hotaks444
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अब मैंने देखा कि काशी ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे जो कि बाजी कि पीछे खड़ा हुआ था और बेड पे बाजी के पीछे जाकर बैठ गया और अपने दोनों हाथों से पीछे से ही फरिहा बाजी को कस लिया और उसकी गर्दन पे। किस करने लगा।
बाजी काशी की किसी भी हरकत से उसे मना नहीं कर रही थी। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा। फिर काशी ने बाजी को अपनी तरफ घुमाया और साथ ही बाजी के होंठों से अपने होंठ लगा दिए और किस करने लगा। तो बाजी भी अपना एक हाथ उसके सर के पीछे रखते हुये किस करने लगी। बाजी को किस करने के साथ ही काशी ने अपना हाथ मेरी बहन की चूचियों पे रख दिया और उन्हें धीरे-धीरे अपने हाथ से दबाने और मसलने लगा, जिससे बाजी और भी गरम होती दिखने लगी।
थोड़ी देर तक सब ऐसे ही चलता रहा और फिर काशी का हाथ जो कि बाजी के पीछे कमर पे था, उस हाथ से ही काशी ने बाजी की ब्रा का हुक कब खोल दिया। पता ही नहीं चला और अचानक काशी का वो हाथ जो बाजी की ब्रा के ऊपर से ही बाजी की चूचियों को दबा रहा था, थोड़ा नीचे हुआ और साथ ही उसने बाजी की ब्रा को हटा दिया, जिससे मेरी नजरों के सामने मेरी ही बहन की चूचियां नंगी हो गईं, जो कि मेरी ही वजह से मेरे दोस्त के हाथों ही मेरी बहन अपनी इज़्ज़त लुट रही थी।
चूचियों को नंगा देखकर जहाँ मेरा लण्ड मेरा ट्राउजर फाड़कर बाहर आने को बेचैन हो रहा था। वहीं मैं उस वक़्त ये भी भूल चुका था कि अभी कुछ देर पहले मैं अपने आप में और अपने दोस्त पे कितना गुस्सा कर रहा था। अब मेरा पूरा ध्यान अपनी बड़ी बहन की नंगे चूचियों पे था, जिनसे मेरा दोस्त अपने हाथों से खेल रहा था। फिर उसने बाजी को नीचे लिटा दिया बेड पे और खुद बैठा-बैठा ही फरी बाजी की चूचियों पे झुक गया और बाजी की चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और हाथ से भी बाजी की चूचियों को दबाने और सहलाने लगा। और फिर धीरे-धीरे बाजी के पेट की तरफ बढ़ा और बाजी के पेट पे अपनी जुबान घुमाता और नीचे की तरफ जाने लगा।
और फिर अपना सर उठा लिया और बाजी की तरफ देखा जो कि काशी के इस तरह उठ बैठने से अपनी आँखें खोलकर उसकी तरफ ही देख रही थी। तो काशी ने बाजी की तरफ से नजर हटाकर अब अपना हाथ बाजी की पैंटी की तरफ बढ़ाया और धीरे से बाजी की पैंटी नीचे खिसकाने लगा और आखिरकार बाजी की पैंटी उतारकर वो उठा और बाजी की दोनों रानों को खोलते हुये रानों के बीच में आकर बैठ गया।
उस वक़्त मेरी नजर बाजी की बिना बालों की चूत में पड़ी तो मेरे मुँह से हल्की सी सिसकी निकल गई और हाथ से मैंने अपना लण्ड भींच लिया। (हालांकि मुझे कैमरे में ये सब पूरी तरह साफ-साफ नजर नहीं आ रहा था, लेकिन जितना भी नजर आ रहा था वो भी मेरे होश उड़ाने के लिए काफी था)
खैर अब काशी थोड़ा आगे हुआ और अपने लण्ड पे अच्छी तरह थूक लगाकर बाजी की चूत पे रगड़ने लगा जो कि 54 साइज का ही था और इतना मोटा भी नहीं था तो काशी के इस तरह करने से बाजी जो कि काशी की तरफ ही देख रही थी अपनी आँखों को बंद करके लेट गई और अपने हाथों से बेड की चादर को पकड़कर सिसकने लगी (जिसकी आवाज तो मुझे सुनाई नहीं दे रही थी) अब काशी ने थोड़ा थूक और भी अपने लण्ड और फरी बाजी की चूत पे लगा दिया और बाजी पे झुक गया। फिर मेरी बहन के कंधों पे अपने हाथ जमाकर हल्का सा झटका लगाया, जिससे बाजी का मुँह पूरी तरह एक बार खुला और फिर बंद हो गया।
