desiaks
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अब वो उसका इंतजार कर रही थी। इस तरह उसकी हसरत कर रही थी मानो वो उसका प्रेमी हो... उसका जेलर, उसका सज़्जाद, उसका कातिल? जो भी हो। हर बदलाव, हर घटना, हर कल्पनीय बाधा... मौत के साथ इस निरंतर संसर्ग के अलावा कुछ भी। उसकी विचारशील और अतृप्त मेहमान।
खाने की प्लेट आधी भरी थी, लेकिन अब वो कुछ नहीं खा सकती थी। कभी-कभार पानी से वो अपनी जबान तर कर लेती थी, लेकिन उसे प्यास भी नहीं लगी थीं। वो घिसटती हुई बाल्टी उसका साथ छोड़ गई थीं, एक-एक करके, ये सब कुछ इतना ही सीधा-सरल था।
वो आया क्यों नहीं था?
भले ही समय का अब कोई वजूद नहीं रहा था, लेकिन उसे अहसास था कि किसी चीज ने उसे देर करवा दी होगी। उसने तय किया कि वो चार हजार तक अपने दिल की धड़कनें गिनेगी, और अगर वो तब तक भी नहीं आया तो वो...
...तो वो फिर चार हजार धड़कनें गिनेगी।
क्या किन्हीं एक हजार धड़कनों को दूसरी एक हजार धड़कनों से अलग कर पाना मुमकिन है? क्या ऐसा किया जा सकता है? और अगर ऐसा है, तो इसकी तुक क्या है?
और जब उसने गिनना शुरू किया तो वो हाथ कसकर, और
कसकर दबता गया।
बादल गहरा गया |
मौत ने उसे भर दिया था।
"मुझे देर हो गई," उसने कहा, मोएर्क को उसकी आवाज मुश्किल से ही सुनाई दी होगी।\
"हां," वो बुदबुदाई।
वो खामोशी से वहां बैठा रहा और मोएर्क ने पाया कि अब वो उसकी सांसें गिन रही थी। हमेशा की तरह अंधेरे में घरघराती, मगर फिर भी वो उसकी थीं, खुद उसकी अपनी नहीं. कुछ ऐसी जो उसके अंदर से नहीं निकली थीं।
"मुझे अपनी कहानी सुनाओ," मोएर्क ने याचना की।
उसने एक सिगरेट जलाई और अचानक मोएर्क को महसूस हुआ कि वो मद्धम रोशनी उसके अंदर घुसती और फैलती जा रही है...अचानक उसका सारा बदन रोशनी से भर गया और अगले ही पल वो बेसुध हो गई। उसकी आंख खुली तो वो एक दमकती सफेद दुनिया में थी, जहां धड़कती और ओजस्वी चमक इतनी तेज और शक्तिशाली थी कि वो उसके अंदर कुलबुलाने लगी। उसके सिर में घुमेड़ों के भंवर से उठने लगे, और वो उनमें डूबने लगी, उन्होंने उसे अपने अंदर खींच लिया और वो इस बेतहाशा तेजी से घूमती धवलता में, रोशनी के इस उमड़ते सैलाब में बह गई...
फिर वो घटने लगा। बवंडर धीमा पड़ गया और उसने हिलोरे खाती मद्धम लय पा ली; लहरें और अवरोधक, और मिट्टी की गंध लौट आई। मिट्टी और धुएं की। एक बार फिर उसे केवल अंधकार और थरथराता लाल बिंदु दिखा और वो जान गई कि कुछ हुआ था। उसे ये नहीं पता था कि क्या, मगर वो कहीं और पहुंच गई थी और अब वापस आ गई थी। और अब वो बादल फैल नहीं रहा था |
कुछ तो हुआ था।
"मुझे अपनी कहानी बताओ," वो बोली, अब उसकी आवाज सधी हुई थी, पहले की तरह। "मुझे हेन्ज एगर्स के बारे में बताओ।"
हेन्ज एगर्स," वो बोला, और हिचकिचाया जैसे शुरू करने से पहले हमेशा हिचकिचाता था। "हां, मैं हेन्ज एगर्स के बारे में भी बताऊंगा। बस मैं थक गया हूं, बहुत थक गया हूं... लेकिन मैं अंत तक चलता रहूंगा, बेशक।"
मोएक के पास इतना वक़्त नहीं था कि ये सोचती कि उसके शब्दों का क्या अर्थ हो सकता है। उसने अपना गला साफ किया और बोलने लगा।
"ये सैल्स्टाट की बात है... वो वहां चली गई थी। या उसे वहां ले जाया गया था। सोशल सर्विसेज वाले उसे वहां ले गए थे और उसे ट्रोकबर्ग में रख दिया गया; तुम्हें ट्रीकबर्ग पता है?"
