Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति - Page 4 - SexBaba
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Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति

डॉली: “आपसे कल रात जो मैने चुदाई की थी, मेरा प्रेग्नेंट होना पक्का हैं. मुहरत ही ऐसा था. अब हम दोनो और छोड़ेंगे तो पाप होगा. कौशल की आत्मा को भी दुख होगा की हम दोनो मज़े के लिए चुदाई कर रहे हैं”

आरके: “मतलब तुम्हे मेरे साथ चुदाई करके मज़ा आया?”

डॉली: “हा, बहुत मज़ा आया”

आरके: “तुम्हारी मा ज्योति ऐसे ही मुझे झूठ बोलती थी की उसको मेरे साथ चुदवा कर मज़ा नही आया. अगर तुम प्रेग्नेंट नही हुई तो मैं तुम्हे फिर से चोदुन्गा, फिर तो तुम्हे चलेगा ना?”

डॉली: “वो तो मैने आपको पहले ही बोल दिया था. अगर प्रेग्नेंट ना हुई या लड़की पैदा हुई तो आप मुझे फिर से चोद सकते हो”

आरके खुश हो गया. अगर डॉली प्रेग्नेंट होकर लड़का पैदा करे तो उसका वंश चलाने वाला आ जाएगा, अगर ना हो तो डॉली को चोदने का फिर से मौका था.

खैर कुच्छ सप्ताह बाद ही खुशखबर आ गयी. अपर्नना प्रेग्नेंट हो चुकी थी. आरके को लगा की यह बच्चा उसका हैं मगर डॉली को पता था की यह बच्चा किसी और का ही हैं.

सब तरफ बात फेल गयी की कौशल का बच्चा ही डॉली के पेट मे हैं, कौशल की आख़िरी निशानी. सब लोग खुश थे.

आरके मिठाई का डिब्बा लिए ज्योति के घर भी गया और ज्योति का मूह मीठा कराया.

आरके: “क्या कहा था ज्योति तुमने की मेरा मुग्फली जितना लंड बच्चे पैदा नही कर सकता और कौशल और सुहानी मेरे बच्चे नही हैं! अब देखो तुम्हारी बेटी डॉली के पेट मे पल रहा बच्चा मेरे इस मुग्फली से लंड की करामात हैं”

आरके कुटील मुस्कान से ज्योति को देख रहा था और मिठाई खाती ज्योति का मूह अचानक रुक गया. वो मिठाई उसको ज़हर लगने लगी.

आरके वहाँ से चला गया पर ज्योति ने अपना माथा पकड़ लिया. अपनी जिस बेटी की इज़्ज़त उसने बचाने की कोशिश मे खुद का अपमान करवा लिया उसी बेटी ने अपने ससुर से मूह कला करवा लिया और प्रेग्नेंट हो गयी.

बाद मे जब ज्योति ने डॉली को पूछा तो डॉली इनकार ही करती रही और मम्मी की कसम खाकर कहा की यह बच्चा आरके का नही हैं.

डॉली ने अपने इलेक्शन के टिकेट की बात आरके से की.

डॉली: “ससुर जी, अब आप रिटाइर हो जाइए, मुझे इलेक्शन का टिकेट दे दीजिए. मैं आपको आपका बच्चा दे रही हूँ”

आरके: “थोड़े दिन रूको, सोनोग्राफी होने दो. पता तो चले की लड़का हैं या लड़की”

जब समय आया तो डॉली की सोनोग्राफी करवाई गयी. डॉक्टर ने बुरी खबर सुनाई की बच्चा अपंग पैदा होगा और उसमे शारीरिक और मानसिक विकृति होगी.

सारी खुशिया गम मे बदल गयी. डॉली के मम्मी पापा ज्योति और सतीश ने उसको बोला की वो अबोर्शन करवा ले मगर डॉली नही मानी. ज्योति को बड़ा अजीब लगा की डॉली मना क्यू कर रही हैं.

दूसरी तरफ आरके को जब यह पता चला तो वो डॉली से अकेले मे बात करने लगा.

आरके: “तुम यह अपंग बच्चा पैदा नही कर सकती”

डॉली: “हमारी डील सिर्फ़ एक लड़का पैदा करने की हुई, वो बच्चा हेल्ती होगा या नही ऐसी कोई बात नही हुई थी. मैं आपको आपका बच्चा दे दूँगी और आप मुझे इलेक्शन का टिकेट देंगे”

आरके: “तुम्हे यह बच्चा पैदा करना हैं तो करो पर मैं इसको नही स्वीकार करूँगा, तुम खुद ही रखना इसको. इलेक्शन टिकेट तो तुमको तभी मिलेगा जब तुम मुझे एक हेल्ती बच्चा दोगि”

डॉली का प्लान फैल हो चुका था. आरके को भी ठेस लगी. मगर उसको एक खुशी थी की वो फिर से डॉली को चोद पाएगा.

आरके: “तुम जब इस बच्चे से निपट जाओ तो आ जाना. अगर तुम मुझे फिर से चोदने दो और मेरे बच्चे की मा बनोगी तो तुम्हे टिकेट मिल जाएगा. वरना मैं किसी और लड़की से शादी करके अपना बच्चा पैदा कर लूँगा”

डॉली ने फिर फ़ैसला लिया की वो अबॉर्षन करवा लेगी. डॉली की मा ज्योति को यह सुनकर अच्छा लगा. मगर ज्योति को आश्चर्य भी हुआ की वो अचानक कैसे मान गयी.

ज्योति को डाल मे कुच्छ काला लगा. उसको डॉली पर शक होने लगा की कुछ तो गड़बड़ हैं. डॉली हॉस्पिटल मे आई अपने अबॉर्षन के लिए.

डॉली की कौशल से शादी से दुखी उसका छोटा भाई जय जो अभी तक नाराज़ था, वो डॉली के अबॉर्षन की सुनकर हॉस्पिटल मे उस से मिलने आया और सहानुभूति दिखाई.

अबॉर्षन के बाद ज्योति ने डॉक्टर से अकेले मे बात की और डॉली की पूरी सिचुयेशन समझ ली. जब ज्योति डॉक्टर से डीसकस्स्स कर रही थी तब आरके ने देख लिया और बाद मे उसने भी डॉक्टर से वो सारी बातें जान ली.

डॉक्टर से बात करने का बाद ज्योति थोड़ा टेन्षन मे आ गयी. उसका दिमाग़ बहुत कुच्छ सोचने लगा. उसको सारी बातें समझ मे आ रही थी.

डॉली अबॉर्षन के बाद अपने पीहर आ गयी थी. ज्योति ने अपने पति सतीश, छोटे बेटे जय और बड़ी बेटी डॉली को एक कमरे मे इकट्ठा किया.

ज्योति: “मैं तुम दोनो बच्चो को एक ऐसा राज बताने जा रही हूँ जो मैने आज तक तुमसे छिपाए रखा हैं. मगर मुझे लगता हाँ की अब टाइम आ गया हैं उस राज को बाहर लाने का”

सतीश: “क्या कर रही हो ज्योति. इसकी ज़रूरत नही हैं”

ज्योति: “ज़रूरत हैं. यह राज मेरे दिल पर एक बोझ हैं और इसको मैं उतारना चाहती हूँ”

अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या हैं वो गहरा राज जो सिर्फ़ सतीश और ज्योति को पता है पर दोनो बच्चो को नही पता हैं.
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अब तक आपने पढ़ा की डॉली ने इलेक्शन टिकेट पाने के लिए ससुर आरके से चुदवा लिया जब की वो पहले ही किसी से चुदवा कर प्रेग्नेंट हो चुकी थी.

