hotaks444
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नेहा उन्हें देख के शर्मा गई;
मैं: Awww .... come here my little savior!
नेहा मेरे गले लग के खुद को छुपाने लगी और मुझसे लिपटे हुए ही सो गई| तो दोस्तों इस तरह से हँसते-खेलते समय निकला और हम आधी रात को त्रिवेंद्रम पहुँचे| रात में सफर करना ठीक नहीं ता सो हम Retiring room में ही ठहर गए और सुबह-सुबह बस से मुन्नार के लिए निकले|
मुन्नार पहुँचने के बाद तो बस ...मैं बता नहीं सकता की क्या हुआ! पूरे रास्ते बच्चे मेरे से ही लिपटे हुए थे, वहां पहुँचने के बाद भी बच्चों के लिए खाना...कपडे...घूमने जाने के लिए होटल मैनेजर से बात करना..... rooms के लिए...oh GOD ....ये सब करते समय Kids were on to me .... they were like, we’ll accompany you everywhere. अब "संगीता जी" को इससे चिढ़ होने लगी, जो सही भी था| After all यार it was our HONEYMOON! मैं घूमने का अरेंजमेंट कर के कमरे में लौटा| ओह ..मैं तो आपको बताना ही भूल गया, दरअसल मैंने होटल में दो रूम बुक कराये थे ...एक मेरे और संगीता के लिए और एक माँ-पिताजी और बच्चों के लिए| बहरहाल जब मैं कमरे में पहुँचा तो "संगीता जी" बोलीं;
संगीता: अरे..आ गए आप? बच्चों ने अकेला छोड़ दिया आपको? जाइए..उन्हीं के पास जाइए...हमें कौन पूछता है? आप तो यहाँ Family Vacation के लिए आये हो...Honeymoon पे थोड़े ही? बच्चों के पास ही रहो आप....wait a minute ...हम कमरा एक्सचेंज कर लेते हैं| मैं और माँ इस कमरे में रूक जाते हैं...और आप और पिताजी "बच्चों" के साथ रहो| जाइए!
मैं: Oh My GOD! यार एक बार मेरी बात तो सुन लो?
संगीता: मुझे कुछ नहीं सुन्ना|
वो पलंग से उठीं और माँ-पिताजी वाले कमरे में चली गईं| मैं सर पे हाथ रखे बैठा हुआ था....इतने में पिताजी ने दरवाजा knock किया और अंदर आये;
पिताजी: क्या हुआ भई?
मैं: कुछ नहीं पिताजी...(मैंने गहरी साँस छोड़ते हुए कहा)
पिताजी: बेटा...बहु ने तुम्हारी माँ से शिकायत की है! मैंने मना किया था ना...की बच्चों को यहीं छोड़ दो..हम संभाल लेंगे. अब देखो कर दिया न तुमने बहु को उदास?
मैं: अब मैंने उदास किया है तो मैं ही मनाऊँगा...चलिए आपके कमरे में चलते हैं|
हम दोनों जब माँ-पिताजी के कमरे में पहुँचे तो हमारे घुसते ही "संगीता जी" कमरे से बाहर निकल गईं|
माँ: बहु...सुन तो...
मैं: माँ...रहने दो...मैं बात करता हूँ|
संगीता होटल के रेस्टुरेंट में बैठी थीं| मैं आके उनके पास बैठ गया और उन्हें समझाने लगा;
मैं: बाबू....एक बार मेरी बात तो सुन लो|
उन्होंने मेरी आँखों में देखा और मैंने अपनी बात पूरी की;
मैं: बाबू.... मैं समझ सकता हूँ की आपको कैसा महसूस हो रहा है और उसके लिए मैं आपका कसूरवार हूँ| मैं....मैं आपसे ADJUST करने को कतई नहीं कहूँगा.... सारी जिंदगी आप adjust ही तो करते आये हो| पर आप ये भी तो सोचो की बच्चे मेरे साथ सिर्फ समय बिताना चाहते हैं| वो मुझे आपसे छीन नहीं रहे .... नेहा ….जिसे चन्दर से कभी प्यार नहीं मिला ...कभी...कभी कोई दुलार नहीं मिला ..... आयुष...उसे तो आपने चन्दर की छाया से भी दूर रखा है..क्या-क्या उसे हक़ नहीं....की मेरे साथ ..अपने पिता के साथ समय गुजारे? मैं तो बस उन्हें वो प्यार दे रहा हूँ जो उन्हें इतने सालों से नहीं मिला.... वो प्यार जो एक बाप को देना चाहिए....बस! मैं मानता हूँ की मुझे आपको भी समय देना चाहिए ...पर Hey.... मुझे पापा बने अभी महीना नहीं हुआ...I’m just a rookie!1 धीरे-धीरे सब संभाल लूँगा! तब तक प्लीज....प्लीज मेरी बेवकूफियों को माफ़ कर दिया करो? (मैंने उनके हाथ थाम के घुटनों पे आते हुए कहा)
संगीता ने मेरी सारी बात मेरी आँखों में आँखें डाले सुनी ...और मेरी नया-नया पापा बनने की बात वो मुस्कुराई भी पर अभी तक उनके मुख से कोई शब्द नहीं निकले थे|
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मैं: Awww .... come here my little savior!
