hotaks444
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शाम के वक़्त....
अखिल.... मिश्रा जी आप भी चल रहे हो क्या ये शो देखने...
ड्राइवर.... सर जी, मैं जा कर क्या करूँगा, अब तो बुढ़ापा भी छाया है, मुझे कहाँ ले जा रहे हो...
अखिल.... चलो भी मिश्रा जी, आप भी फिरंगी शो देख लेना...
दोनो वहाँ से राक ऑन शो की जगह तक गये... सारे टिकेट्स के इंतज़ाम पहले से हो चुके थे....
ड्राइवर.... ना सर जी हम ये शो के आधे घंटे पहले यहाँ आ कर क्या कर रहे हैं... आप को नही लगता की आप किसी कॉलेज
स्टूडेंट की तरह चोरी का इंतज़ार कर रहे हो....
अखिल.... कुछ भी बोलते हो मिश्रजी. मैं बस शो के सुरक्षा इंतज़ामात चेक करने आया हूँ..... यहाँ का इंचार्ज कौन है हमे मिलवाइए....
ड्राइवर.... सर जी उस से पोलीस डिपार्टमेंट वाले 3 बार मिल चुके हैं, चौथी बार ना मिलो, साले की कहीं मूत ना निकल जाए.
आप आगे कॉन्सेंट्रेट करो, देखो मेडम आ रही है....
काया, भी वहाँ अपने दोस्तों के साथ पहुँच चुकी थी... पहुँचते ही अखिल को कॉल करने लगी, तभी अखिल ने उसे सामने देखने के लिए कहा....
काया, मुस्कुराती अखिल के पास पहुँची..... "एसपी सर काफ़ी स्मार्ट लग रहे हो... वर्दी काफ़ी जचती है आप पर, ओह बाइ दा
वे मैं मिलवाना भूल गयी..... ये है मेरी दोस्त डिज़ी और ये है मेरा फेओन्से नोमित.
उफ़फ्फ़ काँच टूटने जैसा आवाज़ हुआ दिल मे. मिश्रा जी तो अखिल के चेहरे को ही देख रहे थे... तभी सामने से मनु भी आता नज़र आया...
मिश्रा जी... सर जी आप के दोस्त आ रहे हैं सामने से...
काया.... ओह माइ गॉड, भाई यहाँ क्या कर रहा है...
ड्राइवर.... के हुआ मेडम जी, भाई के साथ ये शो नही देख सकती क्या....
काया तो जैसे मिश्रा जी को कच्चा चबा जाए, ऐसे घुरि.... अखिल सवालिया चेहरों से पूछने लगा ... "ये सब क्या है मिश्रा
जी"... और मिश्रा जी बड़ी मासूमियत से खुद को डिफेंड करते कहे... "पोलिसिया भाषा, निकल जाती है"
मनु को दूर से ही अखिल दिख गया, पर साथ मे काया.... मनु तय नही कर पा रहा था कि काया संयोग वश मिली है अखिल से, या अखिल ने कोई चक्कर चलाया...
मनु, उनके पास पहुँचते ही.... "मुझ से मिलने का वक़्त नही, ना कोई फोन ना कुछ. मुझे पता भी नही कि यहाँ हो या मुंबई
गयी. काया मैं कैसे रिएक्ट करूँ मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा".
काया.... कोई रिएक्ट करने की ज़रूरत भी नही है, पूरे ग्रूप के साथ शो देखने आए हो, और मुझे पूछा तक नही. हुहह ! मैं जा रही हूँ शो देखने गुड बाइ....
"बिहेवियर बदला हुआ, मेरी का जबाव देने के बदले ये आज भाग क्यों रही है. ज़रूर कोई बात सामने ना आए इसलिए भाग रही है"
मनु.... अखिल टिकेट का इंतज़ाम हो गया क्या ?
अखिल.... हां टिकेट हो गया... पर...
मनु.... एक मिनट टिकेट इन्हे दे दो, तुम सब अंदर जाओ हम आते हैं...