मगर हॅंडिकॅप बच्चा होने से उसका प्लान फैल हो गया. ज्योति को शक हो गया और उसने अपने परिवार को एक साथ बुलाकर एक राज बताना शुरू किया.
अब आगे…

ज्योति: “इसके पहले की मैं वो राज बताऊ, डॉली तुम सच सच बताओ तुम्हे किसने प्रेग्नेंट किया था?”

डॉली: “मैं सच बोल रही हूँ, यह बच्चा कौशल का ही हैं”

ज्योति: “झूठ मत बोलो डॉली, तुमको अमर ने प्रेग्नेंट किया था ना?”

डॉली की आँखें फटी की फटी रह गयी और हा मे सर हिलाया. उसको समझ मे नही आया की उसकी मम्मी को कैसे पता चल गया.

जय: “अमर! हमारे ड्राइवर राजेश अंकल का बेटा अमर?”

डॉली: “हा”

सतीश अपना सर ना मे घुमाते हुए निराश हो गया.

डॉली: “आइ एम सॉरी मम्मी पापा. मैं उस आरके को उल्लू बनाना चाहती थी. मुझे नही पता था की मेरा बच्चा अपंग निकलेगा. मगर आपको कैसे पता चला की वो अमर ही था?”

ज्योति: “मैने डॉक्टर से पूछा था की इस तरह के बच्चे पैदा होने का क्या कारण हो सकता हैं. उसने एक कारण यह भी बताया था की अगर सगे भाई बहन आपस मे रीलेशन बना कर बच्चा पैदा करे तो जीन्स के वजह से ऐसा हो सकता हैं”

जय: “वॉट!! डॉली दीदी और अमर रियल ब्रदर सिस्टर हैं. और मैं?”

ज्योति: “शुरू से बताती हूँ. तब मैं कॉलेज मे पढ़ती थी. साथ मे पढ़ने वाले एक लड़के शांतनु से प्यार हो गया था. शादी के सपने देख रहे थे. हमने यह भी सोच लिया था की शांतनु और मेरे दोनो के नामो से मिला कर जो नाम बनेगा वो होने वाले बच्चे का नाम रखेंगे. उसने मुझे प्रेग्नेंट भी कर दिया. जब मैने उसको यह बताया तो फिर वो अचानक से गायब हो गया”

डॉली और जय अब एक दूसरे की शकल देखने लगे और फिर मम्मी की तरफ देखने लगे. पहले उन्हे सिर्फ़ ड्राइवर राजेश पर शक था मगर स्टोरी मे एक और मर्द आ चुका था.

ज्योति: “मेरे पापा सतीश जी के यहा मुनीम थे. उन्होने जब यह समस्या बताई तो सतीश जी मुझसे शादी करने को तैयार हो गये और बच्चा अपनाने को भी तैयार थे. हमारी शादी हुई तब मैं 3 महीने की प्रेग्नेंट थी”

सतीश ने अपनी बीवी ज्योति की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसको सहलाया.

ज्योति: “लोगो को शक ना हो की मैं पहले से प्रेग्नेंट हूँ इसलिए सतीश जी ने मुझे पढ़ाई के बहाने दूसरे शहर मे रखा. मैं पहली बार मा बनी. मगर मा बनने के कुच्छ दिन पहले ही हॉस्पिटल मे मुझसे शांतनु मिला”

ज्योति थोड़ा एमोशनल होने लगी. सतीश ने उसके कंधे पर हाथ रख कर थोड़ा दबाया और सांतवना दी.

ज्योति: “शांतनु मुझसे शादी करना चाहता था पर मैं तो पहले ही सतीश जी से शादी कर चुकी थी. सतीश जी ने मुझे बोला की मैं शांतनु के साथ जा सकी ती हूँ पर मैं उनको धोखा नही दे सकती थी. मैने शांतनु को वादा किया की वो बच्चा ले जा सकता हैं. शांतनु उस बच्चे के पैदा होते ही उसको लेकर अपने साथ चला गया”

डॉली: “क्या! तो फिर वो बच्चा अभी कहा हैं?”

ज्योति: “पता नही. तीन दिन तक मैं हॉस्पिटल मे बेहोश थी. मैने तो उस बच्चे को देखा तक नही. शांतनु फिर कभी मिला भी नही”

ज्योति अब रोने लगी तो सतीश ने बात संभाली.

सतीश: “इधर मैने सबको बता दिया था की ज्योति को बच्चा होने वाला हैं. हमें अब एक बच्चे की ज़रूरत थी. तब पता चला की हमारी शादी के ठीक 8 महीने बाद ड्राइवर राजेश की वाइफ को भी बच्चा होने वाला हैं. हमने राजेश से रिक्वेस्ट की. मगर उसकी वाइफ इसके लिए नही मानी”
 
ज्योति: “मगर हमारी किस्मत थी की राजेश की वाइफ ने जुड़वा बच्चे पैदा किए. राजेश उसमे से एक बच्चा हमें देने को मान गया. लड़के को उसने खुद रखा जो अमर हैं और लड़की हमें दे दी जो तुम डॉली हो”

डॉली और जय अब एक दूसरे को मूह फाड़कर देख रहे थे. डॉली ने अपना माथा पकड़ लिया.

डॉली: “शीत! मैने अपने ही रियल ब्रदर के साथ ऐसा काम कर लिया!”

जय ने आगे बढ़कर अपनी बहन के कंधे पर हाथ रख उसको संभाल दिया.

डॉली: “सॉरी जय, मैं आज तक तुमको ताने मारती रही की तुम ड्राइवर के बेटे हो, जब की मैं खुद एक ड्राइवर की बेटी हूँ”

ज्योति: “राजेश ने अपनी वाइफ को झूठ बोल दिया की उसको एक ही ज़िंदा बच्चा हुआ हैं और डॉली को हमें सौंप दिया. राजेश को तो सच पता था इसलिए वो च्छुपकर अपनी बच्ची डॉली को देखने मेरे बेडरूम मे आता रहता था. जिसका लोगो ने ग़लत मतलब निकाला और मेरा नाजायज़ संबंध राजेश के साथ होने की अफवाह फेलाइ.”

जय: “यह सब अफवाह थी. इसका मतलब मेरे पापा सतीश ही हैं”

सतीश: “नही, कुदरत ने मुझे वो शक्ति दी ही नही की मैं बाप बन पाऊ. मुझसे शादी करके कोई लड़की कैसे खुश रहती, इसलिए मैने बहुत पहले ही ब्रहंचर्य अपना लिया था. मैने यह बात शादी के पहले ज्योति और उसके पापा को बता दी थी. ज्योति प्रेग्नेंट थी और मजबूरी मे मुझसे शादी कर ली. मैने ज्योति को छूट दे रखी थी की वो किसी के भी साथ शारीरिक सुख ले सकती हैं, और मैं उसके बच्चे को अपना लूँगा.”

जय: “तो फिर मेरे असली पापा कौन हैं?”

ज्योति: “मैने अपनी लाइफ मे सिर्फ़ 3 लोगो से चुदवाया हैं. पहला शांतनु, दूसरा तुम्हे पता ही हैं वो कमीना आरके. तीसरा आदमी वो हैं जिस से मुझे जय पैदा हुआ. वो आदमी हैं मेरे ससुर, और सतीश के पापा.”

