desiaks
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डॉली: “आपसे कल रात जो मैने चुदाई की थी, मेरा प्रेग्नेंट होना पक्का हैं. मुहरत ही ऐसा था. अब हम दोनो और छोड़ेंगे तो पाप होगा. कौशल की आत्मा को भी दुख होगा की हम दोनो मज़े के लिए चुदाई कर रहे हैं”
आरके: “मतलब तुम्हे मेरे साथ चुदाई करके मज़ा आया?”
डॉली: “हा, बहुत मज़ा आया”
आरके: “तुम्हारी मा ज्योति ऐसे ही मुझे झूठ बोलती थी की उसको मेरे साथ चुदवा कर मज़ा नही आया. अगर तुम प्रेग्नेंट नही हुई तो मैं तुम्हे फिर से चोदुन्गा, फिर तो तुम्हे चलेगा ना?”
डॉली: “वो तो मैने आपको पहले ही बोल दिया था. अगर प्रेग्नेंट ना हुई या लड़की पैदा हुई तो आप मुझे फिर से चोद सकते हो”
आरके खुश हो गया. अगर डॉली प्रेग्नेंट होकर लड़का पैदा करे तो उसका वंश चलाने वाला आ जाएगा, अगर ना हो तो डॉली को चोदने का फिर से मौका था.
खैर कुच्छ सप्ताह बाद ही खुशखबर आ गयी. अपर्नना प्रेग्नेंट हो चुकी थी. आरके को लगा की यह बच्चा उसका हैं मगर डॉली को पता था की यह बच्चा किसी और का ही हैं.
सब तरफ बात फेल गयी की कौशल का बच्चा ही डॉली के पेट मे हैं, कौशल की आख़िरी निशानी. सब लोग खुश थे.
आरके मिठाई का डिब्बा लिए ज्योति के घर भी गया और ज्योति का मूह मीठा कराया.
आरके: “क्या कहा था ज्योति तुमने की मेरा मुग्फली जितना लंड बच्चे पैदा नही कर सकता और कौशल और सुहानी मेरे बच्चे नही हैं! अब देखो तुम्हारी बेटी डॉली के पेट मे पल रहा बच्चा मेरे इस मुग्फली से लंड की करामात हैं”
आरके कुटील मुस्कान से ज्योति को देख रहा था और मिठाई खाती ज्योति का मूह अचानक रुक गया. वो मिठाई उसको ज़हर लगने लगी.
आरके वहाँ से चला गया पर ज्योति ने अपना माथा पकड़ लिया. अपनी जिस बेटी की इज़्ज़त उसने बचाने की कोशिश मे खुद का अपमान करवा लिया उसी बेटी ने अपने ससुर से मूह कला करवा लिया और प्रेग्नेंट हो गयी.
बाद मे जब ज्योति ने डॉली को पूछा तो डॉली इनकार ही करती रही और मम्मी की कसम खाकर कहा की यह बच्चा आरके का नही हैं.
डॉली ने अपने इलेक्शन के टिकेट की बात आरके से की.
डॉली: “ससुर जी, अब आप रिटाइर हो जाइए, मुझे इलेक्शन का टिकेट दे दीजिए. मैं आपको आपका बच्चा दे रही हूँ”
आरके: “थोड़े दिन रूको, सोनोग्राफी होने दो. पता तो चले की लड़का हैं या लड़की”
जब समय आया तो डॉली की सोनोग्राफी करवाई गयी. डॉक्टर ने बुरी खबर सुनाई की बच्चा अपंग पैदा होगा और उसमे शारीरिक और मानसिक विकृति होगी.
सारी खुशिया गम मे बदल गयी. डॉली के मम्मी पापा ज्योति और सतीश ने उसको बोला की वो अबोर्शन करवा ले मगर डॉली नही मानी. ज्योति को बड़ा अजीब लगा की डॉली मना क्यू कर रही हैं.
दूसरी तरफ आरके को जब यह पता चला तो वो डॉली से अकेले मे बात करने लगा.
आरके: “तुम यह अपंग बच्चा पैदा नही कर सकती”
डॉली: “हमारी डील सिर्फ़ एक लड़का पैदा करने की हुई, वो बच्चा हेल्ती होगा या नही ऐसी कोई बात नही हुई थी. मैं आपको आपका बच्चा दे दूँगी और आप मुझे इलेक्शन का टिकेट देंगे”
आरके: “तुम्हे यह बच्चा पैदा करना हैं तो करो पर मैं इसको नही स्वीकार करूँगा, तुम खुद ही रखना इसको. इलेक्शन टिकेट तो तुमको तभी मिलेगा जब तुम मुझे एक हेल्ती बच्चा दोगि”
डॉली का प्लान फैल हो चुका था. आरके को भी ठेस लगी. मगर उसको एक खुशी थी की वो फिर से डॉली को चोद पाएगा.
