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पूनम सोचने लगी की 'मैं तो तब अपनी हँसी नहीं रोक पाती थी जब मैं इनसे कोई मतलब नहीं रखना चाहती थी और इनसे नफरत करती थी। और आज तो मैं उससे मिलने वाली हूँ और अपने नंगे बदन को उसे दिखने वाली हूँ। मेरी पैंटी उसके पास है जिसे वो मेरी चुत से उतार कर ले गया था और मैं लाइफ में पहली बार बिना पैंटी के घर से निकली हूँ ताकि वो आसानी से मेरी नंगी चुत को छू पाए। तो अब अगर मेरी हँसी नहीं रुकी तो क्या होगया। शायद यही होना था इसीलिए तो पहले भी उनलोगों को देखकर मैं मुस्कुरा देती थी।''
रास्ते भर गुड्डू के बारे में ही सोचती रही और ऑफिस पहुँचते पहुँचते पूनम की चुत गीली हो गयी थी। उसे लगा की पैंटी तो पहनी नहीं हूँ, तो कहीं चुत का रस स्कर्ट पे न लग जाये। वो बाथरूम गयी और अपनी चुत को पोछ ली। लेकिन आज उसकी चुत का लीकेज रूक ही नहीं रहा था। अगर थोड़ी देर के लिए रुक भी जाता जब पूनम काम में व्यस्त होती थी तब, लेकिन तभी गुड्डू का कोई नॉनवेज मैसेज आ जाता और लीकेज फिर से बढ़ जाता। पूनम को थोड़ी थोड़ी देर पर बाथरूम जाना पड़ रहा था और अपनी चुत को पोछना पड़ रहा था।
पूनम को बहुत डर भी लग रहा था कि 'वो सही कर रही है या नहीं। कहीं किसी ने देख लिया या पहचान लिया तो क्या होगा। कहीं पापा मम्मी को पता चल गया तो क्या होगा। अमित के साथ तो ये था कि अगर उन्हें पता चल भी गया तो बोल देती की अमित से प्यार करती हूँ और इसीके साथ शादी करुँगी। लेकिन गुड्डू के बारे में क्या बोलूँगी, की इसे मुझे चोदना है, इसलिए यहाँ इससे मिलने आयी हूँ।' कई बार उसके मन में ये ख्याल आया की नहीं मिलती हूँ गुड्डू से, लेकिन गुड्डू की कल की ज़िद और अभी तक जो जो हो चूका है उसके साथ, वो मिलना टाल नहीं पायी।
लंच टाइम हुआ और पूनम अपने ऑफिस से निकल गयी अपने नंगे बदन की नुमाइश करने। वो बाहर आई ही थी की गुड्डू का फ़ोन आ गया तो पूनम उसे बता दी की आ रही हूँ। रेस्टुरेंट उसके ऑफिस से नज़दीक ही था और वो तुरंत ही वहाँ पहुँच गयी। वहाँ पहुँचते ही पूनम शॉक्ड हो गयी। गुड्डू और विक्की दोनों रेस्टुरेंट के बाहर खड़े थे और गुड्डू उसे देखते ही उसकी ओर बढ़ा। पूनम को बहुत डर लगने लगा। विक्की को यहाँ देख कर उसे डर लगने लगा था और वो सोची की यहाँ से चली जाती हूँ।
तब तक गुड्डू उसके नज़दीक आ चुका था और वो सोची की अब बाहर में कुछ भी बोलने से या बात बढ़ाने से और झमेला ही बढ़ेगा। वो धीरे से बोली "विक्की क्यों आया है। और तुम बाहर क्यों खड़े हो और मेरे नज़दीक क्यों आ रहे हो! किसी ने देख लिया बस!"
