hotaks444
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हमने XXXXX PUB जाने का प्लान बनाया| घर से मैं ये बोल के निकल गया की मैं अनिल को साइट पे काम दिखा के आ रहा हूँ| जाते-जाते मैं पिताजी को बता गया की मैं अनिल और दिषु पार्टी करने जा रहे हैं| उन्होंने अपना वादा याद दिलाया और मैंने भी उनका पैर छू के हामी भरी की मैं अपना वादा नहीं भूलूँगा| दिषु ने हमें घर के बाहर से pick किया और हम loud music सुनते हुए Pub पहुँचे! दिषु हम दोनों के लिए टी-शर्ट्स और जीन्स ले आया था, जो हमने गाडी में ही बदल लिए थे| Pub पहुँचते ही दोनों आपे से बाहर हो गए| अनिल और दिषु तो पार्टी में खो गए| मैं बस PUB में बारटेंडर के पास बैठा हुआ था और "पानी" पी रहा था! I mean can you imagine guys ... खेर as usual Music की धुन और शराब से दोनों टुन हो चुके थे! हाँ मैंने उन्हें कोई drug नहीं लेने दिया| वापसी में गाडी में ही ड्राइव कर रहा था| पहले दिषु को उसके घर छोड़ा| दरवाजा उसकी नौकरानी ने खोला और मैं उसे उसके कमरे में लिटा आया| वापसी में उसके पापा दिखे और बोले;
दिषु के पापा: आज फिर पी?
मैं: Sorry अंकल|
दिषु के पापा: पर तुम तो पिए हुए नहीं लग रहे?
मैं: जी...मैंने अपने पिताजी से वादा किया था|
दिषु के पापा: तो ये कैसी Bachelor's party थी? दूल्हे को छोड़ के सबने पी! (वो मुस्कुराने लगे|) वैसे Good बेटा...काश ये पागल भी तुम्हारी तरह होता| तुम चाहो तो यहीं रुक जाओ|
मैं: अंकल...वो मेरा साला गाडी में है..उसे घर छोड़ के गाडी यहीं छोड़ जाता हूँ|
दिषु के पापा: नहीं..नहीं...बेटा...गाडी लेने कल इस पागल को भेज दूँगा|
मैं: Thanks अंकल and Good Night!
दिषु के पापा: Good Night बेटा!
मैं घर पहुँचा..शुक्र था की मेरे पास डुप्लीकेट चाभियां थीं तो मैं बिना किसी को उठाये अंदर aaya और दिषु को अपने कमरे में लेजाने लगा तो देखा वहाँ संगीता और सुमन सो रहे थे| मैं चुप-चाप पीछे हटा और उनके (संगीता) कमरे में उसे लिटा दिया और ऊपर रजाई डाल दी| आयुष तो अपनी दादी जी के पास सो रहा था और नेहा संगीता के पास| मेरे दरवाजा खोलने से शायद वो जाग गई थी| इसलिए जब मैं बैठक में लौटा, की चलो सोफे पर सो जाता हूँ तो नेहा कमरे का दरवाजा खोल के बाहर आई;
नेहा: पापा...आप तो सुबह आने वाले थे?
मैं: Awwww मेरा बच्चा सोया नहीं? आओ इधर! (नेहा आके मुझसे लिपट गई|)
नेहा: पापा आपके बिना नींद नहीं आती|
मैं: Awwwww मेरा बच्चा!
मैं चाहता तो अनिल के साथ उसी कमरे में सो जाता पर अब नेहा साथ थी... और अनिल से शराब की बू आ रही थी, और ऐसे हाल में मुझे ये सही नहीं लगा| अब सोफ़ा छोटा था तो दो लोग उसमें सो नहीं सकते थे| मैंने नेहा को गोद में उठाया और मैं पीठ के बल लेट गया और नेहा मेरे सीने पर सर रख के लेट गई| ऊपर से मैंने रजाई ले ली| नींद कब आई पता नहीं चला| सुबह तक मैं ऐसे ही पड़ा रहा| सुबह संगीता ने नेहा और मेरे ऊपर से रजाई उठाई तब मेरी नींद खुली| घडी में साढ़े पाँच बजे थे;
संगीता: What are you doing here?
मैं: Good Morning Dear!
संगीता: You didn't answer me?
मैं: (मैंने अपनी एक आँख बंद की) रात को जल्दी लौट आया था!
संगीता: Seriously?
मैं: Yeah !
संगीता: तो यहाँ क्यों सोये हुए हो? और अनिल कहाँ है?
मैं: अंदर है! (मैंने उनके कमरे की तरफ इशारा किया| मैं समझ गया था की आज तो दोनों की शामत है!)
इतने में शोर सुन के पिताजी और माँ भी बाहर आ गए|
पिताजी: क्या हुआ भई? मानु...तू यहाँ क्यों सो रहा है?
