hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
दोस्तो आप के लिए एक और कहानी शुरू कर रहा हूँ और उम्मीद करता हूँ आपको ये कहानी भी ज़रूर पसंद आएगी .
वैसे तो हर किसी की जिंदगी में बहुत ही उतार चढ़ाव होते है पर मेरी जिंदगी कुछ ज़्यादा ही उलझने थी वो क्या थी और क्यों थी ये सब आप जैसे जैसे कहानी पढ़ते जाएँगे आपको पता चलता रहेगा . दोस्तो अब इस कहानी के पात्रों के बारे में भी जान लेते है
कॅरेक्टर्स: फादर: मोहन सिंग "ए बिग बिज्निस मॅन. बहुत पैसा है इनके पास. या यू कहो तो इस आदमी की ज़िंदगी मे पैसे से बढ़ कर कुछ नही"
मदर(डेड): रागिनी सिंग "आगे इनके बारे मे बताता हू"
स्टेप-मदर: वैशाली सिंग "बहुत अच्छे स्वाभाव की महिला. अपनी बॉडी को मेनटेन रखा है. तभी 42 की होने के बावजूद 28 की दिखती है"
स्टेप-सिस्टर: उर्वशी(उर्वी) "बस अगर इसके बारे मे लिखूं तो 100स पेज भर जाएँगे.. जान है मेरी .. या यूँ कहो मेरा सब कुछ."
मैं: राहुल सिंग "लोग कहते है अपने मुँह से खुद की तारीफ नही करनी चाहिए .. " आज 6 अगस्त है. मेरा बर्तडे. यही एक दिन ऐसा है जिस दिन मैं उर्वी से मिल सकता हूँ .
क्यू? आगे बचपन: मेरा बाप एक निहायत लालची इंसान है. मेरी मोम से उसकी शादी हुई. अरेंज मॅरिज थी. फिर जो होना था वही हुआ. मोम एक अच्छी संस्कारी युवती थी बट पापा नशा और अययाशी उनका डेली का काम था. शादी के 1साल बाद मेरा जन्म हुआ. उसके बाद पापा ऐसे बिहेव करने लगे जैसे माँ की उनको ज़रूरत नही. रोज़ शराब के नशे मे आके उनको पीट ते. खैर यह सिल सिला ज़्यादा नही चला. मेरी बर्त ऑपरेशन से हुई थी. एक दिन पापा ने मोम को बेल्ट से पीटा. चूँकि अभी पेट पर टाँके थे इसलिए जब बेल्ट पेट पर लगा तो पूरा ज़ख़्म बन गया.. माँ चिल्लाती रही मगर उनकी आवाज़ उस हवेली से बाहर न्ही जा सकी.. पापा शराब के नशे मे थे या बेहोश हो गये. और माँ के पेट से खून बहता रहा.
वैसे तो हर किसी की जिंदगी में बहुत ही उतार चढ़ाव होते है पर मेरी जिंदगी कुछ ज़्यादा ही उलझने थी वो क्या थी और क्यों थी ये सब आप जैसे जैसे कहानी पढ़ते जाएँगे आपको पता चलता रहेगा . दोस्तो अब इस कहानी के पात्रों के बारे में भी जान लेते है
कॅरेक्टर्स: फादर: मोहन सिंग "ए बिग बिज्निस मॅन. बहुत पैसा है इनके पास. या यू कहो तो इस आदमी की ज़िंदगी मे पैसे से बढ़ कर कुछ नही"
मदर(डेड): रागिनी सिंग "आगे इनके बारे मे बताता हू"
स्टेप-मदर: वैशाली सिंग "बहुत अच्छे स्वाभाव की महिला. अपनी बॉडी को मेनटेन रखा है. तभी 42 की होने के बावजूद 28 की दिखती है"
स्टेप-सिस्टर: उर्वशी(उर्वी) "बस अगर इसके बारे मे लिखूं तो 100स पेज भर जाएँगे.. जान है मेरी .. या यूँ कहो मेरा सब कुछ."
मैं: राहुल सिंग "लोग कहते है अपने मुँह से खुद की तारीफ नही करनी चाहिए .. " आज 6 अगस्त है. मेरा बर्तडे. यही एक दिन ऐसा है जिस दिन मैं उर्वी से मिल सकता हूँ .
क्यू? आगे बचपन: मेरा बाप एक निहायत लालची इंसान है. मेरी मोम से उसकी शादी हुई. अरेंज मॅरिज थी. फिर जो होना था वही हुआ. मोम एक अच्छी संस्कारी युवती थी बट पापा नशा और अययाशी उनका डेली का काम था. शादी के 1साल बाद मेरा जन्म हुआ. उसके बाद पापा ऐसे बिहेव करने लगे जैसे माँ की उनको ज़रूरत नही. रोज़ शराब के नशे मे आके उनको पीट ते. खैर यह सिल सिला ज़्यादा नही चला. मेरी बर्त ऑपरेशन से हुई थी. एक दिन पापा ने मोम को बेल्ट से पीटा. चूँकि अभी पेट पर टाँके थे इसलिए जब बेल्ट पेट पर लगा तो पूरा ज़ख़्म बन गया.. माँ चिल्लाती रही मगर उनकी आवाज़ उस हवेली से बाहर न्ही जा सकी.. पापा शराब के नशे मे थे या बेहोश हो गये. और माँ के पेट से खून बहता रहा.