hotaks444
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तब इरम “आअहह... सन्नी प्लीज़... मेरी जान मेरे सीने से लग जाओ उफफ्फ़... जानू मैं झड़ने वाली हँन् ऊऊहह सन्नी कुत्ते क्यों जलील कर रहा है मुझे बहनचोद गान्डू...” की तेज आवाज के साथ ही इरम का पूरा जिम एक बार अकड़ा और फिर हल्का-हल्का काँपने लगा जिसके बाद उसकी फुद्दी में पानी का तेज सैलाब सा आ गया।
इरम के फारिघ् होते ही मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया, क्योंकी मैं अभी फारिघु नहीं होना चाहता था। इम थोड़ी देर तक लंबी सांसें लेती रही। उसके बाद इरम ने अपनी आँखें खोलकर मेरी तरफ और फिर मेरे फनफनाते हुये लण्ड की तरफ देखा और हल्का सा मुश्कुराकर बोली- “सन्नी तुम सच्ची में बहुत बड़े हरामी हो। पता है आज तक मुझे कोई मेरी मर्जी के बिना फारिघ् नहीं करवा सका है, लेकिन तुमने कर डाला। मेरा सारा मान तोड़ दिया है आज तुमने। बहुत जालिम हो...”
इरम की बात सुनकर मैं हँस दिया और बोला- “अभी तुमने जुल्म देखा ही कहाँ है? अभी तो तुम देखोगी कि आज होना क्या कुछ है तुम्हारे साथ?” और साइड से कपड़े उठाकर एक बार फिर से इरम की फुद्दी को साफ करने लगा।
तब इरम ने खुद ही कपड़ा पकड़ लिया और अपनी फुद्दी साफ करते हुये बोली- “कुछ तो गीली रहने दो, वरना आज के बाद एक हफ्ते तक हम दोनों ही किसी काम के नहीं रहेंगे...”
अबकी बार मैंने इरम की बात मान ली, क्योंकी मुझे भी अब लण्ड पे जलन का एहसास हो रहा था, जो कि इरम की खुश्क फुद्दी में घुसने की वजह से ही हो रही थी। खैर, फुद्दी को अच्छे से साफ करके इरम ने मुझे अपनी जगह पे लिटा दिया और खुद अपने पापा की तरफ मुँह करके जो कि मेरे पैरों की तरफ थे, मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी पे सेट करते हुये धीरे से मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी में लेती हुई नीचे बैठ गई। मैंने भी पीछे से। इरम की गाण्ड पकड़ ली और उसे सहलाते हुये ऊपर नीचे होने में मदद देने लगा।
पूरा लण्ड अपनी फुद्दी में घुसाकर इरम ने मुड़कर मेरी तरफ देखा और बोली- “क्या खयाल है जरा प्यार से मजा ना करें?”
मैंने हाँ में सिर हिला दिया, तो इरम ने खुद को धीरे से मेरे ऊपर गिरा लिया और अपने हाथ मेरे सिर के पिछली तरफ बेड से लगाकर अपनी गाण्ड को मेरे लण्ड पे रगड़ते हुये चुदाई का मजा लेने लगी। लेकिन इस तरह इरम की चुदाई मेरे लिए भी बड़ी मुसीबत बन रही थी, क्योंकी शायद ये इरम के गरम जिस्म का कमाल था, जो मुझसे अब बर्दाश्त खतम होती जा रही थी।
इस स्टाइल में मुझसे दो मिनट भी कंट्रोल नहीं हो पाया, और मैंने इरम को अपने ऊपर से धकेल दिया और खुद उठकर इरम को अपने नीचे लिटा लिया और फिर से उसकी टांगें उठाकर अपने कंधों पे रख लीं और अपना लण्ड घुसाकर इरम की फुद्दी मारने लगा। लेकिन क्योंकी इस बार इरम की फुद्दी ज्यादा खुश्क नहीं थी और लण्ड भी आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था।
तो इरम भी अपनी गाण्ड नीचे से मेरे लण्ड की तरफ उछलते हुये बोली- “क्या हुआ मेरे हरामी राजा, गाण्ड फट रही है क्या? और तेजी से चोद ना बहनचोद। ये तेरी माँ की बूढ़ी फुदी नहीं है जो एक दो बार में थक जाएगी। साले ये मेरा जवान जिश्म है, 10 बार भी माँ चुदवाएगा ना तो ताजा दम मिलेगी उफफ्फ़ सन्नी और तेज चोद बहन के लौड़े उउन्नम्म्मह आअहह.. पापा इसकी गाण्ड में उंगली करो, इसे बोलो तेज चोदे उउफफ्फ़..." की आवाज में चिल्ला-चिल्ला के मेरा जोश बढ़ा रही थी। जिसने इतना काम किया कि मैं दो मिनट में ही इरम की फुद्दी में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेटकर हाँफने लगा।
इरम के फारिघ् होते ही मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया, क्योंकी मैं अभी फारिघु नहीं होना चाहता था। इम थोड़ी देर तक लंबी सांसें लेती रही। उसके बाद इरम ने अपनी आँखें खोलकर मेरी तरफ और फिर मेरे फनफनाते हुये लण्ड की तरफ देखा और हल्का सा मुश्कुराकर बोली- “सन्नी तुम सच्ची में बहुत बड़े हरामी हो। पता है आज तक मुझे कोई मेरी मर्जी के बिना फारिघ् नहीं करवा सका है, लेकिन तुमने कर डाला। मेरा सारा मान तोड़ दिया है आज तुमने। बहुत जालिम हो...”