मैं: जी वो...
संगीता: पिताजी....पता नहीं दोनों कहाँ गए थे? कपडे देखो इनके? कब आये कुछ पता नहीं? नेहा यहाँ कैसे पहुंची कुछ पता नहीं? अनिल कहाँ है, कुछ पता नहीं?
पिताजी: बेटा बात ये है की ये तीनों.... मतलब ये, अनिल और दिषु Party करने गए थे! मुझे बता के गए थे!
संगीता: Party? मतलब आपने शराब पी?
मैं: No Baby! Remember I promised you and dad!
संगीता: अनिल कहाँ है?
इतने में अनिल अपना सर पकडे बाहर आ गया|
दिषु के पापा: आज फिर पी?
मैं: Sorry अंकल|
दिषु के पापा: पर तुम तो पिए हुए नहीं लग रहे?
मैं: जी...मैंने अपने पिताजी से वादा किया था|
दिषु के पापा: तो ये कैसी Bachelor's party थी? दूल्हे को छोड़ के सबने पी! (वो मुस्कुराने लगे|) वैसे Good बेटा...काश ये पागल भी तुम्हारी तरह होता| तुम चाहो तो यहीं रुक जाओ|
मैं: अंकल...वो मेरा साला गाडी में है..उसे घर छोड़ के गाडी यहीं छोड़ जाता हूँ|
दिषु के पापा: नहीं..नहीं...बेटा...गाडी लेने कल इस पागल को भेज दूँगा|
मैं: Thanks अंकल and Good Night!
दिषु के पापा: Good Night बेटा!
मैं घर पहुँचा..शुक्र था की मेरे पास डुप्लीकेट चाभियां थीं तो मैं बिना किसी को उठाये अंदर aaya और दिषु को अपने कमरे में लेजाने लगा तो देखा वहाँ संगीता और सुमन सो रहे थे| मैं चुप-चाप पीछे हटा और उनके (संगीता) कमरे में उसे लिटा दिया और ऊपर रजाई डाल दी| आयुष तो अपनी दादी जी के पास सो रहा था और नेहा संगीता के पास| मेरे दरवाजा खोलने से शायद वो जाग गई थी| इसलिए जब मैं बैठक में लौटा, की चलो सोफे पर सो जाता हूँ तो नेहा कमरे का दरवाजा खोल के बाहर आई;
नेहा: पापा...आप तो सुबह आने वाले थे?
मैं: Awwww मेरा बच्चा सोया नहीं? आओ इधर! (नेहा आके मुझसे लिपट गई|)
नेहा: पापा आपके बिना नींद नहीं आती|
मैं: Awwwww मेरा बच्चा!
मैं चाहता तो अनिल के साथ उसी कमरे में सो जाता पर अब नेहा साथ थी... और अनिल से शराब की बू आ रही थी, और ऐसे हाल में मुझे ये सही नहीं लगा| अब सोफ़ा छोटा था तो दो लोग उसमें सो नहीं सकते थे| मैंने नेहा को गोद में उठाया और मैं पीठ के बल लेट गया और नेहा मेरे सीने पर सर रख के लेट गई| ऊपर से मैंने रजाई ले ली| नींद कब आई पता नहीं चला| सुबह तक मैं ऐसे ही पड़ा रहा| सुबह संगीता ने नेहा और मेरे ऊपर से रजाई उठाई तब मेरी नींद खुली| घडी में साढ़े पाँच बजे थे;
संगीता: What are you doing here?
मैं: Good Morning Dear!
संगीता: You didn't answer me?
मैं: (मैंने अपनी एक आँख बंद की) रात को जल्दी लौट आया था!
संगीता: Seriously?
मैं: Yeah !
संगीता: तो यहाँ क्यों सोये हुए हो? और अनिल कहाँ है?
मैं: अंदर है! (मैंने उनके कमरे की तरफ इशारा किया| मैं समझ गया था की आज तो दोनों की शामत है!)
इतने में शोर सुन के पिताजी और माँ भी बाहर आ गए|
पिताजी: क्या हुआ भई? मानु...तू यहाँ क्यों सो रहा है?
मैं: जी वो...
संगीता: पिताजी....पता नहीं दोनों कहाँ गए थे? कपडे देखो इनके? कब आये कुछ पता नहीं? नेहा यहाँ कैसे पहुंची कुछ पता नहीं? अनिल कहाँ है, कुछ पता नहीं?
पिताजी: बेटा बात ये है की ये तीनों.... मतलब ये, अनिल और दिषु Party करने गए थे! मुझे बता के गए थे!
संगीता: Party? मतलब आपने शराब पी?
मैं: No Baby! Remember I promised you and dad!
संगीता: अनिल कहाँ है?
इतने में अनिल अपना सर पकडे बाहर आ गया|