desiaks
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“ऐसे ही कह रहे हो ।” - फौजिया बोली - “फैमिलियर होने की बुनियाद बनाने कि लिये । लेकिन मुझे कोई एतराज नहीं ।”
“मुझे राज माथुर कहते हैं ।”
“मुझे याद है । सतीश ने बताया था ।”
“तुम फौजिया हो ।”
“शहजादी शीबा कहो” - डॉली बोली - “जिसको बड़ी शिद्दत से बादशाह सोलोमन की तलाश है ।”
“डॉली डार्लिंग ।” - फौजिया मीठे स्वर में बोली ।
“यस, माई लव ।” - डॉली बोली ।
“अप युअर्स ।”
डॉली के चेहरे पर क्रोध के भाव आये ।
“पिछले साल मैं अपनी फर्म के काम से दिल्ली गया था । वहां हमारा कल्यान्ट मुझे ड्रिंक डिनर के लिये एक ऐसे बड़े होटल में ले गया था जो कि कैब्रे के लिये मशहूर था । वहां जो मेन डांसर थी, मिस फौजिया, उसकी शक्ल हूबहू आपसे मिलती थी ।”
“क्या बात करते हो ।” - डॉली जलकर बोली - “ऐसी शक्ल कहीं दूसरी हो सकती है ।”
“तो... तो...”
तभी लाउन्ज में ताली की आवाज गूंजी ।
मुकेशा ने सिर उठाया तो पाया कि सतीश बाल्कनी से नीचे उतर आया था और अब वो अपने मेहमानों से सम्बोधित था ।
“मेरी बुलबुलो ।” - वो उच्च स्वर में बोला - “जरा इधर मेरी तरफ तवज्जो दो क्योंकि मेरे पास तुम्हारे लिये एक बहुत खास खबर है ।”
“क्या खास खबर है ?” - युवतियां लगभग सम्वेत् स्वर में बोलीं ।
“मैं अभी जारी करता हूं लेकिन पहले एक और खबर । कैनेडा से मारिया ने फैक्स भेजा है और अफसोस जताया कि वो इस बार भी नहीं आ सकती ।”
“बहाना वही पुराना होगा” - ज्योति नाक चढाकर बोली - “कि वो ‘एक्सपैक्ट’ कर रही है ।”
“हां ।”
“ये उसका चौथा बच्चा होगा या पांचवा ?”
“चौथा ।”
“कैनेडा बड़ी उपजाऊ जगह मालूम होती है । चार साल में चार बच्चे ।”
“लेकिन उसने लिखा है कि अब वो आखिरी है । लिहाजा अगले साल वो मेरी पार्टी में जरूर आयेगी । माई हनी पॉट्स, उसने तुम्हें अपना प्यार भेजा है ।”
“सारा ही भेज दिया होगा” - शशिबाला बोली - “पीछे हसबैंड के लिये कुछ भी नहीं छोड़ा होगा । तभी तो उसे गारन्टी है कि अब पांचवा बच्चा नहीं होगा ।”
जोर का अट्टहास हुआ ।
“अब खास खबर तो जारी करो ।” - आलोका बोली ।
“हां । जरूर ।” - सतीश बोला - “खबर सच में ही बहुत खास है, और बहुत फड़कती हुई भी, जो कि तुम सबको भी फड़का देगी ।”
“हम तैयार बैठी हैं फड़कने के लिये ।” - फौजिया बोली - “खबर तो बोलो ।”
“स्वीटहार्टस” - तब सतीश बड़े नाटकीय अन्दाज से बोला - “अपनी पायल आ रही है ।”
लाउन्ज में सन्नाटा छा गया । खबर इतनी अप्रत्याशित थी कि एक बारगी किसी बुलबुल के मुंह से बोल नहीं फूटा था । सात साल बाद पायल आ रही थी । अब जब कि हर कोई उसकी आमद की आखिरी उम्मीद भी छोड़ चुका था तो वो आ रही थी ।
फिर जैसे एकाएक सन्नाटा हुआ था, वैसे ही एकाएक हाल में खलबली मच गयी और पायल की आमद के बारे में सतीश पर सवालों की बौछार होने लगी ।
“मेरी बुलबुलो” - सतीश उच्च स्वर में बोला - “तुम सबका कल का ब्रेकफास्ट सुपर बुलबुल पायल पाटिल के साथ होगा ।”
हर्षनाद हुआ ।
“मुझे राज माथुर कहते हैं ।”
“मुझे याद है । सतीश ने बताया था ।”
“तुम फौजिया हो ।”
“शहजादी शीबा कहो” - डॉली बोली - “जिसको बड़ी शिद्दत से बादशाह सोलोमन की तलाश है ।”
“डॉली डार्लिंग ।” - फौजिया मीठे स्वर में बोली ।
“यस, माई लव ।” - डॉली बोली ।
“अप युअर्स ।”
डॉली के चेहरे पर क्रोध के भाव आये ।
“पिछले साल मैं अपनी फर्म के काम से दिल्ली गया था । वहां हमारा कल्यान्ट मुझे ड्रिंक डिनर के लिये एक ऐसे बड़े होटल में ले गया था जो कि कैब्रे के लिये मशहूर था । वहां जो मेन डांसर थी, मिस फौजिया, उसकी शक्ल हूबहू आपसे मिलती थी ।”
“क्या बात करते हो ।” - डॉली जलकर बोली - “ऐसी शक्ल कहीं दूसरी हो सकती है ।”
“तो... तो...”
