desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
कुछ दिन पहले में मेरा एक क्लोज फ्रेंड के साथ सेक्स को लेके डिस्कुस कर रहा त। वह मध्य प्रदेश में जॉब करता है। मैं ना उसका नाम ,ना जगह का नाम कुछ भी देना नहीं चाहता हूण। उस से जब बात कर रहा था , तब उस ने मुझे एक ऐसी सच्ची कहानी सुनया, की तब से मेरा दिमाग जाम हो गया। वह कहानी आप लोगों से शेयर करना चाहता हूण।
वह जहाँ जॉब करता है, उस ऑफिस में, एक दूसरा सेक्शन में पटेल बोलके एक आदमी काम करता है। यह उस आदमी की कहानि है वह आदमी मेरा दोस्त का अच्चा दोस्त बन गया है। मेरा दोस्त उनके घर जाते है, खाना खाते है और कभी कभी चैस का अड्डा भी जमा लेता है। अच्छी दोस्ती होने के कारन उन्होंने मेरा दोस्त को उसका जीवन का एक गहरा सच बताया। पर में लिखने में कच्चा हूण। मैं उस कहानी में ज़ादा रंग न चढाकर, सच मुच जो घटा उस को ही अपना तरीके से आप लोगों को बताउंगा। इस में मेरा कुछ क्रेडिट नहीं है। मैं जब सुन रहा था, तब मेरे दिल ने जैसे उस कहानी को चित्रण किया था बस उतना ही कह पाऊंगा। मैं मि.पटेल का जबानी से कहते रहुंगा। काम आसान हो जाएगा। इस में सेक्स है पर इतना डिटेल्ड नहीं रहेगा ,क्यूँ की इतना प्राइवेट बात मिस्टर पटेल खुद बताया नहि। पर स्टोरी का सिचुएशन से आप समझ जायेंगे कैसे कैसे वह सब घटा उनका लाइफ में। कोशिश करूँगा कहानी एक गति में चलती रहे
आज में ज़ादा कहानी लिख नहीं पाऊंगा। बस आप लोगों को थोड़ा प्रेमिसेस क्या है कहानी का वह बता दूंगा और बहुत जलद ही कहानी पूरा बताके एन्ड करवा दूंगा।
आप लोग कुछ डिमांड मत कीजिये,क्यूँ की यह किसीका लाइफ की सच्ची घटनाएँ है। जो में सुना , वह आप भी जानीए। बस एक चीज़ कहानी को कैसे फील करते रहेंगे, वह बताइयेगा। आप लोग अगर इंटेरेस्टेड नहीं रहेंगे, तोह मेहनत करके बताने का जरूरत नहीं होगा।
एम पी । में मेरा दोस्त किसी के घर में पेइंग गेस्ट बन के रहता है। ।मि.पटेल एक छोटा बंगलो टाइप घर किराया में लेके वहां रेह्ते है। उनका घर में मिसेस पटेल और उन लोगों का नर्सरी में पड़नेवाली एक बेटी है,ज़ीस का नाम दिया है। वह मेरा दोस्त को चाचू बुलाता है। मि.पटेल (अब्ब से हितेश नाम से बुलाएँगे) को मेरा दोस्त नाम से ही बुलाता है पर उनकी पत्नी यानि की मिसेस पटेल (अब्ब से मंजु बुलाएँगे) को भाभी ही कहता है। गुजरात में अब्ब हितेश का कोई नहीं है। पिछला ५ साल से मंजु का परेंट्स भी गुजरात छोड़के मुंबई में आगये। वहाँ एक फ्लैट खरीद के वह दोनों रेह्ते है। कहानी उस समय से डिटेल मालूम है जब हीतेश इंजीनियरिंग का लास्ट इयर में था उस से पहला घटना भी बताऊँगा जितना में जानता हू। हितेश अहमेदाबाद में ही पड़ रहा था। अहमेदाबाद के पास एक जगह है(नाम पूछिए मत) जहाँ हितेश अपनी माँ, नाना और नानी के साथ रहता था। उस का फ़ादर एक अनाथ था पर अच्छा इंसान था। इस्स लिए उसका नाना उनको घर जमाई बना के अच्चा प्यार दिया था। उसका नानी थोड़ी हिचक रही थी क्यूँकि उस समय उनकी बेटी देखने में बड़ी होगयी थी पर उम्र में कम थी। गुजरात में शायद कम उम्र में शादी होती है लगता है। सब ख़ुशी से जी रहे थे साल घूम ने से पहले ही हितेश आगया। ख़ुशी से सब झूम उठे। पर ज़ादा टाइम यह हाल नहीं रहा। हितेश के जनम के दो साल बाद मलेरिआ से अचानक हितेश के फादर की डेथ हो गई। तब हितेश की माँ केवल १८ साल की थी। एक बड़ा झटका लगा था उस फॅमिली को पर धिरे धीरे वह लोग उस सदमें से बाहर आने लगे और नार्मल होने लगे। कुछ साल बाद हीतेश के नाना नानी मंजू की दोबारा शादी के बारे में सोचे। पर मंजु खुद ही मना कर दिया वह। हीतेश के नाना के पास पैसा और प्रॉपर्टी था। तोह वह लोग एक फॅमिली बन के , एक आराम की ज़िन्दगी बिता रहा थे पर हितेश जब कॉलेज ख़तम किया उसको काम्पुसिंग में ही जॉब लग गया केवल २० साल का उम्र में। कंपनी में जाके जॉब ज्वाइन किया। और वीकेंड में घर आया करता था। पर उसका नाना नानी यह सोच के परेशांन होते थे की इतने दूर , अकेला उसका रहना खाना सब अकेले में करने में तकलीफ होती होगी। सो उसके नाना नानी उसकी शादी करवा ने के लिए सोच लिया।