जय: “क्या!! दादा जी! वो मेरे पापा हैं. मगर उन्होने आपके साथ…”

ज्योति ने अब अपनी स्टोरी सुनानी शुरू की, किस तरह जय पैदा हुआ था.

जब डॉली का फर्स्ट बर्त डे था और उसकी पार्टी हुई थी. पार्टी के बाद सब मेहमान जा चुके थे. ड्राइवर राजेश अपनी बच्ची डॉली से मिलना चाहता था और आशीर्वाद देना चाहता था.

मगर सबके सामने तो कुच्छ कर नही सकता था, लोगो को शक हो जाता. इसलिए पार्टी के बाद देर रात वो ज्योति के पास पहुचा. ज्योति ने उसको अपने बेडरूम मे लिया और दरवाजा बंद कर दिया.

राजेश ने एक साल की बच्ची डॉली को गोद मे लिया और प्यार किया. वो काफ़ी रोया भी जिसको ज्योति ने संबल देकर समझाया की वो डॉली का ज़्यादा अच्छे से अपनी बेटी की तरह पालेगी.

आधे घंटे बाद जब राजेश बेडरूम से बाहर निकला और ज्योति उसको दरवाजे तक छोड़ने बाहर आई तो सामने खड़े ससुर जी ने उनको देख लिया.

राजेश वहाँ से निकल गया पर ससुर जी ने ज्योति को सुनाना शुरू कर दिया

ससुर जी: “ज्योति, मैने लोगो से सुना पर कभी यकीन नही किया की तुम्हारा कॅरक्टर ऐसा होगा. एक ड्राइवर के साथ रंगरेलिया मनाते तुमको शर्म नही आई!. मेरा बेटा सतीश तुमसे अलग सोता हैं इसका फ़ायदा उठा कर तुम किसी के साथ भी मूह काला करोगी?”

ज्योति ना तो राजेश का सच बता सकती थी और ना ही सतीश का सच बता सकती थी क्यूकी उस पर उसके अहसान थे. वो चुप चाप खड़े सब इल्ज़ाम सहती रहती.

ससुर जी: “अब तुम्हारे जैसी कुलटा औरत इस घर मे नही रहेगी, तुम इस घर से निकल जाओ, अपने इस पाप को लेकर. मैं इस लड़की का डीयेने टेस्ट करवाउन्गा, और सब पता चल जाएगा की यह लड़की सतीश की नही हैं”

ज्योति: “मैं इस घर से नही जा सकती. बदनामी सिर्फ़ मेरी नही आपकी भी होगी. इसलिए ऐसा गजब मत करो”

ससुर जी: “मैं तुम्हे एक शर्त पर माफ़ कर सकता हूँ की मैं जैसा बोलू तुम वैसा करोगी”

ज्योति: “आप जो बोलॉगे मैं वैसा करने को तैयार हूँ”

ससुर जी: “अंदर बेडरूम मे चलो”

ज्योति और ससुर जी बेडरूम मे आ गये. ससुर जी ने दरवाजा लॉक कर दिया.

ससुर जी: “ज्योति, अपने कपड़े खोलो”

ज्योति: “क्या!!”

ससुर जी: “मुझे तुम्हारी खूबसूरती शुरू से ही पसंद थी. मैं तुम्हे चोदना चाहता हूँ. मुझसे चुदवा लो, फिर मेरा मूह बंद ही रहेगा”

ज्योति को पता था की अगर डॉली का राज खुलेगा तो बाय्फ्रेंड शांतनु से प्रेग्नेंट होने का राज भी खुल जाएगा. इसलिए उसने समझौता कर लिया.
 
ज्योति ने अपनी सारी निकाल दी. बुड्ढे ससुर की लार टपकने लगी. ज्योति को पता था की उसका ससुर थोड़ा ठरकी किस्म का हैं पर अपनी ही बहू पर हाथ डालेगा यह पता नही था.

ज्योति के पूरा नंगा होते ही ससुर आगे बढ़ा अपनी दोनो हथेलिया ज्योति के बूब्स के उपर से रगड़ते हुए जाँघो तक ले आया. वो 21 साल की ज्योति के जवान चिकने शरीर को महसूस करने लगा.

ज्योति फिर बिस्तर पर थी और ससुर ज्योति की दोनो जाँघो के बीच अपना मूह घुसाए ज्योति की चूत को चाट रहा था. ज्योति उपर छत की तरफ निहारते हुए अपने पाव खोले लेटी रही.

थोड़ी देर बाद ससुर अपना मूह ज्योति की चूत से रगड़ते हुए पेट से होते हुए बूब्स के बीच मूह मारने लगा. फिर ज्योति के निपल अपने मूह मे भरकर चूस्ता ही रहा.

ससुर तो ज्योति के होंठो को भी चूसना चाहता था पर ज्योति ने अपने चेहरे को अपने हाथो से धक लिया. ससुर ने ज्योति के बूब्स को अपने दोनो हाथो से दबोच कर मसल दिया.

ससुर फिर ज्योति के उपर लेट गया. उसका लंड ज्योति की चूत से चिपक गया तो सीने ने ज्योति के बूब्स को दबा दिया. ससुर ने फिर अपना लंड पकड़ कर ज्योति की चूत मे डाल दिया.

ज्योति: “अयाया, आपने प्रोटेक्षन नही पहना हैं. प्लीज़ बाहर निकालो”

ससुर: “उस ड्राइवर का लंड तो बड़े मज़े से ले लिया था अपनी चूत मे और एक बच्चा भी पैदा कर लिया. अब मेरे बच्चे की मा बनने मे क्या प्राब्लम हैं?”

ज्योति: “यह ग़लत हैं. आपने सिर्फ़ चुदाई की बात की थी, प्रेग्नेंट करने की बात नही हुई थी”

ससुर: “इतना क्या शर्मा रही हैं. मेरे बच्चे की मा बन या सतीश के. दोनो का खून तो एक ही हैं. आ मेरी जान, तुझे चोद कर मा बनाता हूँ. बरसो बाद चोद कर मज़ा आ रहा हैं”

ससुर ने ज्योति की चूत मे अपने लंड से धक्का मारते हुए पूरा ज़ोर लगा दिया था. मगर उम्र के उस पड़ाव पर ससुर बार बार थक रहा था.

जैसे ही ससुर थकता तो वो धक्के मारना बंद कर देता और अपना लंड ज्योति की चूत मे ही रखे हुए थोड़ा रेस्ट करता. मगर अपने नीचे लेटी एक खूबसूरत लड़की को देख उसका दिल फिर मचल उठता.

ससुर फिर से ताक़त बटोरते हुए ज्योति की चूत मे अपना लंड मार कर चोदने लगता. इस तरह काफ़ी देर हो गयी पर झड़ने के पहले ही ससुर थक जाता.

इसका उसको फ़ायदा भी हुआ, वो बहुत देर तक ज्योति को चोदने के मज़े ले पा रहा था. ज्योति भी नीचे लेटी लेटी अपने ससुर का वजन उठाए थक चुकी थी.

ज्योति: “आपसे नही होगा, आप रहने दो जितना मज़ा लिया”

ससुर: “बिना पूरा चोदे और अपना जूस तेरी चूत मे खाली किए मैं नही मानने वाला”

ज्योति: “अच्छा ठीक हैं, मैं आपके उपर आकर पूरा करती हूँ”

ससुर मान गया. वो ज्योति के उपर से हटा और ज्योति ससुर के उपर लेट गयी और एक बार फिर वो कड़क लंड अपनी चूत मे उतार कर चोदने लगी.

