लूँ उसको कि तुम ऐसे क्यूँ देख रही हो
मुझे लेकिन हिम्मत नही हो रही थी मैं वापिस फेस दूसरी तरफ करके लेट गया ऑर सोने
की कोशिश करने लगा लेकिन नींद तो मेरी आँखों से आज कोसों दूर थी तभी ना जाने
मुझे क्या हुआ मैने चद्दर उठाई ऑर अपना लॅपटॉप लिया ऑर रूम से जाने लगा तो देखा
कि रात के 1 बज रहे थे एक पल के लिए मैं हैरान हो गया कि 10 बजे डिन्नर किया था
करीब 10:30 तक मैं शवर भी ले चुका था उसके बाद 2 मिनिट ही करण से फोन
पर बात हुई थी तबसे मैं ऐसे ही लेटा हुआ था ऑर क्या सोनिया भी तबसे मुझे ऐसे ही
देख रही थी एक पल मे इतना कुछ सोच कर मैं फिर बेचैन होने लगा अब ऑर ज़्यादा
बेचैन होने से बचने के लिए मैं दरवाजा खोलके नीचे चला गया,,,,माँ के रूम मे
तो डॅड थे इसलिए मैने सोचा कि मैं आज रात को मामा के रूम मे सो जाता हूँ रूम
से निकलते हुए भी मैने सोनिया की तरफ नही देखा था,,,,,,,,,,मामा के रूम मे अभी आ
ही रहा था कि मैने देखा कि डॅड के रूम का दरवाजा खुला ऑर बुआ वहाँ से बाहर
निकल कर किचन की तरफ जाने लगी मैं जल्दी से पीछे हो गया ऑर छुप गया जब बुआ वापिस
डॅड के रूम मे चली गई तो मैं भी मामा के रूम मे चला गया,,,,,,,,,,,,,मामा के रूम
मे जाके मैं बेड पर लेट गया ,,,,,,
बुआ अगर डॅड के रूम मे थी तो हो सकता था शोभा भी वहीं हो मेरा दिल किया क्यूँ ना आज
डॅड के रूम मे चला जाए ऑर जैसे माँ ऑर मामा के साथ मज़ा किया वैसे डॅड बुआ ऑर
शोभा के साथ भी ग्रूप सेक्स का मज़ा लिया जाए लेकिन मेरा दिल नही माना क्यूकी दिल आज कुछ
बेचैन था मेरा पता नही क्या हो गया था इतना ज़्यादा बेचैन हो गया कि इतनी सारी चूत
मिल सकती थी रात को लेकिन मेरा दिल ही नही कर रहा था किसी भी चूत का मज़ा लेने के लिए,,
अब बेचैनी से बचने क लिए मैने लॅपटॉप ऑन किया ऑर गेम खेलने लगा ऑर कब गेम
खेलते हुए मुझे नींद आ गई पता ही नही चला,,,,,सुबह उठा ऑर अपने रूम मे चला
गया सोनिया अभी सो रही थी मैने लॅपटॉप को बेड पर रखा ऑर फ्रेश होके तैयार हो गया टाइम
देखा तो अभी काफ़ी टाइम था कॉलेज जाने को तो मैं नीचे जाके टीवी ऑन करके सोफे पर बैठ
गया तभी डॅड के रूम का दरवाजा खुला ऑर बुआ बाहर आ गई ऑर जैसे ही बुआ की नज़र
मेरे पर पड़ी वो डर गई मुझे वहाँ देख कर फिर आँखें मलती हुई खुद को संभालते
हुए बोली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम यहाँ क्या कर रहे हो सन्नी इतनी जल्दी कैसे उठ गये आज,,,,,,,,,,,,
मैने सोचा क्या बोलूं अब आपको बुआ कि कल रात मुझे नींद ही नही आई ठीक से,,,,कुछ
नही बुआ बस ऐसे ही आज सुबह जल्दी हो गई मेरी ,,,,,,,, मैने बुआ से कहा
बुआ हँसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,
आप यहाँ क्या कर रही थी बुआ डॅड के रूम मे,,,,,,,,,,,,,,,मैने बुआ से पूछा
बुआ डरते हुए सहमी हुई आवाज़ मे बोली,,मैं तो तेरे डॅड को उठाने आई थी आज तेरी माँ नही है ना
