hotaks444
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अमन:मौसी ये लोग हमें ऐसे क्यों देख रहे है
सीमा:दरअसल यहाँ के लोग काफ़ी ग़रीब हैं और पिछड़े हुए हैं और बहुत कम लोग ही सहर से आते है शायद हमारा पहनावा इन्हे नया लग रहा हो
आख़िर कार काफ़ी चलने के बाद सीमा एक लकड़ी के बड़े से दरवाजे के बाहर खड़ी हो गयी और दरवाजा खटखाया और अंदर से आवाज़ आई कॉन है
सीमा: रीमा दीदी में हूँ सीमा
रीमा ने जल्दी से दरवाजा खोला और सीमा के गले लग गयी
रीमा:और सूनाओ भाभी कैसी हो भाई साहिब नही आए
सीमा:नही उन्हें आगे छुट्टी नही मिली में ठीक हूँ दीदी आप कैसे हो
रीमा:में भी ठीक हूँ आओ अंदर आओ
अमन पीछे खड़ा मुस्करा रहा था
सीमा:दीदी ये मेरी बेहन शोभा का लड़का अमन है
अर्रे अमन बहुत बड़ा हो गया है जब आख़िरी बार देखा था तो शोभा की गोद में था
अमन और सीमा अंदर आ गये रीमा ने दरवाजा बंद किया
अमन रीमा के घर को देखने लगा घर का आँगन बहुत ज़्यादा बड़ा था और आख़िर में तीन बड़े-2 कमरे बने हुए थे और कमरों के आगे बड़ा सा बरामदा था और बरामदे के आगे एक बड़ा सा रसोई घर बना हुआ था तीनो कमरे एक लाइम में और एक तरफ छोटा सा रूम था जिसमे रीमा की सास रहती थी सामने की तरफ थी रीमा ने दोनो को एक रूम में ले जाकर सोफे पर बैठा दिया और ज़ोर से अपनी बहू काजल को आवाज़ लगाई और थोड़ी देर बाद पायल की खनकती आवाज़ के साथ रीमा की बहू काजल कमरे में आ गयी
रीमा: बहू देखो ये मेरी भाभी है सीमा इनके पाँव छुओ और ये इनका भतीजा अमन है
काजल ने आगे बढ़ कर सीमा के पाँव छुए और अमन ने काजल को नमस्ते कहा
रीमा;जाओ इनके लिए शरबत ले आओ और कुछ नाश्ता भी ले आना
काजल:जी माँ जी में अभी लाती हूँ
सीमा ने जो रस अमन को चुदाई का चखाया तो उसने अमन का हर चीज़ खास कर औरतों को देखने का नज़रिया बदल दिया था अमन काजल के हर अंग का जायज़ा ले रहा था काजल ने गुलाबी रंग की साड़ी पहन रखी थी जो उसने नाभि से 3 इंच नीचे बाँध रखी थी काजल का रंग थोड़ा सांवला था पर नैन नख्श बहुत अच्छे थे काजल सीमा और रीमा के उलट एक दम कमर से पतली थी और चुचियाँ 38 साइज़ की थी कुलमिलाकर काजल का बदन काफ़ी पतला था काजल किचन में चली गयी अमन काजल के खूबसूरत बदन को देख निहाल हो चुका था तीनो बैठ कर इधर उधर के बातें करने लगी कुछ देर बाद अमन और सीमा ने हल्का फूलका नाश्ता किया और रीमा अमन को दूसरे रूम में ले गई
रीमा:लो बेटा तुम यहाँ पर अपने कपड़े बदल कर आराम कर लो
अमन:ठीक है आंटी जी
और रीमा दूसरे कमरे में सीमा के पास चली गयी
सीमा: और बताओ दीदी आपके पति कहाँ हैं और बेटा भी नज़र नही आ रहा
रीमा:वो तो किस काम से शहर गये हैं 10 -12 दिन के बाद आएँगे कोई कचहरी में काम था
और विजय( रीमा का बेटा) वो तो खेत में गया है कुछ देर पहले ही फसल पक चुकी है काफ़ी ध्यान देना पड़ता है और जमीन भी दूर-2 तक फैली हुई है रात को खाना खाने आएगा मिल लेना उसे
