Hindi Sex Chudai ये कैसी जिंदगी - SexBaba
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Hindi Sex Chudai ये कैसी जिंदगी

hotaks444

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Nov 15, 2016
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दोस्तो आप के लिए एक और कहानी शुरू कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ आपको ये कहानी भी ज़रूर पसंद आएगी .
वैसे तो हर किसी की जिंदगी में बहुत ही उतार चढ़ाव होते है पर मेरी जिंदगी कुछ ज़्यादा ही उलझने थी वो क्या थी और क्यों थी ये सब आप जैसे जैसे कहानी पढ़ते जाएँगे आपको पता चलता रहेगा . दोस्तो अब इस कहानी के पात्रों के बारे में भी जान लेते है


कॅरेक्टर्स: फादर: मोहन सिंग "ए बिग बिज्निस मॅन. बहुत पैसा है इनके पास. या यू कहो तो इस आदमी की ज़िंदगी मे पैसे से बढ़ कर कुछ नही" 

मदर(डेड): रागिनी सिंग "आगे इनके बारे मे बताता हू" 

स्टेप-मदर: वैशाली सिंग "बहुत अच्छे स्वाभाव की महिला. अपनी बॉडी को मेनटेन रखा है. तभी 42 की होने के बावजूद 28 की दिखती है"

स्टेप-सिस्टर: उर्वशी(उर्वी) "बस अगर इसके बारे मे लिखूं तो 100स पेज भर जाएँगे.. जान है मेरी .. या यूँ कहो मेरा सब कुछ."

मैं: राहुल सिंग "लोग कहते है अपने मुँह से खुद की तारीफ नही करनी चाहिए .. " आज 6 अगस्त है. मेरा बर्तडे. यही एक दिन ऐसा है जिस दिन मैं उर्वी से मिल सकता हूँ . 

क्यू? आगे बचपन: मेरा बाप एक निहायत लालची इंसान है. मेरी मोम से उसकी शादी हुई. अरेंज मॅरिज थी. फिर जो होना था वही हुआ. मोम एक अच्छी संस्कारी युवती थी बट पापा नशा और अययाशी उनका डेली का काम था. शादी के 1साल बाद मेरा जन्म हुआ. उसके बाद पापा ऐसे बिहेव करने लगे जैसे माँ की उनको ज़रूरत नही. रोज़ शराब के नशे मे आके उनको पीट ते. खैर यह सिल सिला ज़्यादा नही चला. मेरी बर्त ऑपरेशन से हुई थी. एक दिन पापा ने मोम को बेल्ट से पीटा. चूँकि अभी पेट पर टाँके थे इसलिए जब बेल्ट पेट पर लगा तो पूरा ज़ख़्म बन गया.. माँ चिल्लाती रही मगर उनकी आवाज़ उस हवेली से बाहर न्ही जा सकी.. पापा शराब के नशे मे थे या बेहोश हो गये. और माँ के पेट से खून बहता रहा.
 
सुबह तक खून बहने की वजह से वो भगवान के पास चली गयी. कोई पोलीस केस नही हुआ.. पापा बड़े आदमी थे पैसा खिला के सब का मुँह बंद करा दिया और इस मर्डर को एक्सीडेंट का नाम दे दिया. जल्द ही पापा ने दूसरी शादी की क्यू कि मुझे देखने वाला कोई नही था.. उनकी रंडियाँ कब तक मुझे संभालती. मेरी दूसरी माँ वैशाली ने बहुत प्यार दिया जब तक उर्वी पैदा ना हो गयी. उर्वी के पैदा होने के बाद फिर वही हुआ बट इस बार माँ ने उनका सामना किया और अपना शोषण नही होने दिया.. नतीजा यह निकला उनका डाइवोर्स हो गया और माँ उर्वी को लेके चली गई.. और मैं अकेला रह गया.. हर रात मैं उर्वी और माँ को मिस करता रहा हूँ.. हर बर्थ डे तो मा( मैड) के साथ मनाता रहा हूँ.आज मैं कॉलेज से आया और खाना खा के अपने कमरे मे लेट गया और फिर उर्वी की यादों ने मुझे घैर लिया... वो कैसी दिखती होगी? क्या वो मुझे पहचानेगी अगर उससे मैं मिलू? कही वो मुझ से नफ़रत ना करती हो? और करे भी क्यू नही मेरे बाप की वजह से वो दोनो बेघर हुए थे.. पर इसमे मेरी क्या ग़लती... माँ कैसी होगी? क्या करती होगी? कहीं उन्होने शादी तो नही कर ली?

