hotaks444
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परदेसी
बंधुओ कहानी का नाम है "परदेसी". वैसे कहानी का नाम "परग्रही" भी हो सकता था लेकिन मुझे परदेसी ही इज़्यादा ठीक लगा.
यह कहानी है 4 लोगों की जो नॅचुरल तरीके से पैदा नही हुए और जिनका डीएनए एलीयेन्स के डीएनए के साथ मिक्स किया गया है. अब यह कौन 4 हैं और क्या कारनामे करते हैं, यह आपको आने वाले अपडेट्स में पता चलेगा. यह कहानी मेरी पिछली कहानी से काफ़ी अलग होगी. कोशिश करूँगा कि इसमें ज़्यादा एरॉटिक एनकाउंटर्स डाल सकूँ ताकि ठरक का भी प्राब्लम सॉल्व हो जाए . हमेशा की तरह गुज़ारिश है कि अपने कॉमेंट्स देते रहना, ताकि पता चलता रहे कि क्या आपको पसंद आ रहा है और क्या नहीं.
बंधुओ अब चलते हैं कहानी शुरू करने....................
दूर दूर तक जहाँ तक नज़र जाए, बस रेत ही रेत थी. गर्मी का समय था, और लू के थपेड़े इस रेगिस्तान की रेत को इधर उधर उड़ा रहे थे. इतनी गर्मी में, इस जगह पर रहना मुमकिन नही था. सूरज की किर्ने किसी को भी 2 पल में झुलसा सकती थी. उपर से मूह खोलो तो अंदर सिर्फ़ रेत ही रेत जाएगी. देखा जाए तो ऐसी जगह से किसी का कोई वास्ता नहीं होना चाहिए और ऐसी जगह सिर्फ़ सुनसान ही रहनी चाहिए. लेकिन तभी एक हेलिकॉप्टर वहाँ उतरा. उसमें से साइंटिस्ट रणवीर निकला जो अपनी सालों की मेहनत से तय्यार किए गये एक रिसर्च को आज इंप्लिमेंट करने जा रहा था. क्या यह रिसर्च सक्सेसफुल होगी? यही सोच सोच कर उसकी रातों की नींदे हराम हो रही थी. सर से पावं तक ढका रणवीर हेलिकॉप्टर के पंखे रुक जाने तक अंदर ही इंतेज़ार करता रहा. जब वापस माहौल लू की आवाज़ों से भर गया तो वो नीचे उतरा और सामने एक टीले के पास गया. पास पहुँचते ही टीले में से एक दरवाज़ा खुला और रणवीर अंदर चला गया.
अंदर का माहौल बाहर से एकदम उल्टा था. अंडरग्राउंड में एक छोटा सा गाओं बसा हुआ था. करीब 50 साइंटिस्ट्स होंगे. कुछ कंप्यूटर्स पे काम कर रहे थे और कुछ टेन्षन में इधर उधर घूम रहे थे. रणवीर के अंदर घुसते ही माहौल में थोड़ा जोश आ गया. सबकी नज़रें रणवीर पर गढ़ गयीं और सब खड़े हो गये जैसे मानो हिट्लर आया हो.
"एवेरिबडी टू दा कान्फरेन्स रूम." रणवीर ने चलते चलते बोला तो सब कान्फरेन्स रूम में चले गये. पहले से ही कुछ लोग वहाँ इंतेज़ार कर रहे थे. कुल मिला के 75 लोग थे. रणवीर के घुसते ही कान्फरेन्स रूम में सन्नाटा छा गया. सब लोगों ने अपनी अपनी कुर्सियाँ संभाली और रणवीर चढ़ गया पोडियम पे.