सीमा: और तुम्हारी साँस कैसी है अब कैसी तबीयत है उनकी
रीमा:हां कल ही हॉस्पिटल से वापिसे लाएँ है अभी सो रही है और तू सुना क्या बता बड़ा रूप निखरा हुआ है लगता है भाई साहिब जम कर चुदाई करतें हैं
सीमा:कहाँ दीदी आप तो जानती है साल में एक दो बार ही आते हैं
रीमा:हां वो तो जानती हूँ
सीमा:और तुम सूनाओ सब ठीक है मज़े लूट रही हो या सब बंद कर दिया
रीमा:कहाँ यार क्या बताऊ अब घर पर बहू रहती है और मुझे ये सब ठीक नही लगता और ना ही मोका मिलता है
सीमा:तो बहू से कोई खूसखबरी है या अभी भी नही
रीमा: नही सीमा तुम तो जानती हो विजय के साथ क्या हुआ था बड़े डॉक्टरो को दिखाया कोई फ़ायदा नही हुआ कई घरेलू नुस्खे भी करके देख लिए पर कोई फ़ायदा नही पोते का मूँह देखना तो दूर मुझे तो बहू की चिंता सताती रहती वो भी अपनी हसरतों को मार कर जी रही है मुहँ से तो कुछ नही बोलती पर उदास बहुत रहती है और ऊपर सारे गाओं वाले लोग तरह -2 की बातें करने लगे हैं
सीमा:दीदी एक बात बताओ फिर आज कल चूत की आग को कैसे ठंडा कर रही हो
रीमा:क्या बताऊ यार अब समाज के डर से घर से बाहर तो जा नही सकती बस कभी-2 जवानी के दिनो को याद करके चूत में उंगली कर लेती हूँ पर साली ये चूत ठंडी होने की बजाए और खुजलाने लगती है अब तू ही बता में कर सकती हूँ
सीमा: दीदी में तुम्हारी चूत की खुजली दूर करने की दवाई साथ में लेकर आई हूँ
रीमा: क्या बोल रही है तू सच बता ना क्या लाई है
सीमा:वही जिसे अभी तुम दूसरे कमरे में छोड़ कर आई हो
रीमा: चोन्क्ते हुए) क्या बोल रही है तू मुझे यकीन नही हो रहा
सीमा:अब तुमसे क्या छुपाना दीदी मैने उसे अपने जाल में फँसा लिया है पर उसे जाल में फाँसते -2 में और मेरी चूत खुद उसके लंड के गुलाम हो गये है
रीमा:लेकिन देखने में तो छोटा लगता है तुम्हारी चूत का पानी निकाल पाता भी है या नही
सीमा:एक बार अपनी भोसड़ी में उसका लंड लेकर तो देखो अगर तुम्हारी चूत की धज्जियाँ ना उड़ा दे तो मेरा नाम भी सीमा नही
रीमा:तू सच कह रही है तुमने तो आज मेरा दिल खुश कर दिया (अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए) देख मेरी चूत तो अभी से खुजलाने लगी हीयरी है
सीमा:हंसते हुए) कोई बात नही दीदी तुम्हारी चूत की खुजली भी शांत हो जाएगी बस तुम रात की चुदाई का इंतज़ाम करो बाकी में सब संभाल लूँगी
रीमा:देखते हैं चोदे के लंड में कितना दम हैं
और दोनो हँसने लगी दोनो आपस में बेड पर लेट कर बातें कर रही थी दूसरी तरफ अमन बेड पर लेटा काजल के छरहरे बदन के बारे में सोच -2 कर पागल हुआ जा रहा था क्या कयामत बदन था उसका शाम के 6 बज चुके थे अमन जो कि सो चुका था सीमा ने उसे कमरे में आकर उठाया और बेड पर उसके पास बैठ कर उसके होंठो को चूमते हुए बोली चल हाथ मूँह धो ले और चाइ पी ले .
