hotaks444
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हाँफ ता हुआ अखिल भी काया की बगल मे लेट गया. दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे. बदन अजीब सा सुस्त पड गया था, जैसे अब कोई काम करने की इक्च्छा नही. एक मधुर अहसास जिसमे बदन टूट कर चूर हुआ हो.
अखिल प्यार से काया के स्तनों पर हाथ फेरता हुआ उसे देखने लगा..... "क्या हुआ अखिल, दिल नही भरा क्या"
अखिल.... आइ लव यू काया....
काया धीरे से अखिल के बालों पर हाथ फेरी और मुस्कुराती हुई पूछने लगी.... "बेबी, अब तो मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बन जाउन्गी. तुम मुझे
कुवारि माँ बना कर भाग तो नही जाओगी"
अखिल.... हट पगली, 80'स की मूवी चल रही है क्या.... उम्म्म... लव यू...
काया भी अखिल से लिपट'ती.... "लव यू टू बेबी"
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अगले दिन शाम को .... मनु आंड काया....
मनु को अपने काम को अंजाम देने से पहले बस अपनी बहन को अपनी ओर करना था. काया को अब तक मनु ने इन सारी बातों से दूर
रखा था, लेकिन वक़्त आ गया था की वो जो करने वाला है वो क्या और क्यों करने वाला है.
लेकिन मनु का कॉल आते ही काया थोड़ा डर गयी. उसे अंदर से लगा कहीं रात की कोई बात मनु को तो पता नही चली. होता तो कुछ नही पर भाई था, अजीब सी शर्म आ रही थी की कैसे पता चला भाई को.
काया जब पहुँची तो बड़ी ही शांत लग रही थी. मनु उसके सिर पर हाथ फेरते.... "ये आज तेरे चेहरे से हँसी कहाँ गायब है, क्या हुआ मेरी जान को, ऐसे मायूस क्यों हो"
काया, "ना" मे सिर हिलाती... "कुछ नही" कहने लगी.....
मनु..... हद है, अब तू बताएगी मेरी बच्ची को किसने परेशान किया है उसे तो मैं सूली पर लटका दूँगा...
काया, तेज से चीखती कहने लगी..... "हुहह ! बोलो भी ना भाई, क्यों सस्पेंस-सस्पेंस खेल रहे हो, बात क्या है वो बताओ ना"
मनु, काया को ले कर सीआइ उदय के थाने ले कर चल दिया...... "बात बताने वाली नही है, आज तुम्हे कुछ मैं दिखाउन्गा चल मेरे साथ"
काया के तो होश उड़ गये..... "ये भाई मुझे पोलीस स्टेशन क्यों ले कर आया है. वहाँ एस.पी की गाड़ी भी लगी थी. काया का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा, उसके माथे से पसीना आने लगा.... तभी उसे सामने से अखिल दिखा. काया उसे घूर्ने लगी.... अखिल ने कोई रेस्पॉंड नही किया और तीनो अंदर चले गये...
इंटेरोगेशन रूम मे सॅम था और सीआइ उदय उस से पूछ-ताछ कर रहा था.... बाहर उनके इंट्रोगेशन की आवाज़ आ रही थी..... पहले अंट्रे
मशीन पर सॅम और रजत की फोन कॉल फिर सॅम का कन्फेशन.... काया के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी.......
अखिल प्यार से काया के स्तनों पर हाथ फेरता हुआ उसे देखने लगा..... "क्या हुआ अखिल, दिल नही भरा क्या"
अखिल.... आइ लव यू काया....
काया धीरे से अखिल के बालों पर हाथ फेरी और मुस्कुराती हुई पूछने लगी.... "बेबी, अब तो मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बन जाउन्गी. तुम मुझे
कुवारि माँ बना कर भाग तो नही जाओगी"
अखिल.... हट पगली, 80'स की मूवी चल रही है क्या.... उम्म्म... लव यू...
काया भी अखिल से लिपट'ती.... "लव यू टू बेबी"
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अगले दिन शाम को .... मनु आंड काया....
मनु को अपने काम को अंजाम देने से पहले बस अपनी बहन को अपनी ओर करना था. काया को अब तक मनु ने इन सारी बातों से दूर
रखा था, लेकिन वक़्त आ गया था की वो जो करने वाला है वो क्या और क्यों करने वाला है.
लेकिन मनु का कॉल आते ही काया थोड़ा डर गयी. उसे अंदर से लगा कहीं रात की कोई बात मनु को तो पता नही चली. होता तो कुछ नही पर भाई था, अजीब सी शर्म आ रही थी की कैसे पता चला भाई को.
काया जब पहुँची तो बड़ी ही शांत लग रही थी. मनु उसके सिर पर हाथ फेरते.... "ये आज तेरे चेहरे से हँसी कहाँ गायब है, क्या हुआ मेरी जान को, ऐसे मायूस क्यों हो"
काया, "ना" मे सिर हिलाती... "कुछ नही" कहने लगी.....
मनु..... हद है, अब तू बताएगी मेरी बच्ची को किसने परेशान किया है उसे तो मैं सूली पर लटका दूँगा...
काया, तेज से चीखती कहने लगी..... "हुहह ! बोलो भी ना भाई, क्यों सस्पेंस-सस्पेंस खेल रहे हो, बात क्या है वो बताओ ना"
मनु, काया को ले कर सीआइ उदय के थाने ले कर चल दिया...... "बात बताने वाली नही है, आज तुम्हे कुछ मैं दिखाउन्गा चल मेरे साथ"
काया के तो होश उड़ गये..... "ये भाई मुझे पोलीस स्टेशन क्यों ले कर आया है. वहाँ एस.पी की गाड़ी भी लगी थी. काया का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा, उसके माथे से पसीना आने लगा.... तभी उसे सामने से अखिल दिखा. काया उसे घूर्ने लगी.... अखिल ने कोई रेस्पॉंड नही किया और तीनो अंदर चले गये...
इंटेरोगेशन रूम मे सॅम था और सीआइ उदय उस से पूछ-ताछ कर रहा था.... बाहर उनके इंट्रोगेशन की आवाज़ आ रही थी..... पहले अंट्रे
मशीन पर सॅम और रजत की फोन कॉल फिर सॅम का कन्फेशन.... काया के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी.......