"सब लोग जो यहाँ आज इकट्ठा हुए हैं, मैं उनको तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ. आज का दिन इस देश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक इंपॉर्टेंट दिन है. जितने लोग आज यहाँ इकठ्ठा हुए हैं, वो आज हिस्टरी बनते हुए देखेंगे" सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा. जब तालियाँ थमी, तो रणवीर आगे शुरू हुआ,"जैसा कि आप सब जानते हैं, हम लोग कयि सालों से दूसरे ग्रहों पे जीवन खोज रहे हैं. ब्रह्मांड इतना बड़ा है कि हमे यकीन है कि ऐसे हज़ारों तारे होंगे जहाँ पे पृथ्वी जैसा वातावरण होगा और जीवन पनप रहा होगा. हम उनसे कॉंटॅक्ट करने की कब से कोशिश कर रहे थे. हमे पता था कि कभी ना कभी तो कॉंटॅक्ट होगा, लेकिन कब होगा, यह किसी को पता नहीं था. 8 साल पहले कॉंटॅक्ट हुआ. और जो इन्फर्मेशन हमे मिली, वो सच में हिलाने वाली थी"
"हम स्पेस में लाखों सिग्नल्स छोड़ते रहते हैं इस आस में कि कभी कोई उन सिग्नल्स को रिसीव करेगा. एक दिन हमारे रेसीवर ने भी ऐसा एक सिग्नल पक्कड़ लिया. उस सिग्नल को डिकोड करने में हमे बहुत समय लगा. काफ़ी मेहनत के बाद हम ने जाना कि वो सिग्नल में किसी दुनिया के प्राणियों की डीएनए इन्फर्मेशन है. हम सब बहुत एग्जाइत हो गये थे इस बात से. पता नहीं क्यूँ हम ने ठाना कि हम धरती पे वैसे जीव बनाने की कोशिश करें ताकि उन लोगों के बारे में और जान सके. हम ने वो डीएनए इन्फर्मेशन को हुमन डीएनए के साथ कंबाइन करने की बहुत कोशिश करी जो केयी सालों तक चलती रही लेकिन डीएनए कंबाइन ही नही हो पा रहे थे. जब हमारा सब्र का बाँध टूटने ही वाला था तो हमे कामयाबी हाथ लगी. हमारी साइंटिस्ट टीम ने 4 कॉंबिनेशन निकाल लिए जिनसे एक हुमन और उस एलीयन डीएनए के कॉंबिनेशन का जीव पैदा हो सकता है." फिर तालियों की गड़गड़ाहट से सारा हॉल गूँज उठा "क्यूंकी ज़्यादातर डीएनए ह्यूमन्स का है और बहुत थोड़ा सा मॉडिफाइड है, हमे लगता है कि यह जीव देखने में आदमियों जैसे ही होंगे. और इसी लिए आज हम सब यहाँ इकट्ठे हुए हैं. 4 कपल्स ने एक्सपेरिमेंट में हिस्सा लेने के लिए हामी भर दी है. और वो भी आज यहाँ मौजूद हैं"
फिर से तालियों की गड़गड़ाहट के साथ हॉल गूँज उठा और 4 कपल्स खड़े हो गये अपने हिस्से की लाइमलाइट लेने को. "हम इन चारों कपल्स को एक एक टेस्ट ट्यूब बेबी देने जा रहे हैं. यह चारों कपल्स दुनिया के 4 अलग अलग कोनो में अपने बच्चों को पालेंगे. प्लान सिंपल है - हमे देखना है कि क्या हम एक इंप्रूव्ड स्पेसिएस को बना सकते हैं. अगर हां, तो क्या वो इंप्रूव्ड स्पीशीस हमारे बीच रह सकते हैं. अगर यह एक्सपेरिमेंट सफल हो गया, तो यह धरती रहने के लिए और भी अच्छी बन जाएगी, और इसके वासी और भी समझदार और कारगर बन जाएँगे" इस बार जो अपलॉज़ मिला वो तो छत उखाड़ देने वाला था. सब लोग अपनी जगह से खड़े हो कर बस तालियाँ पीट रहे थे. उनके शांत होने के बाद रणवीर फिर से बोला "जैसा कि आप समझ सकते हैं, यह एक्सपेरिमेंट बहुत ख़तरनाक है और इसमें कुछ भी हो सकता है. उपर से अभी जनता इस के लिए तय्यार नही है. इसलिए हम ने यह डिसाइड किया है कि यह बात सिर्फ़ हम लोगों में ही रहेगी. हम इन बच्चों को मॉनिटर करते रहेंगे और जैसे ही हमे लगेगा कि वक़्त ठीक है और एक्सपेरिमेंट सफल हुआ है, हम इस बात का खुलासा दुनिया के सामने करेंगे. तब तक यह बात हमारे बीच ही रहेगी. मैं आशा करता हूँ कि आप इस बात की कद्र करेंगे. दुनिया के सबसे इंपॉर्टेंट इवेंट का पार्ट होने के लिए फिर से आपका शुक्रिया. अब मैं निकलता हूँ." कहते हुए रणवीर पोडियम से उतरा और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सीधा अपने हेलिकॉप्टर की ओर चल दिया.