इन्ही सब सोचों मे गुम था.. मेरी आँख लगी ही थी कि मेरा फोन वाइब्रट करने लगा..मैने देखा कोई अकनोन नंबर. है मैने कॉल पिक की.. 

मे: हेलो? कॉलर: हाई कैसे हो आप? मे: हूस दिस? कॉलर: पता था भूल जाएँगे. ओके बाइ. कॉल कट जो गई.. 

मैने ज़्यादा ध्यान नही दिया.. और फिर से नींद ने मुझे घेर लिया .. मुझे कुछ ही देर मे ताई मा ने उठा दिया. उठा फ्रेश हो के डिन्नर किया और वॉक के लिए बाहर निकल गया... वॉक करते करते ऐसे ही फोन पे टुक टुक करने लगा. फिर मैने सोचा देखु तो कॉन है जिसने फोन किया था? मैने रिटर्न कॉल लगा दी बट स्विच्ड ऑफ बता रहा था. मैं कुछ दूर गया फिर वापस आ गया. कुछ होम वर्क था बट मन नही कर रहा था. मेरा ख़याल सोनम पे गया. 

सोनम: मेरी क्लासमेट... इससे मेरी दोस्ती दुश्मनी से शुरू हुई..

पास्ट: 

हम सब ने 9थ के फाइनल एग्ज़ॅम्स क्लियर कर लिए थे. आज 10थ का फर्स्ट क्लास था . हम सब बैठे गप्पे मार रहे थे क्यू कि फर्स्ट पीरियड खाली था. जैसे ही बेल बजी एक बूढ़ा आदमी एक लड़की के साथ आया.
आदमी: हाई स्टूडेंट्स माइ नेम इस अविनाश आंड आइ'म युवर न्यू प्रिन्सिपल. आंड दिस ईज़ माइ डॉटर सोनम.
और पीछे से मॅम आ गयी.
मॅम: सॉरी सर लेट हो गयी.
प्रिन्सिपल (प्रिंसी इन शॉर्ट): कोई बात ऩही आप क्लास स्टार्ट करिए और कह के क्लास से निकल गये मैं 1स्ट रो की 3र्ड सीट पे था और सोनम 2न्ड रो की 2न्ड सीट पे थी. वो बहोत ही क्यूट दिख रही थी मुझे तो ध्यान ही नही रहा और ऐसे ही मुँह से निकल गया
मे:"क्या मस्त आइटम है"
माइ फरन्ड1:"साली एक दम पटाखा है"
अनदर फरन्ड:"मिल जाए तो लाइफ सेट है यार."
उसने तुरंत पलट के हमारी तरफ देखा मेरी तो फट गयी. बीसी प्रिंसी की बेटी थी गान्ड फाड़ देगा अगर उसे पता चला. मैने एक झूठी स्माइल पास की और आगे देखने लगा.. काफ़ी देर तक वो घूरती रही हमारी तो फटी पड़ी थी. मैने सोचा नही था 1स्ट डे लोचा हो जाएगा. इंटर्वल मे हम कॅंटीन मे समोसे ठूंस रहे थे कि वो सामने से गुज़री उसके साथ मेरी एक और क्लासमेट थी ईवन काफ़ी अच्छी दोस्त थी .. मेघा
सोनम:" कुछ लोग क्लास से कम होने वाले हैं"
मेघा:"क्यू ? तू इतनी भी अच्छी नही कि तुझे देख के लड़के मर जाएँ "