"नहीं।"
"ये उन सामुदायिक गृहों में से है जो विषम रोगियों की देखरेख का प्रबंध करते हैं... ओवरडोज या गंदी सुई की वजह से मर जाने तक उन्हें फिर से नशे में डूबने-बाहर निकलने, फिर डूबने और बाहर निकलने नहीं देते। ये मुश्किल मरीजों की देखरेख में मदद करता है। फिर... हमारा संपर्क था, अच्छा संपर्क; हम उससे मिलने गए, और वो बहुत बुरी नहीं थी। फिर से रोशनी की एक चमक थी, लेकिन कुछ महीने बाद हमने सुना कि वो भाग गई... बहुत लंबा समय गुजर जाने के बाद हमें कहीं से खबर लगी कि वो सैल्स्टाट में हो सकती है। ट्रीकबर्ग वहां से बहुत दूर नहीं है। मैं ड्राइव करके सैल्स्टाट गया और तलाश की... कुछ दिन बाद मैंने एक पता खोज निकाला और वहां जा पहुंचा। बेशक वो नशे का अड्डा था। मैं बहुत कुछ देख चुका हूं, लेकिन मैंने किसी को उससे बुरी हालत में नहीं देखा है जितने बुरे हाल में हेन्ज एगर्स के अस्तबल में ब्रिगिट और वो दूसरी औरत थी... वो उसे यही कहता था। अपना अस्तबल। बजाहिर उसने सोचा था कि मैं उसकी एक या दोनों वेश्याओं से संसर्ग के लिए आया हूं। उसके पास और भी हो सकती थीं..."
वो ठहरा।
"तुमने क्या किया?” कुछ देर बाद उसने पूछा।
"मैंने उसे मारा। उसकी नाक पर घूंसा मारा। इससे ज़्यादा कुछ करने की ताकत नहीं थी। वो गायब हो गया। मैंने एंबुलैंस को फोन किया और दोनों लड़कियों को अस्पताल में भरती करवाया... तीन ह्फ़्ते बाद वो मर गई। बिटी सैल्स्टाट के अस्पताल में मर गई। माफ करना, मैं इतना थक गया हूं कि तफ़सील नहीं बता सकता।"
"कॅसे?"
वो फिर ठहरा और उसने सिगरेट का गहरा कश लिया। उसे फर्श पर फेंका और शोले को पांव तले कुचल दिया।
"छठी मंजिल की खिड़की से कूदते हुए उसने अपना गला काट लिया था... पक्का कर लेना चाहती थी। वो 30 सितंबर, 1988 थी । वो सत्ताईस साल की थी।"
खाने की प्लेट आधी भरी थी, लेकिन अब वो कुछ नहीं खा सकती थी। कभी-कभार पानी से वो अपनी जबान तर कर लेती थी, लेकिन उसे प्यास भी नहीं लगी थीं। वो घिसटती हुई बाल्टी उसका साथ छोड़ गई थीं, एक-एक करके, ये सब कुछ इतना ही सीधा-सरल था।
वो आया क्यों नहीं था?
भले ही समय का अब कोई वजूद नहीं रहा था, लेकिन उसे अहसास था कि किसी चीज ने उसे देर करवा दी होगी। उसने तय किया कि वो चार हजार तक अपने दिल की धड़कनें गिनेगी, और अगर वो तब तक भी नहीं आया तो वो...
...तो वो फिर चार हजार धड़कनें गिनेगी।
क्या किन्हीं एक हजार धड़कनों को दूसरी एक हजार धड़कनों से अलग कर पाना मुमकिन है? क्या ऐसा किया जा सकता है? और अगर ऐसा है, तो इसकी तुक क्या है?
और जब उसने गिनना शुरू किया तो वो हाथ कसकर, और
कसकर दबता गया।
बादल गहरा गया |
मौत ने उसे भर दिया था।
"मुझे देर हो गई," उसने कहा, मोएर्क को उसकी आवाज मुश्किल से ही सुनाई दी होगी।\
"हां," वो बुदबुदाई।
वो खामोशी से वहां बैठा रहा और मोएर्क ने पाया कि अब वो उसकी सांसें गिन रही थी। हमेशा की तरह अंधेरे में घरघराती, मगर फिर भी वो उसकी थीं, खुद उसकी अपनी नहीं. कुछ ऐसी जो उसके अंदर से नहीं निकली थीं।
"मुझे अपनी कहानी सुनाओ," मोएर्क ने याचना की।
उसने एक सिगरेट जलाई और अचानक मोएर्क को महसूस हुआ कि वो मद्धम रोशनी उसके अंदर घुसती और फैलती जा रही है...अचानक उसका सारा बदन रोशनी से भर गया और अगले ही पल वो बेसुध हो गई। उसकी आंख खुली तो वो एक दमकती सफेद दुनिया में थी, जहां धड़कती और ओजस्वी चमक इतनी तेज और शक्तिशाली थी कि वो उसके अंदर कुलबुलाने लगी। उसके सिर में घुमेड़ों के भंवर से उठने लगे, और वो उनमें डूबने लगी, उन्होंने उसे अपने अंदर खींच लिया और वो इस बेतहाशा तेजी से घूमती धवलता में, रोशनी के इस उमड़ते सैलाब में बह गई...