वापस जाते हुए उसको अपने और अपनी टीम पर बहुत ही गर्व हो रहा था. सब ने मिल कर साइन्स को नयी दिशा दी है और एक नयी हद बनाई है. अब बस उनका एक्सपेरिमेंट सफल हो जाए, इतनी ही उसकी दुआ थी. रह रह के उसके मन में यह ख़याल आता था कि क्या वो भगवान बनने की कोशिश कर रहा है जो एवोल्यूशन के अगेन्स्ट जा रहा है, पर वो अपने मन को यह कह के संभाल लेता कि अगर यह एक्सपेरिमेंट सक्सेसफुल हो गया, तो दुनिया ही अच्छी होगी, उसका अपना तो कोई मतलब छुपा नहीं है इसमें. हां, वो इससे मिलने वाली शोहरत का भूखा ज़रूर था, पर भगवान कहलाना उसे बिल्कुल मंज़ूर ना था.
बंधुओ कहानी का नाम है "परदेसी". वैसे कहानी का नाम "परग्रही" भी हो सकता था लेकिन मुझे परदेसी ही इज़्यादा ठीक लगा.
यह कहानी है 4 लोगों की जो नॅचुरल तरीके से पैदा नही हुए और जिनका डीएनए एलीयेन्स के डीएनए के साथ मिक्स किया गया है. अब यह कौन 4 हैं और क्या कारनामे करते हैं, यह आपको आने वाले अपडेट्स में पता चलेगा. यह कहानी मेरी पिछली कहानी से काफ़ी अलग होगी. कोशिश करूँगा कि इसमें ज़्यादा एरॉटिक एनकाउंटर्स डाल सकूँ ताकि ठरक का भी प्राब्लम सॉल्व हो जाए . हमेशा की तरह गुज़ारिश है कि अपने कॉमेंट्स देते रहना, ताकि पता चलता रहे कि क्या आपको पसंद आ रहा है और क्या नहीं.
बंधुओ अब चलते हैं कहानी शुरू करने....................
दूर दूर तक जहाँ तक नज़र जाए, बस रेत ही रेत थी. गर्मी का समय था, और लू के थपेड़े इस रेगिस्तान की रेत को इधर उधर उड़ा रहे थे. इतनी गर्मी में, इस जगह पर रहना मुमकिन नही था. सूरज की किर्ने किसी को भी 2 पल में झुलसा सकती थी. उपर से मूह खोलो तो अंदर सिर्फ़ रेत ही रेत जाएगी. देखा जाए तो ऐसी जगह से किसी का कोई वास्ता नहीं होना चाहिए और ऐसी जगह सिर्फ़ सुनसान ही रहनी चाहिए. लेकिन तभी एक हेलिकॉप्टर वहाँ उतरा. उसमें से साइंटिस्ट रणवीर निकला जो अपनी सालों की मेहनत से तय्यार किए गये एक रिसर्च को आज इंप्लिमेंट करने जा रहा था. क्या यह रिसर्च सक्सेसफुल होगी? यही सोच सोच कर उसकी रातों की नींदे हराम हो रही थी. सर से पावं तक ढका रणवीर हेलिकॉप्टर के पंखे रुक जाने तक अंदर ही इंतेज़ार करता रहा. जब वापस माहौल लू की आवाज़ों से भर गया तो वो नीचे उतरा और सामने एक टीले के पास गया. पास पहुँचते ही टीले में से एक दरवाज़ा खुला और रणवीर अंदर चला गया.
