hotaks444
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बाजी ने कहा- भाई, जब अम्मी ने मना किया था तो हमें नहीं जाना चाहिए था वहाँ।
बाजी की बात का जवाब मैं देने ही लगा था कि तभी निदा ने कहा- “बाजी भाई ने ठीक ही तो कहा है कि जब हम यहाँ एंजाय करने आए हैं तो फिर घूमने से माना क्यों किया जा रहा है?”
बाजी कुछ नहीं बोली तो निदा ने बाजी का हाथ पकड़कर एक साइड पे किया और उसके कान में कुछ कहा, तो बाजी ने हाँ में सिर हिला दिया और मेरे पास आकर बोली- “भाई तुम यहाँ ही बैठकर टीवी देखो, मैं निदा के साथ रूम में हूँ हमने कुछ बात करनी है...”
बाजी की बात सुनकर मुझे गुस्सा तो आया लेकिन मैं निदा की तरफ घूरते हुये बोला- “अच्छी बात है। लेकिन मैं ज्यादा देर यहाँ नहीं बैठूबगा, जो बात करनी है जल्दी कर लेना..” और टीवी का रिमोट लेजाकर बैठ गया।
मैं कोई एक घंटे तक टीवी के चैनेल चेंज करता और बार-बार रूम की तरफ भी देखता रहा। लेकिन जब एक घंटे गुजर गया और ना तो निदा और फरी बाजी में से कोई रूम में से बाहर आया और ना ही अम्मी के रूम का। दरवाजा खुला तो मैं तंग आ गया और टीवी आफ करके अभी उठा ही था रूम में जाने के लिए।
तभी मेरे रूम का दरवाजा खुला और निदा बाहर आ गई और मेरी तरफ देखकर एक अजीब सी मुश्कान के साथ बोली- “भाई आपको बाजी बुला रही हैं...” और खुद टीवी का रिमोट लेकर टीवी के सामने बैठ गई।
मैं रूम की तरफ चल दिया कि अब क्या पंगा हो गया? रूम में आया तो देखा कि बाजी बेड पे बैठी हुई थी। लेकिन उनके चेहरे से मुझे परेशानी साफ नजर आ गई कि बाजी कुछ परेशान हैं।
मैं भी दरवाजा बंद करके बाजी के पास जा बैठा और बोला- बाजी क्या बात है, आप कुछ परेशान लग रही हैं?
बाजी की बात का जवाब मैं देने ही लगा था कि तभी निदा ने कहा- “बाजी भाई ने ठीक ही तो कहा है कि जब हम यहाँ एंजाय करने आए हैं तो फिर घूमने से माना क्यों किया जा रहा है?”
बाजी कुछ नहीं बोली तो निदा ने बाजी का हाथ पकड़कर एक साइड पे किया और उसके कान में कुछ कहा, तो बाजी ने हाँ में सिर हिला दिया और मेरे पास आकर बोली- “भाई तुम यहाँ ही बैठकर टीवी देखो, मैं निदा के साथ रूम में हूँ हमने कुछ बात करनी है...”
बाजी की बात सुनकर मुझे गुस्सा तो आया लेकिन मैं निदा की तरफ घूरते हुये बोला- “अच्छी बात है। लेकिन मैं ज्यादा देर यहाँ नहीं बैठूबगा, जो बात करनी है जल्दी कर लेना..” और टीवी का रिमोट लेजाकर बैठ गया।
मैं कोई एक घंटे तक टीवी के चैनेल चेंज करता और बार-बार रूम की तरफ भी देखता रहा। लेकिन जब एक घंटे गुजर गया और ना तो निदा और फरी बाजी में से कोई रूम में से बाहर आया और ना ही अम्मी के रूम का। दरवाजा खुला तो मैं तंग आ गया और टीवी आफ करके अभी उठा ही था रूम में जाने के लिए।
तभी मेरे रूम का दरवाजा खुला और निदा बाहर आ गई और मेरी तरफ देखकर एक अजीब सी मुश्कान के साथ बोली- “भाई आपको बाजी बुला रही हैं...” और खुद टीवी का रिमोट लेकर टीवी के सामने बैठ गई।
मैं रूम की तरफ चल दिया कि अब क्या पंगा हो गया? रूम में आया तो देखा कि बाजी बेड पे बैठी हुई थी। लेकिन उनके चेहरे से मुझे परेशानी साफ नजर आ गई कि बाजी कुछ परेशान हैं।
मैं भी दरवाजा बंद करके बाजी के पास जा बैठा और बोला- बाजी क्या बात है, आप कुछ परेशान लग रही हैं?