आरके: “तुम जब इस बच्चे से निपट जाओ तो आ जाना. अगर तुम मुझे फिर से चोदने दो और मेरे बच्चे की मा बनोगी तो तुम्हे टिकेट मिल जाएगा. वरना मैं किसी और लड़की से शादी करके अपना बच्चा पैदा कर लूँगा”
डॉली ने फिर फ़ैसला लिया की वो अबॉर्षन करवा लेगी. डॉली की मा ज्योति को यह सुनकर अच्छा लगा. मगर ज्योति को आश्चर्य भी हुआ की वो अचानक कैसे मान गयी.
ज्योति को डाल मे कुच्छ काला लगा. उसको डॉली पर शक होने लगा की कुछ तो गड़बड़ हैं. डॉली हॉस्पिटल मे आई अपने अबॉर्षन के लिए.
डॉली की कौशल से शादी से दुखी उसका छोटा भाई जय जो अभी तक नाराज़ था, वो डॉली के अबॉर्षन की सुनकर हॉस्पिटल मे उस से मिलने आया और सहानुभूति दिखाई.
अबॉर्षन के बाद ज्योति ने डॉक्टर से अकेले मे बात की और डॉली की पूरी सिचुयेशन समझ ली. जब ज्योति डॉक्टर से डीसकस्स्स कर रही थी तब आरके ने देख लिया और बाद मे उसने भी डॉक्टर से वो सारी बातें जान ली.
डॉक्टर से बात करने का बाद ज्योति थोड़ा टेन्षन मे आ गयी. उसका दिमाग़ बहुत कुच्छ सोचने लगा. उसको सारी बातें समझ मे आ रही थी.
डॉली अबॉर्षन के बाद अपने पीहर आ गयी थी. ज्योति ने अपने पति सतीश, छोटे बेटे जय और बड़ी बेटी डॉली को एक कमरे मे इकट्ठा किया.
ज्योति: “मैं तुम दोनो बच्चो को एक ऐसा राज बताने जा रही हूँ जो मैने आज तक तुमसे छिपाए रखा हैं. मगर मुझे लगता हाँ की अब टाइम आ गया हैं उस राज को बाहर लाने का”
सतीश: “क्या कर रही हो ज्योति. इसकी ज़रूरत नही हैं”
ज्योति: “ज़रूरत हैं. यह राज मेरे दिल पर एक बोझ हैं और इसको मैं उतारना चाहती हूँ”
अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या हैं वो गहरा राज जो सिर्फ़ सतीश और ज्योति को पता है पर दोनो बच्चो को नही पता हैं.
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आरके: “मतलब तुम्हे मेरे साथ चुदाई करके मज़ा आया?”
डॉली: “हा, बहुत मज़ा आया”
आरके: “तुम्हारी मा ज्योति ऐसे ही मुझे झूठ बोलती थी की उसको मेरे साथ चुदवा कर मज़ा नही आया. अगर तुम प्रेग्नेंट नही हुई तो मैं तुम्हे फिर से चोदुन्गा, फिर तो तुम्हे चलेगा ना?”
डॉली: “वो तो मैने आपको पहले ही बोल दिया था. अगर प्रेग्नेंट ना हुई या लड़की पैदा हुई तो आप मुझे फिर से चोद सकते हो”
आरके खुश हो गया. अगर डॉली प्रेग्नेंट होकर लड़का पैदा करे तो उसका वंश चलाने वाला आ जाएगा, अगर ना हो तो डॉली को चोदने का फिर से मौका था.
खैर कुच्छ सप्ताह बाद ही खुशखबर आ गयी. अपर्नना प्रेग्नेंट हो चुकी थी. आरके को लगा की यह बच्चा उसका हैं मगर डॉली को पता था की यह बच्चा किसी और का ही हैं.
सब तरफ बात फेल गयी की कौशल का बच्चा ही डॉली के पेट मे हैं, कौशल की आख़िरी निशानी. सब लोग खुश थे.
आरके मिठाई का डिब्बा लिए ज्योति के घर भी गया और ज्योति का मूह मीठा कराया.
आरके: “क्या कहा था ज्योति तुमने की मेरा मुग्फली जितना लंड बच्चे पैदा नही कर सकता और कौशल और सुहानी मेरे बच्चे नही हैं! अब देखो तुम्हारी बेटी डॉली के पेट मे पल रहा बच्चा मेरे इस मुग्फली से लंड की करामात हैं”
आरके कुटील मुस्कान से ज्योति को देख रहा था और मिठाई खाती ज्योति का मूह अचानक रुक गया. वो मिठाई उसको ज़हर लगने लगी.
आरके वहाँ से चला गया पर ज्योति ने अपना माथा पकड़ लिया. अपनी जिस बेटी की इज़्ज़त उसने बचाने की कोशिश मे खुद का अपमान करवा लिया उसी बेटी ने अपने ससुर से मूह कला करवा लिया और प्रेग्नेंट हो गयी.