बाजी काशी की किसी भी हरकत से उसे मना नहीं कर रही थी। थोड़ी देर तक ऐसे ही चलता रहा। फिर काशी ने बाजी को अपनी तरफ घुमाया और साथ ही बाजी के होंठों से अपने होंठ लगा दिए और किस करने लगा। तो बाजी भी अपना एक हाथ उसके सर के पीछे रखते हुये किस करने लगी। बाजी को किस करने के साथ ही काशी ने अपना हाथ मेरी बहन की चूचियों पे रख दिया और उन्हें धीरे-धीरे अपने हाथ से दबाने और मसलने लगा, जिससे बाजी और भी गरम होती दिखने लगी।
थोड़ी देर तक सब ऐसे ही चलता रहा और फिर काशी का हाथ जो कि बाजी के पीछे कमर पे था, उस हाथ से ही काशी ने बाजी की ब्रा का हुक कब खोल दिया। पता ही नहीं चला और अचानक काशी का वो हाथ जो बाजी की ब्रा के ऊपर से ही बाजी की चूचियों को दबा रहा था, थोड़ा नीचे हुआ और साथ ही उसने बाजी की ब्रा को हटा दिया, जिससे मेरी नजरों के सामने मेरी ही बहन की चूचियां नंगी हो गईं, जो कि मेरी ही वजह से मेरे दोस्त के हाथों ही मेरी बहन अपनी इज़्ज़त लुट रही थी।
चूचियों को नंगा देखकर जहाँ मेरा लण्ड मेरा ट्राउजर फाड़कर बाहर आने को बेचैन हो रहा था। वहीं मैं उस वक़्त ये भी भूल चुका था कि अभी कुछ देर पहले मैं अपने आप में और अपने दोस्त पे कितना गुस्सा कर रहा था। अब मेरा पूरा ध्यान अपनी बड़ी बहन की नंगे चूचियों पे था, जिनसे मेरा दोस्त अपने हाथों से खेल रहा था। फिर उसने बाजी को नीचे लिटा दिया बेड पे और खुद बैठा-बैठा ही फरी बाजी की चूचियों पे झुक गया और बाजी की चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और हाथ से भी बाजी की चूचियों को दबाने और सहलाने लगा। और फिर धीरे-धीरे बाजी के पेट की तरफ बढ़ा और बाजी के पेट पे अपनी जुबान घुमाता और नीचे की तरफ जाने लगा।
और फिर अपना सर उठा लिया और बाजी की तरफ देखा जो कि काशी के इस तरह उठ बैठने से अपनी आँखें खोलकर उसकी तरफ ही देख रही थी। तो काशी ने बाजी की तरफ से नजर हटाकर अब अपना हाथ बाजी की पैंटी की तरफ बढ़ाया और धीरे से बाजी की पैंटी नीचे खिसकाने लगा और आखिरकार बाजी की पैंटी उतारकर वो उठा और बाजी की दोनों रानों को खोलते हुये रानों के बीच में आकर बैठ गया।
उस वक़्त मेरी नजर बाजी की बिना बालों की चूत में पड़ी तो मेरे मुँह से हल्की सी सिसकी निकल गई और हाथ से मैंने अपना लण्ड भींच लिया। (हालांकि मुझे कैमरे में ये सब पूरी तरह साफ-साफ नजर नहीं आ रहा था, लेकिन जितना भी नजर आ रहा था वो भी मेरे होश उड़ाने के लिए काफी था)
खैर अब काशी थोड़ा आगे हुआ और अपने लण्ड पे अच्छी तरह थूक लगाकर बाजी की चूत पे रगड़ने लगा जो कि 54 साइज का ही था और इतना मोटा भी नहीं था तो काशी के इस तरह करने से बाजी जो कि काशी की तरफ ही देख रही थी अपनी आँखों को बंद करके लेट गई और अपने हाथों से बेड की चादर को पकड़कर सिसकने लगी (जिसकी आवाज तो मुझे सुनाई नहीं दे रही थी) अब काशी ने थोड़ा थूक और भी अपने लण्ड और फरी बाजी की चूत पे लगा दिया और बाजी पे झुक गया। फिर मेरी बहन के कंधों पे अपने हाथ जमाकर हल्का सा झटका लगाया, जिससे बाजी का मुँह पूरी तरह एक बार खुला और फिर बंद हो गया।