अंदर का माहौल बाहर से एकदम उल्टा था. अंडरग्राउंड में एक छोटा सा गाओं बसा हुआ था. करीब 50 साइंटिस्ट्स होंगे. कुछ कंप्यूटर्स पे काम कर रहे थे और कुछ टेन्षन में इधर उधर घूम रहे थे. रणवीर के अंदर घुसते ही माहौल में थोड़ा जोश आ गया. सबकी नज़रें रणवीर पर गढ़ गयीं और सब खड़े हो गये जैसे मानो हिट्लर आया हो.
"एवेरिबडी टू दा कान्फरेन्स रूम." रणवीर ने चलते चलते बोला तो सब कान्फरेन्स रूम में चले गये. पहले से ही कुछ लोग वहाँ इंतेज़ार कर रहे थे. कुल मिला के 75 लोग थे. रणवीर के घुसते ही कान्फरेन्स रूम में सन्नाटा छा गया. सब लोगों ने अपनी अपनी कुर्सियाँ संभाली और रणवीर चढ़ गया पोडियम पे.
"सब लोग जो यहाँ आज इकट्ठा हुए हैं, मैं उनको तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ. आज का दिन इस देश के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक इंपॉर्टेंट दिन है. जितने लोग आज यहाँ इकठ्ठा हुए हैं, वो आज हिस्टरी बनते हुए देखेंगे" सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूँज उठा. जब तालियाँ थमी, तो रणवीर आगे शुरू हुआ,"जैसा कि आप सब जानते हैं, हम लोग कयि सालों से दूसरे ग्रहों पे जीवन खोज रहे हैं. ब्रह्मांड इतना बड़ा है कि हमे यकीन है कि ऐसे हज़ारों तारे होंगे जहाँ पे पृथ्वी जैसा वातावरण होगा और जीवन पनप रहा होगा. हम उनसे कॉंटॅक्ट करने की कब से कोशिश कर रहे थे. हमे पता था कि कभी ना कभी तो कॉंटॅक्ट होगा, लेकिन कब होगा, यह किसी को पता नहीं था. 8 साल पहले कॉंटॅक्ट हुआ. और जो इन्फर्मेशन हमे मिली, वो सच में हिलाने वाली थी"
"हम स्पेस में लाखों सिग्नल्स छोड़ते रहते हैं इस आस में कि कभी कोई उन सिग्नल्स को रिसीव करेगा. एक दिन हमारे रेसीवर ने भी ऐसा एक सिग्नल पक्कड़ लिया. उस सिग्नल को डिकोड करने में हमे बहुत समय लगा. काफ़ी मेहनत के बाद हम ने जाना कि वो सिग्नल में किसी दुनिया के प्राणियों की डीएनए इन्फर्मेशन है. हम सब बहुत एग्जाइत हो गये थे इस बात से. पता नहीं क्यूँ हम ने ठाना कि हम धरती पे वैसे जीव बनाने की कोशिश करें ताकि उन लोगों के बारे में और जान सके. हम ने वो डीएनए इन्फर्मेशन को हुमन डीएनए के साथ कंबाइन करने की बहुत कोशिश करी जो केयी सालों तक चलती रही लेकिन डीएनए कंबाइन ही नही हो पा रहे थे. जब हमारा सब्र का बाँध टूटने ही वाला था तो हमे कामयाबी हाथ लगी. हमारी साइंटिस्ट टीम ने 4 कॉंबिनेशन निकाल लिए जिनसे एक हुमन और उस एलीयन डीएनए के कॉंबिनेशन का जीव पैदा हो सकता है." फिर तालियों की गड़गड़ाहट से सारा हॉल गूँज उठा "क्यूंकी ज़्यादातर डीएनए ह्यूमन्स का है और बहुत थोड़ा सा मॉडिफाइड है, हमे लगता है कि यह जीव देखने में आदमियों जैसे ही होंगे. और इसी लिए आज हम सब यहाँ इकट्ठे हुए हैं. 4 कपल्स ने एक्सपेरिमेंट में हिस्सा लेने के लिए हामी भर दी है. और वो भी आज यहाँ मौजूद हैं"
