Antarvasna Story दिव्या का सफ़र - Page 16 - SexBaba
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Antarvasna Story दिव्या का सफ़र

अगले दिन वो नीचे घूमने जाता है और दुसरे चौकीदार श्याम को बुलाता है.

लाला: तू किसी काम का नहीं बे. तुझे एक काम बोला था लेकिन तुझसे वो भी नहीं हुआ.

श्याम: साहब हमने बहुत कोशिश किया पता करने का लेकिन वो साला सलमान पीने के बाद भी बहुत कण्ट्रोल में रहता है. दिव्या मेमसाब का नाम लेते ही चुप हो जाता है लेकिन हाँ हमने उसको एक बार नशे में एक पेंटी में मुठ मारते देखा था और वो मुठ मारते मारते दिव्या मेमसाब का नाम भी ले रहा था.

लाला: क्या बोल रहा था.

श्याम: बोल रहा था की दिव्या तुम्हारे मम्मे कितने मुलायम है. तुम्हारी चूत कितनी नमकीन है. यही सब गन्दी बाते कर रहा था साब.

लाला: तो क्या उसने दिव्या के साथ सेक्स किया है?

श्याम: ये तो नहीं मालूम साहब लेकिन करना चाहता है ये पता है और वो पेंटी जरूर वो दिव्या मेमसाब के घर से चुरा लाया है.

लाला: चल बे चूतिये भाग यहाँ से.

कर्नल ऊपर आकर दिव्या के घर की बेल बजा देता है. दिव्या डोर ओपन करती है और कर्नल को देख कर चौंक जाती है.

लाला: दिव्या मैं तुमको शाम के फंक्शन के लिए न्योता देने आया हूँ. तुमको जरूर आना है.

दिव्या: अरे अंकल मैं फंक्शन में अकेले क्या करूंगी.

लाला: अकेले क्यों? मैं भी वहां रहूँगा और ऐसे ही तो सोसाइटी के लोगों से जान पहचान बढ़ेगी.

दिव्या: नहीं अंकल जब राजेश यहाँ होंगे तब अटेंड करूंगी सोसाइटी के फंक्शन.

लाला: नहीं नहीं तुमको आज आना ही होगा. रेणुका भी वहां होगी तो मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए होगी.

दिव्या: ओके मैं देखती हूँ.

लाला: थैंक्स दिव्या मैं तुमको आजकल कुछ ज्यादा ही परेशान करता हूँ. सॉरी तुमको डिस्टर्ब किया लेकिन...

दिव्या: अरे नहीं अंकल ऐसी कोई बात नहीं है. आप अन्दर आइये न. कॉफ़ी पीजिये.

कर्नल भी अन्दर आ जाता है और दिव्या के बदन को अपनी आँखों से पीने लगता है. जब दिव्या उसको कॉफ़ी देने के लिए झुकती है तो वो उसके मम्मों की गहराईयों में खो जाता है.

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दिव्या को भी एहसास होता है की कर्नल की निगाहे कहाँ है लेकिन दिव्या सोचती है की इतने वक़्त से ये आदमी अपनी बीवी के बिना रह रहा है तो जवान औरत को घूरना तो नार्मल बात है. कर्नल भी अपनी निगाहे हटा कर दूसरी तरफ कर लेता है.
 
लाला: राजेश बहुत लकी है.

दिव्या: हाहाहा. आप कितनी बार ये बात दोहराएंगे.

लाला: तुम बिना मेकअप के इतनी सुन्दर लगती हो अपनी शादी में तो तुमने कहर ही ढा दिया होगा. उस एल्बम में तुम्हारी शादी के जोड़े में फोटो नहीं थी दिव्या.

दिव्या: जी वो एल्बम तो अलमीरा के ऊपर रखी है.

लाला: तुम कहो तो मैं स्टूल पर चढ़कर उतार लूं.

दिव्या: ठीक है. चलिए मैं आपको स्टूल देती हूँ.

कर्नल स्टूल पर चढ़कर एल्बम तो उतार लेता है लेकिन उतरते वक़्त वो जानबूझ कर दिव्या के ऊपर गिर जाता है.

लाला: ओह सॉरी दिव्या तुमको लगी तो नहीं.

