hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
काशी- अरे मेरी जान, अगर तुम चाहो तो मैं किसी के साथ मिलवा हूँ?
फरी- नो थैक्स।
काशी- लेकिन क्यों या?
फरी- मुझे अभी बदनाम नहीं होना।
काशी- लेकिन अगर तुम चाहो तो ऐसा हो सकता है और बदनामी भी नहीं होगी।
फरी- वो कैसे?
काशी- “अगर तुम चाहो तो मैं रूम में बेड के बीच में एक मोटा पर्दा लगा हूँगा, जिसमें तुम्हारे पास मैं हूँगा, लेकिन दूसरी तरफ वो होगा जो तुम्हें बड़े लण्ड का मजा देगा और मजे की बात ये होगी कि तुम दोनों एक दूसरे का चेहरा भी देख नहीं पाओगे।
फरी- “रहने दो, मुझे नहीं करना है ऐसा कुछ भी। अगर कहीं कुछ गड़बड़ हो गई तो मैं क्या करूंगी? ना बाबा ना... मुझे डर लगता है...”
काशी- अच्छा ये बताओ? मुझ पे ट्रस्ट है या नहीं तुम्हें?
फरी- अगर तुम पे ट्रस्ट ना करती तो क्या आज मिलती तुमसे?
काशी- तो फिर भरोसा रखो कि ऐसा कुछ नहीं होगा, जिससे तुम्हारा पहचान लिए जाने का डर हो।
फरी- अच्छा अभी मैं आफलाइन होने लगी हैं, बाद में बात करूंगी।
काशी- ओके... लेकिन सोचना जरूर?
फरी- ओके... मैं सोचूंगी बाइ।
काशी- बाइ और आई लव योउ जान।
फरी- “लोव योउ टू और उम्माह..” उसके बाद फरी आफलाइन हो गई।
तो काशी ने कहा- “ले यार, तेरा काम मुझे लगता है हो ही जाएगा अब..”
तो मैंने कहा- “साले, वो तो ठीक है लेकिन अभी इसका तो कुछ सोच ये फटने को है...”
काशी हँसता हुआ उठा और बोला- “मैं अभी जाकर बात करता हूँ नीलू से, फिर तुझे बताता हूँ.." और रूम से निकल गया।
तो मैं अपने लण्ड को मसलने लगा, फरी बाजी और नीलू की फुद्दी का सोचकर। मैं वहीं बैठा अपने लण्ड को सहलाता रहा और दिल में दुआ माँगता रहा कि नीलू मना ना कर दे।
फिर काशी जब 10 मिनट के बाद वापिस आया तो उसके चेहरा पे मुझे खुशी नजर आई।
तो मैं भी खुश हो गया और पूछा- मान गई हमारी बहन?
फरी- नो थैक्स।
काशी- लेकिन क्यों या?
फरी- मुझे अभी बदनाम नहीं होना।
काशी- लेकिन अगर तुम चाहो तो ऐसा हो सकता है और बदनामी भी नहीं होगी।
फरी- वो कैसे?
काशी- “अगर तुम चाहो तो मैं रूम में बेड के बीच में एक मोटा पर्दा लगा हूँगा, जिसमें तुम्हारे पास मैं हूँगा, लेकिन दूसरी तरफ वो होगा जो तुम्हें बड़े लण्ड का मजा देगा और मजे की बात ये होगी कि तुम दोनों एक दूसरे का चेहरा भी देख नहीं पाओगे।
फरी- “रहने दो, मुझे नहीं करना है ऐसा कुछ भी। अगर कहीं कुछ गड़बड़ हो गई तो मैं क्या करूंगी? ना बाबा ना... मुझे डर लगता है...”
काशी- अच्छा ये बताओ? मुझ पे ट्रस्ट है या नहीं तुम्हें?
फरी- अगर तुम पे ट्रस्ट ना करती तो क्या आज मिलती तुमसे?
काशी- तो फिर भरोसा रखो कि ऐसा कुछ नहीं होगा, जिससे तुम्हारा पहचान लिए जाने का डर हो।
फरी- अच्छा अभी मैं आफलाइन होने लगी हैं, बाद में बात करूंगी।
काशी- ओके... लेकिन सोचना जरूर?
फरी- ओके... मैं सोचूंगी बाइ।
काशी- बाइ और आई लव योउ जान।
फरी- “लोव योउ टू और उम्माह..” उसके बाद फरी आफलाइन हो गई।
तो काशी ने कहा- “ले यार, तेरा काम मुझे लगता है हो ही जाएगा अब..”
तो मैंने कहा- “साले, वो तो ठीक है लेकिन अभी इसका तो कुछ सोच ये फटने को है...”
काशी हँसता हुआ उठा और बोला- “मैं अभी जाकर बात करता हूँ नीलू से, फिर तुझे बताता हूँ.." और रूम से निकल गया।
तो मैं अपने लण्ड को मसलने लगा, फरी बाजी और नीलू की फुद्दी का सोचकर। मैं वहीं बैठा अपने लण्ड को सहलाता रहा और दिल में दुआ माँगता रहा कि नीलू मना ना कर दे।
फिर काशी जब 10 मिनट के बाद वापिस आया तो उसके चेहरा पे मुझे खुशी नजर आई।
तो मैं भी खुश हो गया और पूछा- मान गई हमारी बहन?