वह जहाँ जॉब करता है, उस ऑफिस में, एक दूसरा सेक्शन में पटेल बोलके एक आदमी काम करता है। यह उस आदमी की कहानि है वह आदमी मेरा दोस्त का अच्चा दोस्त बन गया है। मेरा दोस्त उनके घर जाते है, खाना खाते है और कभी कभी चैस का अड्डा भी जमा लेता है। अच्छी दोस्ती होने के कारन उन्होंने मेरा दोस्त को उसका जीवन का एक गहरा सच बताया। पर में लिखने में कच्चा हूण। मैं उस कहानी में ज़ादा रंग न चढाकर, सच मुच जो घटा उस को ही अपना तरीके से आप लोगों को बताउंगा। इस में मेरा कुछ क्रेडिट नहीं है। मैं जब सुन रहा था, तब मेरे दिल ने जैसे उस कहानी को चित्रण किया था बस उतना ही कह पाऊंगा। मैं मि.पटेल का जबानी से कहते रहुंगा। काम आसान हो जाएगा। इस में सेक्स है पर इतना डिटेल्ड नहीं रहेगा ,क्यूँ की इतना प्राइवेट बात मिस्टर पटेल खुद बताया नहि। पर स्टोरी का सिचुएशन से आप समझ जायेंगे कैसे कैसे वह सब घटा उनका लाइफ में। कोशिश करूँगा कहानी एक गति में चलती रहे
आज में ज़ादा कहानी लिख नहीं पाऊंगा। बस आप लोगों को थोड़ा प्रेमिसेस क्या है कहानी का वह बता दूंगा और बहुत जलद ही कहानी पूरा बताके एन्ड करवा दूंगा।
आप लोग कुछ डिमांड मत कीजिये,क्यूँ की यह किसीका लाइफ की सच्ची घटनाएँ है। जो में सुना , वह आप भी जानीए। बस एक चीज़ कहानी को कैसे फील करते रहेंगे, वह बताइयेगा। आप लोग अगर इंटेरेस्टेड नहीं रहेंगे, तोह मेहनत करके बताने का जरूरत नहीं होगा।
एम पी । में मेरा दोस्त किसी के घर में पेइंग गेस्ट बन के रहता है। ।मि.पटेल एक छोटा बंगलो टाइप घर किराया में लेके वहां रेह्ते है। उनका घर में मिसेस पटेल और उन लोगों का नर्सरी में पड़नेवाली एक बेटी है,ज़ीस का नाम दिया है। वह मेरा दोस्त को चाचू बुलाता है। मि.पटेल (अब्ब से हितेश नाम से बुलाएँगे) को मेरा दोस्त नाम से ही बुलाता है पर उनकी पत्नी यानि की मिसेस पटेल (अब्ब से मंजु बुलाएँगे) को भाभी ही कहता है। गुजरात में अब्ब हितेश का कोई नहीं है। पिछला ५ साल से मंजु का परेंट्स भी गुजरात छोड़के मुंबई में आगये। वहाँ एक फ्लैट खरीद के वह दोनों रेह्ते है। कहानी उस समय से डिटेल मालूम है जब हीतेश इंजीनियरिंग का लास्ट इयर में था उस से पहला घटना भी बताऊँगा जितना में जानता हू। हितेश अहमेदाबाद में ही पड़ रहा था। अहमेदाबाद के पास एक जगह है(नाम पूछिए मत) जहाँ हितेश अपनी माँ, नाना और नानी के साथ रहता था। उस का फ़ादर एक अनाथ था पर अच्छा इंसान था। इस्स लिए उसका नाना उनको घर जमाई बना के अच्चा प्यार दिया था। उसका नानी थोड़ी हिचक रही थी क्यूँकि उस समय उनकी बेटी देखने में बड़ी होगयी थी पर उम्र में कम थी। गुजरात में शायद कम उम्र में शादी होती है लगता है। सब ख़ुशी से जी रहे थे साल घूम ने से पहले ही हितेश आगया। ख़ुशी से सब झूम उठे। पर ज़ादा टाइम यह हाल नहीं रहा। हितेश के जनम के दो साल बाद मलेरिआ से अचानक हितेश के फादर की डेथ हो गई। तब हितेश की माँ केवल १८ साल की थी। एक बड़ा झटका लगा था उस फॅमिली को पर धिरे धीरे वह लोग उस सदमें से बाहर आने लगे और नार्मल होने लगे। कुछ साल बाद हीतेश के नाना नानी मंजू की दोबारा शादी के बारे में सोचे। पर मंजु खुद ही मना कर दिया वह। हीतेश के नाना के पास पैसा और प्रॉपर्टी था। तोह वह लोग एक फॅमिली बन के , एक आराम की ज़िन्दगी बिता रहा थे पर हितेश जब कॉलेज ख़तम किया उसको काम्पुसिंग में ही जॉब लग गया केवल २० साल का उम्र में। कंपनी में जाके जॉब ज्वाइन किया। और वीकेंड में घर आया करता था। पर उसका नाना नानी यह सोच के परेशांन होते थे की इतने दूर , अकेला उसका रहना खाना सब अकेले में करने में तकलीफ होती होगी। सो उसके नाना नानी उसकी शादी करवा ने के लिए सोच लिया।