दिव्या: नहीं अंकल लेकिन आप तो ठीक है न.

लाला: हाँ ठीक ही हूँ बस जांघ में थोडा खिचाव लग रहा है.

जिस वक़्त कर्नल दिव्या से ये सब बात कर रहा होता है उस समय वो खुद के लंड को दिव्या की जांघों की गर्मी से खड़ा होने से रोक नहीं पाता. जल्दी ही दिव्या को भी कर्नल के खड़े लंड का एहसास हो जाता है जो उसकी चूत के पास जगह बनाने की कोशिश कर रहा होता है. कर्नल दिव्या के इतना करीब आ जाता है की उसकी सांसों को भी दिव्या अपने चेहरे पर महसूस करती है.

कर्नल दिव्या के ऊपर से उठने का नाम ही नहीं लेता लेकिन दिव्या खतरा भापते हुए कर्नल को हटने को कहती है.

दिव्या: अंकल प्लीज आप साइड होकर उठने की कोशिश कीजिये.

लाला: ओह सॉरी दिव्या.

कर्नल बुझे मन से दिव्या के ऊपर से हट जाता है. दिव्या उठ कर खड़ी हो जाती है और एल्बम का बैग उठाकर टेबल पर रख देती है और सोफे पर बैठ जाती है. कर्नल भी दिव्या के साथ बैठकर एल्बम देखने लगता है. कर्नल दिव्या की शादी की एक एक फोटो को बहुत ध्यान से देख रहा था.

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लाला: दिव्या तुम तो शादी के जोड़े में किसी भी एक्ट्रेस को फेल कर रही हो.

दिव्या: आप भी अंकल.

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लाला: नहीं सच में. समझ नहीं आता की तुम जैसी इतनी खूबसूरत औरत राजेश को कैसे मिली. हा हा हा...

दिव्या: क्यों? राजेश भी तो बहुत स्मार्ट हैं.

लाला: अरे मैं तो मजाक कर रहा था.

ये कह कर कर्नल ने अपना हाथ दिव्या की जांघ पर रख दिया जैसे की ये उसने अनजाने में किया हो लेकिन दिव्या फ़ौरन खड़ी हो गयी.

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दिव्या: अंकल आप एलबम देखिये, मैं अभी आती हूँ.

कर्नल को बुरा लगता है की दिव्या उसको एकदम रेस्पोंस नहीं दे रही है. वो मन ही मन में सोचता है की ये इतनी आसानी से नहीं देगी. इसकी तो पटक के लेनी पड़ेगी. थोड़ी देर तक वो एल्बम देखता रहता है लेकिन जब दिव्या वापस उसके पास आकर नहीं बैठती तो वो अपने घर लौट जाता है.

शाम को सारे लोग सोसाइटी के फंक्शन में पहुँच जाते है. दिव्या भी तैयार होकर वहां पहुँचती है. पार्टी में सबकी नजर दिव्या पर ही है क्योंकि उसके जितनी खूबसूरत कोई दूसरी औरत सोसाइटी में नहीं है. कर्नल भी दिव्या को देखकर उसके पास आता है और उसे डांस के लिए पूछता है.

लेकिन कर्नल कहता है की अगर वो उसके साथ डांस करेगी तो उसे बहुत ख़ुशी होगी और अभी रेणुका भी यहाँ नहीं आई है. दिव्या कर्नल के बहुत इसरार करने पर मान जाती है और दोनों डांस फ्लोर पर चले जाते है. दिव्या को कर्नल के साथ देख कर लोग चौंक जाते है क्योंकि उनको कर्नल का करैक्टर पता था.

दिव्या: अंकल सब लोग हमें ही क्यों देख रहे है.

लाला: हमें नहीं तुम्हे देख रहे है. इन्होने कभी इतनी सुन्दर और सेक्सी औरत देखी ही नहीं होगी. वो देखो रेणुका भी आ गयी है और हमें देख रही है. शायद जेलेसी के कारण वो मेरे करीब आ जाये.