सोनम:"आ तुझे बताती हू" मेरी तो बुरी फटी .. मेरे बाप के स्टेटस के दम पे मैं कुछ भी कर सकता था बट उस आदमी के घर पे रहना ही मेरे लिए शर्म की बात थी. मगर कोई चारा नही था. कोर्ट ने छोटी माँ को मुझ से मिलने से मना किया था. फिर वो दोनो दूर जा के एक टेबल पे बैठ गयी.. कुछ देर की वार्ता लाप के दौरान मेघा ने कई बार हमारी तरफ देखा.. फिर सोनम चली गई मुझे घूरते हुए. मैं तुरंत उठ के मेघा के पास गया..
मे:"हाई"
मेघा:"हाई के बच्चे तेरी तो लग गई वो प्रिंसी की बेटी तेरी कंप्लेंट करेगी अपने बाप से! अब क्या करेगा?"
मे:"यार दूसरा कॉलेज ढूँढना पड़ेगा"
मेघा:" जा जाके माफी माँग ले कह के गयी है कि मैं तुम से कह दूं अगर तुम नही चाहते तुम्हारी कंप्लेन करे तो माफी माँग लो उससे"
मे:" माफी माइ फुट.. रुक आता हू"
मैं गुस्से मे उठा और सोनम को ढूँढने निकल पड़ा..वो लाइब्ररी की ओर जा रही थी..
मे:"ओये रुक.. सोनम नाम है ना तेरा" 
सोनम:"शकल से तो ठीक लगते हो कॅरक्टर गुन्दो वाला है" और आगे जाने लगी मैं तुरंत आगे जा के उसके सामने आया..
मे:"मुझे बात करनी है तुमसे"
सोनम:"करो ना रोका है क्या"
मे:"देख तुझे जो भी करना है अपने बाप की दम पे कर ले क्यू कि तू अकेले कुछ नही कर सकती " और "मैं यह बताने आया हूँ कि माफी तो मैं मर के भी नही मांगू तुझसे"

सोनम:" हाउ डेर यू ? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ऐसे बात करने की? ठीक है दिखाती हू मैं क्या कर सकती हूँ बिना पापा के हुहह " और वो चली गई मैं क्लास मे आया और बैठा सोचने लगा कही ज़्यादा पंगा तो नही ले लिया? जो भी होगा देखा जाएगा सोच के रिलॅक्स हो गया. कॉलेज ख़त्म हुआ घर आया खाया पिया मम्मी और उर्वी की याद आई और सो गया.. नेक्स्ट डे कॉलेज मे कुछ खास नही हुआ आफ्टर नेक्स्ट डे आज भी कुछ नही हुआ बस क्लास मे नोक झोक सोनम के साथ होती रही. वो काफ़ी पढ़ाकू है जानता हूँ बट मैं भी कम नहीं... उससे ज़रा भी पीछे नही रहा ईवन आगे ही रहा.. ऐसे दिन गुज़रने लगे वो रोज़ ज़्यादा चिढ़ने लगी और साथ ही साथ मेरे बेस्ट फ्रेंड रवि से मिलने जुलने लगी. जब मे रवि से पूछता तो कोई जवाब ना मिलता बस इतना ही कि हम दोस्त है. मुझे समझ नही आया मैने सोचा जाने दो.. और अपने काम करता रहा बट मैने तो यह नोटीस कर लिया आज कल रवि मुझसे दूर दूर रहने लगा है.. मैने फिर भी कुछ नही कहा.. पर एक दिन..
 