तभी लाउन्ज में ताली की आवाज गूंजी ।
मुकेशा ने सिर उठाया तो पाया कि सतीश बाल्कनी से नीचे उतर आया था और अब वो अपने मेहमानों से सम्बोधित था ।
“मेरी बुलबुलो ।” - वो उच्च स्वर में बोला - “जरा इधर मेरी तरफ तवज्जो दो क्योंकि मेरे पास तुम्हारे लिये एक बहुत खास खबर है ।”
“क्या खास खबर है ?” - युवतियां लगभग सम्वेत् स्वर में बोलीं ।
“मैं अभी जारी करता हूं लेकिन पहले एक और खबर । कैनेडा से मारिया ने फैक्स भेजा है और अफसोस जताया कि वो इस बार भी नहीं आ सकती ।”
“बहाना वही पुराना होगा” - ज्योति नाक चढाकर बोली - “कि वो ‘एक्सपैक्ट’ कर रही है ।”
“हां ।”
“ये उसका चौथा बच्चा होगा या पांचवा ?”
“चौथा ।”
“कैनेडा बड़ी उपजाऊ जगह मालूम होती है । चार साल में चार बच्चे ।”
“लेकिन उसने लिखा है कि अब वो आखिरी है । लिहाजा अगले साल वो मेरी पार्टी में जरूर आयेगी । माई हनी पॉट्स, उसने तुम्हें अपना प्यार भेजा है ।”
“सारा ही भेज दिया होगा” - शशिबाला बोली - “पीछे हसबैंड के लिये कुछ भी नहीं छोड़ा होगा । तभी तो उसे गारन्टी है कि अब पांचवा बच्चा नहीं होगा ।”
जोर का अट्टहास हुआ ।
“अब खास खबर तो जारी करो ।” - आलोका बोली ।
“हां । जरूर ।” - सतीश बोला - “खबर सच में ही बहुत खास है, और बहुत फड़कती हुई भी, जो कि तुम सबको भी फड़का देगी ।”
“हम तैयार बैठी हैं फड़कने के लिये ।” - फौजिया बोली - “खबर तो बोलो ।”
“स्वीटहार्टस” - तब सतीश बड़े नाटकीय अन्दाज से बोला - “अपनी पायल आ रही है ।”
लाउन्ज में सन्नाटा छा गया । खबर इतनी अप्रत्याशित थी कि एक बारगी किसी बुलबुल के मुंह से बोल नहीं फूटा था । सात साल बाद पायल आ रही थी । अब जब कि हर कोई उसकी आमद की आखिरी उम्मीद भी छोड़ चुका था तो वो आ रही थी ।
फिर जैसे एकाएक सन्नाटा हुआ था, वैसे ही एकाएक हाल में खलबली मच गयी और पायल की आमद के बारे में सतीश पर सवालों की बौछार होने लगी ।
“मेरी बुलबुलो” - सतीश उच्च स्वर में बोला - “तुम सबका कल का ब्रेकफास्ट सुपर बुलबुल पायल पाटिल के साथ होगा ।”
हर्षनाद हुआ ।