जो तेरे डॅड को उठा दे सो मैं उठाने चली आई इतना बोलकर बुआ जल्दी से कुछ ऑर बोले बिना सीडियाँ
चढ़ कर अपने रूम की तरफ उपर चली गई ,,,,,,
मैने सोचा की अगर बुआ यहाँ है तो शोभा भी यहीं होगी डॅड के
रूम मे इसलिए मैं वहाँ से उठकर आगे गया ऑर डॅड के रूम से अंदर देखने लगा लेकिन
वहाँ कोई नही था डॅड उठकर बाथरूम चले गये थे ऑर बाकी रूम खाली था शायद
शोभा नही आई होगी रात को बुआ के साथ डॅड के रूम मे ,,,,,,,मैं वापिस जाके टीवी देखने
लगा,,,,,,,,,अभी कुछ देर ही हुई थी टीवी देखते तभी मेरे सर पे हल्का सा थप्पड़ लगा ,,,,,,,
कहाँ था रात को तू सन्नी ,,,,,,,,, शोभा दीदी ने मुझसे पूछा
,मैने पीछे मूड कर देखा तो शोभा दीदी थी नाइटी मे,,
,,,मैं तो यहीं था दीदी आप कहाँ थी,,,,,,,,,,,,,,, मैने शोभा से पूछा
मैं भी यहीं थी मुझे कहाँ जाना था ,, रात तेरे रूम मे गई थी मैं तब तो सोनिया अकेली थी
रूम मे तुम तो नही थे वहाँ पर,..शोभा ने जबाब दिया
,क्यू दीदी आप मेरे रूम मे क्यू गई थी मैने हँसते हुए पूछा
तभी दीदी ने हल्के से एक ऑर थप्पड़ मारा,,,,,,,,,,बस ऐसे ही गई थी तेरे रूम मे,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी-दीदी मैं रात को नीचेसोया था मामा जी क रूम मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शोभा--मामा जी के रूम मे सोया था तो मुझे बता नही
सकता था मैं भी यहीं आ जाती तेरे पास पता है रात कितना मूड था मेरा,,तू मेरे को
बता नही सकता था सन्नी मैं यहाँ आ जाती या तेरे को अपने रूम मे ले जाती मैं भी
अकेली बोर होती रही रात भर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी-अकेली क्यू दीदी बुआ नही थी क्या साथ मे ,,,,,,,,,,,
आने से पहले हम ने घर की हालत ठीक करदी थी जो भी समान टूटा था डाइनिंग टेबल से गिरके
ऑर जितना भी शोभा दीदी की चूत का पानी ओर मेरे लंड के स्पर्म गिरा था ज़मीन पर हम ने
वो सब सॉफ कर दिया था सोनिया के आते ही दीदी किचन मे खाना बनाने चली गई ऑर सोफे पर
बैठ कर टीवी देखने लगा,,सोनिया अपने रूम मे जाके फ्रेश होके नीचे आ गई ऑर
डाइनिंग टेबल पर बैठ गई,,,,,शोभा दीदी खाना लेके आ गई ,,,,,,,,,,
दीदी आज आप खाना बना रही हो माँ कहाँ है,,,,,,,,,,,सोनिया ने पूछा,,,,
माँ गाओं गयी है उनके चाचा जी की तबीयत बहुत खराब है,,,,अब शायद बचने की उम्मीद
नही है ,,,,हॉस्पिटल वालो ने भी अब जवाब दे दिया है,, शोभा दीदी ने सोनिया को बताया
सोनिया की आँखें खाना कहते हुए नम होने लगी थी,,,,,,,,,,,वो थी ही ऐसी किसी का दर्द नही
देख सकती थी,,ऑर अब तो माँ के चाचा जी की बात हो रही थी जिनके बचने के चान्स बहुत
कम थे,,,,,,,,,
अरे पगली तू दिल छोटा मत कर ओर खाना खा आराम से,,,,भगवान ने चाहा तो सब ठीक होगा
,,,,वैसे भी उनकी उमर काफ़ी हो चुकी है ,,,,,,, शोभा दीदी ने सोनिया को समझाते हुए कहा