मैं ऐसे ही लॅब से गुज़र रहा था तो कुछ खुसुर फुसर की आवाज़ आई
मैने आगे बढ़ने की सोची बट मन मे आया देखता हूँ छुट्टी के बाद यहाँ क्या हो रहा है..
देखा मयंक और नीरज वहाँ पे खड़े थे .. जब मैने ध्यान दिया तो देखा एक के हाथ मे कॅमरा था..
यह क्या हो रहा है मैने सोचा
जब ध्यान से देखा तो पता चला
आगे वाले चेंबर से कुछ रेकॉर्ड कर रहे है.. जैसे ही बढ़ने को हुआ तो 'सोनम बाहर निकली मैं वही छुप गया.. पीछे रवि निकला ..मुझे अपनी आँखो पे बिलीव नही हुआ..
मैं मयंक की तरफ भागा इससे पहले वो कुछ समझ पाते मैने कॅम अपने क़ब्ज़े मे ले लिया.. मेमोरी कार्ड निकाल ली उन्हे वापस कर के भागा और कहा
"अगर रवि को पता चला तो साले गान्ड दिखाने लायक नही बचोगे"
मैं जानता था रवि उनसे पूछेगा उस बारे मे बट ज़्यादा एंक्वाइरी नही करेगा.. .
घर पहुँच कर लप्पी मे मेमोरी लगाई और देखने लगा सिर्फ़ दोनो किस्सिंग कर रहे थे..
मैने सोचा यह काफ़ी नही है रवि को सबक सिखाने के लिए..
मयंक को कॉल की..
मयंक:" हेलो"
मे: भैनचोद अगली बार कहाँ का प्लान है?
मयंक: भाई तू अरे कहीं का नही बस ऐसे ही गये थे वहाँ
मे: जितना पूछा उतना जवाब दे.. अगर सोनम की इज़्ज़त पे आँच भी आई ना काट डालूँगा तुम तीनो को
मयंक: कल शाम को रवि के फार्म हाउस पे हम 3नो ने सोनम के साथ करने का प्लान बनाया है
मे: साले तू कल जाएगा सोनम की लेने नही बल्कि रवि की और नीरज चूतिए को कहना मत आए वहाँ
मैं प्लॅनिंग करने लगा क्या करना है. मुझे यह समझ नही आ रही थी रवि क्यू ऐसा कर रहा है? क्या मुझ से कुछ...? नही बट इससे मुझ पे क्या फ़र्क पड़ेगा? सोच सोच के थक गया
खाया पिया और सो गया.
नेक्स्ट सुबह मयंक को मसेज किया "कब जाना है?" कुछ देर मे रिप्लाइ आया कॉलेज से सीधे. कॉलेज गया. पढ़ने मे मन नही लग रहा था. मैं यही सोच रहा था सोनम इतनी चीप कैसे हो सकती है . कुछ ही दिन मेऱवि के साथ सोने को तय्यार हो गई. खैर क्लास मे सोनम को देखता .. कभी रवि को.. लास्ट पीरियड चल रहा था.. बेल बजी और सब बाहर निकल गये..
मैं थोड़ी देर कॉलेज के पीछे चला गया और मयंक को अपने पास बुलाया मेसेज कर के.
कुछ देर मे मयंक आ गया.
मे: नीरज जा रहा है?
मयंक: नही.. मैने मना कर दिया उसको . वो मान गया
मे: चल अच्छा ( इससे पूछता हूँ सोनम को कैसे सेट किया रवि ने फार्म हाउस पे जाने को)
मे: यह बता रवि ने कैसे मना लिया सोनम को अपने साथ सेक्स करने के लिए?
मयंक: भाई सेक्स नही , वो तो उसे अपना फार्म हाउस दिखाने जा रहा है.
मे: अबे सोनम इत्ति भी भोली नही है जो उसे पता ना हो कि रवि क्या कर सकता है वहाँ उसके साथ.
मयंक: वही तो साले ने ऐसा ड्रामा किया मानना ही था
मे: कैसा ड्रामा?
मयंक: अरे वही प्यार के झूठे ड्रामे. उसने जब मना कर दिया तो रवि ने ऐसे ही उसे कह दिया कि वो रवि की एक बात नही मानती ना ही प्यार करती है. और यह भी कहा कि वो उसके बिना नही रह सकता और किसी दिन अपनी जान ले लेगा
मे: बहुत बड़ा मादर्चोद निकला साला. पर साला मुझ से बात क्यू नही कर रहा?
मयंक: बेटा यह तो वही बता सकता है!
मे: बहनचोद तमीज़ सिखानी पड़ेगी तुझे?
मयंक: यार ऐसे ही मज़ाक कर रहा था. अब चल आजा तू अपनी बाइक यही छोड़ दे मेरे साथ चल. मैं मान गया और निकल गया उसके साथ
रास्ते मे मे यही सोच रहा था कि ऐसी क्या बात है जो रवि मुझसे बात नही कर रहा? कुछ मिनिट मे हमे उसका फार्महाउस दिखने लगा.. बाइक वही पे छुपा दी और पैदल चलने लगे खेतो के सहारे (आइ मीन खेतो मे से )
हम वेट कर रहे थे कि कब वो आए. और कुछ देर मे रवि की बाइक दिखी
 
