hotaks444
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इधर संगीता ने फिर से सवाल पूछा;
संगीता: मुझे ये बताओ आपने मुझे उठाया क्यों नहीं?
मैं: यार आप सब थके हुए थे...सोचा क्या उठाऊँ...|
संगीता: ठीक है....तो आगे से मैं बीमार पड़ी तो मैं भी आपको नहीं बताउंगी|
मैं: Sorry यार! मैं सीरियसली तुम्हें तंग नहीं करना चाहता था...मैंने इसे Lightly लिया....SORRY !
संगीता: ठीक है ...इस बार माफ़ किया!
इतने में फ़ोन की घंटी बज उठी| ये दिषु का फ़ोन था और उसने हाल-चाल पूछने को फ़ोन किया था| मेरे फोन उठाने से पहले ही संगीता ने फ़ोन मुझ से ले लिया और फ़ोन को लाउड स्पीकर पे डाल के खुद बात करने लगी;
संगीता: हेल्लो नमस्ते भैया!
दिषु: नमस्ते भाभी जी, मानु है?
संगीता: हैं पर उनकी तबियत खराब है|
दिषु: वहां जाके भी बीमार पड़ गया?
संगीता: हाँ कल बच्चों के साथ झरने के पानी में खेल रहे थे| अब बुखार चढ़ा हुआ है!
दिषु: ओह्ह...ऐसा करो उसे RUM पिला दो! टनटना जायेगा!!!!
मैं: अबे...तेरा दिमाग खराब है?
दिषु: सही कह रहा हूँ यार...!!!
मैं: साले....मैं दवाई खा के ही खुश हूँ|
दिषु: भाई मैं तो सलाह दे रहा था, आगे तेरी मर्जी| अच्छा ये बता कब आ रहा है?
मैं: 2 जनवरी को|
दिषु: तो New Year वहीँ मनाएगा?
मैं: हाँ भाई!
दिषु: चल सही है...enjoy बच्चों को मेरा प्यार देना| Bye !
मैं: Bye !
फ़ोन रखने के बाद, संगीता की आँखें चमकने लगी थीं;
मैं: उस बारे में सोचना भी मत?
वो उठी और बिना कुछ कहे माँ के कमरे में भाग गई| जब वापस आई तो साथ में माँ भी थी| पिताजी बच्चों को लेके घूमने निकल गए थे|
माँ: बहु ने बताया मुझे..... अगर उससे तू जल्दी ठीक होता है तो पी ले? कौन सा पूरी बोतल पीनी है? दो ढक्कन ही तो पीने हैं?
मैं: आप भी किस पागल की बातों में आ रहे हो? अगर RUM पीने से बिमारी खतम होती तो कंपनी वाले अमीर हो जाते| दवाई ले रहा हूँ, ठीक हो जाऊँगा|
माँ: पर तेरी वजह से बहु-बच्चे घूमने नहीं जा सकते उसका क्या?
मैं: मैं अब पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूँ| शाम से ही हम घूमना RESUME करते हैं|
संगीता: नहीं...जबतक आप पूरी तरह ठीक नहीं होते आप यहाँ से हिलओगे भी नहीं!
मैं: Ohhh Come on यार!
संगीता: ना!!!
माँ: बिलकुल सही कह रही है बहु|
मैं: माँ मैंने पिताजी से promise किया था की मैं शराब को हाथ नहीं लगाउँगा|
माँ: बेटा दवाई की तरह पीना है....शराबियों की तरह नहीं?
मैं: Sorry माँ...मैं दवाइयों से ठीक हो जाऊँगा|
माँ: अच्छा अगर तेरे पिताजी कहेंगे तब तो पीयेगा ना?
मैं: ना
माँ: ठीक है! पर ये जानके अच्छा लगा की तो अपने वादे पे अटल है|
माँ कमरे में चली गईं और संगीता मुझे देखने लगीं;
संगीता: एक बात पूछूँ?
मैं: हम्म्म्म....
संगीता: आपका Drink करने का मन करता है?
मैं: हमने तुम्हारे हुस्न का रास चख लिया है ...
अब शराब में क्या रखा है?
हमें बहकाने के लिए तेरी एक मुस्कान ही काफी है!
जानता हूँ काफ़िया नहीं मिला...पर जो दिल में आया कह दिया!!!
संगीता: वाह!!!वाह!!!वाह!!!
मैं: ये कैसा जादू किया तेरे इश्क़ ने ....
एक काफ़िर को शायर बना दिया!!!
संगीता: वाह!!वाह!!!वाह!!! अच्छा बहुत होगी शायरी अब आप आराम करो, मैं आपके पास बैठती हूँ|
मैं: नहीं...आपको भी exposure हो जायेगा?
संगीता: नहीं मैं तो यहीं बैठूंगी!
मैं: यार मना करो? आप लोगों को एक्सपोज़र ना हो इसलिए तो मैं रात को सोफे पे सोया था| (इस बार मैंने कठोरता दिखाते हुए कहा)
वो उठीं और माँ के पास चली गईं| वैसे पिछले कुछ दिन से मेरी बहुत शिकायत की जा रही थी!!! फिर से माँ उनके साथकमरे में आ गईं,
माँ: क्यों रे? बहुत तंग कर रहा है बहु को?