फिर वो घटने लगा। बवंडर धीमा पड़ गया और उसने हिलोरे खाती मद्धम लय पा ली; लहरें और अवरोधक, और मिट्टी की गंध लौट आई। मिट्टी और धुएं की। एक बार फिर उसे केवल अंधकार और थरथराता लाल बिंदु दिखा और वो जान गई कि कुछ हुआ था। उसे ये नहीं पता था कि क्या, मगर वो कहीं और पहुंच गई थी और अब वापस आ गई थी। और अब वो बादल फैल नहीं रहा था |
कुछ तो हुआ था।
"मुझे अपनी कहानी बताओ," वो बोली, अब उसकी आवाज सधी हुई थी, पहले की तरह। "मुझे हेन्ज एगर्स के बारे में बताओ।"
हेन्ज एगर्स," वो बोला, और हिचकिचाया जैसे शुरू करने से पहले हमेशा हिचकिचाता था। "हां, मैं हेन्ज एगर्स के बारे में भी बताऊंगा। बस मैं थक गया हूं, बहुत थक गया हूं... लेकिन मैं अंत तक चलता रहूंगा, बेशक।"
मोएक के पास इतना वक़्त नहीं था कि ये सोचती कि उसके शब्दों का क्या अर्थ हो सकता है। उसने अपना गला साफ किया और बोलने लगा।
"ये सैल्स्टाट की बात है... वो वहां चली गई थी। या उसे वहां ले जाया गया था। सोशल सर्विसेज वाले उसे वहां ले गए थे और उसे ट्रोकबर्ग में रख दिया गया; तुम्हें ट्रीकबर्ग पता है?"
"नहीं।"
"ये उन सामुदायिक गृहों में से है जो विषम रोगियों की देखरेख का प्रबंध करते हैं... ओवरडोज या गंदी सुई की वजह से मर जाने तक उन्हें फिर से नशे में डूबने-बाहर निकलने, फिर डूबने और बाहर निकलने नहीं देते। ये मुश्किल मरीजों की देखरेख में मदद करता है। फिर... हमारा संपर्क था, अच्छा संपर्क; हम उससे मिलने गए, और वो बहुत बुरी नहीं थी। फिर से रोशनी की एक चमक थी, लेकिन कुछ महीने बाद हमने सुना कि वो भाग गई... बहुत लंबा समय गुजर जाने के बाद हमें कहीं से खबर लगी कि वो सैल्स्टाट में हो सकती है। ट्रीकबर्ग वहां से बहुत दूर नहीं है। मैं ड्राइव करके सैल्स्टाट गया और तलाश की... कुछ दिन बाद मैंने एक पता खोज निकाला और वहां जा पहुंचा। बेशक वो नशे का अड्डा था। मैं बहुत कुछ देख चुका हूं, लेकिन मैंने किसी को उससे बुरी हालत में नहीं देखा है जितने बुरे हाल में हेन्ज एगर्स के अस्तबल में ब्रिगिट और वो दूसरी औरत थी... वो उसे यही कहता था। अपना अस्तबल। बजाहिर उसने सोचा था कि मैं उसकी एक या दोनों वेश्याओं से संसर्ग के लिए आया हूं। उसके पास और भी हो सकती थीं..."
वो ठहरा।
"तुमने क्या किया?” कुछ देर बाद उसने पूछा।
"मैंने उसे मारा। उसकी नाक पर घूंसा मारा। इससे ज़्यादा कुछ करने की ताकत नहीं थी। वो गायब हो गया। मैंने एंबुलैंस को फोन किया और दोनों लड़कियों को अस्पताल में भरती करवाया... तीन ह्फ़्ते बाद वो मर गई। बिटी सैल्स्टाट के अस्पताल में मर गई। माफ करना, मैं इतना थक गया हूं कि तफ़सील नहीं बता सकता।"
"कॅसे?"
वो फिर ठहरा और उसने सिगरेट का गहरा कश लिया। उसे फर्श पर फेंका और शोले को पांव तले कुचल दिया।
"छठी मंजिल की खिड़की से कूदते हुए उसने अपना गला काट लिया था... पक्का कर लेना चाहती थी। वो 30 सितंबर, 1988 थी । वो सत्ताईस साल की थी।"