सोनिया फिर भी नम आँखे किए मुँह मे जो रोटी का नीवाला था उसको हल्के हल्के चबाती रही
,,,,,,,,
माँ वापिस कब आएगी दीदी,,,,,,,,,सोनिया ने खाना चबाते हुए पूछा
पता नही सोनिया,,,,,,,,,,4-5 दिन का तो बोलके गई है बाकी फोन करके बताने को बोला था
मामा जी ने,,,,,,,,,, शोभा ने जबाब दिया
शोभा ने इतनी बात की ऑर अपने रूम मे उपर की तरफ चली गई,,,,,
मेरा ध्यान उनकी बातों की तरफ था शोभा दीदी जब चली गई तो मैं उनको उपर जाते देख
रहा था वो सीडियाँ चढ़ कर उपर चली गई ऑर मेरी नज़रे वापिस पलट कर डाइनिंग टेबल की
तरफ गई तो सोनिया मेरी तरफ देख रही थी,,,,एक पल के लिए हम दोनो की नज़रे आपस मे मिली
ऑर वो खाने खाने के लिए प्लेट की तरफ देखने लगी जबकि मैं वापिस टीवी देखने लगा,,,,,,,,
उसने भी दोबारा मेरी तरफ देखा या नही मुझे नही पता लेकिन मेरी हिम्मत नही हुई
दोबारा उसकी तरफ देखने की,,,,,,,,,,ये नही है कि मुझे उस से डर लगता था बल्कि जब भी उसकी
तरफ देखता तो वो अजीब नज़रो से मुझे देखने लग जाती उसकी नज़रो मे गुस्सा नही होता था
लेकिन जो भी भावना होती थी उसके देखने के अंदाज़ मे मैं उसको समझ नही पा रहा
था ऑर बेचैन हो जाता था ऑर यही बेचैनी मुझे डरने लग जाती थी,,,,,,,,,
सोनिया ने भी खाना खाया ऑर उपर रूम मे चली गई ऑर मैं टीवी देखने मे बिज़ी हो गया
,,,,,,,,,,,,,
रात को हम लोग उपर बुआ की किचन के बाहर डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना खा रहे
थे ,,,,माँ नही थी इसलिए सबका खाना उपर ही बनाया था बुआ ने,,,,,,,,,सब लोगो ने खाना
ख्तम किया ऑर अपने अपने रूम मे चले गये,,,मैं भी अपने रूम मे आया ऑर कुछ देर
लॅपटॉप पर गेम खेलने लगा ,,,,तब तक सोनिया बाहर ही थी ,,,,कुछ देर बाद मैं शवर
लेने के लिए बाथरूम मे चला गया ऑर जब बाहर आया तो बाहर का नजारा देख कर आँखें
फटी की फटी रह गई,,,,बाहर सोनिया बर्म्यूडा पहन कर मिरर के सामने खड़ी थी उसने
उपर सिर्फ़ ब्रा पहना हुआ था अभी वो ब्रा को बाँध ही रही थी ऑर तभी उसका ध्यान मिरर
मे मेरी तरफ गया मैं बाथरूम मे डोर पर खड़ा उसको देख रहा था उसने जल्दी से
वापिस पलट कर अपनी टी-शर्ट उठाई ऑर अपने सीने को ऐसे ही टी-शर्ट से ढक लिया ,,,,,,उसके
हाथों मे टी-शर्ट थी ऑर उसने दोनो हाथों से टी-शर्ट पकड़ कर खुद को ढका हुआ था ,,,
वो मेरी तरफ देख रही थी ऑर मैं उसकी तरफ ना वो कुछ बोल रही थी ऑर ना ही मैं,,,,,,,,तभी
अचानक मेरा फोन बजने लगा ऑर हम दोनो सपने से जाग गये ऑर मैं तेज़ी से अपने बेड
पर पड़े हुए फोन की तरफ बढ़ा ऑर फोन उठा कर जल्दी से रूम से बाहर चला गया ऑर
जाते जाते सोनिया को सॉरी बोल गया लेकिन मैने पलट कर उसकी तरफ नही देखा था,,,,,,,,,,,
फोन करण का था उसको आज भी चूत लेने का मन हो रहा था लेकिन मैने मना कर दिया
बोला कि आज बुआ है बुटीक पर आज मुश्किल है,,,,मैने ऐसा क्यूँ किया नही जानता,,,,,दिल तो
