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- Dec 5, 2013
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पूनम तो पहले से ही नंगी हुए बैठी थी। उसकी आवाज़ बैठने लगी। पूछी "क्यूँ?" हालाँकि उसे पता था कि कोई लड़का किसी लड़की को नंगी होने बोल रहा है तो क्यों बोल रहा है।
गुड्डू बोला "क्यों की तुझे चोदना है। तेरी नंगी चुत को सहलाना है। उसे अपने हाथों से फैला कर तेरी चुत में अपना जीभ घुसा कर चूसना है। तेरी नंगी चुच्ची को मसलना है और तेरे निप्पल को मुँह में भरकर चूसना है। तेरे चिकने बदन को सहलाना है। तेरी कमर, पीठ, पेट जांघ पे हाथ फेरना है और हर जगह को चूमना है। तुम्हारी चुत में ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करना है और उसे अपने लण्ड के लिए तैयार करना है। और फिर अपना लण्ड तेरी चुत में डालकर तुझे चोदना है जान....। हो जा न नंगी। पूरी नंगी।"
इतना सुनते ही पूनम के मुँह से "आहः" निकली जिसे इस बार वो अंदर नहीं रोक पायी। गुड्डू फिर से आगे और बोलना स्टार्ट किया और फिर पूनम बोल दी "आहः, तो चोद लो न। पूरी नंगी हूँ। डाल दो न अपना लण्ड मेरी चुत में, और चोद लो जी भर कर।" पूनम की चुत पूरी गर्म हो गयी थी और वो तेज़ी से ऊँगली अंदर बाहर करने लगी थी।
फिर गुड्डू जैसे जैसे बोलता गया, पूनम उस उस तरह से बोलती गयी और फ़ोन पे ही हर तरह से गुड्डू से चुदवाती गयी। गुड्डू बोला "मेरे लण्ड पे बैठ जाओ और चुदवाओ।" तो पूनम खुद से बोली "तुम्हारे लण्ड को अपनी चुत में भरकर तुम्हारे ऊपर बैठ गयी हूँ और उछाल उछल कर चुदवा रही हूँ तुमसे। आहः चोदो मुझे आहः।"
गुड्डू समझ गया था कि पूनम कितनी गर्म है। बोला "कब मिलेगी जान? कब अपने चुत के समंदर में मेरे लण्ड को डुबकी लगाने देगी?" पूनम तो अभी पूरी तैयार थी। वो दोनों पैर फैलाकर अपनी चुत में ऊँगली अंदर बाहर कर रही थी और इमेजिन कर रही थी की गुड्डू उसे फुल स्पीड में चोद रहा है। बोली "तो चोद लो न।"
गुड्डू अब सच में पूनम के नंगे बदन को सहलाना चाहता था। बोला "कल आ जाओ न, मेरे पास।" पूनम पूरी तरह वासना के नशे में थी। पूछी "कहाँ?" गुड्डू के लण्ड की अकड़ और बढ़ गयी की कल पूनम उसके पास चुदवाने के लिए आ रही है। बोला "मेरे अड्डे पे। वहीँ पूरी मस्ती करेंगे।" गुड्डू ने अपने अड्डे का पता बताया। बोला "वहीँ पे पूरे नंगे होकर तुम्हारे बदन के हर हिस्से को चूमूँगा। तुम्हे अपनी गोद में उठा लूँगा और तुम्हारी चुत में लण्ड डाल कर पूरे घर में घुमाऊँगा। तुम्हारी चुच्ची को आंटे की तरह गूथ गूथ कर मसल दूँगा। तुम्हारी चुत को अपने जीभ से चोद चोद कर चूसूंगा। खूब चोदुंगा तुम्हे। तीन बार लण्ड का पानी निकालूँगा तुम्हारे पे। एक बार तुम्हारे मुँह में, फिर चुत में और फिर गांड में।"
पूनम सुनती जा रही थी और इमेजिन करती जा रही थी की कैसे कैसे गुड्डू उसे चोदेगा। वो तैयार थी गुड्डू से चुदवाने के लिए। उसके लण्ड का पानी पीने के लिए, उसके लण्ड को अपनी चुत और गांड की सैर कराने के लिए। जैसे जैसे गुड्डू चोदना चाहे, वैसे वैसे चुदवाने के लिए। पूनम की ऊँगली तेज़ी से चुत में अंदर बाहर हो रही थी और फिर उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया। वो हाँफने लगी। अब उसका दिमाग थोड़ा काम कर रहा था। उसे गुड्डू से चुदवाने में तो अभी ऐतराज़ नहीं था, लेकिन वो उसके अड्डे पे जाने के नाम से डर गयी। एक अनजान सा डर उसके मन में बैठ गया। वो अपनी साँसों को सम्हाली और बोली "आऊँगी, लेकिन अभी नहीं, कुछ दिन बाद।" गुड्डू थोड़ा उदास हो गया। बोला "क्यूँ जान, कितना तड़पायेगी।"