श्रेया.... मनु शो शुरू होना वाला है जल्दी आना..
मनु श्रेया की बातों को इग्नोर करता, अखिल को साइड मे ले गया....
अखिल.... ये क्या चक्कर है, तेरी शादी जब स्नेहा से तय हो गयी तो ये लड़की कौन थी जो तुम से इतनी क्लोज़ रिएक्ट कर
रही थी.
मनु.... पागल थी कोई, इग्नोर कर. अब तू मुझे समझाएगा कि काया ऐसे मुझे बाइ बोल कर क्यों भाग गयी.
अखिल.... तेरी बहन है तू जाने. मुझे क्या पता होगा...
मनु.... ह्म ! मैं जानू ना.. तो तू मुझे समझाएगा, वो तेरे साथ शो देखने क्यों आई थी.
अखिल.... तेरा दिमाग़ खिसक गया है. इतना मंद बुद्धि कब से हो गया.... यदि मैं उसके साथ शो देखने आता, तो क्या मैं
तुम्हे हां कहता शो के लिए...
मनु.... क्या पता तुम लोगों का प्रोग्राम मेरे बाद बना हो...
अखिल.... तू कन्फ्यूषन क्रियेट मत कर. एक तो मेरा दिमाग़ पहले से ही घुमा है, उपर से तू और घुमा रहा है...
मनु.... बात कॉंप्लिकेटेड मत कर, और कन्फ्यूषन दूर कर... चल बता अब पहले तू अपनी पूरी बात...
अखिल.... यार मेरे पास कल ही कॉल आया था काया का उसे 3 टिकेट चाहिए थे. और हैरानी मुझे इस बात की है कि, तेरे
घर का दामाद तेरी आँखों के सामने था, फिर भी मुझे कह रहा है मैं काया के साथ शो देखने आया हूँ.
मनु.... नोमित आया हुआ है, पर मुझे तो दिखा ही नही...
अखिल... अबे तेरे सामने ही तो खड़े थे तीनो. उसकी एक फ्रेंड और उसका फेओन्से...
मनु.... रुक एक मिनट दिमाग़ खराब नही कर... काया जब गयी तो दो लोग उसके साथ थे... तू उन्ही मे से एक को उसका
फेओन्से बता रहा है राइट...
अखिल.... जी हां....
मनु.... और तू उसके साथ शो देखने नही आया बस उसने तुझ से टिकेट के लिए कॉंटॅक्ट किया...
अखिल.... साला यहाँ पोलीस वाला मैं हूँ या तू है.... हां उस ने मुझ से कल टिकेट के लिए कॉंटॅक्ट किया था, और मुझ से पूछी भी नही शो के लिए....
मनु..... अब आई बात समझ मे, तुझे कुछ आया समझ मे, या पूरी बातें समझाऊ....
अखिल.... हां समझ गया, यही कि जिसने उसे अपना फेओन्से कह कर मिलवाया वो उसका फेओन्से नही था...
मनु.... मूर्ख है तू... मैं चला शो देखने...
अखिल.... मिश्रा जी, ये ऐसा क्यों बोल कर गया, और आप हंस क्यों रहे हैं...
ड्राइवर.... क्योंकि सच मे आप मूर्ख हैं...
सब लोग अंदर चले गये, अखिल खड़ा हो कर बस सोचने लगा कि आख़िर ये लोग मुझे मूर्ख कह कर क्यों जा रहे हैं.....
"ओह्ह्ह्ह... हूऊ... तो ये बात हैं, यानी मेडम कल से मुझे बस जला रही है. मुझे भड़का कर मेरे दिल का हाल जान'ना चाहती हैं.... उफ़फ्फ़ ये लड़की... सीधे-सीधे अपने दिल का हाल बता कर मेरे दिल का हाल जान'ने के बदले उल्टे रास्ते अपना रही
है... ओके जानेमन अब तो सब उल्टे रास्ते से ही सीधा होगा"
अखिल.... मिश्रा जी आप भी चल रहे हो क्या ये शो देखने...