ज्योति के लगातार धक्को के ससुर बेबस हो गया. वो दहाड़े मार कर आहें भरने लगा. ज्योति को ज़्यादा वक़्त नही लगा और कुच्छ ही मिनिट्स के बाद ससुर ने ज्योति की कमर को कस कर पकड़ लिया और हिलने नही दिया.

ससुर का लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतर गया था और ससुर के लंड का पानी पिचकारी मारते हुए सारा माल ज्योति की चूत मे छोड़ चुका था.

ज्योति फिर ससुर के उपर से हटने लगी तो ससुर ने ज्योति के दोनो बूब्स दबोच लिए. ज्योति को दर्द हुआ. उसने अपने बूब्स ससुर से चुदवाये और हटी.

उस्के बाद 1 महीने तक ससुर ऐसे ही ज्योति को चोदने के मज़े लेता रहा. परेशान होकर ज्योति ने यह सारी बात अपने पति सतीश को बता दी. सतीश को अपने बाप पर गुस्सा आया. सतीश ने यह सच अपने पिता को बताया की वो बाप नही बन सकता और वो बच्ची राजेश से उन्होने गोद ली हैं.

कुच्छ साप्ताह बाद ज्योति को पता चला की वो प्रेग्नेंट हो चुकी हैं. ज्योति का ससुर बहुत शर्मिंदा हुआ और हार्ट अटॅक से उसकी मौत हो गयी.

दो नाजायज़ बच्चो को जनम देने के बाद ज्योति ने फिर ऑपरेशान करवा कर अपनी बच्चेदानी ही निकलवा दी. ताकि वो फिर कभी प्रेग्नेंट ना हो सके.

डॉली ने मम्मी से सॉरी बोला की वो जाने अंजाने ड्राइवर राजेश का नाम लेकर छेड़ा करती थी जब की मम्मी के राजेश अंकल के साथ कोई रीलेशन थे ही नही.

अगले एपिसोड मे पढ़िए यह राज जानने के बाद डॉली और जय का रेस्पॉन्स क्या होगा.
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अब तक आपने पढ़ा की ज्योति यह राज बताती हैं की उसके बेटी डॉली को ड्राइवर राजेश से गोद लिया हैं और अमर उसका जुड़वा भाई हैं. ज्योति के बेटे जय का असली बाप ज्योति का ससुर हैं. अब आगे…

ज्योति: “डॉली और जय, तुम्हारे मा बाप भले ही अलग अलग हो मगर मैने और सतीश जी ने तुम दोनो को बराबर रूप से अपना बच्चा माना हैं”

दोनो बच्चे अपनी मा और पापा के गले लग गये. उन्होने जो भी ग़लती की थी उसकी माफी भी माँग ली.

ज्योति ने मन मे सोच लिया की वैसे भी अब सारे राज बाहर हैं. अब वो खुलकर आरके से अपना बदला लेगी और अपने घर की ख़ुसीया भी वापिस लाएगी.

डॉली ने पोलिटिकल करियर बनाने का सपना देखना बंद कर दिया. वो अब एक शांति वाली लाइफ जीना चाहती थी. अधिकतर वो खामोश और गुमसूँम ही रहती थी.

इसी तरह एक दिन डॉली अपने बरामदे मे उदास बैठी हुई थी. घर मे पापा सतीश और मम्मी ज्योति भी नही थे किसी काम से बाहर गये थे.

बारिश हो रही थी. जय बाइक से भीगता हुआ कौलेज से आया था. उसने डॉली को उदास बैठे देखा तो उसको बुरा लगा.

जय अपनी बहन का मूड ठीक करना चाहता था. उसने बाइक खड़ी की और बरामदे मे पहुचा.

जय: “अकेली क्यू बैठी हो आप. मम्मी कहाँ हैं?”

डॉली: “बाहर गयी हैं. तुम गीले हो गये हो, कपड़े चेंज करके आओ, सर्दी लग जाएगी”

जय: “डॉली दीदी आप इस तरह उदास अच्छे नही लग रहे. चलो बरामदे से बाहर निकलो और बारिश मे नाच कर मज़े लो और खुश हो जाओ”

डॉली: “मैं अभी नही आ सकती, फिर और कभी”

जय: “याद हैं, जब छोटे थे तो बारिश होते ही हम दोनो कैसे बारिश मे भीग कर कुदा करते थे. अभी कोई बहाना नही चलेगा, आपको चलना पड़ेगा, नही तो मैं खुद आपको उठा कर ले जाउन्गा”

डॉली: “तुम समझ नही रहे हो. बारिश मे कपड़े सुख़्ते नही हैं”

जय फिर भी नही माना और ज़बरदस्ती डॉली का हाथ पकड़ कर खींच कर बरामदे से लगे लॉन मे ले आया.

डॉली फिर से भाग कर छाँव मे जाना चाहती थी पर जय ने हाथ पकड़े रखा और जाने नही दिया.

जय खुद उछल उछल कर नाच रहा था. डॉली को भी पुराने दिन याद आ गये. वो भी स्माइल करने लगी. थोड़ी ही देर मे वो भी पूरी गीली हो चुकी थी.

थोड़ी देर वो दोनो उछल कर नाचते कूदते रहे. फिर अचानक जय गंभीर चेहरा बनाए रुक गया और डॉली को खुशी से उच्छलते हुए देखने लगा.

थोड़ी देर डॉली कूदती रही और जय को भी कूदने को बोला. फिर डॉली ने देखा की जय का ध्यान डॉली की छाती पर ही था.

डॉली ने कूदते हुए ध्यान दिया की इन सब मस्ती वो भूल ही गयी थी की वो बारिश मे भीगने क्यू नही आना चाहती थी.

बारिश मे डॉली के सारे ब्रा गीले होने की वजह से सूखे नही थे उस वक़्त पहने हुए उस वाइट टीशर्ट के गीले होने से वो उसके बूब्स से चिपक चुका था.

डॉली के कूदने से उसके बूब्स लगभग नंगे होकर उछल रहे थे और जय का ध्यान उन पर जाते ही वो रुक चुका था. डॉली ने भी मामला समझा और कूदना रुक गया.

जय की नज़र अभी भी डॉली की छाती पर थी. कूदने से डॉली की साँस तेज चल रही थी और उसके भारी मम्मे उपर नीचे होकर मादक लग रहे थे.

जय ने कभी अपनी बड़ी बहन डॉली के बूब्स इस तरह नही देखे थे. डॉली भी इस तरह अपना अंग प्रदर्शन कर शर्मा गयी थी.

डॉली ने जल्दी से अपने हथेलियों से अपने बूब्स को धक लिया. जय का ध्यान अब छाती से हटकर डॉली के शरमाते चेहरे पर गया.

जय ने डॉली के हाथ को उसकी छाती से हटाया. डॉली सिर्फ़ जय का चेहरा देखते रह गयी और हाथ नीचे किए खड़ी रही.

जय आगे बढ़ा और कमर से डॉली का टीशर्ट पकड़ लिया और उपर उठाने लगा. डॉली ने उसका हाथ पकड़ लिया.

डॉली: “नही जय, यह ग़लत हैं”
 
जय ने अपने हाथ हटाए और एक हाथ से डॉली को गर्दन के पीछे से पकड़ा और अपने चेहरे के पास उसका चेहरा लाया.

