कॉलेज में, अगर उसे कोई छेड़ दे तो वो तब भी उसे कुछ नहीं कहता था।
बल्कि, कभी कभी मैं गुस्सा होता था तो वो मुझे समझता था। लेकिन, आज उसके ये शैतानी रूप देख कर, मुझे भी हैरनी हुई..
मैं समझ गया के अब तक उसकी जिंदगी में जो कुछ भी हुआ है, उस से वो बहुत ज़्यादा “डिस्टर्ब” हो गया था..
नहीं तो, जिस लड़के को अगर कोई एक तमाचा भी मार दे तो वो तब भी कुछ नहीं कहेगा और आज वो इतने गुस्से में है की किसी का खून भी कर सकता है…
मैं तो ये सब देख के और सुन के, दंग रह गया था..
फिर, मैंने नीलोफर और सलमा को वसीम के “संत नेचर” के बारे में बताया तो वो लोग, यकीन नहीं कर रहे थे..
जब मैंने उन दोनों को सारी बात बताई तो सलमा समझ गई के उससे कितनी बड़ी भूल हुई है..
वो, मेरे सामने फूट फूट कर रोने लगी और कहा के वो, इस भूल का प्राश्चित ज़रूर करेगी..
उसने कहा के आगे से उस घर में वसीम जो कहेगा, वही होगा और घर के सभी लोगों को वसीम की बात माननी पड़ेगी।
मैंने उनसे कहा के मैं वसीम को समझाने की कोशिश ज़रूर करूँगा।
ये सब सुन के उन दोनों ने कहा के हम सब आपको बहुत ही ग़लत समझते थे.. लेकिन, आज आपकी बातें सुनकर हमारी नज़रों मे आपकी इज़्ज़त बढ़ गई है… अब आप जो कहेंगे, हम वही करेंगे..
फिर मैं वहाँ से, वसीम के कमरे में गया और उसको उठाया।
मैंने वसीम से कहा – यार, तुमने कल रात कैसे इतना बड़ा कांड कर लिया, मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है की तू वही वसीम है, जिससे मैंने दोस्ती की थी…
उसने मुझे कहा के वो जानता है की उसने ग़लती की है.. लेकिन, अब वो पीछे नहीं हटेगा।
मेरे समझाने से वो कुछ तो समझ गया और बोला की आज के बाद वो, उनमे से किसी को नहीं मारेगा, ना ही कोई तकलीफ़ पहुँचायेगा.. मगर, वो अपना बदला लेके ही रहेगा.. ..
उसके बाद, में वसीम को सलमा के कमरे में लेके गया और उसे सलमा की हालत दिखाई, तो उसे भी बुरा लगा..
फिर उसने डॉक्टर को फोन कर के बुलाया, उसके इलाज़ के लिए।
उसके बाद डॉक्टर रोज़ आके सलमा के सारे जख्मों को ड्रेसिंग करने लगे..
सलमा को ठीक होने के लिए, 10 से 15 दिन लग गये…
सलमा, ठीक हो गई तो एक रात को वो खुद ही वसीम के कमरे में गई और उस से माफी माँगी…
सलमा ने वसीम को, अपनी बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगी और बोली – मैं आज से तुम्हारी हूँ… तुम मेरे साथ, जो चाहो वो कर सकते हो… …
ऐसे में वसीम, कहाँ पीछे हटने वाला था!! !!!
उसने उसे बेड पर लिटके, उसके कपड़े उतारने चालू कर दिए..
उसकी चुचियों को मसलने और चूसने लगा.. मगर, इस बार पूरा मज़ा लेते हुए..
उस दिन, उसने सलमा को रात भर चोदा!!!
उसके बाद, तो वो सलमा को लगभग हर रात चोदता रहा… …
वो, दोनों बिल्कुल “पति पत्नी” की तरह रहने लगे..
ये बात, नीलोफर को पता चलनी ही थी..
और तो और, उसने एक दिन उन दोनों को रात में चुदाई करते हुए देख लिया..
फिर क्या था, जवान तो वो थी ही… वो भी, गरम हो गई और चुदने के लिए तरसने लगी.. ..
इस बीच वसीम ने मुझे सारी बात बताई के कैसे वो रोज़ सलमा को चोदता है।
उसने मुझे कहा के मैं भी आके उसके साथ उसके घर में रहने लगूँ और उसकी दोनों बहन या मौसी, जिसको चाहे पटा लूँ और मज़े लूँ…
मगर, मैंने उसे मना कर दिया और कहा के – यार, अगर कभी मुझे इसकी ज़रूरात पड़ी तो मैं ज़रूर तेरे घर पर आ जाऊंगा… क्यूंकी मैं अपनी प्रेमिका के साथ बहुत खुश था.. ..
इधर, सलमा को नीलोफर के ऊपर थोड़ा शक हुआ के वो किसी लड़के के चक्कर में पड़ी है.. ..
एक दिन, नीलोफर उस लड़के से फोन पर बात कर रही थी के अब वो, बिना चुदाई के नहीं रह सकती और वो लड़का उसे जहाँ लेजा कर चोदना चाहे, वो आ जाएगी.. ..
किसी से भी चुदने से उसे ऐतराज़ नहीं था क्यूंकि उसे तो बस अपनी चूत की खुजली को मिटाने के लिए, एक लण्ड की ज़रूरत थी…
ये सुन के, सलमा दंग रह गई!!!