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कर्नल अपना हाथ दिव्या की पीठ पर रख कर डांस करने लगता है. दिव्या की नंगी पीठ को छूने से उसके बदन में गर्मी चढ़ने लगती है. वो अब अपना हाथ सरका कर दिव्या की कमर पर ले जाता है और उसको अपने और करीब खींच लेता है. वो दरअसल सबको दिखाना चाहता है की दिव्या अब उसकी है लेकिन दिव्या को सबके सामने कर्नल के करीब होकर नाचना ठीक नहीं लगता.

दिव्या: अंकल अब मैं थक गयी हूँ. मैं अब चलती हूँ.

लाला: अरे रुको न दिव्या. देखो न रेणुका चोरी चोरी हमें ही देख रही है. उसको मेरे करीब लाने में मेरी हेल्प करो न.

दिव्या थोड़ी देर और कर्नल के साथ नाचती है और फिर उससे जाने को कहती है तो कर्नल इस बार दिव्या को छोड़ देता है.

लाला: चलो फिर मैं भी चलता हूँ. अब अकेला यहाँ क्या करूंगा.

दिव्या: क्यों? आप रेणुका से बाते कीजिये न.

कर्नल: बातें तो मैं उससे करता ही रहता हूँ लेकिन अपने दिल की बात उससे नहीं कह पता और अकेले मुझसे ये होगा भी नहीं. और हाँ कल जब तुम नहीं थी तो तुम्हारा एक कोरियर आया था. मैं देना भूल गया. चलो वो भी ले लो.

दिव्या: ठीक है अंकल. चलिए.
 
दिव्या और कर्नल दोनों ऊपर आ जाते हैं. थोड़ी देर में कर्नल दिव्या को एक बॉक्स लाकर देता है जिसपर राजेश के नाम की चिट लगी थी. दिव्या को लगता है की ये राजेश ने भेजा है.

लाला: अरे भाई राजेश ने क्या भेजा है गिफ्ट में? हमें भी तो दिखाओ.

दिव्या: बाद में बताउंगी अंकल.

लाला: अरे मेरे सामने ही खोल लो न. इसमें क्या है या फिर कोई सेक्सी नाईटी मंगाई है उसने तुम्हारे लिए.

दिव्या: मेरे लिए तो सरप्राइज है अंकल अब जो भी हो. मैं तो अकेले में ही देखूँगी.

लाला: ठीक है लेकिन बताना जरूर की क्या भेजा है. मैं ऐसा ही गिफ्ट फिर रेणुका को भी दूंगा.

कर्नल ये बोल कर चला जाता है. दिव्या डोर लॉक करके बॉक्स खोलती है. बॉक्स में एक रिमोट वाला वाइब्रेटर था जिसे देख कर उसे राजेश के ऊपर काफी गुस्सा आता है. हालाँकि वो खुद भी कई बार इस बारे में सोच चुकी थी लेकिन शर्म के कारण कभी उसने ये मंगवाया नहीं था.

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दिव्या उसी समय राजेश को फ़ोन लगा देती है.

राजेश: हाँ जान कैसी हो.

दिव्या: ये क्या बदतमीजी है राजेश.

राजेश: अरे क्या हुआ जानू.

दिव्या: बनो मत. तुमने इतनी गन्दी चीज मुझे कैसे भेजी. मैं तुमको ऐसी औरत लगती हूँ जो सेक्स टॉय इस्तेमाल करेगी.

राजेश समझता है की शायद कर्नल ने दिव्या को डिलडो दे दिया है. वो मन ही मन सोचता है की उसने तो हाँ नहीं बोला था जो कर्नल ने ऐसी हरकत की है. फिर उसे याद आता है की वो मना भी नहीं कर पाया था तो शायद कर्नल ने समझा हो की मैं ये दिव्या को देना चाहता हूँ. अब उसको समझ नहीं आता की वो दिव्या को क्या बोले.

राजेश: वो मुझे लगा की मैं तुमसे दूर... न जाने क्यों मैंने मंगवा लिया... अच्छा तुम नाराज़ न हो. मैं जब लौटूंगा तो उसको वापस करवा दूंगा.

दिव्या: लेकिन तुम्हारे मन में ये लेने का ख्याल आया ही क्यों?

राजेश: वो एक दोस्त ने अपनी वाइफ के लिए मंगवाया था तो मैंने सोचा की मैं भी एक ले लूं. प्लीज अब नाराज न हो.