मेरा भी था आज चूत लेने को लेकिन फिर भी मैने करण को मना कर दिया था ना जाने
क्यू,,,,शायद अभी जो कुछ मेरे रूम मे हुआ ऑर जिस हालत मे मैं सोनिया को देखा ऑर जिस
तरह से चुप चाप वो मुझे देख रही थी शायद उसकी वजह से मैं बेचैन हो गया
था,,,,,,,,,,फोन पर बात करने के बाद भी मेरा दिल नही कर रहा था रूम मे जाने को
पता नही वो क्या सोच रही होगी ,,,मेरी हिम्मत नही हो रही थी उसका सामना करने की मैं
बहुत डर गया था,,,,लेकिन रूम मे तो जाना ही था,,,,,,मैं डरते हुए अपने रूम मे गया ,,
मैने सोनिया की तरफ एक बार भी नही देखा ऑर सीधा अपने बेड पर जाके अपनी तरफ की लाइट
ऑफ करके चद्दर लेके सोनिया की तरफ पीठ की ऑर लेट गया,,,,,,,,मुझे नींद तो नही आ रही
थी फिर भी मैं सोने की कोशिश करने लगा,,,,,,,,,काफ़ी टाइम तक मेरी आँख नही लगी अब
तो सोनिया भी शायद सो चुकी होगी मैने हिम्मत करके उसकी तरफ फेस किया ऑर देखा तो होश
उड़ गये फिर से वो बेड पर बैठी हुई थी ऑर मेरी तरफ देख रही थी उसी तरह अजीब नज़रो से ,,
मुझसे उसका इस तरह मुझे देखना मेरे से बर्दाश्त नही हो रहा था ,,,मैं बहुत ज़्यादा
बेचैन हो गया था दिल तो किया एक बार पूछ लूँ उसको कि तुम ऐसे क्यूँ देख रही हो
मुझे लेकिन हिम्मत नही हो रही थी मैं वापिस फेस दूसरी तरफ करके लेट गया ऑर सोने
की कोशिश करने लगा लेकिन नींद तो मेरी आँखों से आज कोसों दूर थी तभी ना जाने
मुझे क्या हुआ मैने चद्दर उठाई ऑर अपना लॅपटॉप लिया ऑर रूम से जाने लगा तो देखा
कि रात के 1 बज रहे थे एक पल के लिए मैं हैरान हो गया कि 10 बजे डिन्नर किया था
करीब 10:30 तक मैं शवर भी ले चुका था उसके बाद 2 मिनिट ही करण से फोन
पर बात हुई थी तबसे मैं ऐसे ही लेटा हुआ था ऑर क्या सोनिया भी तबसे मुझे ऐसे ही
देख रही थी एक पल मे इतना कुछ सोच कर मैं फिर बेचैन होने लगा अब ऑर ज़्यादा
बेचैन होने से बचने के लिए मैं दरवाजा खोलके नीचे चला गया,,,,माँ के रूम मे
तो डॅड थे इसलिए मैने सोचा कि मैं आज रात को मामा के रूम मे सो जाता हूँ रूम
से निकलते हुए भी मैने सोनिया की तरफ नही देखा था,,,,,,,,,,मामा के रूम मे अभी आ
ही रहा था कि मैने देखा कि डॅड के रूम का दरवाजा खुला ऑर बुआ वहाँ से बाहर
निकल कर किचन की तरफ जाने लगी मैं जल्दी से पीछे हो गया ऑर छुप गया जब बुआ वापिस
डॅड के रूम मे चली गई तो मैं भी मामा के रूम मे चला गया,,,,,,,,,,,,,मामा के रूम
मे जाके मैं बेड पर लेट गया ,,,,,,
बुआ अगर डॅड के रूम मे थी तो हो सकता था शोभा भी वहीं हो मेरा दिल किया क्यूँ ना आज
डॅड के रूम मे चला जाए ऑर जैसे माँ ऑर मामा के साथ मज़ा किया वैसे डॅड बुआ ऑर
शोभा के साथ भी ग्रूप सेक्स का मज़ा लिया जाए लेकिन मेरा दिल नही माना क्यूकी दिल आज कुछ
बेचैन था मेरा पता नही क्या हो गया था इतना ज़्यादा बेचैन हो गया कि इतनी सारी चूत