जय फिर एक झटके मे अपने होंठ को डॉली के होंठो के नज़दीक ले आया. दोनो के होंठ सिर्फ़ 1 इंच की दूरी पर थे. दोनो की सासें एक दूसरे से टकराने लगी.

जय: “क्या यह करना ग़लत हैं?”

डॉली: “हा”

जय थोड़ा पीछे हट गया.

जय: “तो फिर आपके होंठ अभी भी खुले क्यू हैं, किसका इंतेजार हैं”

डॉली: “ह्म्‍म्म्मम .. किसी का नही”

जय: “तो होंठ बंद करो”

डॉली: “नही करूँगी, देखती हूँ तुम क्या करोगे”

जय: “मैं आपके होंठ चूम लूँगा”

डॉली: “हिम्मत हैं तो चूम कर बताओ”

जय ने अपना टीशर्ट निकाल लिया और टॉपलेस हो गया. उसकी नज़रे एक बार फिर डॉली के बूब्स पर थी. वाइट टीशर्ट मे डॉली के निपल नुकीले होकर दिख रहे थे.

डॉली: “क्या देख रहे हो?”

जय: “एक खूबसूरत चीज़”

डॉली: “कब तक देखोगे?”

जय: “जब तक मेरे मूह मे नही आ जाती”

डॉली: “तो ले लो मूह मे”

जय ने डॉली की कमर से उसका टीशर्ट फिर पकड़ लिया. इस बार डॉली ने उसको नही रोका.

जय: “खोल दूं?”

डॉली: “मम्मी को क्या जवाब दोगे?”

जय ने अपना एक हाथ उठाया और दो उंगलियो के बीच टीशर्ट के उपर से ही डॉली का एक निपल पकड़ कर हल्का सा दबा कर छोड़ दिया.

डॉली: “आआअहह”

जय: “क्या हुआ दर्द हुआ?”

डॉली: “हा, मीठा वाला दर्द”

जय: “और दूं?”

डॉली ने शर्म से सिर्फ़ पलके झपकई. जय ने दूसरे निपल को भी उसी तरफ दो उंगलियो मे हल्का सा दबा दिया. डॉली की फिर से आ निकल गयी.

वो दोनो एक दूसरे को स्माइल करते हुए देखने लगे. दोनो के होंठ धीरे धीरे पास मे आने लगे. और फिर इतने पास गये की आपस मे टच हो गये.

एक बाअर टच होने के बाद दोनो ने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया और एक दूसरे के होंठो पर टूट पड़े और चूमने और चूसने लगे.

उपर से बारिश हो रही थी पर उन दोनो भाई बहन के बदन मे लगी आग पर वो बूँदें पेट्रोल का काम रही थी. कभी पीठ, तो कभी गर्दन के पीछे तो कभी सर मे हाथ फेराए दोनो एक दूसरे से चिपक कर चूमे जा रहे थे जैसे बरसो के प्यासे थे.

थोड़ी ही देर मे वो चूम चूम कर तक चुके थे और होंठो को दूर किया. जय एक कदम पीछे हट गया. दोनो एक दूसरे की आँखों मे झाँक रहे थे.

डॉली ने अपना टीशर्ट उपर कर सर से बाहर निकाल दिया. डॉली अब टॉपलेस जय के साआँने भीगी हुई खड़ी थी. डॉली के बूब्स और नंगे शरीर पर पानी की बूँदें जमी थी.

डॉली के निपल तन कर उपर की तरफ खड़े थे. डॉली ने गर्दन उपर नीचे कर जय को इशारा किया और जय ने आगे बढ़ कर डॉली के निपल को अपने मूह मे भर लिया और पागलो की तरह चूसने लगा.
 
डॉली भी आसमान की तरफ देखते हुए आहेयने भरने लगी. जय एक हाथ से एक बूब को दबा रहा था तो दूसरे बूब को मूह से चूस रहा था.

थोड़ी ही देर मे जय ने डॉली के गोरे बूब्स को लाल कर दिया था. डॉली स्माइल कर रही थी और जय भी. जय ने अब आपी पैंट नीचे खिसकई और पूरा नंगा हो गया.

जय का कड़क लंबा लंड आसमान की तरफ सर उठाए खड़ा था. डॉली यह देख कर शर्मा गयी. जय ने शरारती अंदाज़ मे अपनी आँखों से डॉली की कमर के नीचे इशारा किया.

डॉली ने गर्दन हिला कर मना किया की वो अपना पाजामा नही उतारेगी. जय ने फिर से इशारा किया. डॉली ने अपने हाथ ने जय का लंड पकड़ लिया. जय की एक आ निकली.

डॉली: “क्या करना चाहता है इस से?”

जय: “वोही जो एक लड़का लड़की करते हैं”

डॉली: “क्या करते हैं?”

जय: “करके बताऊ?”

डॉली शर्मा गयी. जय ने फिर से इशारा किया और डॉली ने अपना पाजामा और पैंटी एक साथ नीचे कर निकाल दी. डॉली शरमाये हुए खड़ी थी.

जय की नज़रे अब डॉली की चूत पर थी. जय ने अपना हाथ आगे कर डॉली की चूत पर रख दिया और रगड़ने लगा. डॉली ने भी जय का कड़क लंड पकड़ कर रगड़ दिया.

दोनो धीरे धीरे नीचे बैठे और फिर डॉली लेट गयी. जय डॉली की दोनो टाँगो के बीच आया और अपनी पोज़िशन बना कर बैठ गया.

जय ने अपना कड़क लंड डॉली की नाज़ुक चूत पर फेराया और फिर डॉली की चूत के होंठो को चौड़ा करते हुए अपना लंड अंदर घुसा दिया.

जय: “डॉली … आई विल फक यू”

डॉली: “आआआहह .. जय …. कम ओं फक मी … ”

जय ने अब आगे पीछे होते हुए धक्के मारने शुरू किए और डॉली को चोदने लगा. डॉली आहें भर रही थी और जय भी ज़ोर से साँसें लेते हुए चोदता रहा.

बारिश के च्चिंटो से भीगा डॉली का बदन सुलग रहा था और जय अपने लंड से उसको ठंडक दे रहा था. जय अब पूरा डॉली पर लेट गया.

दोनो के होंठ थोड़ी थोड़ी देर मे एक दूसरे को चूम और चाट रहे थे. जय के लंड के धक्के इस बीच डॉली की चूत पर बराबर पढ़ रहे थे.

उस बारिश का असर था या फिर बहन भाई की आपस मे पहली चुदाई की उत्तेजना थी, वो दोनो जल्दी ही अपने चरम की तरफ बढ़ने लगे थे.

दोनो भाई बहन का जूस छूटकर अब डॉली की चूत मे आकर मिल चुका था. जय के लंड के हर धक्के के साथ डॉली की चूत पूछक्क पूछक्क की आवाज़ करते हुए दोनो को नशा दे रही थी.

डॉली ने अपनी टांगे साँप की तरफ जय की टाँगो पर लपेट कर झकड़ ली थी. जय अब अपना नंगा बदन आगे पीछे डॉली के बदन पर रगड़ रहा था.

दोनो की साँसें बहुत भारी और तेज थी. दोनो एक दूजे को उत्तेजित कर अपने चरम पर बढ़ना चाहते थे.