रवि की बाइक देख के मेरी हार्ट बीट बढ़ गयी .. 
(मन मे): साला आज क्या होने वाला है .. पता नही ये रोक पाउन्गा या नही .. साला मयंक कही धोखा ना दे दे ऐसा हुआ तो वो दोनो
मुझ पे भारी पड़ जाएँगे और इज़्ज़त का फालूदा बन जाएगा... मयंक से प्लान पूछता हूँ.
मे: अबे यह बता तू उसे ई मीन पहले रवि लेगा सोनम की या तू?
मयंक: रवि ही लेगा दिमाग़ नही है तेरे पास
मे मन मे) बेटा बस तू देख कितना दिमाग़ है (/मन मे)
मे:फिर तू कब लेने वाला था ? अबे तू पूरा प्लान क्यू नही बताता?
मयंक: यार भाई मुझे इस झंझट से बहुत डर लगता है बट रवि के इन्फ्लुयेन्स मे आके इस सब के लिए हामी भरी थी.
मे: भोसड़ी के साले चूत मिल रही है इस लिए हाँ कहा है बहाने बाजी ना कर तू मेरे से .. और सब बता कब क्या कैसे प्लान किया था तुम दोनो ने
मयंक थोडा हिचकिचाते हुए) रवि से पहले मुझे पहुँचना था और वहाँ एक अटॅच्ड बाथरूम है उसमे जाके एक कॅमरा लेके 
वीडियो शूट करना था. वहाँ पे एक होल है उसी मे से. फिर जब रवि कर ले तो मुझे जाना है सोनम के पास और उसे ब्लॅकमेल कर के मनाना है.
मे: अबे यह बता कि रवि को कैसे पता सोनम मान जाएगी देखने मे तो ऐसी नही लगती.
मयंक: उससे पूछा था मैने यही उसने कहा नही मानी तो मैं ज़बरदस्ती करूँगा और तू बाथरूम से बाहर आके वीडियो बना लेना 
फिर उसको हम लोग रंडी बना के रखेंगे
मे: रंडी.. भोसड़ी वाला उसकी बहन के साथ कोई करता तो उसे कैसा लगता .उसे छोड़ तेरी दिव्या के साथ कोई ऐसा करता तो तू क्या करता?
मयंक(म्सी इन शॉर्ट फ्रॉम नाउ): तू दिव्या की बात क्यू कर रहा है? साले अब बहुत हो रहा है.
मे: आवाज़ कम कर वरना पर्मनेंट्ली मूट कर दूँगा समझा???
म्सी: तू दिव्या की बात मत कर..
मे: लग गयी मिर्ची? साले वो भी किसी की बहेन होगी सोच उसपे क्या गुज़रेगी हरामी साले.