पूनम जल्दी जल्दी चलती हुई रेस्टुरेंट के अंदर आ गयी एक खाली केबिन में बैठ गयी। उसकी साँस तेज़ चल रही थी। एक तो वो जल्दी जल्दी चल कर आई थी और दूसरा उसे डर लग रहा था। गुडु भी तुरंत उसी केबिन में आ गया। पूनम सर झुकाए चुपचाप बैठी हुई थी। उसे गुस्सा भी आ रहा था और डर भी लग रहा था। ये बात उसके दिमाग में आया ही नहीं था कि दोनों यहाँ होंगे। गुड्डू उसे हमेशा बोला था कि दोनों उसे चोदेंगे लेकिन आज के लिए वो मानसिक तौर पर तैयार नहीं थी।
केबिन में बीच में टेबल लगा हुआ था और दोनों साइड दो दो आदमियों के बैठने लायक सिंगल कुर्सी लगी हुई थी। केबिन का गेट दो पल्लों वाला था स्लाइड होकर बंद होते थे। दोनों गेट पूरा बंद नहीं होता था और बीच में कुछ जगह खाली बचती थी, लेकिन उस जगह पर पर्दा लगाया जा सकता था। गुड्डू पूनम के सामने की कुर्सी पर बैठ गया और बोला "थैंक्स जान, मेरे से मिलने आने के लिए। तुम आज बहुत मस्त लग रही हो।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू फिर पूछा "क्या हुआ? अपसेट क्यों हो।"
पूनम पहले तो कुछ नहीं बोली, फिर बोली "विक्की यहाँ क्यों आया है?" गुड्डू बोला "वो तो बस मुझे यहाँ पहुँचाने आया था। वो तो चला भी गया होगा।" पूनम बोली "अगर वो आएगा तो मैं चली जाऊँगी। मैं उसके साथ कुछ भी नहीं करने वाली।" गुड्डू बोला "आज कुछ मत करना। उसे ऐसे जगह पर कुछ करने में मज़ा भी नहीं आता है। लेकिन चोदेगा वो भी, ये याद रखना।" पूनम कुछ नहीं बोली।
तभी गेट पर विक्की प्रकट हुआ। पूनम उसे शॉक्ड होकर देख रही थी और सोच रही थी की 'वो क्या करे। विक्की को भी अपने बदन से खेलने दे या यहाँ से चली जाए।' विक्की पूनम को देखता हुआ बोला "हाय.... तुम बहुत खूबसूरत हो।" पूनम कुछ नहीं बोली। वो नीचे ही देखते रही। विक्की फिर बोला "तुम हमारे घर पे क्यों नहीं आयी? यहाँ क्या मज़ा आएगा जो मज़ा घर पे आता। पूरी नंगी होकर चुदवाती वहाँ।" पूनम फिर कुछ नहीं बोली। वो अपने आपको तैयार कर रही थी अभी के हालात के लिए। विक्की थोड़ा जोर से फिर बोला "हेल्लो, मैं तुमसे बोल रहा हूँ। काम सुनती हो क्या।" उसकी आवाज़ में हल्का गुस्सा था। पूनम डर गयी। बोली "आं.. हाँ... वो मैं अभी तुरंत चली जाऊँगी, इसीलिए। घर पे फिर कभी .... बाद में...."
विक्की बोला "अरे जितनी ही देर रहती, वहाँ पूरी मस्ती होती। नहीं चुदवाना होता तो नहीं चुदवाती, लेकिन जो भी करती फुर्सत में और मज़े में करती। यहाँ तो वो आते हैं जिनके पास जगह नहीं है मिलने की।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू बोला "आएगी घर पर भी। लौट कर आएगी शादी से तो वहाँ आएगी। पुरे दिन के लिए। तू जा अभी।" विक्की बोला "असली मज़ा तभी आता है जब पुरे दिन नंगे रहकर चुदाई हो। यहाँ क्या टाइम पास करना है, ये चुम्मा चाटी तो बचपने की चीज़ है। बाँकी जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। करो जो करना है।" गुड्डू बोला "चुत भी चुदवाएगी और गांड भी मरवायेगी। लेकिन अब तू जा यहाँ से।"
रास्ते भर गुड्डू के बारे में ही सोचती रही और ऑफिस पहुँचते पहुँचते पूनम की चुत गीली हो गयी थी। उसे लगा की पैंटी तो पहनी नहीं हूँ, तो कहीं चुत का रस स्कर्ट पे न लग जाये। वो बाथरूम गयी और अपनी चुत को पोछ ली। लेकिन आज उसकी चुत का लीकेज रूक ही नहीं रहा था। अगर थोड़ी देर के लिए रुक भी जाता जब पूनम काम में व्यस्त होती थी तब, लेकिन तभी गुड्डू का कोई नॉनवेज मैसेज आ जाता और लीकेज फिर से बढ़ जाता। पूनम को थोड़ी थोड़ी देर पर बाथरूम जाना पड़ रहा था और अपनी चुत को पोछना पड़ रहा था।
पूनम को बहुत डर भी लग रहा था कि 'वो सही कर रही है या नहीं। कहीं किसी ने देख लिया या पहचान लिया तो क्या होगा। कहीं पापा मम्मी को पता चल गया तो क्या होगा। अमित के साथ तो ये था कि अगर उन्हें पता चल भी गया तो बोल देती की अमित से प्यार करती हूँ और इसीके साथ शादी करुँगी। लेकिन गुड्डू के बारे में क्या बोलूँगी, की इसे मुझे चोदना है, इसलिए यहाँ इससे मिलने आयी हूँ।' कई बार उसके मन में ये ख्याल आया की नहीं मिलती हूँ गुड्डू से, लेकिन गुड्डू की कल की ज़िद और अभी तक जो जो हो चूका है उसके साथ, वो मिलना टाल नहीं पायी।
लंच टाइम हुआ और पूनम अपने ऑफिस से निकल गयी अपने नंगे बदन की नुमाइश करने। वो बाहर आई ही थी की गुड्डू का फ़ोन आ गया तो पूनम उसे बता दी की आ रही हूँ। रेस्टुरेंट उसके ऑफिस से नज़दीक ही था और वो तुरंत ही वहाँ पहुँच गयी। वहाँ पहुँचते ही पूनम शॉक्ड हो गयी। गुड्डू और विक्की दोनों रेस्टुरेंट के बाहर खड़े थे और गुड्डू उसे देखते ही उसकी ओर बढ़ा। पूनम को बहुत डर लगने लगा। विक्की को यहाँ देख कर उसे डर लगने लगा था और वो सोची की यहाँ से चली जाती हूँ।
तब तक गुड्डू उसके नज़दीक आ चुका था और वो सोची की अब बाहर में कुछ भी बोलने से या बात बढ़ाने से और झमेला ही बढ़ेगा। वो धीरे से बोली "विक्की क्यों आया है। और तुम बाहर क्यों खड़े हो और मेरे नज़दीक क्यों आ रहे हो! किसी ने देख लिया बस!"