फिर से तालियों की गड़गड़ाहट के साथ हॉल गूँज उठा और 4 कपल्स खड़े हो गये अपने हिस्से की लाइमलाइट लेने को. "हम इन चारों कपल्स को एक एक टेस्ट ट्यूब बेबी देने जा रहे हैं. यह चारों कपल्स दुनिया के 4 अलग अलग कोनो में अपने बच्चों को पालेंगे. प्लान सिंपल है - हमे देखना है कि क्या हम एक इंप्रूव्ड स्पेसिएस को बना सकते हैं. अगर हां, तो क्या वो इंप्रूव्ड स्पीशीस हमारे बीच रह सकते हैं. अगर यह एक्सपेरिमेंट सफल हो गया, तो यह धरती रहने के लिए और भी अच्छी बन जाएगी, और इसके वासी और भी समझदार और कारगर बन जाएँगे" इस बार जो अपलॉज़ मिला वो तो छत उखाड़ देने वाला था. सब लोग अपनी जगह से खड़े हो कर बस तालियाँ पीट रहे थे. उनके शांत होने के बाद रणवीर फिर से बोला "जैसा कि आप समझ सकते हैं, यह एक्सपेरिमेंट बहुत ख़तरनाक है और इसमें कुछ भी हो सकता है. उपर से अभी जनता इस के लिए तय्यार नही है. इसलिए हम ने यह डिसाइड किया है कि यह बात सिर्फ़ हम लोगों में ही रहेगी. हम इन बच्चों को मॉनिटर करते रहेंगे और जैसे ही हमे लगेगा कि वक़्त ठीक है और एक्सपेरिमेंट सफल हुआ है, हम इस बात का खुलासा दुनिया के सामने करेंगे. तब तक यह बात हमारे बीच ही रहेगी. मैं आशा करता हूँ कि आप इस बात की कद्र करेंगे. दुनिया के सबसे इंपॉर्टेंट इवेंट का पार्ट होने के लिए फिर से आपका शुक्रिया. अब मैं निकलता हूँ." कहते हुए रणवीर पोडियम से उतरा और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सीधा अपने हेलिकॉप्टर की ओर चल दिया.
वापस जाते हुए उसको अपने और अपनी टीम पर बहुत ही गर्व हो रहा था. सब ने मिल कर साइन्स को नयी दिशा दी है और एक नयी हद बनाई है. अब बस उनका एक्सपेरिमेंट सफल हो जाए, इतनी ही उसकी दुआ थी. रह रह के उसके मन में यह ख़याल आता था कि क्या वो भगवान बनने की कोशिश कर रहा है जो एवोल्यूशन के अगेन्स्ट जा रहा है, पर वो अपने मन को यह कह के संभाल लेता कि अगर यह एक्सपेरिमेंट सक्सेसफुल हो गया, तो दुनिया ही अच्छी होगी, उसका अपना तो कोई मतलब छुपा नहीं है इसमें. हां, वो इससे मिलने वाली शोहरत का भूखा ज़रूर था, पर भगवान कहलाना उसे बिल्कुल मंज़ूर ना था.