पूनम अब आराम से लेटी हुई रिलैक्स हो रही थी। उसकी चुत से रस बहकर बाहर आ रहा था। वो गुड्डू को समझाते हुए बोली "देखो..., मैं इतना कुछ की तुम्हारी साथ। क्या क्या नहीं बोली। जैसे जैसे तुम बोलते हो, वैसे मैं इमेजिन करती जाती हूँ। मुझे अच्छा भी लगता है। और जब इतना कुछ की हूँ तो तुमसे चुदवाऊँगी भी। लेकिन मुझे कुछ वक़्त दो। जब तुम्हे मुझे चोदना ही है तो मैं उसके लिए तैयार हूँ। लेकिन मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए सोंचने समझने का। मैं बस चाहती हूँ की किसी को कुछ पता न चले, मैं बदनाम न हो जाऊँ। अमित वैसे ही मेरे बारे में बहुत से लोगों को बहुत सारी उल्टी सीधी बात बोल चूका होगा। तो मैं बस इसी से डरती हूँ।"
गुड्डू के लिए सब्र रखना मुश्किल हो रहा था। बोला "किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। वहाँ कोई तुम्हे आता जाता देख भी नहीं सकता। भरोसा रखो मेरे पर।" पूनम सच में चुदवाने के लिए तैयार थी। लेकिन वो बस एक बार और अच्छे से सोंच लेना चाहती थी। बोली "भरोसा है, तभी तो तुम्हारे साथ इतना कुछ बात करती हूँ। तुमने कभी भी ज़िद नहीं किया, कोई जबर्दस्ती नहीं की, इसलिए इतना कुछ की मैं। और वो भी करुँगी जो तुम चाहते हो। मैं तुमसे चुदवाऊँगी भी। लेकिन तुम बस मुझे थोड़ा और वक़्त दो। और ...." पूनम की बात खत्म होने से पहले ही गुड्डू बोला "कोई बात नहीं। ले लो जितना वक़्त लेना है। मेरा लण्ड तुम्हारी चुत के लिए थोड़ा और इंतज़ार कर लेगा। लेकिन याद रखना, जब चुदाई हो, तो पूरी मस्ती के साथ हो। कोई रुकावट न रहे, कोई कमी न रहे। मुझे कोई जल्दी नहीं है।"
गुड्डू बोला "क्यों की तुझे चोदना है। तेरी नंगी चुत को सहलाना है। उसे अपने हाथों से फैला कर तेरी चुत में अपना जीभ घुसा कर चूसना है। तेरी नंगी चुच्ची को मसलना है और तेरे निप्पल को मुँह में भरकर चूसना है। तेरे चिकने बदन को सहलाना है। तेरी कमर, पीठ, पेट जांघ पे हाथ फेरना है और हर जगह को चूमना है। तुम्हारी चुत में ऊँगली डाल कर अंदर बाहर करना है और उसे अपने लण्ड के लिए तैयार करना है। और फिर अपना लण्ड तेरी चुत में डालकर तुझे चोदना है जान....। हो जा न नंगी। पूरी नंगी।"
इतना सुनते ही पूनम के मुँह से "आहः" निकली जिसे इस बार वो अंदर नहीं रोक पायी। गुड्डू फिर से आगे और बोलना स्टार्ट किया और फिर पूनम बोल दी "आहः, तो चोद लो न। पूरी नंगी हूँ। डाल दो न अपना लण्ड मेरी चुत में, और चोद लो जी भर कर।" पूनम की चुत पूरी गर्म हो गयी थी और वो तेज़ी से ऊँगली अंदर बाहर करने लगी थी।
फिर गुड्डू जैसे जैसे बोलता गया, पूनम उस उस तरह से बोलती गयी और फ़ोन पे ही हर तरह से गुड्डू से चुदवाती गयी। गुड्डू बोला "मेरे लण्ड पे बैठ जाओ और चुदवाओ।" तो पूनम खुद से बोली "तुम्हारे लण्ड को अपनी चुत में भरकर तुम्हारे ऊपर बैठ गयी हूँ और उछाल उछल कर चुदवा रही हूँ तुमसे। आहः चोदो मुझे आहः।"
गुड्डू समझ गया था कि पूनम कितनी गर्म है। बोला "कब मिलेगी जान? कब अपने चुत के समंदर में मेरे लण्ड को डुबकी लगाने देगी?" पूनम तो अभी पूरी तैयार थी। वो दोनों पैर फैलाकर अपनी चुत में ऊँगली अंदर बाहर कर रही थी और इमेजिन कर रही थी की गुड्डू उसे फुल स्पीड में चोद रहा है। बोली "तो चोद लो न।"