ड्राइवर.... सर जी, मैं जा कर क्या करूँगा, अब तो बुढ़ापा भी छाया है, मुझे कहाँ ले जा रहे हो...
अखिल.... चलो भी मिश्रा जी, आप भी फिरंगी शो देख लेना...
दोनो वहाँ से राक ऑन शो की जगह तक गये... सारे टिकेट्स के इंतज़ाम पहले से हो चुके थे....
ड्राइवर.... ना सर जी हम ये शो के आधे घंटे पहले यहाँ आ कर क्या कर रहे हैं... आप को नही लगता की आप किसी कॉलेज
स्टूडेंट की तरह चोरी का इंतज़ार कर रहे हो....
अखिल.... कुछ भी बोलते हो मिश्रजी. मैं बस शो के सुरक्षा इंतज़ामात चेक करने आया हूँ..... यहाँ का इंचार्ज कौन है हमे मिलवाइए....
ड्राइवर.... सर जी उस से पोलीस डिपार्टमेंट वाले 3 बार मिल चुके हैं, चौथी बार ना मिलो, साले की कहीं मूत ना निकल जाए.
आप आगे कॉन्सेंट्रेट करो, देखो मेडम आ रही है....
काया, भी वहाँ अपने दोस्तों के साथ पहुँच चुकी थी... पहुँचते ही अखिल को कॉल करने लगी, तभी अखिल ने उसे सामने देखने के लिए कहा....
काया, मुस्कुराती अखिल के पास पहुँची..... "एसपी सर काफ़ी स्मार्ट लग रहे हो... वर्दी काफ़ी जचती है आप पर, ओह बाइ दा
वे मैं मिलवाना भूल गयी..... ये है मेरी दोस्त डिज़ी और ये है मेरा फेओन्से नोमित.
उफ़फ्फ़ काँच टूटने जैसा आवाज़ हुआ दिल मे. मिश्रा जी तो अखिल के चेहरे को ही देख रहे थे... तभी सामने से मनु भी आता नज़र आया...
मिश्रा जी... सर जी आप के दोस्त आ रहे हैं सामने से...
काया.... ओह माइ गॉड, भाई यहाँ क्या कर रहा है...
ड्राइवर.... के हुआ मेडम जी, भाई के साथ ये शो नही देख सकती क्या....
काया तो जैसे मिश्रा जी को कच्चा चबा जाए, ऐसे घुरि.... अखिल सवालिया चेहरों से पूछने लगा ... "ये सब क्या है मिश्रा
जी"... और मिश्रा जी बड़ी मासूमियत से खुद को डिफेंड करते कहे... "पोलिसिया भाषा, निकल जाती है"
मनु को दूर से ही अखिल दिख गया, पर साथ मे काया.... मनु तय नही कर पा रहा था कि काया संयोग वश मिली है अखिल से, या अखिल ने कोई चक्कर चलाया...
मनु, उनके पास पहुँचते ही.... "मुझ से मिलने का वक़्त नही, ना कोई फोन ना कुछ. मुझे पता भी नही कि यहाँ हो या मुंबई
गयी. काया मैं कैसे रिएक्ट करूँ मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा".
काया.... कोई रिएक्ट करने की ज़रूरत भी नही है, पूरे ग्रूप के साथ शो देखने आए हो, और मुझे पूछा तक नही. हुहह ! मैं जा रही हूँ शो देखने गुड बाइ....
"बिहेवियर बदला हुआ, मेरी का जबाव देने के बदले ये आज भाग क्यों रही है. ज़रूर कोई बात सामने ना आए इसलिए भाग रही है"
मनु.... अखिल टिकेट का इंतज़ाम हो गया क्या ?
अखिल.... हां टिकेट हो गया... पर...
मनु.... एक मिनट टिकेट इन्हे दे दो, तुम सब अंदर जाओ हम आते हैं...