मिल सकती थी रात को लेकिन मेरा दिल ही नही कर रहा था किसी भी चूत का मज़ा लेने के लिए,,
अब बेचैनी से बचने क लिए मैने लॅपटॉप ऑन किया ऑर गेम खेलने लगा ऑर कब गेम
खेलते हुए मुझे नींद आ गई पता ही नही चला,,,,,सुबह उठा ऑर अपने रूम मे चला
गया सोनिया अभी सो रही थी मैने लॅपटॉप को बेड पर रखा ऑर फ्रेश होके तैयार हो गया टाइम
देखा तो अभी काफ़ी टाइम था कॉलेज जाने को तो मैं नीचे जाके टीवी ऑन करके सोफे पर बैठ
गया तभी डॅड के रूम का दरवाजा खुला ऑर बुआ बाहर आ गई ऑर जैसे ही बुआ की नज़र
मेरे पर पड़ी वो डर गई मुझे वहाँ देख कर फिर आँखें मलती हुई खुद को संभालते
हुए बोली,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम यहाँ क्या कर रहे हो सन्नी इतनी जल्दी कैसे उठ गये आज,,,,,,,,,,,,
मैने सोचा क्या बोलूं अब आपको बुआ कि कल रात मुझे नींद ही नही आई ठीक से,,,,कुछ
नही बुआ बस ऐसे ही आज सुबह जल्दी हो गई मेरी ,,,,,,,, मैने बुआ से कहा
बुआ हँसने लगी,,,,,,,,,,,,,,,
आप यहाँ क्या कर रही थी बुआ डॅड के रूम मे,,,,,,,,,,,,,,,मैने बुआ से पूछा
बुआ डरते हुए सहमी हुई आवाज़ मे बोली,,मैं तो तेरे डॅड को उठाने आई थी आज तेरी माँ नही है ना
जो तेरे डॅड को उठा दे सो मैं उठाने चली आई इतना बोलकर बुआ जल्दी से कुछ ऑर बोले बिना सीडियाँ
चढ़ कर अपने रूम की तरफ उपर चली गई ,,,,,,
मैने सोचा की अगर बुआ यहाँ है तो शोभा भी यहीं होगी डॅड के
रूम मे इसलिए मैं वहाँ से उठकर आगे गया ऑर डॅड के रूम से अंदर देखने लगा लेकिन
वहाँ कोई नही था डॅड उठकर बाथरूम चले गये थे ऑर बाकी रूम खाली था शायद
शोभा नही आई होगी रात को बुआ के साथ डॅड के रूम मे ,,,,,,,मैं वापिस जाके टीवी देखने
लगा,,,,,,,,,अभी कुछ देर ही हुई थी टीवी देखते तभी मेरे सर पे हल्का सा थप्पड़ लगा ,,,,,,,
कहाँ था रात को तू सन्नी ,,,,,,,,, शोभा दीदी ने मुझसे पूछा
,मैने पीछे मूड कर देखा तो शोभा दीदी थी नाइटी मे,,
,,,मैं तो यहीं था दीदी आप कहाँ थी,,,,,,,,,,,,,,, मैने शोभा से पूछा
मैं भी यहीं थी मुझे कहाँ जाना था ,, रात तेरे रूम मे गई थी मैं तब तो सोनिया अकेली थी
रूम मे तुम तो नही थे वहाँ पर,..शोभा ने जबाब दिया
,क्यू दीदी आप मेरे रूम मे क्यू गई थी मैने हँसते हुए पूछा
तभी दीदी ने हल्के से एक ऑर थप्पड़ मारा,,,,,,,,,,बस ऐसे ही गई थी तेरे रूम मे,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी-दीदी मैं रात को नीचेसोया था मामा जी क रूम मे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
शोभा--मामा जी के रूम मे सोया था तो मुझे बता नही
सकता था मैं भी यहीं आ जाती तेरे पास पता है रात कितना मूड था मेरा,,तू मेरे को
बता नही सकता था सन्नी मैं यहाँ आ जाती या तेरे को अपने रूम मे ले जाती मैं भी
अकेली बोर होती रही रात भर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सन्नी-अकेली क्यू दीदी बुआ नही थी क्या साथ मे ,,,,,,,,,,,