दिव्या: तुम वापस कब आ रहे हो.

राजेश: थोडा टाइम लगेगा. अच्छा अपनी एक पिक भेजो न वो वाली.

दिव्या: जब आना तब देखना. अब सो जाओ.

राजेश: अच्छा! चलो फिर गुड नाईट.
 
राजेश फोन रख देता है. दिव्या को लगता है की राजेश अगर उसे थोडा मनाता तो वो अपनी न्यूड पिक राजेश को भेज देती लेकिन राजेश तो एकदम रोमांटिक नहीं है. तभी उसे कर्नल का ख्याल आता है की वो इस उम्र में भी कितना रोमांटिक है.

कैसे वो रेणुका के लिए तड़प रहे है. रह रह कर उसको कर्नल के साथ अपना डांस याद आ रहा था. वो सोचती है की क्यों कर्नल के छूने से अलग फील करती है जबकि कर्नल रेणुका को चाहता है. यही सब सोच कर वो सोने की कोशिश करती है लेकिन उसे नींद नहीं आती तो वो मोबाइल में पोर्न देखने लगती है.

थोड़ी देर पोर्न देख कर वो बहुत गरम हो जाती है और वाइब्रेटर का बॉक्स खोलकर वाइब्रेटर अपनी चूत में डाल कर ऑन कर देती है.

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वाइब्रेटर चालू होते ही दिव्या को लगता है की सलमान उसे चोद रहा है. ये ख्याल आते ही वो वासना के चरम पर पहुँच जाती है और फ़ौरन झड जाती है.

दूसरी तरफ कर्नल का भी बुरा हाल था.वो जितना दिव्या के करीब आ रहा था उसे भोगने की लालसा उसमे उतनी ही भड़कती जा रही थी. आज उसने दिव्या के बदन की गर्मी को महसूस किया था और अब उसे नींद नहीं आ रही थी.

कर्नल रेणुका को फोन करके अपने फ्लैट में बुलाता है और उसे बोलता है की वो वही साड़ी पेहेन कर आये जो उसने दी थी.

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फ्लैट पर आते ही रेणुका दरवाजे को बंद कर कर्नल के पास जाती है जो नशे में नंगा बैठा हुआ था. रेनुका भी अपनी साड़ी उतारने लगती है पर कर्नल उसे रोकता है. कर्नल अपना हाथ रेणुका की गर्दन से फेरता हुआ उसके बालों में डाल कर उसे नीचे की तरफ झुकाता है. रेणुका कर्नल का इशारा समझ कर नीचे झुक जाती है और कर्नल के हलब्बी लंड को अपने मुंह में भर लेती है.

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रेणुका बड़ी अच्छी तरह कर्नल का लंड मुंह में भर कर चूस रही थी लेकिन कर्नल के मन में सिर्फ दिव्या का ख्याल था. रेणुका लंड के साथ साथ कर्नल के आंड भी चाटने लगती है.

लाला: आह्ह्ह रेणुका और अन्दर लेकर चूस आह्ह्ह

रेणुका गले तक लेकर कर्नल का लंड चूसने लगती है.
 
लाला: चल अब तैयार हो जा मेरा लंड लेने के लिए.

रेणुका कर्नल का लंड छोड़कर खड़ी हो जाती है और अपनी साड़ी निकालने लगती है. कर्नल का लंड पूरी तरह से गीला हो गया था.

लाला: आज नंगी मत हो मेरी जान. बस ऐसे ही कुतिया बन जा मेरे लिए.

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रेणुका बिना कुछ कहे बेड पर घोड़ी की तरह पोज़ ले लेती है. कर्नल भी अब बिना कुछ बोले उसकी साड़ी उठा कर अपना लंड उसकी चूत में डाल देता है और जोर जोर से रेणुका को चोदने लगता है. जब कर्नल रुकता तो रेणुका खुद अपनी गांड पीछे करके उसके लंड पर झटके मारती है.

लाला: आह रेणुका, इतना मजा तेरे पति ने कभी दिया था क्या.

रेणुका: आःह नहीई लेकिन वो मेरे पति है. आप अपना वादा मत भूलना.