डॉली: “ये … कम ओं … ह्म .. मजाअ रहा हैं … ज़ोर से कर ले … जय . .. आाईए … डाअल दे … उम्म्म ”

जय: “यह ले … ऊऊऊः … एयेए .. ये ले .. ये ले … और ले … अया आ आ आ उम्म्म ”

डॉली: “आआईए जय … ओह मम्मी … ओह मम्मी … मज़ा आ रहा हैं … अयाया चोद … ज़ोर से … जय … ज़ोर से .. कर ले”

जय: “अया डॉली … उहह तेरी चूत … बहुत गर्म हैं … आाईए .. उहह .. उहह .. ओह डॉली ..”

जय ने अपने लंड की पिचकारी को ज़ोर से दबाया और एक तेज धार लंड के जूस की डॉली की चूत मे उतर गयी. डॉली अपने बदन को उपर नीचे पटकने लगी.

दोनो ने एक दूसरे के शरीर को कस कर पकड़ लिया और चूमने लगे. दोनो मे होड़ मच गयी की कौन एक दूसरे की जीभ को चाट लेगा.

थोड़ी देर बाद वो तूफान शांत हो गया और दोनो एक दूसरे से चिपके पड़े रहे.

डॉली: “अपनी बहन को चोदते शर्म नही आई तुझे?”

जय: “नही आई, बोल क्या करेगी?”

डॉली: “जब तक तुझे शर्म नही आएगी तब तक मैं तुझसे चुदवाती रहूंगी”

जय: “फिर तो मुझे ज़िंदगी भर शर्म नही आएगी”

डॉली: “अभी उठ, मुझे गंदा कर दिया तूने”

जय अब डॉली के उपर से हट कर लुढ़क कर उसके पास ही लेट गया. बारिश की बूँदें अब उन दोनो के बदन को सॉफ कर रही थी. दोनो बारिश मे ऐसे ही नंगे थोड़ी देर लेटे रहे.

अगले एपिसोड मे पढ़िए ज्योति अपना इंतकाम आरके से कैसे लेती हैं.
 
अब तक आपने पढ़ा की बारिश मे डॉली की जवानी की झलक देखकर जय काबू नही रख सका और अब तक भाई बहन का रिश्ता निभाते डॉली और जय चुदाई कर अपने रिश्ते को बदल चुके थे. अब आगे…

आरके ने जब डॉक्टर और ज्योति की बातें सुनी तो उसको भी शक हुआ. फिर उसको भी पता लगते देर नही लगी की डॉली ने उसको धोखा दिया हैं और डॉली जो प्रेग्नेंट हुई थी वो आरके की वजह से नही हुई थी.

आरके ने ठान लिया की वो फिर से शादी करेगा और खुद का बच्चा पैदा करेगा. उसने कोई जवान खूबसूरत मजबूर लड़की ढूँढने का काम अपने सेक्रटरी राज का सौंप दिया.

आरके के कहने पर राज ने उसको तीन लड़कियो के फोटो दिखाए. तीनो लड़किया जवान और खूबसूरत थी. ज्योति की चुदाई मे पागल आरके ने फिर एक ऐसी लड़की को चुना जिसकी आँखें और चेहरा ज्योति से ज़्यादा मिलता झूलता था.

राज: “यह लड़की अनाथ हैं. इसका नाम मिशा हैं. एकदम गाय की तरह रहेगी.”'

आरके: “इसको लेकर आ. मैं इसको चोदकर अपने बच्चे की मा भी बनाउन्गा और अपना वंश आगे बढ़ाउंगा”

थोड़े दिन बाद राज अपने साथ मिशा को आरके के घर लाया. आरके उस खूबसूरत लड़की को देखकर पागल हो गया.

आरके: “बहुत सुंदर. यह तो डॉली से भी खूबसूरत हैं. ऐसा लग रहा हैं जैसे जवान ज्योति मेरे सामने आ गयी हो. राज इसको गेस्ट हाउस लेकर चलते हैं. इसको तो मैं आज ही चोदुन्गा”

राज: “यह लड़की मिशा बहुत धार्मिक हैं. शादी के पहले यह नही चुदवायेगी. शादी के लिए अगले महीने का मुहरत आया हैं”

आरके: “अगले महीने तो इलेक्शन भी हैं. इधर मैं चुनाव जीतूँगा और उधर इस खूबसूरत लड़की से शादी. राज, तू मेरे लिए इतनी अच्छी लड़की लाया हैं. तू आज माँग, तुझे इनाम मे क्या चाहिए”

राज: “मैं तो हमेशा से ज्योति को चोदना चाहता था, आपने कभी चान्स ही नही दिया”

आरके: “अभी तो चिड़िया हाथ से निकल चुकी हैं. मगर आगे कभी वो फसेगी तो तुझको पक्का चान्स दूँगा”

राज फिर मिशा को लेकर चला गया. उसके 2 दिन बाद राज और आरके घर मे बैठे हुए थे. तभी वॉचमन ने बताया की ज्योति उनसे मिलने आई हैं. आरके ज्योति का नाम सुनकर खुश हो गया.

आरके: “पहले तो ज्योति को मैं यहा लाकर चोदता था, लगता हैं आज यह खुद चुदवाने आ गयी हैं”

ज्योति अंदर आई और आरके उसको उपर से नीचे घूर्ने लगा. ज्योति ने कुर्ता और सलवार पहन रखा था.

ज्योति: “सच सच बताओ, तुमने मेरे पति सतीश को ग़लत तरीके से घोटाले मे फसाया था?”

आरके: “क्या बकवास हैं. वो खुद फसा हैं. मैने तो उसको बचाया था. भूल गयी, इसके बदले तुमको कैसे नौकरो के सामने नंगा कर चोदने के मज़े लिए थे!”

ज्योति: “मुझे सच जानना हैं”

राज ने आरके के कानो मे आकर कुच्छ कहा.

राज: “सर, आपने वादा किया था की आप मुझे ज्योति को चोदने का इनाम देंगे. आज मौका हैं. इसको जो चाहिए वो इन्फर्मेशन दे दो, यह वैसे भी आपका क्या बिगाड़ लेगी”

आरके ने हा मे सर हिलाया. फिर ज्योति की तराफ़ देखने लगा.

आरके: “चल, मैं तुझे सच बता दूँगा, मगर उसके बदले मुझे क्या मिलेगा?”

ज्योति: “अब क्या चाहिए तुम्हे? सब तो लूट ही चुके हो”

आरके: “मैने तो अपनी प्यास ज्योतिने का पूरा इंतज़ाम कर लिया हैं. शादी के लिए लड़की मिल गयी हैं. मगर यह राज बेचारा तड़प रहा हैं तुम्हे चोदने के लिए”

ज्योति: “तुम्हे क्या चाहिए यह बोलो?”

आरके: “तुम राज को चोदने के मज़े दिलवा दो, मैं तुम्हे घोटाले का सब सच बता दूँगा”

ज्योति सोच मे पड़ गयी.

राज: “ज़्यादा मत सोचो. मेरा लंड मूँगफली जितना नही, सच मे बहुत बड़ा हैं. तुम्हे बहुत मज़ा दिलवाउन्गा ”

ज्योति: “मेरी इज़्ज़त तो वैसे ही आरके ने पूरी लूट ही ली हैं. अब मेरे पास बचाने को कुच्छ नही हैं. मैं तैयार हूँ पर पहले मुझे पूरा सच जानना हैं उस घोटाले का”

आरके: “सच जानने के बाद तुम मुकर गयी तो!”