म्सी: ह्म्‍म्म्मम
मे: फ़ोन मिला रवि को और बोल तू लेट है वेट करे तेरा और पूछ लेना क्या चल रहा है अंदर?
रवि को फ़ोन मिलाता है ..
म्सी: हेलो!
रवि(रवि इन शॉर्ट फ्रॉम नाउ): ********
मे: अबे स्पीकर मोड पे डाल..
म्सी: यार रवि मैं बाहर हू .. सॉरी यार
रवि: अच्छा तू आ जा साली मान नही रही
म्सी: आता हू..
फोन कट.
म्सी: मैं जाता हू अंदर नही तो अगर वो बाहर आ गया तो गड्बड हो सकती है.
मे: अबे जा जल्दी .
म्सी दौड़ दिया और कुछ ही सेकेंड मे फार्म हाउस के अंदर हो लिया मेरा दिमाग़ 180 की स्पीड से चल रहा था कि करू तो क्या?
मैं भी चुपके से फार्म हाउस के मेन डोर की ओर बढ़ा ..
हल्के से गेट को पुश किया तो वो ओपन था.
मैं अंदर गया.. सिंगल फ्लोर था .. सामने दो रूम उसके बाहर कुछ स्पेस था पता नही किस लिए उसके बाद एक डोर था शायद स्टोर रूम बनाया होगा.. थोड़ी आवाज़ सामने के रूम से सुनाई दी तो थोड़ा आगे बढ़ा.. डोर से कान लगा के सुनने लगा तो गुऊ गुऊ गुऊ की आवाज़ आ रही थी..
की होल से देखा तो आँखे खुली रह गयी.. सोनम उपर से पूरी नंगी और उसके मुँह मे कपड़ा घुसा था .
थोड़ा गौर से देखा तो हाथ बँधे थे. और सर से थोड़ा खून निकल रहा था.
(मन मे) साला इतनी जल्दी यह सब कैसे हो गया 
मैने नज़र दौड़ानी चाही तो कुछ नही दीखा यह मयंक कहाँ है साला
मैं उस छोटे दरवाज़ी की तरफ बढ़ा .. थोड़ा पुश किया ओपन था ( थॅंक गॉड)
मैने अंदर जाअ के मोबाइल की रोशनी से कुछ ढूँढने लगा बचाव के लिए अगर मयंक ने धोखा दे दिया तो
कहते है ना अक़्ल मंद वो है जो हमेशा एक और योजना सोच के रखता है..
एक लकड़ी का टुकड़ा मिला उसमे जंग लगी कील्स निकली थी.. बहुत ख़तरनाक था अगर ग़लती से किसी को मार देता तो उसका मारना तो तय है.
मै वापस आया दरवाज़ा पुश किया .. वो भी ओपन था.. (थॅंक्स गॉड अगेन)