नेहा मेरे गले लग के खुद को छुपाने लगी और मुझसे लिपटे हुए ही सो गई| तो दोस्तों इस तरह से हँसते-खेलते समय निकला और हम आधी रात को त्रिवेंद्रम पहुँचे| रात में सफर करना ठीक नहीं ता सो हम Retiring room में ही ठहर गए और सुबह-सुबह बस से मुन्नार के लिए निकले|
मुन्नार पहुँचने के बाद तो बस ...मैं बता नहीं सकता की क्या हुआ! पूरे रास्ते बच्चे मेरे से ही लिपटे हुए थे, वहां पहुँचने के बाद भी बच्चों के लिए खाना...कपडे...घूमने जाने के लिए होटल मैनेजर से बात करना..... rooms के लिए...oh GOD ....ये सब करते समय Kids were on to me .... they were like, we’ll accompany you everywhere. अब "संगीता जी" को इससे चिढ़ होने लगी, जो सही भी था| After all यार it was our HONEYMOON! मैं घूमने का अरेंजमेंट कर के कमरे में लौटा| ओह ..मैं तो आपको बताना ही भूल गया, दरअसल मैंने होटल में दो रूम बुक कराये थे ...एक मेरे और संगीता के लिए और एक माँ-पिताजी और बच्चों के लिए| बहरहाल जब मैं कमरे में पहुँचा तो "संगीता जी" बोलीं;
संगीता: अरे..आ गए आप? बच्चों ने अकेला छोड़ दिया आपको? जाइए..उन्हीं के पास जाइए...हमें कौन पूछता है? आप तो यहाँ Family Vacation के लिए आये हो...Honeymoon पे थोड़े ही? बच्चों के पास ही रहो आप....wait a minute ...हम कमरा एक्सचेंज कर लेते हैं| मैं और माँ इस कमरे में रूक जाते हैं...और आप और पिताजी "बच्चों" के साथ रहो| जाइए!
मैं: Oh My GOD! यार एक बार मेरी बात तो सुन लो?
संगीता: मुझे कुछ नहीं सुन्ना|
वो पलंग से उठीं और माँ-पिताजी वाले कमरे में चली गईं| मैं सर पे हाथ रखे बैठा हुआ था....इतने में पिताजी ने दरवाजा knock किया और अंदर आये;
पिताजी: क्या हुआ भई?
मैं: कुछ नहीं पिताजी...(मैंने गहरी साँस छोड़ते हुए कहा)
पिताजी: बेटा...बहु ने तुम्हारी माँ से शिकायत की है! मैंने मना किया था ना...की बच्चों को यहीं छोड़ दो..हम संभाल लेंगे. अब देखो कर दिया न तुमने बहु को उदास?
मैं: अब मैंने उदास किया है तो मैं ही मनाऊँगा...चलिए आपके कमरे में चलते हैं|
हम दोनों जब माँ-पिताजी के कमरे में पहुँचे तो हमारे घुसते ही "संगीता जी" कमरे से बाहर निकल गईं|
माँ: बहु...सुन तो...
मैं: माँ...रहने दो...मैं बात करता हूँ|
संगीता होटल के रेस्टुरेंट में बैठी थीं| मैं आके उनके पास बैठ गया और उन्हें समझाने लगा;
मैं: बाबू....एक बार मेरी बात तो सुन लो|
उन्होंने मेरी आँखों में देखा और मैंने अपनी बात पूरी की;
मैं: बाबू.... मैं समझ सकता हूँ की आपको कैसा महसूस हो रहा है और उसके लिए मैं आपका कसूरवार हूँ| मैं....मैं आपसे ADJUST करने को कतई नहीं कहूँगा.... सारी जिंदगी आप adjust ही तो करते आये हो| पर आप ये भी तो सोचो की बच्चे मेरे साथ सिर्फ समय बिताना चाहते हैं| वो मुझे आपसे छीन नहीं रहे .... नेहा ….जिसे चन्दर से कभी प्यार नहीं मिला ...कभी...कभी कोई दुलार नहीं मिला ..... आयुष...उसे तो आपने चन्दर की छाया से भी दूर रखा है..क्या-क्या उसे हक़ नहीं....की मेरे साथ ..अपने पिता के साथ समय गुजारे? मैं तो बस उन्हें वो प्यार दे रहा हूँ जो उन्हें इतने सालों से नहीं मिला.... वो प्यार जो एक बाप को देना चाहिए....बस! मैं मानता हूँ की मुझे आपको भी समय देना चाहिए ...पर Hey.... मुझे पापा बने अभी महीना नहीं हुआ...I’m just a rookie!1 धीरे-धीरे सब संभाल लूँगा! तब तक प्लीज....प्लीज मेरी बेवकूफियों को माफ़ कर दिया करो? (मैंने उनके हाथ थाम के घुटनों पे आते हुए कहा)
संगीता ने मेरी सारी बात मेरी आँखों में आँखें डाले सुनी ...और मेरी नया-नया पापा बनने की बात वो मुस्कुराई भी पर अभी तक उनके मुख से कोई शब्द नहीं निकले थे|
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