बाद मे जब ज्योति ने डॉली को पूछा तो डॉली इनकार ही करती रही और मम्मी की कसम खाकर कहा की यह बच्चा आरके का नही हैं.
डॉली ने अपने इलेक्शन के टिकेट की बात आरके से की.
डॉली: “ससुर जी, अब आप रिटाइर हो जाइए, मुझे इलेक्शन का टिकेट दे दीजिए. मैं आपको आपका बच्चा दे रही हूँ”
आरके: “थोड़े दिन रूको, सोनोग्राफी होने दो. पता तो चले की लड़का हैं या लड़की”
जब समय आया तो डॉली की सोनोग्राफी करवाई गयी. डॉक्टर ने बुरी खबर सुनाई की बच्चा अपंग पैदा होगा और उसमे शारीरिक और मानसिक विकृति होगी.
सारी खुशिया गम मे बदल गयी. डॉली के मम्मी पापा ज्योति और सतीश ने उसको बोला की वो अबोर्शन करवा ले मगर डॉली नही मानी. ज्योति को बड़ा अजीब लगा की डॉली मना क्यू कर रही हैं.
दूसरी तरफ आरके को जब यह पता चला तो वो डॉली से अकेले मे बात करने लगा.
आरके: “तुम यह अपंग बच्चा पैदा नही कर सकती”
डॉली: “हमारी डील सिर्फ़ एक लड़का पैदा करने की हुई, वो बच्चा हेल्ती होगा या नही ऐसी कोई बात नही हुई थी. मैं आपको आपका बच्चा दे दूँगी और आप मुझे इलेक्शन का टिकेट देंगे”
आरके: “तुम्हे यह बच्चा पैदा करना हैं तो करो पर मैं इसको नही स्वीकार करूँगा, तुम खुद ही रखना इसको. इलेक्शन टिकेट तो तुमको तभी मिलेगा जब तुम मुझे एक हेल्ती बच्चा दोगि”
डॉली का प्लान फैल हो चुका था. आरके को भी ठेस लगी. मगर उसको एक खुशी थी की वो फिर से डॉली को चोद पाएगा.
आरके: “तुम जब इस बच्चे से निपट जाओ तो आ जाना. अगर तुम मुझे फिर से चोदने दो और मेरे बच्चे की मा बनोगी तो तुम्हे टिकेट मिल जाएगा. वरना मैं किसी और लड़की से शादी करके अपना बच्चा पैदा कर लूँगा”
डॉली ने फिर फ़ैसला लिया की वो अबॉर्षन करवा लेगी. डॉली की मा ज्योति को यह सुनकर अच्छा लगा. मगर ज्योति को आश्चर्य भी हुआ की वो अचानक कैसे मान गयी.
ज्योति को डाल मे कुच्छ काला लगा. उसको डॉली पर शक होने लगा की कुछ तो गड़बड़ हैं. डॉली हॉस्पिटल मे आई अपने अबॉर्षन के लिए.
डॉली की कौशल से शादी से दुखी उसका छोटा भाई जय जो अभी तक नाराज़ था, वो डॉली के अबॉर्षन की सुनकर हॉस्पिटल मे उस से मिलने आया और सहानुभूति दिखाई.
अबॉर्षन के बाद ज्योति ने डॉक्टर से अकेले मे बात की और डॉली की पूरी सिचुयेशन समझ ली. जब ज्योति डॉक्टर से डीसकस्स्स कर रही थी तब आरके ने देख लिया और बाद मे उसने भी डॉक्टर से वो सारी बातें जान ली.
डॉक्टर से बात करने का बाद ज्योति थोड़ा टेन्षन मे आ गयी. उसका दिमाग़ बहुत कुच्छ सोचने लगा. उसको सारी बातें समझ मे आ रही थी.
डॉली अबॉर्षन के बाद अपने पीहर आ गयी थी. ज्योति ने अपने पति सतीश, छोटे बेटे जय और बड़ी बेटी डॉली को एक कमरे मे इकट्ठा किया.
ज्योति: “मैं तुम दोनो बच्चो को एक ऐसा राज बताने जा रही हूँ जो मैने आज तक तुमसे छिपाए रखा हैं. मगर मुझे लगता हाँ की अब टाइम आ गया हैं उस राज को बाहर लाने का”
सतीश: “क्या कर रही हो ज्योति. इसकी ज़रूरत नही हैं”
ज्योति: “ज़रूरत हैं. यह राज मेरे दिल पर एक बोझ हैं और इसको मैं उतारना चाहती हूँ”
अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या हैं वो गहरा राज जो सिर्फ़ सतीश और ज्योति को पता है पर दोनो बच्चो को नही पता हैं.
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