जैसे ही अंदर दाखिल हुआ सोनम की नज़र मुझ पे पड़ी. उस मासूम से चेहरे की क्या हालत बना दी थी उस रवि ने
मेरा खून तो देखते ही खौल गया ... 
नज़र दौड़ाई तो पाया रवि मुझे ही देख रहा है वो रूम के कोने मे नंगा लंड पे कुछ शायद तेल लगा रहा था..
मैं तुरंत आगे बढ़ा और उसका सर पकड़ थोड़ा अपनी ओर खींचा और अपना पाओ बेंड कर के घुटनो से लंड के जस्ट ऊपर मारा..
वो तो पेट पकड़ के बैठ गया ... 
रवि: अबे क्या हुआ तुझे? मुझे क्यू मार रहा है?
मैं कुछ नही बोला मगर मेरा गुस्सा अब हद से बाहर हो गया था मेरा मन चाह रहा था कि उसके टट्टो पे ऐसा लात मारू कि ज़िंदगी झंड हो जाए बट कंट्रोल किया..
एक लात सर पे घुमा के दी तो वो ढेर हो गया ...दो चार लात पेट मे और मारी..
मारता गया .. मुझ पे एक जुनून सवार हो गया था .. अगर मयंक ना रोकता उस दिन तो उसे मार ही डालता
म्सी: छोड़ दे इसे .. बस कर मिल गया इसे सबक छोड़ वो मुझे खींच रहा था
और उसने खीच के दूसरी तरफ धक्का दिया..
म्सी: मार डालेगा इसे? ( चीखता हुए?) माना यह ग़लत कर रहा था बट तू कॉन होता है इसकी जान लेने वाला
बस कर इतनी मार खाने के बाद यह अपनी पूरी लाइफ मे किसी लड़की के साथ ऐसा करने से कतराएगा.
मे: थोड़ा शांत होते हुए इसे लेजा .. मेरी आँखों के सामने से
म्सी उसे उठा के बाइक की चाभी मेरी तरफ फेक के बोला
म्सी: इसे घर छोड़ के मेरे घर पे मिल.
मे: कल कॉलेज लेके आ जाउन्गा तेरी बाइक..आज मूड नही है कुछ करने का
म्सी: ओके
और वो चला गया...
मैने एक नज़र सोनम पे डाली उस मासूम की आँखों मे अब सुकून दिख रहा था.. जब उसके बूब्स पर नज़र गई तो मैने इधर उधर देखा बट कोई कपड़ा नज़र नही आया .. मैने उसकी पट्टी खोली वो खड़ी हुई .. जब उसका ध्यान अपने नंगी चूचियों पर गया तो वो पानी पानी हो गई.. अपने हाथ उनपे रख लिए..
मैं अपनी शर्ट निकालने लगा ताकि उसे दूं पहनने के लिए..
तभी 
सोनम: क्या कर रहे हो तुम? ( डरी सहमी आवाज़ मे)
मे: (लाओ थोड़ा मज़ाक कर लूँ.. मूड ठीक हो जाएगा) यार तुम्हे देख के बड़ी प्यास लग गई है 
सोनम: नही प्लीज़ ऐसा मत करो और रोने लगी और अपने हाथ बूब पे हाथ के मुँह पे रख के ज़मीन पर 
जैसे ही गिरने लगी
मैने आगे बढ़ के उसे थाम लिया ......
सोनम: क्या बिगाड़ा है मैने तुम लोगो का 
और फफक फफक के रोने लगी..
मे: आइ'म सॉरी मैं तो बस तुम्हारा मूड ठीक करने की कोशिश कर रहा था..
अपनी शर्ट उतार के उसे दी यह लो पहन लो
 