सीमा:दरअसल यहाँ के लोग काफ़ी ग़रीब हैं और पिछड़े हुए हैं और बहुत कम लोग ही सहर से आते है शायद हमारा पहनावा इन्हे नया लग रहा हो
आख़िर कार काफ़ी चलने के बाद सीमा एक लकड़ी के बड़े से दरवाजे के बाहर खड़ी हो गयी और दरवाजा खटखाया और अंदर से आवाज़ आई कॉन है
सीमा: रीमा दीदी में हूँ सीमा
रीमा ने जल्दी से दरवाजा खोला और सीमा के गले लग गयी
रीमा:और सूनाओ भाभी कैसी हो भाई साहिब नही आए
सीमा:नही उन्हें आगे छुट्टी नही मिली में ठीक हूँ दीदी आप कैसे हो
रीमा:में भी ठीक हूँ आओ अंदर आओ
अमन पीछे खड़ा मुस्करा रहा था
सीमा:दीदी ये मेरी बेहन शोभा का लड़का अमन है
अर्रे अमन बहुत बड़ा हो गया है जब आख़िरी बार देखा था तो शोभा की गोद में था
अमन और सीमा अंदर आ गये रीमा ने दरवाजा बंद किया
अमन रीमा के घर को देखने लगा घर का आँगन बहुत ज़्यादा बड़ा था और आख़िर में तीन बड़े-2 कमरे बने हुए थे और कमरों के आगे बड़ा सा बरामदा था और बरामदे के आगे एक बड़ा सा रसोई घर बना हुआ था तीनो कमरे एक लाइम में और एक तरफ छोटा सा रूम था जिसमे रीमा की सास रहती थी सामने की तरफ थी रीमा ने दोनो को एक रूम में ले जाकर सोफे पर बैठा दिया और ज़ोर से अपनी बहू काजल को आवाज़ लगाई और थोड़ी देर बाद पायल की खनकती आवाज़ के साथ रीमा की बहू काजल कमरे में आ गयी
रीमा: बहू देखो ये मेरी भाभी है सीमा इनके पाँव छुओ और ये इनका भतीजा अमन है
काजल ने आगे बढ़ कर सीमा के पाँव छुए और अमन ने काजल को नमस्ते कहा
रीमा;जाओ इनके लिए शरबत ले आओ और कुछ नाश्ता भी ले आना
काजल:जी माँ जी में अभी लाती हूँ
सीमा ने जो रस अमन को चुदाई का चखाया तो उसने अमन का हर चीज़ खास कर औरतों को देखने का नज़रिया बदल दिया था अमन काजल के हर अंग का जायज़ा ले रहा था काजल ने गुलाबी रंग की साड़ी पहन रखी थी जो उसने नाभि से 3 इंच नीचे बाँध रखी थी काजल का रंग थोड़ा सांवला था पर नैन नख्श बहुत अच्छे थे काजल सीमा और रीमा के उलट एक दम कमर से पतली थी और चुचियाँ 38 साइज़ की थी कुलमिलाकर काजल का बदन काफ़ी पतला था काजल किचन में चली गयी अमन काजल के खूबसूरत बदन को देख निहाल हो चुका था तीनो बैठ कर इधर उधर के बातें करने लगी कुछ देर बाद अमन और सीमा ने हल्का फूलका नाश्ता किया और रीमा अमन को दूसरे रूम में ले गई
रीमा:लो बेटा तुम यहाँ पर अपने कपड़े बदल कर आराम कर लो
अमन:ठीक है आंटी जी
और रीमा दूसरे कमरे में सीमा के पास चली गयी
सीमा: और बताओ दीदी आपके पति कहाँ हैं और बेटा भी नज़र नही आ रहा
रीमा:वो तो किस काम से शहर गये हैं 10 -12 दिन के बाद आएँगे कोई कचहरी में काम था
और विजय( रीमा का बेटा) वो तो खेत में गया है कुछ देर पहले ही फसल पक चुकी है काफ़ी ध्यान देना पड़ता है और जमीन भी दूर-2 तक फैली हुई है रात को खाना खाने आएगा मिल लेना उसे