लाला: मैं कभी अपना वादा नहीं तोड़ता बस आगे से जैसे मैं बोलूं करती जाना.

रेणुका: हान्न्न थीक्क्क है अआझ्ह्ह

रेणुका अपनी स्पीड बढ़ा देती है.

लाला: झड़ने वाली है क्या कुतिया?

कर्नल भी अपनी स्पीड बढ़ा देता है और कुछ ही पलों में रेणुका अपना सारा रस कर्नल के लंड पर छोड़ देती है.

लाला: ये क्या किया. मुझसे पहले ही झड गयी और मेरा लंड पूरा भिगो दिया. अब इसको साफ़ कौन करेगा.

रेणुका झट से सीधी हो कर कर्नल का लंड चाट चाट कर साफ़ करने लगती है और कर्नल भी झड़ने लगता है और अपने वीर्य की एक एक बूँद रेणुका को पिला देता है और उसको बाँहों में भरकर बिस्तर पर लेट कर सो जाता है.
 
अगले दिन दिव्या सुबह स्कूल चली जाती है. स्कूल में मदन उसको अपने ऑफिस में बुलाता है.

मदन: दिव्या जी कौन बच्चे सेलेक्ट हुए हैं स्कॉलरशिप के लिए?

दिव्या: सर इंटरनल टेस्ट के हिसाब से तो दो बच्चे हैं. एक तो पूजा जिसने टॉप किया है और दूसरा मनीष. उसने भी काफी बेहतर किया है.

मदन पूजा का नाम सुनकर हैरान नहीं होता क्योंकि उसने ही पूजा को सारे पेपर्स दिए थे लेकिन मनीष का नाम सुनकर उसे लगता है की ये लड़का कैसे इतने नंबर ले आया लेकिन वो दिव्या को फाइनल एग्जाम की तैयारी के लिए कहता है.

मदन: दिव्या जी अब आप फाइनल्स की तैयारी में लग जाइए. आई होप की आपको कोई तकलीफ नहीं हो रही होगी फिर भी अगर जरूरत हो तो आप स्टाफ में किसी की भी हेल्प ले सकती हैं. आप सभी सब्जेक्ट के सैंपल पेपर्स टीचर्स की हेल्प से बना लीजिये. उनको मैं फाइनल कर लूँगा लेकिन अपने सब्जेक्ट के फाइनल पेपर्स आप ही बना दीजियेगा. ठीक हैं न.

दिव्या: नो प्रॉब्लम सर. मैं आज से ही काम शुरू कर देती हूँ.

दिव्या का बाकी दिन सारे टीचर्स से बात करने में ही निकल जाता है और छुट्टी के समय जब वो स्कूल से निकलने लगती है तब वो मनीष को ऊपर की मंजिल की तरफ जाते देखती है. उसे लगता है की शायद आज फिर से मनीष पूजा के साथ टॉयलेट में सेक्स करेगा. पहले तो दिव्या इगनोर करने की कोशिश करती है लेकिन उसका मन नहीं मानता तो वो भी चुपके से ऊपर चली जाती है. ऊपर पहुँच कर दिव्या मनीष को एक टॉयलेट में घुसते देखती है. वो भी थोड़ी देर रुक कर चुपके से उसके बगल वाले टॉयलेट में घुस जाती है और दीवार के छेद से अन्दर झाँक कर देखती है. अन्दर देखते ही उसके होश उड़ जाते हैं क्योंकि अन्दर पूजा नहीं बल्कि रश्मि मनीष का लंड चूस रही थी.

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ये नज़ारा देख कर दिव्या को रश्मि से एक अजीब सी जलन का एहसास होता है साथ ही उसको मनीष पर गुस्सा भी आता है की उसने रश्मि को लेकर उससे क्या नहीं कहा था और अब वो खुद रश्मि के साथ लगा हुआ है. उसको लगता की वो मनीष से रश्मि के बारे में पूछेगी लेकिन फिर वो सोचती है की उसने तो तय किया था की अब वो मनीष से मतलब नहीं रखेगी तो वो चुपचाप वहां से निकल जाती है.
 
सोसाइटी के गेट पर ही उसे रेणुका मिल जाती है.

