hotaks444
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उसकी ठाट बाट देखकर तो मैं दंग रह गया. उस वक़्त उसके पास कम से कम अरबों की प्रॉपर्टी थी. फिर यहाँ पर मैने अपनी बिहारी बुद्धि लगाई. और उसकी भतीजी यानी कि पार्वती के पीछे हाथ धो कर पद गया. उस वक़्त वो भी उतनी खूबसूरत तो नहीं थी पर मेरे लिए वो सोने की अंडे देने वाली मुर्गी थी. मुझे उसके ज़रिए वो दौलत हासिल करनी थी.
करीब 1 साल तक मैं उसके पीछे हाथ धो कर पड़ा रहा. उसकी हर बात मानता. उसकी हर तरह से सेवा करता. और ऐसे ही धीरे धीरे मैने उसको अपने झूठे प्यार के जाल में फाँस लिया.और एक दिन वो मेरे साथ घर छोड़ कर भाग गयी. लेकिन मैं तो उसके घर में ही रहना चाहता था उसकी पूरी प्रॉपर्टी को निगलना चाहता था. लेकिन उसकी जिद्द की वजह से मुझे भी भागना पड़ा.
जब ये बात शौर्य सिंग को पता चली तो वो अपने आदमियों से कुत्तों की तरह हमारी छान बीन करवाना चालू का दिया. लेकिन यहाँ पर मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया. शौर्य सिंग के आदमियों ने हमे रेलवे स्टेशन तक जाते ही पकड़ लिया. और हम दोनो को उसके सामने ले जाया गया.
पहले तो शौर्य सिंग ने पार्वती को बहुत बुरा भला कहा और दो चार डंडों से मेरी भी अच्छे से सेवा की. मगर वो जल्दी ही पसीज गया और हमारे रिस्ते को हां कर दी. मगर शौर्य सिंग जितना बेवकूफ़ दिखता था उतना था नहीं. उसने किसी भी अपनी प्रॉपर्टी का ज़िक्र ना ही मुझसे किया और ना ही पार्वती से.
जब पार्वती 21 साल की हुई तो उसने एक वसीयत बनवाई. और वसीयत के मुताबिक सारी प्रॉपर्टी की मलिकिन पार्वती और वो बुड्ढ़ा सौर्य सिंग था. उसने मेरे नाम एक फूटी कौड़ी तक नही की. मेरा तो खून खौल उठा. मगर मैं क्या कर सकता था. तब मैं बड़े प्यार से उसकी सेवा भाव करने लगा. तो वो मुझसे खुस होकर मुझे एलेक्षन में खड़ा करवा दिया और मेरी किस्मेत कि मैं वो चुनाव जीत गया.
ऐसे ही धीरे धीरे मैं सत्ता में आ गया और अपनी हस्ती और वजूद मैने खुद बनाया. बाद में उस बुड्ढे ने आधी प्रॉपर्टी अपने बच्चो के नाम कर दी और आधा प्रॉपर्टी जो कि पार्वती की था वो उसी के नाम ही रहने दिया. मैने कई बार पार्वती से इस बारे में जिक्र किया तो उसने सॉफ सॉफ कह दिया कि जाओ और मेरे चाचा से इस बारे में बात करो. लेकिन मुझे इस बारे में बात करने की कभी हिम्मत ही नही हुई.फिर कुछ साल के बाद मेरी एक लड़की हुई. मैने उसे बड़े प्यार से पाला पोशा और जब वो थोड़ी बड़ी हुई तो शौर्य सिंग ने उसे पढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया भेज दिया. और पार्वती की आधी प्रॉपटी उसके नाम लिख दिया. यानी कि 25% पार्वती का और 25% शोभा का यानी मेरी बेटी का. और बाकी बचा 50 % जो शौर्य शिंग ने अपने परिवार के नाम कर दिया और मुझे हिलाने के लिए एक घंटा थमा दिया.
करीब 1 साल तक मैं उसके पीछे हाथ धो कर पड़ा रहा. उसकी हर बात मानता. उसकी हर तरह से सेवा करता. और ऐसे ही धीरे धीरे मैने उसको अपने झूठे प्यार के जाल में फाँस लिया.और एक दिन वो मेरे साथ घर छोड़ कर भाग गयी. लेकिन मैं तो उसके घर में ही रहना चाहता था उसकी पूरी प्रॉपर्टी को निगलना चाहता था. लेकिन उसकी जिद्द की वजह से मुझे भी भागना पड़ा.
जब ये बात शौर्य सिंग को पता चली तो वो अपने आदमियों से कुत्तों की तरह हमारी छान बीन करवाना चालू का दिया. लेकिन यहाँ पर मेरी किस्मत ने मेरा साथ दिया. शौर्य सिंग के आदमियों ने हमे रेलवे स्टेशन तक जाते ही पकड़ लिया. और हम दोनो को उसके सामने ले जाया गया.
पहले तो शौर्य सिंग ने पार्वती को बहुत बुरा भला कहा और दो चार डंडों से मेरी भी अच्छे से सेवा की. मगर वो जल्दी ही पसीज गया और हमारे रिस्ते को हां कर दी. मगर शौर्य सिंग जितना बेवकूफ़ दिखता था उतना था नहीं. उसने किसी भी अपनी प्रॉपर्टी का ज़िक्र ना ही मुझसे किया और ना ही पार्वती से.
जब पार्वती 21 साल की हुई तो उसने एक वसीयत बनवाई. और वसीयत के मुताबिक सारी प्रॉपर्टी की मलिकिन पार्वती और वो बुड्ढ़ा सौर्य सिंग था. उसने मेरे नाम एक फूटी कौड़ी तक नही की. मेरा तो खून खौल उठा. मगर मैं क्या कर सकता था. तब मैं बड़े प्यार से उसकी सेवा भाव करने लगा. तो वो मुझसे खुस होकर मुझे एलेक्षन में खड़ा करवा दिया और मेरी किस्मेत कि मैं वो चुनाव जीत गया.
ऐसे ही धीरे धीरे मैं सत्ता में आ गया और अपनी हस्ती और वजूद मैने खुद बनाया. बाद में उस बुड्ढे ने आधी प्रॉपर्टी अपने बच्चो के नाम कर दी और आधा प्रॉपर्टी जो कि पार्वती की था वो उसी के नाम ही रहने दिया. मैने कई बार पार्वती से इस बारे में जिक्र किया तो उसने सॉफ सॉफ कह दिया कि जाओ और मेरे चाचा से इस बारे में बात करो. लेकिन मुझे इस बारे में बात करने की कभी हिम्मत ही नही हुई.फिर कुछ साल के बाद मेरी एक लड़की हुई. मैने उसे बड़े प्यार से पाला पोशा और जब वो थोड़ी बड़ी हुई तो शौर्य सिंग ने उसे पढ़ाने के लिए ऑस्ट्रेलिया भेज दिया. और पार्वती की आधी प्रॉपटी उसके नाम लिख दिया. यानी कि 25% पार्वती का और 25% शोभा का यानी मेरी बेटी का. और बाकी बचा 50 % जो शौर्य शिंग ने अपने परिवार के नाम कर दिया और मुझे हिलाने के लिए एक घंटा थमा दिया.