desiaks
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टीना जी के झटकते नितम्बों को जकड़े हुए, राज उनकी योनि को भूखों के समान चाटता और चूसता जा रहा था। उसे ज्ञात था कि उसकी बहन और मम्मी चूसते वक़्त किस प्रकार की क्रियायों से अधिक सुख अनुभव करती हैं.. सो अपने अनुभव वश, वो टीना जी के आनन्दोपार्जन के लिये ठीक उसी रीति में मुख मैथुन करने लगा। बार-बार अपनी जिह्वा से उनके चोंचले को पुचकारता, फिर जितना गहरा घुसती, जिह्वा को उनकी खुली योनि के भीतर घुसेड़ डालता। राज की मैथुन शैली अचूक सिद्ध हुई, क्योंकि शीघ्र ही टीना जी लाचार होकर राज के आतुरता से चूसते मुख में रिसने लगीं।
राज चटखारे ले लेकर उनकी योनि से टपकती हर एक बून्द को निगलता गया। उनकी स्वादिष्ट योनि में उसने अपनी जिह्वा को मरोड़-मरोड़ कर कुरेदा, उनके कड़े चोंचले को चूसा, और उनकी हवस के मारे सूजी हुई योनि के इन्च - इन्च को चाटा।
टीना जी राज के द्रवों से चुपड़े चेहरे पर अपनी योनि को ऊपर-नीचे उचकाने लगीं, और कस के रगड़ने लगीं। वे अपने हाथों से राज के सर को पकड़े हुए, उसके मुंह को अपनी ज्वलन्त योनि पर कस के कुचलती जा रही थीं।
“मैं झड़ने वाली हूँ, राज !”, वे चीखीं। “उहहहह, मुझे झड़ा दे! मैं तेरे चेहरे पर, तेरे मुँह पर झड्गी! ले चूस मेरी चूत, डार्लिंग! ऊऊह, बेटा चूस मेरी भीगी चूत को! ::अंम्म्म! चूस मेरे चोंचले को चोद इस रन्डी चूत को और ओहहहहह, कस के, और दम लगा !” | टीना जी मस्त घोड़ी जैसी सरपट फुदक रही थीं, उनके स्तन झूम रहे थे और केश लहरा रहे थे।
राज ने उनके कूल्हों पर अपनी जकड़ कायम रखी थी, जब वे परम दैहिक आनन्द की अनुभूति करने लगीं तो उसका मुँह टीना जी की फड़कती योनि पर चिपका रहा। तीव्र आनन्द की लहरों पर लहरें उनकी योनि को लबालब करने लगीं। उनके जीवन का सबसे सशक्त ऑरगैस्म उनकी हाँफ़ती, थरथराती देह में अच्छादित होने लगा।
ओह, बेटा! कमाल कर दिया! क्या ट्रेनिंग दी है तेरी मम्मी ने तुझे, ऐसी बढ़िया चूत - चटायी तो मेरी जिन्दगी में किसी मर्द ने नहीं की !”
राज ने अपने द्रवों से सने चेहरे को उनकी योनि पर से उठाया और मुस्कुराया। * शर्मा अंकल से भी बढ़िया?” उसने पूछा, और हाथ बढ़ा कर उनके कंपकंपाते स्तनों को सहलाने लगा।
बिलकुल ! ::: मुझे गलत मत समझना। वैसे तो तुम्हारे अंकल और जय दोनो ही माहिर चोद्दे हैं, पर चूत - चटायी के मामले में तेरा जवाब नहीं, मेरे पहलवान आशिक़ !”
“शुक्र है भगवान का कि ये हुनर मुझ नाचीज को बख्शा, वैसे मैंने आज तक किसी औरत को शिकायत का मौक़ा नहीं दिया !”, राज हँसा।
“अरे, शिकायत तो अब हम औरतों के शौहरों को होगी! • और क्या डॉली भी तुझसे अपनी चूत चटवाती है ?” ।
“बिलकुल चटवाती है! हमारी शब्बो तो मुझसे अपनी गरम चुतिया चटवाकर पागल हो जाती है। सुबह-सुबह ऐसी चीखती है, कि आस-पड़ोसी जाग जायें ।”
*और तेरी मम्मी: ?” “आँटी, लगता है आप पहले से ही सब कुछ जानती हैं !”, राज हँसा।
“अब पड़ोसियों की खोज - खबर रखना तो मेरा फ़र्ज है !”
