desiaks
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पति तो भाभी की ही खूबसूरती के पुल बांधे जा रहे थे, जैसे मैं तो वहां थी ही नहीं। देर शाम हम लोग तैयार हो कर हॉल में पहुंच गए इसके पहले की मेहमान आना शुरू ही जाये।
अब धीरे धीरे मेहमान आना शुरू हो गए थे और चहल पहल काफी बढ़ गयी थी। संजू भी आया था और बार बार मुझसे बात करने की कोशिश कर रहा था, पर दिन भर हुए काण्ड के बाद चिंता में डूबी मैंने उसको ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
बीच बीच में समय मिलते ही ये जरूर देख लेती कि पति और भाभी कहाँ हैं और क्या कर रहे हैं। अधिकतर समय वो एक दूसरे के आस पास ही थे।
पार्टी परवान पर थी और माँ ने मुझसे कहा कि घर पर एक काम का बेग रह गया हैं तो उसको ले आ।
मैं चाबी लेकर हॉल से बाहर निकली। संजू भी मेरे पीछे पीछे आ गया। मुझसे बोलने लगा कि वो आज प्रोटेक्शन लेकर आया हैं।
मैंने उसको डांट दिया कि तो मैं क्या करू। उस दिन तुम्हारे घर पर जो भी हुआ जज्बात में हो गया, अब मुझसे फिर वही उम्मीद मत रखना। वो थोड़ा रुआंसा सा हो गया। पर सुबह से मेरी चिंता कुछ ओर थी।
संजू मेरे पीछे पीछे एक आस लिए घर तक आ गया। मैंने बाहर के दरवाजे का इनर लॉक खोला और घर में प्रवेश किया। भाभी के कमरे के आधे बंद दरवाजे से रोशनी आ रही थी।
मुझे झटका लगा कही मेरे पति और भाभी फिर से यहाँ आकर तो नहीं लग गए। मैंने संजू को इशारे से आवाज नहीं करने के लिए कहा।
हम दोनों दबे पाँव कमरे के दरवाजे के करीब पहुंचे और मैं आधे खुले दरवाजे से झाँकने लगी, संजू मेरे पीछे खड़ा हो देखने लगा।
जल्दबाजी में उन्होंने दरवाजा भी पूरा बंद नहीं किए था। दोनों शायद थोड़ी देर पहले ही पहुंचे थे, क्यों की मेरे पति मेरी भाभी की साड़ी पकड़ खींचते हुए उतार रहे थे।
संजू मेरा हाथ पकड़ कर बाहर आने का इशारा करने लगा। मैं उसके साथ बाहर आ गयी। उसको भी झटका लगा था। मेरे भैय्या का दोस्त था और मेरी भाभी को भी भाभी ही बुलाता था।
वो भाभी अभी मेरे पति के साथ इस हालत में थी। उसने कहाँ तुम्हारा रिएक्शन देख कर लगा तुम्हे पहले से अपने पति और भाभी के बारे में पता था।
मैंने कहा आज सुबह ही पता चला। उसने मेरा कंधा दबाते हुए मुझे सांत्वना दी। हम एक बार फिर दबे पाँव अंदर गए देखने लगे।
अब पति और भाभी के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। भाभी मेरे पति के ऊपर सवार होने की तैयारी में थी। उस पर बैठ कर उन्होंने पति का लंड अपनी चुत में घुसा दिया। वो ऊपर नीचे हरकत करते हुए मेरे पति को चोद रही थी।
संजू मेरे पीछे खड़ा था और थोड़ी ही देर में मुझसे चिपक गया। मैं अंदर का नजारा देखने में मग्न थी तो संजू पर ध्यान ही नहीं गया।