तभी सोनम मेरे गले लग गयी उसकी गोल गोल चुचिया मेरे सीने मे चुभने लगी.. मेरे लंड मे सनसनाहट होने लगी.
इससे पहले कुछ हो मैने उसे अलग किया और.. उसकी तरफ़ शर्ट बढ़ा के घूम गया..
उसने शर्ट पहनी और हम बाहर निकल आए .. मैने म्सी की बाइक से उसे घर छोड़ दिया..
उसने जाते समय..
सोनम: थॅंक्स . अगर तुम ना होते तो,,
मैने उसके होटो पे उंगली रख दी..
और फिर अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ा दिया..
मे: फ्रेंड्स? 
सोनम: (गले से लिपट के) बेस्ट फ्रेंड्स और गाल पे किस कर दी
मे: मैं भी ले लूँ क्या एक प्लीज़ 
सोनम: क्या?
मे: पप्पी 
और बाइक दौड़ा दी...पीछे से आवाज़ आई ..
अरे पप्पी तो लेते जाओ..
मे: उधार रही तुमपे पप्पी 
और घर पहुँच...
मेरा घर एक जैल से कम नही.. सिर्फ़.. काकी और मैं.. :'(
खैर खाया पीया और सो गया .. नेक्स्ट डे कॉलेज गया..
कुछ खास नही म्सी चुप चाप था.. सोनम मुस्कुरा के मेरी ओर देख रही थी....
लंच टाइम हो गया ... हम लोग कॅंटीन की तरफ बढ़े..
मैं एंटर ही होने वाला था कि सोनम की स्वीट आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी..
सोनम: राहुल !
मे: हाँ 
मैं रुक गया वो मेरे पास आ गई ...
सोनम: कहाँ जा रहे हो?
मे: बॉक्सिंग करने वन्ना कम? 
सोनम: नही .. चलो कॅंटीन जा रहे थे तो बोल नही सकते..
हम दोनो आगे बढ़ गये सभी हम लोगो को देख रहे थे..
सोनम: क्या खाओगे?
मे: वो मिलेंगे ? 
सोनम: क्या?
मे: वही जिसने कल से मेरा जीना हराम कर दिया है 
सोनम: (शरमाते हुए) क्या ?
मे: रहने दो तुम नही दोगि और मेरा दिल टूट जाएगा.. समोसा ही खिला दो
सोनम: बदमाश .. और एक प्यारी सी स्माइल देके मुझे देखने लगी
मे: अब क्या भूके रखने का इरादा है?
सोनम: ऊओ ऊओ.. ऊओ भैया ज़रा सुनना..
वेटर: यस मॅ'म
सोनम: 2 प्लेट समोसे और एक कोल्ड ड्रिंक
मे: एक कोल्ड ड्रिंक? तुम्हे नही पीनी क्या?
सोनम: भैया दो सिपर भी ले आ ना
वेटर: यस मॅ'म
फिर सोनम मुस्कुराने लगी
मे: आर यू श्योर अबाउट दट?
सोनम: अबाउट व्हाट?
मे: ओह्ह क'मोन.
सोनम: व्हाट? :ओ
मे: दो सिपर न वन कोल्ड ड्रिंक?
सोनम: यू आर माइ बेस्टी.. अगर तुम्हे मेरे झूठे से कोई प्रॉब्लम हो तो प्रॉब्लम सुधार लो 
मे: नोप मुझे क्या प्रॉब्लम होगी.. वैसे तुम्हे हो सकती है
सोनम: कैसे?
मे: खैर मैं झूठा कैसे भी खा सकता हू..
सोनम: हाँ तो इसमे मुझे क्या प्रॉब्लम होगी? इनफॅक्ट आइ'विल बी हॅपी
मे: वेट पता चल जाएगा.. और उस मोटी को अभी बेंच से भगा देना कल से तुम्हारे साथ बैठूँगा 
सोनम: यप
समोसा और कोल्ड ड्रिंक आई वो समोसा खाने लगी और हम दोनो एक कोल्ड ड्रिंक मे सिपर लगा के पीने लगे लाइक कपल्स..
सभी आँखे बड़ी कर के हमारी तरफ देख रहे थे 
अब मेरे मन मे शैतानी आई
सोनम ने जैसे ही एक चम्मच समोसा काट के मुँह मे लिया..
मे:वेट वेट वेट..
सोनम ने सिर हिला के पूछा क्या?
मैने फट से उसके होंटो पे होन्ट रख दिए और जो समोसे का हिस्सा बाहर था वो काट के नॉर्मल हो गया..
सोनम कुछ देर तक शोक्ड रही
मे: हाहहहहहहहहहहहहह अहेहेहहेहेहहेहेहेहह हिहीिहिहीहिहिहीही
सोनम: यू.............
और मेरे गाल पकड़ के खींचने लगी हम दोनो एक दूसरे मे ही मस्त थे...
सोनम: तुमने ऐसा क्यू किया सब के सामने?
मे: वो झूठा खाने की प्रॅक्टीस कर रहा था.. मज़ा आया?
सोनम: शरमा के उठ के कॅंटीन से भाग गयी..
मैं भी पैसे देके पीछे दौड़ा तो पाया वो क्लास रूम मे एंटर हो रही है..
मैं जाके उसकी बेंच पे घुसड के बैठ गया..
 
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