hotaks444
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"फैक्टरी में आग लगने की सूचना उस रात लगभग तीन बजे मेरे पीए के द्वारा मुझे मिली।" अजय सिंह ने कहा__"मैं अपनी पत्नी के साथ अपने कमरे में उस वक्त सोया हुआ था, जब मेरे पीए का फोन आया था। उसने ही बताया कि हमारी फैक्टरी में आग लग गई है।"
"इसके बाद आपने क्या किया?" रितू ने पूछा।
"मैने वही किया।" अजय सिंह कह रहा था__"जो हर इंसान इन हालातों में करता है। अपने पीए के द्वारा फोन पर मिली सूचना के तुरंत बाद ही मैं वहां से शहर के लिए निकल पड़ा। जब सुबह के प्रहर मैं यहाॅ पहुॅचा तो सब कुछ तबाह हो चुका था।"
"फैक्टरी पहुॅच कर आपने क्या ऐक्शन लिया?" रितू ने पूछा।
"किसी प्रकार का ऐक्शन लेने की हालत ही नहीं थी उस वक्त मेरी।" अजय सिंह बोला__"अपनी आॅखों के सामने अपना सब कुछ खाक़ में मिल गया देख होश ही नहीं था मुझे। कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करूॅ क्या न करूॅ? वो तो मेरे पीए ने ही बताया कि फैक्टरी में आग लगने के बाद उसने इस संबंध में क्या क्या किया है?"
"मैं आपके पीए का बयान लेना चाहती हूॅ।" रितू ने कहा__"आप उन्हें बुला दीजिए प्लीज।"
अजय सिंह को बुलाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी क्यों पीए वहीं था, और पीए ही बस क्यों बल्कि फैक्टरी के स्टाफ का लगभग हर ब्यक्ति वहाॅ मौजूद था। सबको पता हो चुका था कि फैक्टरी की दुबारा छानबीन हो रही है इस लिए हर ब्यक्ति उत्सुकतावश वहाॅ मौजूद था।
अजय सिंह ने इशारे से पीए को बुलाया। वह तुरंत ही हाज़िर हो गया।
"आपका नाम?" रितु ने पीए के हाज़िर होते ही सवाल किया।
"जी मेरा नाम दीनदयाल शर्मा है।" पीए ने बताया।
"ठाकुर साहब की फैक्टरी में कब से ऐज अ पीए काम कर रहे हैं?" रितू ने पूछा।
"जी लगभग छः साल हो गए।" दीन दयाल ने कहा।
"छः साल काफी लम्बा समय होता है ये तो आप भी जानते होंगे?" रितु ने अजीब भाव से कहा__"कहने का मतलब ये कि इन छः सालो में आपको अपने मालिक और उनके काम के बारे अच्छी तरह जानकारी होगी।"
"जी शायद।" दीनदयाल ने अनिश्चित भाव से कहा__"शायद शब्द इस लिए कहा कि छः साल अपने मालिक के नजदीक रह कर भी ये बात मैं दावे के साथ नहीं कह सकता कि मैं उनके और उनके काम के बारे में पूरी तरह ही जानता हूॅ। बहुत सी बातें ऐसी होती हैं जो कोई भी मालिक अपने किसी नौकर को बताना ज़रूरी नहीं समझता।"
"आपने बिलकुल ठीक कहा।" रितू ने कहा__"खैर, तो अब आप बताइये कि उस रात क्या क्या और किस तरह हुआ?"
"ज जी क्या मतलब?" दीनदयाल चकराया।
"मेरे कहने का मतलब है कि जिस रात फैक्टरी में लगी थी।" रितू ने कहा__"उस रात की सारी बातें आप विस्तार से बताइए।"
दीनदयाल ने कुछ पल सोचा फिर वो सब बताता चला गया जो उस रात हुआ था। उसने वही सब बताया जो हवेली में अभय सिंह से पूछने पर अजय सिंह ने उसे बताया था और उधर मुम्बई में निधि ने सबको अखबार के माध्यम से बताया था। (दोस्तो, आप सबको भी पता ही होगा)
सब कुछ सुनने के बाद रितू ने गहरी साॅस ली और वहीं पर चहलकदमीं करते हुए कहा__"तो आपकी और पुलिस की छानबीन के बाद तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार फैक्टरी में आग लगने की मुख्य वजह सिर्फ सार्ट शर्किट ही है?"