ज्योति: “मैं कोई नेता नही हूँ जो वादे से मुकर जाऊ”

आरके: “कही यह मेरा स्टिंग ऑपरेशन तो नही कर रही! अपने सारे कपड़े निकाल कर साइड मे रखो और नंगी हो जाओ. मुझे कोई रिस्क नही लेना”

ज्योति अब आरके की शकल देखने लगी. वैसे भी चुदने के लिए आगे पीछे नंगा तो होना ही था, ज्योति मान गयी.

आरके: “तुम नंगी तो हो ही रही हो, मैं जब सच बता रहा होऊँगा तब तक तुम इस राज को अपने शरीर को च्छुने देना. सारा सच जान लेने के बाद, फिर यह राज वैसे भी तुम्हे यही चोद देगा. बोलो मंजूर हैं?”

ज्योति: “मंजूर हैं”

ज्योति ने अपना कुर्ता निकाला और फिर सलवार निकाली. आरके के साथ साथ राज भी उस नज़ारे के आनंद लेने लगे. जल्दी ही ज्योति वहाँ पर नंगी खड़ी थी.

आरके ने दो कुर्सिया 1 फीट की दूरी पर रखी और ज्योति को उन दोनो कुर्सियो पर एक एक पाव रख कर खड़ा होने को कहा.
ज्योति कहे अनुसार कुर्सियो पर खड़ी हो गयी. ज्योति की टांगे एक दूसरे से दूर थोड़ी चौड़ी हो गयी थी.

आरके ने फिर चेयर को थोड़ा और एक दूसरे से दूर खिसकाया. ज्योति के पाव और चौड़े हो गये और नीचे से चूत खुल चुकी थी. आरके के इशारे पर राज अब ज्योति के पास आया.

आरके: “चल राज तू ज्योति को हाथ लगाने के मज़े लेना शुरू कर. आज तेरी इक्षा पूरी हो जाएगी. मैं ज्योति को घोटाले का सच बताना शुरू करता हूँ”

ज्योति: “जब तक तुम बोलॉगे तब तक ही मैं यहा खड़ी रहूंगी”

राज: “सर, मैं ज्योति की चूत मे उंगली करते हुए इसको झड़ने मे मदद करूँगा. आप रुकना मत, बोलते रहना. सतीश वाले घोटाला का ही नही, आप अपने दूसरे घोटाले भी बता देना मगर बोलते रहना. मुझे देखना हैं की ज्योति झड़ते हुए कैसी लगती हैं”

आरके: “ज्योति का झड़ते वक़्त वाला चेहरा तो मुझे भी देखना हैं. मैं अपने अब तक के सारे कांड बता दूँगा मगर ज्योति को झड़ते देखना हैं बस”

राज ने अपनी उंगली ज्योति की दोनो टाँगो के बीच चूत पर रखी और जैसे ब्रश करते हैं वैसे अपनी उंगली से चूत के होंठो को रगड़ने लगा.

राज की उंगली ज्योति की चूत पर थी पर नज़रे आरके की तरफ थी. आरके ने घोटाले का सच बताना शुरू किया. किस तरह ईमानदार नेता सतीश को झूठे इल्ज़ाम मे फसाने की साजिश रची गयी.

इस दौरान राज लगतार ज्योति की चूत को रगड़ता रहा. ज्योति को समझ मे आ गया की आरके ने कैसे सतीश को ग़लत फसाया था.
आरके ने वो सच बता दिया मगर ज्योति के चेहरे पर अभी भी झड़ने के निशान नही थे. आरके चुप हुआ तो राज ने उसको इशारा कर बोलते रहने को कहा.
 
आरके ने अपने दूसरे कांड बताने शुरू किए. राज ने फिर आपी उंगली ज्योति की चूत के छेद मे डाल दी और हल्के हल्के से अंदर बाहर करने लगा.

ज्योति अपने शरीर को टाइट रखते हुए अपने चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन लाने से रोक रही थी. आरके अपना सच बताता गया और राज उंगली से ज्योति को चोदता गया.

थोड़ी देर बाद ज्योति के लिए मुश्किल होने लगा. उसके होंठ खुल गये और बिन आवाज़ के सिसकिया मारने लगी. माथे पर बल पड़ गये.

आरके उसका यह चेहरा देख खुश हुआ. थोड़ी देर बाद ज्योति की हल्की सिसकिया निकलने लगी. राज ने अपनी उंगली और तेज़ी से ज्योति की चूत मे अंदर बाहर करनी शुरू की.

ज्योति: “अयाया अयाया . उम्म्म … उहुउऊउउ .. आआआईए .. ह्म्‍म्म्म ह्म ”

ज्योति अब झड़ने लगी थी और आरके ने ज्योति का नशीला चेहरा देखा और स्माइल करने लगा और अपने कांड भी बताता रहा.

थोड़ी देर बाद ज्योति शांत हो चुकी थी और राज ने अपनी गीली चिकनी उंगली ज्योति की चूत से बाहर निकाली.

आरके: “मैने ज्योति के साथ अभी कुच्छ किया नही पर फिर भी इसको चोदने से ज़्यादा खुशी मिली. तो मैने अपना सब सच बता दिया. अब राज तू शुरू हो जा. चोद ले ज्योति को, मैं भी देखु ज्योति चुदते हुए कैसी दिखती हैं”

ज्योति कुर्सी से उतर गयी. राज वही खड़ा खड़ा अपने फोन मे कुच्छ करने लगा.

आरके: “अबे, क्या टाइम पास कर रहा हैं. चोदना शुरू कर”

राज: “ज्योति, तुम कपड़े पहन लो”

ज्योति अपने कपड़े पहनने लगी.

आरके: “अभी तक तो ज्योति को चोदने के लिए मरे जा रहा था. चोदना नही हैं क्या इसको?”

राज: “आरके, तूने अभी अभी जो कन्फेस किया हैं उसको मैने अपने फोन मे रेकॉर्ड कर लिया हैं. अब तेरा करियर तो ख़त्म होने वाला हैं”

आरके: “हरामज़ादे, मेरे साथ गेम खेल रहा था. यह ज्योति के साथ मिल गया हैं तू?”

राज: “हा, ज्योति के साथ मिल कर तुझे फसाने का प्लान बनाया हैं. तूने नोट नही किया तू जब अपने कांड बता रहा था तब मैं तेरी तरफ देख रहा था जब की देखने की चीज़ तो ज्योति की चूत थी. मेरे शर्ट की पॉकेट मे फोन का कॅमरा चालू था, इसलिए तेरी तरफ देख रहा था”

आरके: “अब तुम दोनो यहा से बाहर कैसे जाओगे? तुम्हारी तो लाषे ही यहा से जाएगी”

राज: “बाहर मीडीया खड़ा हैं. उनको अभी अभी वो वीडियो मैने सेंड कर दिया हैं. तू हमारा कुच्छ नही बिगाड़ सकता. थोड़ी देर मे ब्रेकिंग न्यूज़ चलने वाली हैं”

ज्योति ने तब तक कपड़े पहन लिए थे.

राज: “वो लड़की मिशा, जिस से तू शादी के सपने देख रहे था. तुझको फसाने मे इस्तेमाल किया उसका. मुझे पता था तुझे मिशा मे ज्योति की झलक दिखेगी और आसानी से फस जाएगा”

आरके: “तू यह बता राज, तूने मेरे साथ यह दबल गेम क्यू खेला?”

राज: “आपने तो मुझे आज तक कुत्ते की तरह ट्रीट किया हैं. खुद ज्योति को चोदते थे और मुझे तरसाते थे. ज्योति ने खुद मेरे पास आकर उसको चोदने के बदले तुम्हे फसाने का ऑफर दिया था. मैं मान गया”

आरके: “सिर्फ़ इतनी सी बात थी. मैने भी तो तुझको अभी ज्योति को चोदने का मौका दिया ही था ना!”