गुड्डू अब सच में पूनम के नंगे बदन को सहलाना चाहता था। बोला "कल आ जाओ न, मेरे पास।" पूनम पूरी तरह वासना के नशे में थी। पूछी "कहाँ?" गुड्डू के लण्ड की अकड़ और बढ़ गयी की कल पूनम उसके पास चुदवाने के लिए आ रही है। बोला "मेरे अड्डे पे। वहीँ पूरी मस्ती करेंगे।" गुड्डू ने अपने अड्डे का पता बताया। बोला "वहीँ पे पूरे नंगे होकर तुम्हारे बदन के हर हिस्से को चूमूँगा। तुम्हे अपनी गोद में उठा लूँगा और तुम्हारी चुत में लण्ड डाल कर पूरे घर में घुमाऊँगा। तुम्हारी चुच्ची को आंटे की तरह गूथ गूथ कर मसल दूँगा। तुम्हारी चुत को अपने जीभ से चोद चोद कर चूसूंगा। खूब चोदुंगा तुम्हे। तीन बार लण्ड का पानी निकालूँगा तुम्हारे पे। एक बार तुम्हारे मुँह में, फिर चुत में और फिर गांड में।"
पूनम सुनती जा रही थी और इमेजिन करती जा रही थी की कैसे कैसे गुड्डू उसे चोदेगा। वो तैयार थी गुड्डू से चुदवाने के लिए। उसके लण्ड का पानी पीने के लिए, उसके लण्ड को अपनी चुत और गांड की सैर कराने के लिए। जैसे जैसे गुड्डू चोदना चाहे, वैसे वैसे चुदवाने के लिए। पूनम की ऊँगली तेज़ी से चुत में अंदर बाहर हो रही थी और फिर उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया। वो हाँफने लगी। अब उसका दिमाग थोड़ा काम कर रहा था। उसे गुड्डू से चुदवाने में तो अभी ऐतराज़ नहीं था, लेकिन वो उसके अड्डे पे जाने के नाम से डर गयी। एक अनजान सा डर उसके मन में बैठ गया। वो अपनी साँसों को सम्हाली और बोली "आऊँगी, लेकिन अभी नहीं, कुछ दिन बाद।" गुड्डू थोड़ा उदास हो गया। बोला "क्यूँ जान, कितना तड़पायेगी।"
पूनम अब आराम से लेटी हुई रिलैक्स हो रही थी। उसकी चुत से रस बहकर बाहर आ रहा था। वो गुड्डू को समझाते हुए बोली "देखो..., मैं इतना कुछ की तुम्हारी साथ। क्या क्या नहीं बोली। जैसे जैसे तुम बोलते हो, वैसे मैं इमेजिन करती जाती हूँ। मुझे अच्छा भी लगता है। और जब इतना कुछ की हूँ तो तुमसे चुदवाऊँगी भी। लेकिन मुझे कुछ वक़्त दो। जब तुम्हे मुझे चोदना ही है तो मैं उसके लिए तैयार हूँ। लेकिन मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए सोंचने समझने का। मैं बस चाहती हूँ की किसी को कुछ पता न चले, मैं बदनाम न हो जाऊँ। अमित वैसे ही मेरे बारे में बहुत से लोगों को बहुत सारी उल्टी सीधी बात बोल चूका होगा। तो मैं बस इसी से डरती हूँ।"
गुड्डू के लिए सब्र रखना मुश्किल हो रहा था। बोला "किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। वहाँ कोई तुम्हे आता जाता देख भी नहीं सकता। भरोसा रखो मेरे पर।" पूनम सच में चुदवाने के लिए तैयार थी। लेकिन वो बस एक बार और अच्छे से सोंच लेना चाहती थी। बोली "भरोसा है, तभी तो तुम्हारे साथ इतना कुछ बात करती हूँ। तुमने कभी भी ज़िद नहीं किया, कोई जबर्दस्ती नहीं की, इसलिए इतना कुछ की मैं। और वो भी करुँगी जो तुम चाहते हो। मैं तुमसे चुदवाऊँगी भी। लेकिन तुम बस मुझे थोड़ा और वक़्त दो। और ...." पूनम की बात खत्म होने से पहले ही गुड्डू बोला "कोई बात नहीं। ले लो जितना वक़्त लेना है। मेरा लण्ड तुम्हारी चुत के लिए थोड़ा और इंतज़ार कर लेगा। लेकिन याद रखना, जब चुदाई हो, तो पूरी मस्ती के साथ हो। कोई रुकावट न रहे, कोई कमी न रहे। मुझे कोई जल्दी नहीं है।"