थोड़ी देर में वो मेरे पिछवाड़े पर रगड़ खाने लगा तो मेरा ध्यान गया। मुझे भी अंदर का नजारा देखने के बाद वो रगड़ अच्छी लग रही थी।
मेरे कुछ ना बोलने से उसके हौसले भी बढे और मेरी साडी नीचे से ऊपर उठा दी और मेरी पैंटी नीचे उतार कर मेरे नितंबो पर हाथ फेरने लगा।
मैंने उसको रोका और अपने कपडे सही किये और उसका हाथ पकड़ कर घर से बाहर ले आयी। आते वक़्त वो बैग भी साथ ले लिया जो माँ ने लाने को बोला था।
बाहर आकर मैंने उससे कहा, संजू मेरा एक काम करोगे।
उसने कहा बोलो क्या करना हैं।
मैंने उसको समझाया कि तुम्हे अंदर जाकर उन दोनों को रोकना हैं और उनको समझाना हैं कि वो जो कुछ भी कर रहे हैं वो गलत हैं। उनके दिमाग में ये बात अच्छे से बैठानी हैं कि आइन्दा वो लोग इस तरह का काम से तौबा कर ले।
मैंने उसको बताया कि ये काम मैं नहीं कर सकती, क्योंकि ये हम तीनो के लिए बहुत शर्मनाक होगा और एक दूसरे से शायद फिर कभी नजरे ना मिला पाए, इसलिए ये काम तो तुम्हे ही करना पड़ेगा।
संजू बोला ठीक हैं समझा दूंगा पर फिर तुम मुझे अपने साथ करने दोगी, मैं प्रोटेक्शन भी लाया हु।
मैंने उसको डांट दिया, मैं इतनी तनाव में हु और तुमको ये सब सूझ रहा हैं। हम अपना बाद में देखेंगे पहले तुम मेरा ये काम कर दो। मैं अभी वापस हॉल में जा रही हू, ये बैग देना हैं। तुम इन दोनों को हॉल में ले आना। और मेरे बारे में मत बताना कि मैं यहाँ आयी थी और इनको देख लिया था।
संजू ने आश्वस्त किया कि वो सब समझ गया हैं। संजू अब वापस घर के अंदर गया और मैं बैग लिए वापस हॉल की तरफ चली आयी।
अब धीरे धीरे मेहमान आना शुरू हो गए थे और चहल पहल काफी बढ़ गयी थी। संजू भी आया था और बार बार मुझसे बात करने की कोशिश कर रहा था, पर दिन भर हुए काण्ड के बाद चिंता में डूबी मैंने उसको ज्यादा तवज्जो नहीं दी।
बीच बीच में समय मिलते ही ये जरूर देख लेती कि पति और भाभी कहाँ हैं और क्या कर रहे हैं। अधिकतर समय वो एक दूसरे के आस पास ही थे।
पार्टी परवान पर थी और माँ ने मुझसे कहा कि घर पर एक काम का बेग रह गया हैं तो उसको ले आ।
मैं चाबी लेकर हॉल से बाहर निकली। संजू भी मेरे पीछे पीछे आ गया। मुझसे बोलने लगा कि वो आज प्रोटेक्शन लेकर आया हैं।
मैंने उसको डांट दिया कि तो मैं क्या करू। उस दिन तुम्हारे घर पर जो भी हुआ जज्बात में हो गया, अब मुझसे फिर वही उम्मीद मत रखना। वो थोड़ा रुआंसा सा हो गया। पर सुबह से मेरी चिंता कुछ ओर थी।
संजू मेरे पीछे पीछे एक आस लिए घर तक आ गया। मैंने बाहर के दरवाजे का इनर लॉक खोला और घर में प्रवेश किया। भाभी के कमरे के आधे बंद दरवाजे से रोशनी आ रही थी।
मुझे झटका लगा कही मेरे पति और भाभी फिर से यहाँ आकर तो नहीं लग गए। मैंने संजू को इशारे से आवाज नहीं करने के लिए कहा।