मैं: मैंने क्या किया?
माँ: बहु तेरा सर दबाना चाहती है और तू उसे मना कर रहा है? अब अगर उसके सर दबाने से तुझे नींद आ जाएगी तो क्या बुराई है इसमें?
मैं: माँ वो....ये प्रेग्नेंट हैं और इन्हें एक्सपोज़र हो गया तो? ये भी बीमार पड़ जाएँगी और फिर ऐसी हालत में जब ये माँ बनने वाली हैं इनका बीमार पड़ना होने वाले बच्चे के लिए सही नहीं|
माँ: ऐसा कुछ नहीं होगा? मामूली सी सर्दी-खांसी तो लगी रहती है| वैसे भी अपनों में बीमारी ऐसे ही नहीं फ़ैल जाती|
अब माँ से तर्क कौन करे? कौन उन्हें समझाए की ये सर्दी खांसी communicable disease होते हैं| मैंने हाथ जोड़े और माफ़ी माँगी| I believe की अगर आप जीत नहीं सकते तो माफ़ी मांग लो भाई! खेर माँ फिर से चली गईं और उन्होंने दरवजा लॉक किया और मेरे पास आके कम्बल में बैठ गईं|
मैं: हम्म्म...तो आपने माँ से शिकायत की?
संगीता: करनी पड़ी....आप मेरी बात तो मानते नहीं?
मैं: यार I'm very particular about you .... !!!
संगीता: तो इसका मतलब आप मुझे खुद से दूर कर देंगे?
मैं: यार ये कोई इतनी बड़ी बिमारी नहीं की मैं महीनों तक बिस्तर पे पड़ा रहूँ|
संगीता: लगता है आप ऐसे नहीं मानोगे? मैं माँ को बुलाती हूँ....
वो उठ के जाने लगीं तो मैंने उनका हाथ पकड़ के उन्हें रोक लिया|
मैं: Sorry ...Sorry ..... Sorry ..... Sorry .......
संगीता वपस मेरे पास बैठ गईं और सर दबाने लगीं| मेरे दिमाग में अब भी एक्सपोज़र वला ख्याल घूम रहा था तो मन जानबूझ के दूसरी तरफ करवट ले के लेट गया ताकि मेरी साँसों के जरिये कहीं वो बीमार न पड़ जाएं|
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संगीता: मुझे ये बताओ आपने मुझे उठाया क्यों नहीं?
मैं: यार आप सब थके हुए थे...सोचा क्या उठाऊँ...|
संगीता: ठीक है....तो आगे से मैं बीमार पड़ी तो मैं भी आपको नहीं बताउंगी|
मैं: Sorry यार! मैं सीरियसली तुम्हें तंग नहीं करना चाहता था...मैंने इसे Lightly लिया....SORRY !
संगीता: ठीक है ...इस बार माफ़ किया!
इतने में फ़ोन की घंटी बज उठी| ये दिषु का फ़ोन था और उसने हाल-चाल पूछने को फ़ोन किया था| मेरे फोन उठाने से पहले ही संगीता ने फ़ोन मुझ से ले लिया और फ़ोन को लाउड स्पीकर पे डाल के खुद बात करने लगी;
संगीता: हेल्लो नमस्ते भैया!
दिषु: नमस्ते भाभी जी, मानु है?
संगीता: हैं पर उनकी तबियत खराब है|
दिषु: वहां जाके भी बीमार पड़ गया?
संगीता: हाँ कल बच्चों के साथ झरने के पानी में खेल रहे थे| अब बुखार चढ़ा हुआ है!
दिषु: ओह्ह...ऐसा करो उसे RUM पिला दो! टनटना जायेगा!!!!
मैं: अबे...तेरा दिमाग खराब है?
दिषु: सही कह रहा हूँ यार...!!!
मैं: साले....मैं दवाई खा के ही खुश हूँ|
दिषु: भाई मैं तो सलाह दे रहा था, आगे तेरी मर्जी| अच्छा ये बता कब आ रहा है?
मैं: 2 जनवरी को|
दिषु: तो New Year वहीँ मनाएगा?
मैं: हाँ भाई!
दिषु: चल सही है...enjoy बच्चों को मेरा प्यार देना| Bye !
मैं: Bye !
फ़ोन रखने के बाद, संगीता की आँखें चमकने लगी थीं;
मैं: उस बारे में सोचना भी मत?
वो उठी और बिना कुछ कहे माँ के कमरे में भाग गई| जब वापस आई तो साथ में माँ भी थी| पिताजी बच्चों को लेके घूमने निकल गए थे|
माँ: बहु ने बताया मुझे..... अगर उससे तू जल्दी ठीक होता है तो पी ले? कौन सा पूरी बोतल पीनी है? दो ढक्कन ही तो पीने हैं?