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रेणुका उसको देख कर स्माइल करती है तो दिव्या भी उससे बात करने लगती है. रेणुका दिव्या को चाय पीने के लिये अपने फ्लैट पर ले आती है. दिव्या सोचती है की वो रेणुका से कर्नल की बात करे लेकिन उसको समझ नहीं आता की क्या बोले.

दिव्या: रेणुका एक बात पूछूँ.

रेणुका: हाँ हाँ बोलो न.

दिव्या: तुमने मुझे कर्नल अंकल से दूर रहने को क्यों कहा था. क्या मैं तुम्हे पसंद नहीं हूँ.

रेणुका: नहीं नहीं. ये बात नहीं है. मैं तुम्हे ठीक से जानती नहीं थी इसीलिए बोल दिया. मुझे माफ़ करना.

दिव्या: तो क्या तुम अंकल को पसंद करती हो?

रेणुका: पसंद तो करती हूँ लेकिन किसी गलत तरीके से नहीं. मैं उनकी इज्जत करती हूँ क्योंकि मेरे ख़राब समय में उन्होंने मेरी काफी मदद की है.

दिव्या: हम्म. अकेले रहने में काफी दिक्कत होती है. मैं जानती हूँ. मेरे हबी भी काफी टाइम बाहर रहते हैं.

रेणुका: तुम अपने पति को बोलो न की वो तुम्हारे साथ रहा करें.

दिव्या: उनका कुछ टाइम में यहाँ का ही काम हो जायेगा फिर उनके ये टूर बंद हो जायेंगे. अच्छा तुमको जब मन हो, बोर महसूस करो तो मेरे पास आ जाना. हिचकिचाना नहीं.

रेणुका: थैंक यू.

दिव्या: तुमने दूसरी शादी का क्यों नहीं सोचा?

रेणुका: हुह इस उम्र में कौन मुझसे शादी करेगा.

दिव्या: अरे अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है. जवान हो खूबसूरत हो. शादी करने वालों की लाइन लग जाएगी. तुम्हारा मन नहीं करता की कोई तुम्हारी जिंदगी में हो.

रेणुका: मन किसका नहीं करता लेकिन... क्या तुम्हारा नहीं करता? सुना तुम बेड में बहुत गरम हो. हा हा हा...

दिव्या: अरे ये तुमसे किसने कहा?

रेणुका: तुम्हारे पति उस दिन कर्नल साब से तुम्हारी बहुत तारीफ कर रहे थे की तभी उनके मुंह से निकल गया की तुम बेड में बहुत हॉट हो.

दिव्या: उफ़ ये राजेश भी न. अपनी बीवी के बारे में दुसरे आदमी को कोई ये सब बोलता है. कोई और फालतू बात की राजेश ने?
 
रेणुका: नहीं बस इतना ही कहा था पर बोलो न जब तुम्हारे पति यहाँ नहीं होते तो तुम्हारा मन नहीं होता?

दिव्या: होता है कभी कभी.

रेणुका: फिर क्या करती हो? किसी और को तो नहीं फंसा रखा है. हा हा हा...

दिव्या: पागल हो क्या. मैं तुम्हे ऐसी औरत लगती हूँ...

रेणुका: अरे मजाक कर रही थी लेकिन इसमें बुराई क्या है. आखिर जरूरतें तो पूरी करनी ही होती हैं.

दिव्या: तो तुमने कोई क्यों नहीं ढूँढा.

रेणुका: ढूँढा तो बहुत लेकिन कोई इस लायक मिला ही नहीं.

दिव्या: क्यों कर्नल अंकल कैसे लगते हैं तुम्हे?

रेणुका: उनके बारे में मैं कभी ऐसा नहीं सोच सकती.

दिव्या: क्यों नहीं? अरे उनकी भी तो बीवी नहीं है और उनकी भी तो जरूरतें होंगी. हा हा हा...

रेणुका: हाँ बेचारे अकेले रह गए हैं. मैंने कई बार उनको मास्टरबेट करते देखा है.

दिव्या: छी रेणुका...

रेणुका: ओफ्फो अब इसमें क्या हुआ? अकेले रहने वाले सब करते हैं. तुम भी करती होगी. बनो मत.