हम दोनों दबे पाँव कमरे के दरवाजे के करीब पहुंचे और मैं आधे खुले दरवाजे से झाँकने लगी, संजू मेरे पीछे खड़ा हो देखने लगा।
जल्दबाजी में उन्होंने दरवाजा भी पूरा बंद नहीं किए था। दोनों शायद थोड़ी देर पहले ही पहुंचे थे, क्यों की मेरे पति मेरी भाभी की साड़ी पकड़ खींचते हुए उतार रहे थे।
संजू मेरा हाथ पकड़ कर बाहर आने का इशारा करने लगा। मैं उसके साथ बाहर आ गयी। उसको भी झटका लगा था। मेरे भैय्या का दोस्त था और मेरी भाभी को भी भाभी ही बुलाता था।
वो भाभी अभी मेरे पति के साथ इस हालत में थी। उसने कहाँ तुम्हारा रिएक्शन देख कर लगा तुम्हे पहले से अपने पति और भाभी के बारे में पता था।
मैंने कहा आज सुबह ही पता चला। उसने मेरा कंधा दबाते हुए मुझे सांत्वना दी। हम एक बार फिर दबे पाँव अंदर गए देखने लगे।
अब पति और भाभी के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। भाभी मेरे पति के ऊपर सवार होने की तैयारी में थी। उस पर बैठ कर उन्होंने पति का लंड अपनी चुत में घुसा दिया। वो ऊपर नीचे हरकत करते हुए मेरे पति को चोद रही थी।
संजू मेरे पीछे खड़ा था और थोड़ी ही देर में मुझसे चिपक गया। मैं अंदर का नजारा देखने में मग्न थी तो संजू पर ध्यान ही नहीं गया।
थोड़ी देर में वो मेरे पिछवाड़े पर रगड़ खाने लगा तो मेरा ध्यान गया। मुझे भी अंदर का नजारा देखने के बाद वो रगड़ अच्छी लग रही थी।
मेरे कुछ ना बोलने से उसके हौसले भी बढे और मेरी साडी नीचे से ऊपर उठा दी और मेरी पैंटी नीचे उतार कर मेरे नितंबो पर हाथ फेरने लगा।
मैंने उसको रोका और अपने कपडे सही किये और उसका हाथ पकड़ कर घर से बाहर ले आयी। आते वक़्त वो बैग भी साथ ले लिया जो माँ ने लाने को बोला था।
बाहर आकर मैंने उससे कहा, संजू मेरा एक काम करोगे।
उसने कहा बोलो क्या करना हैं।
मैंने उसको समझाया कि तुम्हे अंदर जाकर उन दोनों को रोकना हैं और उनको समझाना हैं कि वो जो कुछ भी कर रहे हैं वो गलत हैं। उनके दिमाग में ये बात अच्छे से बैठानी हैं कि आइन्दा वो लोग इस तरह का काम से तौबा कर ले।
मैंने उसको बताया कि ये काम मैं नहीं कर सकती, क्योंकि ये हम तीनो के लिए बहुत शर्मनाक होगा और एक दूसरे से शायद फिर कभी नजरे ना मिला पाए, इसलिए ये काम तो तुम्हे ही करना पड़ेगा।
संजू बोला ठीक हैं समझा दूंगा पर फिर तुम मुझे अपने साथ करने दोगी, मैं प्रोटेक्शन भी लाया हु।
मैंने उसको डांट दिया, मैं इतनी तनाव में हु और तुमको ये सब सूझ रहा हैं। हम अपना बाद में देखेंगे पहले तुम मेरा ये काम कर दो। मैं अभी वापस हॉल में जा रही हू, ये बैग देना हैं। तुम इन दोनों को हॉल में ले आना। और मेरे बारे में मत बताना कि मैं यहाँ आयी थी और इनको देख लिया था।
संजू ने आश्वस्त किया कि वो सब समझ गया हैं। संजू अब वापस घर के अंदर गया और मैं बैग लिए वापस हॉल की तरफ चली आयी।