राज: “सिर्फ़ ज्योति को चोदने का लालच नही था. पुरानी बातें अभी भी दिल मे हैं, याद दिलाता हूँ तेरे को”

राज ने फिर कुच्छ साल पहले की घटना याद दिलाई.

कुच्छ साल पहले आरके के घर मे एक बड़ी पार्टी थी. बड़े बड़े लोग आए थे. आरके ने राज को भीइ अपने परिवार सहित पार्टी मे बुलाया था.

काफ़ी रात हो गयी थी. आरके ने राज को बोला की वो इतनी रात मे दूर अपने घर कहा जाएगा इसलिए रात वही रुक जाए. राज मान गया. आरके ने राज की फॅमिली को एक रूम दे दिया.

आरके ने राज को अपने साथ शराब पीने के लिए रोक लिया और राज की बीवी और बच्चे को रूम मे सोने के लिए भेज दिया.

आरके ने चुदाई के लिए एक लड़की भी मँगवाई थी. आरके, राज और वो लड़की तीनो शराब मे बिज़ी थे. राज शराब पीकर उस लड़की को चोदने के मज़े लेने लगा.

आरके ने राज को वही लड़की के पास छोड़ दिया और खुद राज की वाइफ के रूम मे चला गया. वहाँ जाकर उसने राज की वाइफ को नंगे होने को बोला.

राज की वाइफ ने मना किया तो आरके ने उसको राज की फोटो दिखाई की कैसे वो एक लड़की के साथ चुदाई कर रहा हैं.

राज की वाइफ का दिल टूट गया. वो वहाँ से जाना चाहती थी पर आरके ने राज की वाइफ को नंगा कर दिया और फिर उसके बच्चे के सामने ही चोद दिया.

सुबह शराब के नशा उतरने पर राज अपनी वाइफ के रूम मे गया तो वहाँ अपनी बीवी को आरके के साथ नंगा सोते हुए देखा.
राज ने अपनी बीवी को बड़ी मुशकिल से माफी माँग कर मनाया. राज उस वक़्त आरके के खिलाफ कुच्छ नही कर सका.

राज: “आरके, उस दिन तूने मेरी बीवी को चोदा था, आज मैने तुझे बर्बाद करते हुए छोड़ दिया हैं”

आरके हाथ मलता ही रह गया. ज्योति और राज वहाँ से बाहर निकले.

ज्योति: “यहा बाहर तो कोई मीडीया नही हैं?”

राज: “मैने झूठ बोला था, वरना वो हरामी आरके हमको वही पकड़ लेता. अब तुम अपना वादा पूरा कर मुझे चोदने दो और फिर मैं यह वीडियो तुम्हे और मीडीया को दे दूँगा.”

अगले एपिसोड मे पढ़िए ज्योति को चोदने के लिए तरसते राज की इक्षा कैसे पूरी होगी.

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अब तक आपने पढ़ा की राज और ज्योति ने मिलकर आरके से बदला लेने के लिए उसका एक वीडियो बनाया जिससे वो बर्बाद हो सकता था. अब राज उस वीडियो के बदले ज्योति को चोदना चाहता था. अब आगे…

ज्योति और राज कार मे बैठ कर आरके के घर से निकले.

राज: “पहले तुम मुझसे चुड़वव फिर यह वीडियो मीडीया और तुम्हे दोनो को मिल जाएगा”

ज्योति: “पहले मुझे वीडियो दिखाओ”

राज ने अपने हाथ मे फोन पकड़े वो वीडियो थोड़ा सा चला कर बता दिया.

ज्योति: “अगर मुझे चोदने के बाद तुम यह वीडियो देने से मुकर गये तो?”

राज: “इधर मेरा लंड तुम्हारी चूत मे होगा और उधर मेरा फोन तुम्हारे हाथ मे होगा. तुम चुदते हुए जिसको यह वीडियो भेजना चाहो, भेज देना”

ज्योति: “ठीक हैं. कहा चोदोगे? इस कार मे?”

राज: “मेरे घर पर बीवी बच्चे नही हैं. अपने घर मे चोदुन्गा. मेरे घर के आस पास थोड़ी दूरी तक कोई घर भी नही हैं”

ज्योति: “ऐसा क्यू!”

ज्योति: “मैं अपनी बीवी को चोदता हूँ तो वो बहुत चिल्लाती हैं. इसलिए दूसरे घरो से थोड़ा दूर घर लिया हैं”

राज अब ज्योति को लेकर अपने घर आ गया. राज ने अपने घर के सारे दरवाजे और खड़किया बंद कर दी और वो दोनो बेडरूम मे आ गये.

ज्योति ने अपने कपड़े खोल दिए और पूरी नंगी हो गयी. राज आगे बढ़ा और पहली बार ज्योति के बूब्स को अपने मूह मे लेकर चूसने लगा और बूप बूप की आवाज़े निकालने लगा.

अपने एक हाथ से ज्योति की चूत रगड़ते हुए दूसरे हाथ से ज्योति की पतली कमर और गान्ड को दबाने लगा.

ज्योति: “जल्दी करो, टाइम पास मत करो”

राज: “चुदने की बड़ी जल्दी हैं तुम्हे!”

राज ने जल्दी से अपने कपड़े भी खोल दिए और नंगा हो गया. ज्योति ने जब राज का लंड देखा तो घबरा गयी. हटते कटे राज का लंड भी मोटा और लंबा था.

राज: “मैने कहा था ना की मेरा लंड मूँगफली जैसा नही होगा. मेरे इसी लंबे मोटे लंड के कारण मेरी बीवी चुदते वक़्त चीखती हैं. अब तुम भी चीखोगी, इसलिए खिड़किया बंद कर दी हैं”

राज ज्योति का हाथ पकड़ कर बिस्तर पर लाया. राज बिस्तर पर लेट गया और ज्योति को उसके उपर चढ़ने को बोला. ज्योति अब राज के लंड पर बैठ गयी और लंड अंदर डालने लगी.

सुखी हुई चूत मे लंड अंदर जा ही नही रहा था. उपर से लंड को मोटाई ज़्यादा थी. राज स्माइल कर रहा था.

ज्योति: “तुम्हारे पास आयिल हैं?”

राज: “हैं मगर तुम्हे नही दूँगा. तुम ही कुच्छ जुगाड़ लगाओ”

ज्योति अब राज के उपर से हटी और झुक कर राज का लंड अपने मूह मे लेकर चूसने लगी. राज आहें भरने लगा. ज्योति तब तक राज का लंड चुस्ती रही जब तक की लंड के जूस की कुच्छ बूँदें ज्योति के मूह मे ना आ गयी.

ज्योति का मूह चिकना हो गया और लंड को चूस कर उसने वो चिकनाई लंड पर लगा दी. फिर लंड मूह से बाहर निकाला और उस पर थूक लगा कर और चिकना किया.

राज आहें भरता स्माइल करता रहा और ज्योति एक बार फिर राज के लंड पर बैठ गयी और उसका लंड अपनी चूत के छेद मे डालना शुरू किया.

जाइए जैसे राज का लंड ज्योति की चूत मे जा रहा था वैसे वैसे ज्योति की हल्की चीखे निकल रही थी. पूरा लंड ज्योति की चूत मे जाते ही ज्योति की चूत मे सनसनाहट होने लगी थी.
 
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