सीमा: और तुम्हारी साँस कैसी है अब कैसी तबीयत है उनकी
रीमा:हां कल ही हॉस्पिटल से वापिसे लाएँ है अभी सो रही है और तू सुना क्या बता बड़ा रूप निखरा हुआ है लगता है भाई साहिब जम कर चुदाई करतें हैं
सीमा:कहाँ दीदी आप तो जानती है साल में एक दो बार ही आते हैं
रीमा:हां वो तो जानती हूँ
सीमा:और तुम सूनाओ सब ठीक है मज़े लूट रही हो या सब बंद कर दिया
रीमा:कहाँ यार क्या बताऊ अब घर पर बहू रहती है और मुझे ये सब ठीक नही लगता और ना ही मोका मिलता है
सीमा:तो बहू से कोई खूसखबरी है या अभी भी नही
रीमा: नही सीमा तुम तो जानती हो विजय के साथ क्या हुआ था बड़े डॉक्टरो को दिखाया कोई फ़ायदा नही हुआ कई घरेलू नुस्खे भी करके देख लिए पर कोई फ़ायदा नही पोते का मूँह देखना तो दूर मुझे तो बहू की चिंता सताती रहती वो भी अपनी हसरतों को मार कर जी रही है मुहँ से तो कुछ नही बोलती पर उदास बहुत रहती है और ऊपर सारे गाओं वाले लोग तरह -2 की बातें करने लगे हैं
सीमा:दीदी एक बात बताओ फिर आज कल चूत की आग को कैसे ठंडा कर रही हो
रीमा:क्या बताऊ यार अब समाज के डर से घर से बाहर तो जा नही सकती बस कभी-2 जवानी के दिनो को याद करके चूत में उंगली कर लेती हूँ पर साली ये चूत ठंडी होने की बजाए और खुजलाने लगती है अब तू ही बता में कर सकती हूँ
सीमा: दीदी में तुम्हारी चूत की खुजली दूर करने की दवाई साथ में लेकर आई हूँ
रीमा: क्या बोल रही है तू सच बता ना क्या लाई है
सीमा:वही जिसे अभी तुम दूसरे कमरे में छोड़ कर आई हो
रीमा: चोन्क्ते हुए) क्या बोल रही है तू मुझे यकीन नही हो रहा
सीमा:अब तुमसे क्या छुपाना दीदी मैने उसे अपने जाल में फँसा लिया है पर उसे जाल में फाँसते -2 में और मेरी चूत खुद उसके लंड के गुलाम हो गये है
रीमा:लेकिन देखने में तो छोटा लगता है तुम्हारी चूत का पानी निकाल पाता भी है या नही
सीमा:एक बार अपनी भोसड़ी में उसका लंड लेकर तो देखो अगर तुम्हारी चूत की धज्जियाँ ना उड़ा दे तो मेरा नाम भी सीमा नही
रीमा:तू सच कह रही है तुमने तो आज मेरा दिल खुश कर दिया (अपनी साड़ी के ऊपर से अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए) देख मेरी चूत तो अभी से खुजलाने लगी हीयरी है
सीमा:हंसते हुए) कोई बात नही दीदी तुम्हारी चूत की खुजली भी शांत हो जाएगी बस तुम रात की चुदाई का इंतज़ाम करो बाकी में सब संभाल लूँगी
रीमा:देखते हैं चोदे के लंड में कितना दम हैं
और दोनो हँसने लगी दोनो आपस में बेड पर लेट कर बातें कर रही थी दूसरी तरफ अमन बेड पर लेटा काजल के छरहरे बदन के बारे में सोच -2 कर पागल हुआ जा रहा था क्या कयामत बदन था उसका शाम के 6 बज चुके थे अमन जो कि सो चुका था सीमा ने उसे कमरे में आकर उठाया और बेड पर उसके पास बैठ कर उसके होंठो को चूमते हुए बोली चल हाथ मूँह धो ले और चाइ पी ले .