दिव्या: क्यों तुम करती हो क्या?

रेणुका: हाँ. इसमें कौन सी गलत बात है.

रेणुका के इतना ओपन होने से दिव्या भी धीरे धीरे काफी ओपन हो जाती है और रेणुका को बता देती है की वो कभी कभार पोर्न देख लेती है.

रेणुका: वाह. कभी मुझे भी दिखाइये न.

दिव्या: तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे कभी देखा ही नहीं.

रेणुका: जब हसबैंड थे तो उन्होंने दिखाया था फिर मेरे पास तो लैपटॉप वगेरह है नहीं तो...

दिव्या: ठीक है जब मन करे आ जाना. दिखा दूँगी.

रेणुका: ठीक है लेकिन फ़िलहाल तो कर्नल साब के घर जाना है. वो इंतज़ार कर रहे होंगे.
 
दोनों निकल कर लिफ्ट से ऊपर चले जाते हैं. रेणुका कर्नल के फ्लैट में चली जाती है और दिव्या अपने फ्लैट का दरवाजा खोलने लगती है. अचानक उसकी नजर नीचे पड़े एक बॉक्स पर पड़ती है जिस पर उसका नाम लिखा है. वो बॉक्स उठा कर अन्दर ले आती है तो देखती है की भेजने वाले की जगह राजेश का नाम लिखा है. वो सोचती है की शायद राजेश ने सॉरी बोलने के लिए कोई गिफ्ट भेजा होगा.

वो जल्दी से बॉक्स खोलती है तो उसका गुस्सा सातवे आसमान पर पहुँच जाता है क्योंकि इस बार बॉक्स में एक बड़ा सा डिलडो और कुछ और सेक्स टॉयज थे.

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फिर वो सोचती है की शायद राजेश ने इनका आर्डर साथ साथ किया होगा लेकिन डिलीवरी अलग अलग हुई है. उसे क्या पता की ये सब कर्नल की शरारत है. वो राजेश को फोन लगाने की सोचती है लेकिन फिर सोचती है की राजेश ने तो बोला ही था की वो वापस कर देगा तो वो बॉक्स को अलमारी में रख कर घर के कामों में लग जाती है. रात को जब वो लेटती है तो बार बार उसके मन में मनीष का ख्याल आ रहा था. आखिरकार उसका दिल उसके ऊपर हावी हो जाता है और वो ऑनलाइन आ जाती है लेकिन मनीष ऑनलाइन नहीं था.

वो थोड़ी देर इंतज़ार करती है की तभी मनीष का मेसेज आता है.

मनीष: हेल्लो मैम. यकीन नहीं होता की आप मेरा इंतज़ार कर रही थीं.

दिव्या: मैं तुम्हारा इंतज़ार नहीं कर रही थी.

मनीष: ओह तो दुसरे लोगों से भी चैटिंग शुरू कर दी क्या?

दिव्या कोई जवाब नहीं देती.

मनीष: मैम आपने उस दिन प्रॉमिस किया था लेकिन ऑनलाइन नहीं आई. मैं सुबह तक आपका वेट करता रहा.

दिव्या: मैंने तुमसे कब प्रॉमिस किया था. झूठ मत बोलो.

मनीष: मैम मैं आपसे तो कभी झूठ नहीं बोलता.

दिव्या: मेरा मुंह मत खुलवाओ.

मनीष: नहीं नहीं बताइए मैम मैंने क्या झूठ बोला आपसे.

दिव्या: तुम तो कहते थे की मेरे अलावा तुम किसी और टीचर के बारे में सोचते भी नहीं तो आज बाथरूम में रश्मि के साथ क्या ट्यूशन ले रहे थे.

मनीष: मैम जब मैंने ये बात बोली थी तब एकदम सही बात थी. लेकिन आपने तो मुझे एकदम इग्नोर कर दिया और रश्मि मैम को पता चल गया की उनके बारे में आपको मैंने बताया है तो वो मेरे पीछे पड़ गयी थी तो उनको खुश करने के लिए मैंने उनको प्रोपोस कर दिया जो उन्होंने एक्सेप्ट भी कर लिया.
 
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