इरम की बात सुनकर मैं हँस दिया और बोला- “अभी तुमने जुल्म देखा ही कहाँ है? अभी तो तुम देखोगी कि आज होना क्या कुछ है तुम्हारे साथ?” और साइड से कपड़े उठाकर एक बार फिर से इरम की फुद्दी को साफ करने लगा।
तब इरम ने खुद ही कपड़ा पकड़ लिया और अपनी फुद्दी साफ करते हुये बोली- “कुछ तो गीली रहने दो, वरना आज के बाद एक हफ्ते तक हम दोनों ही किसी काम के नहीं रहेंगे...”
अबकी बार मैंने इरम की बात मान ली, क्योंकी मुझे भी अब लण्ड पे जलन का एहसास हो रहा था, जो कि इरम की खुश्क फुद्दी में घुसने की वजह से ही हो रही थी। खैर, फुद्दी को अच्छे से साफ करके इरम ने मुझे अपनी जगह पे लिटा दिया और खुद अपने पापा की तरफ मुँह करके जो कि मेरे पैरों की तरफ थे, मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी पे सेट करते हुये धीरे से मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी में लेती हुई नीचे बैठ गई। मैंने भी पीछे से। इरम की गाण्ड पकड़ ली और उसे सहलाते हुये ऊपर नीचे होने में मदद देने लगा।
पूरा लण्ड अपनी फुद्दी में घुसाकर इरम ने मुड़कर मेरी तरफ देखा और बोली- “क्या खयाल है जरा प्यार से मजा ना करें?”
मैंने हाँ में सिर हिला दिया, तो इरम ने खुद को धीरे से मेरे ऊपर गिरा लिया और अपने हाथ मेरे सिर के पिछली तरफ बेड से लगाकर अपनी गाण्ड को मेरे लण्ड पे रगड़ते हुये चुदाई का मजा लेने लगी। लेकिन इस तरह इरम की चुदाई मेरे लिए भी बड़ी मुसीबत बन रही थी, क्योंकी शायद ये इरम के गरम जिस्म का कमाल था, जो मुझसे अब बर्दाश्त खतम होती जा रही थी।
इस स्टाइल में मुझसे दो मिनट भी कंट्रोल नहीं हो पाया, और मैंने इरम को अपने ऊपर से धकेल दिया और खुद उठकर इरम को अपने नीचे लिटा लिया और फिर से उसकी टांगें उठाकर अपने कंधों पे रख लीं और अपना लण्ड घुसाकर इरम की फुद्दी मारने लगा। लेकिन क्योंकी इस बार इरम की फुद्दी ज्यादा खुश्क नहीं थी और लण्ड भी आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था।
तो इरम भी अपनी गाण्ड नीचे से मेरे लण्ड की तरफ उछलते हुये बोली- “क्या हुआ मेरे हरामी राजा, गाण्ड फट रही है क्या? और तेजी से चोद ना बहनचोद। ये तेरी माँ की बूढ़ी फुदी नहीं है जो एक दो बार में थक जाएगी। साले ये मेरा जवान जिश्म है, 10 बार भी माँ चुदवाएगा ना तो ताजा दम मिलेगी उफफ्फ़ सन्नी और तेज चोद बहन के लौड़े उउन्नम्म्मह आअहह.. पापा इसकी गाण्ड में उंगली करो, इसे बोलो तेज चोदे उउफफ्फ़..." की आवाज में चिल्ला-चिल्ला के मेरा जोश बढ़ा रही थी। जिसने इतना काम किया कि मैं दो मिनट में ही इरम की फुद्दी में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेटकर हाँफने लगा।