श्रेया.... मनु शो शुरू होना वाला है जल्दी आना..
मनु श्रेया की बातों को इग्नोर करता, अखिल को साइड मे ले गया....
अखिल.... ये क्या चक्कर है, तेरी शादी जब स्नेहा से तय हो गयी तो ये लड़की कौन थी जो तुम से इतनी क्लोज़ रिएक्ट कर
रही थी.
मनु.... पागल थी कोई, इग्नोर कर. अब तू मुझे समझाएगा कि काया ऐसे मुझे बाइ बोल कर क्यों भाग गयी.
अखिल.... तेरी बहन है तू जाने. मुझे क्या पता होगा...
मनु.... ह्म ! मैं जानू ना.. तो तू मुझे समझाएगा, वो तेरे साथ शो देखने क्यों आई थी.
अखिल.... तेरा दिमाग़ खिसक गया है. इतना मंद बुद्धि कब से हो गया.... यदि मैं उसके साथ शो देखने आता, तो क्या मैं
तुम्हे हां कहता शो के लिए...
मनु.... क्या पता तुम लोगों का प्रोग्राम मेरे बाद बना हो...
अखिल.... तू कन्फ्यूषन क्रियेट मत कर. एक तो मेरा दिमाग़ पहले से ही घुमा है, उपर से तू और घुमा रहा है...
मनु.... बात कॉंप्लिकेटेड मत कर, और कन्फ्यूषन दूर कर... चल बता अब पहले तू अपनी पूरी बात...
अखिल.... यार मेरे पास कल ही कॉल आया था काया का उसे 3 टिकेट चाहिए थे. और हैरानी मुझे इस बात की है कि, तेरे
घर का दामाद तेरी आँखों के सामने था, फिर भी मुझे कह रहा है मैं काया के साथ शो देखने आया हूँ.
मनु.... नोमित आया हुआ है, पर मुझे तो दिखा ही नही...
अखिल... अबे तेरे सामने ही तो खड़े थे तीनो. उसकी एक फ्रेंड और उसका फेओन्से...
मनु.... रुक एक मिनट दिमाग़ खराब नही कर... काया जब गयी तो दो लोग उसके साथ थे... तू उन्ही मे से एक को उसका
फेओन्से बता रहा है राइट...
अखिल.... जी हां....
मनु.... और तू उसके साथ शो देखने नही आया बस उसने तुझ से टिकेट के लिए कॉंटॅक्ट किया...
अखिल.... साला यहाँ पोलीस वाला मैं हूँ या तू है.... हां उस ने मुझ से कल टिकेट के लिए कॉंटॅक्ट किया था, और मुझ से पूछी भी नही शो के लिए....
मनु..... अब आई बात समझ मे, तुझे कुछ आया समझ मे, या पूरी बातें समझाऊ....
अखिल.... हां समझ गया, यही कि जिसने उसे अपना फेओन्से कह कर मिलवाया वो उसका फेओन्से नही था...
मनु.... मूर्ख है तू... मैं चला शो देखने...
अखिल.... मिश्रा जी, ये ऐसा क्यों बोल कर गया, और आप हंस क्यों रहे हैं...
ड्राइवर.... क्योंकि सच मे आप मूर्ख हैं...
सब लोग अंदर चले गये, अखिल खड़ा हो कर बस सोचने लगा कि आख़िर ये लोग मुझे मूर्ख कह कर क्यों जा रहे हैं.....
"ओह्ह्ह्ह... हूऊ... तो ये बात हैं, यानी मेडम कल से मुझे बस जला रही है. मुझे भड़का कर मेरे दिल का हाल जान'ना चाहती हैं.... उफ़फ्फ़ ये लड़की... सीधे-सीधे अपने दिल का हाल बता कर मेरे दिल का हाल जान'ने के बदले उल्टे रास्ते अपना रही
है... ओके जानेमन अब तो सब उल्टे रास्ते से ही सीधा होगा"