पूनम जल्दी जल्दी चलती हुई रेस्टुरेंट के अंदर आ गयी एक खाली केबिन में बैठ गयी। उसकी साँस तेज़ चल रही थी। एक तो वो जल्दी जल्दी चल कर आई थी और दूसरा उसे डर लग रहा था। गुडु भी तुरंत उसी केबिन में आ गया। पूनम सर झुकाए चुपचाप बैठी हुई थी। उसे गुस्सा भी आ रहा था और डर भी लग रहा था। ये बात उसके दिमाग में आया ही नहीं था कि दोनों यहाँ होंगे। गुड्डू उसे हमेशा बोला था कि दोनों उसे चोदेंगे लेकिन आज के लिए वो मानसिक तौर पर तैयार नहीं थी।
केबिन में बीच में टेबल लगा हुआ था और दोनों साइड दो दो आदमियों के बैठने लायक सिंगल कुर्सी लगी हुई थी। केबिन का गेट दो पल्लों वाला था स्लाइड होकर बंद होते थे। दोनों गेट पूरा बंद नहीं होता था और बीच में कुछ जगह खाली बचती थी, लेकिन उस जगह पर पर्दा लगाया जा सकता था। गुड्डू पूनम के सामने की कुर्सी पर बैठ गया और बोला "थैंक्स जान, मेरे से मिलने आने के लिए। तुम आज बहुत मस्त लग रही हो।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू फिर पूछा "क्या हुआ? अपसेट क्यों हो।"
पूनम पहले तो कुछ नहीं बोली, फिर बोली "विक्की यहाँ क्यों आया है?" गुड्डू बोला "वो तो बस मुझे यहाँ पहुँचाने आया था। वो तो चला भी गया होगा।" पूनम बोली "अगर वो आएगा तो मैं चली जाऊँगी। मैं उसके साथ कुछ भी नहीं करने वाली।" गुड्डू बोला "आज कुछ मत करना। उसे ऐसे जगह पर कुछ करने में मज़ा भी नहीं आता है। लेकिन चोदेगा वो भी, ये याद रखना।" पूनम कुछ नहीं बोली।
तभी गेट पर विक्की प्रकट हुआ। पूनम उसे शॉक्ड होकर देख रही थी और सोच रही थी की 'वो क्या करे। विक्की को भी अपने बदन से खेलने दे या यहाँ से चली जाए।' विक्की पूनम को देखता हुआ बोला "हाय.... तुम बहुत खूबसूरत हो।" पूनम कुछ नहीं बोली। वो नीचे ही देखते रही। विक्की फिर बोला "तुम हमारे घर पे क्यों नहीं आयी? यहाँ क्या मज़ा आएगा जो मज़ा घर पे आता। पूरी नंगी होकर चुदवाती वहाँ।" पूनम फिर कुछ नहीं बोली। वो अपने आपको तैयार कर रही थी अभी के हालात के लिए। विक्की थोड़ा जोर से फिर बोला "हेल्लो, मैं तुमसे बोल रहा हूँ। काम सुनती हो क्या।" उसकी आवाज़ में हल्का गुस्सा था। पूनम डर गयी। बोली "आं.. हाँ... वो मैं अभी तुरंत चली जाऊँगी, इसीलिए। घर पे फिर कभी .... बाद में...."
विक्की बोला "अरे जितनी ही देर रहती, वहाँ पूरी मस्ती होती। नहीं चुदवाना होता तो नहीं चुदवाती, लेकिन जो भी करती फुर्सत में और मज़े में करती। यहाँ तो वो आते हैं जिनके पास जगह नहीं है मिलने की।" पूनम कुछ नहीं बोली। गुड्डू बोला "आएगी घर पर भी। लौट कर आएगी शादी से तो वहाँ आएगी। पुरे दिन के लिए। तू जा अभी।" विक्की बोला "असली मज़ा तभी आता है जब पुरे दिन नंगे रहकर चुदाई हो। यहाँ क्या टाइम पास करना है, ये चुम्मा चाटी तो बचपने की चीज़ है। बाँकी जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। करो जो करना है।" गुड्डू बोला "चुत भी चुदवाएगी और गांड भी मरवायेगी। लेकिन अब तू जा यहाँ से।"