“अब मालूम हुआ कि सोनिया ने होशियारी कहाँ से सीखी है।” मुझे लग रहा था, कि ये सब सोनिया का किया धरा है :..", टीना जी मुस्कुरायीं।
*आपको पछतावा तो नहीं हो रहा है ?” ।
कैसा पछतावा, सोनिया की वजह से तो मुझे आज तेरा कटुवा लन्ड नसीब हुआ है !” टीना ने बढ़कर राज के लिंग को हाथों में लिया और अपनी मुट्ठी मे दबाकर उसकी चिकनी सतह और अद्भुत् लम्बाई पर ऊपर और नीचे मालिश करने लगीं। इससे पहले कि वो उसे उनकी योनि में भोंक दे, टीना जी उसके मादक पुरुषत्व का अपने होठों के बीच अनुभव करने को बेताब हो रही थीं।
म्म्म्म्म , ओह, वाह! ::. ओहहह, बहुत बढ़िया! :: जोर से रगरिये!”, राज कराहा, और अपने लिंग के विकराल भार को बेहदगी से टीना जी के हाथों में झुलाने लगा।
टीना जी के झटकते नितम्बों को जकड़े हुए, राज उनकी योनि को भूखों के समान चाटता और चूसता जा रहा था। उसे ज्ञात था कि उसकी बहन और मम्मी चूसते वक़्त किस प्रकार की क्रियायों से अधिक सुख अनुभव करती हैं.. सो अपने अनुभव वश, वो टीना जी के आनन्दोपार्जन के लिये ठीक उसी रीति में मुख मैथुन करने लगा। बार-बार अपनी जिह्वा से उनके चोंचले को पुचकारता, फिर जितना गहरा घुसती, जिह्वा को उनकी खुली योनि के भीतर घुसेड़ डालता। राज की मैथुन शैली अचूक सिद्ध हुई, क्योंकि शीघ्र ही टीना जी लाचार होकर राज के आतुरता से चूसते मुख में रिसने लगीं।
राज चटखारे ले लेकर उनकी योनि से टपकती हर एक बून्द को निगलता गया। उनकी स्वादिष्ट योनि में उसने अपनी जिह्वा को मरोड़-मरोड़ कर कुरेदा, उनके कड़े चोंचले को चूसा, और उनकी हवस के मारे सूजी हुई योनि के इन्च - इन्च को चाटा।
टीना जी राज के द्रवों से चुपड़े चेहरे पर अपनी योनि को ऊपर-नीचे उचकाने लगीं, और कस के रगड़ने लगीं। वे अपने हाथों से राज के सर को पकड़े हुए, उसके मुंह को अपनी ज्वलन्त योनि पर कस के कुचलती जा रही थीं।
“मैं झड़ने वाली हूँ, राज !”, वे चीखीं। “उहहहह, मुझे झड़ा दे! मैं तेरे चेहरे पर, तेरे मुँह पर झड्गी! ले चूस मेरी चूत, डार्लिंग! ऊऊह, बेटा चूस मेरी भीगी चूत को! ::अंम्म्म! चूस मेरे चोंचले को चोद इस रन्डी चूत को और ओहहहहह, कस के, और दम लगा !” | टीना जी मस्त घोड़ी जैसी सरपट फुदक रही थीं, उनके स्तन झूम रहे थे और केश लहरा रहे थे।
राज ने उनके कूल्हों पर अपनी जकड़ कायम रखी थी, जब वे परम दैहिक आनन्द की अनुभूति करने लगीं तो उसका मुँह टीना जी की फड़कती योनि पर चिपका रहा। तीव्र आनन्द की लहरों पर लहरें उनकी योनि को लबालब करने लगीं। उनके जीवन का सबसे सशक्त ऑरगैस्म उनकी हाँफ़ती, थरथराती देह में अच्छादित होने लगा।
ओह, बेटा! कमाल कर दिया! क्या ट्रेनिंग दी है तेरी मम्मी ने तुझे, ऐसी बढ़िया चूत - चटायी तो मेरी जिन्दगी में किसी मर्द ने नहीं की !”
राज ने अपने द्रवों से सने चेहरे को उनकी योनि पर से उठाया और मुस्कुराया। * शर्मा अंकल से भी बढ़िया?” उसने पूछा, और हाथ बढ़ा कर उनके कंपकंपाते स्तनों को सहलाने लगा।
बिलकुल ! ::: मुझे गलत मत समझना। वैसे तो तुम्हारे अंकल और जय दोनो ही माहिर चोद्दे हैं, पर चूत - चटायी के मामले में तेरा जवाब नहीं, मेरे पहलवान आशिक़ !”
“शुक्र है भगवान का कि ये हुनर मुझ नाचीज को बख्शा, वैसे मैंने आज तक किसी औरत को शिकायत का मौक़ा नहीं दिया !”, राज हँसा।
“अरे, शिकायत तो अब हम औरतों के शौहरों को होगी! • और क्या डॉली भी तुझसे अपनी चूत चटवाती है ?” ।
“बिलकुल चटवाती है! हमारी शब्बो तो मुझसे अपनी गरम चुतिया चटवाकर पागल हो जाती है। सुबह-सुबह ऐसी चीखती है, कि आस-पड़ोसी जाग जायें ।”
*और तेरी मम्मी: ?” “आँटी, लगता है आप पहले से ही सब कुछ जानती हैं !”, राज हँसा।
“अब पड़ोसियों की खोज - खबर रखना तो मेरा फ़र्ज है !”
“अब मालूम हुआ कि सोनिया ने होशियारी कहाँ से सीखी है।” मुझे लग रहा था, कि ये सब सोनिया का किया धरा है :..", टीना जी मुस्कुरायीं।
*आपको पछतावा तो नहीं हो रहा है ?” ।
कैसा पछतावा, सोनिया की वजह से तो मुझे आज तेरा कटुवा लन्ड नसीब हुआ है !” टीना ने बढ़कर राज के लिंग को हाथों में लिया और अपनी मुट्ठी मे दबाकर उसकी चिकनी सतह और अद्भुत् लम्बाई पर ऊपर और नीचे मालिश करने लगीं। इससे पहले कि वो उसे उनकी योनि में भोंक दे, टीना जी उसके मादक पुरुषत्व का अपने होठों के बीच अनुभव करने को बेताब हो रही थीं।
म्म्म्म्म , ओह, वाह! ::. ओहहह, बहुत बढ़िया! :: जोर से रगरिये!”, राज कराहा, और अपने लिंग के विकराल भार को बेहदगी से टीना जी के हाथों में झुलाने लगा।