"जी पुलिस ने तो अपनी यही रिपोर्ट छानबीन के बाद तैयार करके दी थी।" दीनदयाल ने कहा।
"क्या आपने इस बात पर विचार नहीं किया या फिर क्या आपने इस नज़रिये से नहीं सोचा कि फैक्टरी में आग किसी के द्वारा लगाई गई भी हो सकती है?" रितू ने पूछा था।
"इसके बाद आपने क्या किया?" रितू ने पूछा।
"मैने वही किया।" अजय सिंह कह रहा था__"जो हर इंसान इन हालातों में करता है। अपने पीए के द्वारा फोन पर मिली सूचना के तुरंत बाद ही मैं वहां से शहर के लिए निकल पड़ा। जब सुबह के प्रहर मैं यहाॅ पहुॅचा तो सब कुछ तबाह हो चुका था।"
"फैक्टरी पहुॅच कर आपने क्या ऐक्शन लिया?" रितू ने पूछा।
"किसी प्रकार का ऐक्शन लेने की हालत ही नहीं थी उस वक्त मेरी।" अजय सिंह बोला__"अपनी आॅखों के सामने अपना सब कुछ खाक़ में मिल गया देख होश ही नहीं था मुझे। कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करूॅ क्या न करूॅ? वो तो मेरे पीए ने ही बताया कि फैक्टरी में आग लगने के बाद उसने इस संबंध में क्या क्या किया है?"
"मैं आपके पीए का बयान लेना चाहती हूॅ।" रितू ने कहा__"आप उन्हें बुला दीजिए प्लीज।"
अजय सिंह को बुलाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ी क्यों पीए वहीं था, और पीए ही बस क्यों बल्कि फैक्टरी के स्टाफ का लगभग हर ब्यक्ति वहाॅ मौजूद था। सबको पता हो चुका था कि फैक्टरी की दुबारा छानबीन हो रही है इस लिए हर ब्यक्ति उत्सुकतावश वहाॅ मौजूद था।
अजय सिंह ने इशारे से पीए को बुलाया। वह तुरंत ही हाज़िर हो गया।
"आपका नाम?" रितु ने पीए के हाज़िर होते ही सवाल किया।
"जी मेरा नाम दीनदयाल शर्मा है।" पीए ने बताया।
"ठाकुर साहब की फैक्टरी में कब से ऐज अ पीए काम कर रहे हैं?" रितू ने पूछा।
"जी लगभग छः साल हो गए।" दीन दयाल ने कहा।
"छः साल काफी लम्बा समय होता है ये तो आप भी जानते होंगे?" रितु ने अजीब भाव से कहा__"कहने का मतलब ये कि इन छः सालो में आपको अपने मालिक और उनके काम के बारे अच्छी तरह जानकारी होगी।"
"जी शायद।" दीनदयाल ने अनिश्चित भाव से कहा__"शायद शब्द इस लिए कहा कि छः साल अपने मालिक के नजदीक रह कर भी ये बात मैं दावे के साथ नहीं कह सकता कि मैं उनके और उनके काम के बारे में पूरी तरह ही जानता हूॅ। बहुत सी बातें ऐसी होती हैं जो कोई भी मालिक अपने किसी नौकर को बताना ज़रूरी नहीं समझता।"
"आपने बिलकुल ठीक कहा।" रितू ने कहा__"खैर, तो अब आप बताइये कि उस रात क्या क्या और किस तरह हुआ?"
"ज जी क्या मतलब?" दीनदयाल चकराया।
"मेरे कहने का मतलब है कि जिस रात फैक्टरी में लगी थी।" रितू ने कहा__"उस रात की सारी बातें आप विस्तार से बताइए।"
दीनदयाल ने कुछ पल सोचा फिर वो सब बताता चला गया जो उस रात हुआ था। उसने वही सब बताया जो हवेली में अभय सिंह से पूछने पर अजय सिंह ने उसे बताया था और उधर मुम्बई में निधि ने सबको अखबार के माध्यम से बताया था। (दोस्तो, आप सबको भी पता ही होगा)
सब कुछ सुनने के बाद रितू ने गहरी साॅस ली और वहीं पर चहलकदमीं करते हुए कहा__"तो आपकी और पुलिस की छानबीन के बाद तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार फैक्टरी में आग लगने की मुख्य वजह सिर्फ सार्ट शर्किट ही है?"
"जी पुलिस ने तो अपनी यही रिपोर्ट छानबीन के बाद तैयार करके दी थी।" दीनदयाल ने कहा।
"क्या आपने इस बात पर विचार नहीं किया या फिर क्या आपने इस नज़रिये से नहीं सोचा कि फैक्टरी में आग किसी के द्वारा लगाई गई भी हो सकती है?" रितू ने पूछा था।