मैं: आप भी किस पागल की बातों में आ रहे हो? अगर RUM पीने से बिमारी खतम होती तो कंपनी वाले अमीर हो जाते| दवाई ले रहा हूँ, ठीक हो जाऊँगा|
माँ: पर तेरी वजह से बहु-बच्चे घूमने नहीं जा सकते उसका क्या?
मैं: मैं अब पहले से बेहतर महसूस कर रहा हूँ| शाम से ही हम घूमना RESUME करते हैं|
संगीता: नहीं...जबतक आप पूरी तरह ठीक नहीं होते आप यहाँ से हिलओगे भी नहीं!
मैं: Ohhh Come on यार!
संगीता: ना!!!
माँ: बिलकुल सही कह रही है बहु|
मैं: माँ मैंने पिताजी से promise किया था की मैं शराब को हाथ नहीं लगाउँगा|
माँ: बेटा दवाई की तरह पीना है....शराबियों की तरह नहीं?
मैं: Sorry माँ...मैं दवाइयों से ठीक हो जाऊँगा|
माँ: अच्छा अगर तेरे पिताजी कहेंगे तब तो पीयेगा ना?
मैं: ना
माँ: ठीक है! पर ये जानके अच्छा लगा की तो अपने वादे पे अटल है|
माँ कमरे में चली गईं और संगीता मुझे देखने लगीं;
संगीता: एक बात पूछूँ?
मैं: हम्म्म्म....
संगीता: आपका Drink करने का मन करता है?
मैं: हमने तुम्हारे हुस्न का रास चख लिया है ...
अब शराब में क्या रखा है?
हमें बहकाने के लिए तेरी एक मुस्कान ही काफी है!
जानता हूँ काफ़िया नहीं मिला...पर जो दिल में आया कह दिया!!!
संगीता: वाह!!!वाह!!!वाह!!!
मैं: ये कैसा जादू किया तेरे इश्क़ ने ....
एक काफ़िर को शायर बना दिया!!!
संगीता: वाह!!वाह!!!वाह!!! अच्छा बहुत होगी शायरी अब आप आराम करो, मैं आपके पास बैठती हूँ|
मैं: नहीं...आपको भी exposure हो जायेगा?
संगीता: नहीं मैं तो यहीं बैठूंगी!
मैं: यार मना करो? आप लोगों को एक्सपोज़र ना हो इसलिए तो मैं रात को सोफे पे सोया था| (इस बार मैंने कठोरता दिखाते हुए कहा)
वो उठीं और माँ के पास चली गईं| वैसे पिछले कुछ दिन से मेरी बहुत शिकायत की जा रही थी!!! फिर से माँ उनके साथकमरे में आ गईं,
माँ: क्यों रे? बहुत तंग कर रहा है बहु को?
मैं: मैंने क्या किया?
माँ: बहु तेरा सर दबाना चाहती है और तू उसे मना कर रहा है? अब अगर उसके सर दबाने से तुझे नींद आ जाएगी तो क्या बुराई है इसमें?
मैं: माँ वो....ये प्रेग्नेंट हैं और इन्हें एक्सपोज़र हो गया तो? ये भी बीमार पड़ जाएँगी और फिर ऐसी हालत में जब ये माँ बनने वाली हैं इनका बीमार पड़ना होने वाले बच्चे के लिए सही नहीं|
माँ: ऐसा कुछ नहीं होगा? मामूली सी सर्दी-खांसी तो लगी रहती है| वैसे भी अपनों में बीमारी ऐसे ही नहीं फ़ैल जाती|
अब माँ से तर्क कौन करे? कौन उन्हें समझाए की ये सर्दी खांसी communicable disease होते हैं| मैंने हाथ जोड़े और माफ़ी माँगी| I believe की अगर आप जीत नहीं सकते तो माफ़ी मांग लो भाई! खेर माँ फिर से चली गईं और उन्होंने दरवजा लॉक किया और मेरे पास आके कम्बल में बैठ गईं|
मैं: हम्म्म...तो आपने माँ से शिकायत की?
संगीता: करनी पड़ी....आप मेरी बात तो मानते नहीं?
मैं: यार I'm very particular about you .... !!!
संगीता: तो इसका मतलब आप मुझे खुद से दूर कर देंगे?
मैं: यार ये कोई इतनी बड़ी बिमारी नहीं की मैं महीनों तक बिस्तर पे पड़ा रहूँ|
संगीता: लगता है आप ऐसे नहीं मानोगे? मैं माँ को बुलाती हूँ....
वो उठ के जाने लगीं तो मैंने उनका हाथ पकड़ के उन्हें रोक लिया|
मैं: Sorry ...Sorry ..... Sorry ..... Sorry .......
संगीता वपस मेरे पास बैठ गईं और सर दबाने लगीं| मेरे दिमाग में अब भी एक्सपोज़र वला ख्याल घूम रहा था तो मन जानबूझ के दूसरी तरफ करवट ले के लेट गया ताकि मेरी साँसों के जरिये कहीं वो बीमार न पड़ जाएं|
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