hotaks444
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भाभी को इस रूप में देखकर मेरे अंडरवेर में उथल पुथल शुरू हो गयी..
अब प्लीज़ बातों में वक़्त जाया मत करो जानू, आज मुझे भरपूर प्यार करो मेरे राजा… ये कहकर वो मेरे बदन से किसी बेल की तरह लिपट गयी..
मेने चूतिया बनाने की आक्टिंग करते हुए कहा - लेकिन भाभी मुझे तो कुछ भी नही आता है… आप ही बताइए कि कैसे करते हैं प्यार.. मेने उन्हें ये जताना चाहा, जैसे मेने ये पहले कभी किसी के साथ किया ही नही है..
क्या ? आपने अभी तक किसी के साथ सेक्स किया ही नही है.. ? कोई गर्ल फ्रेंड भी नही बनाई अभी तक… वो मेरी बात सुन कर आश्चर्य से बोली..
मेने कहा – नही सच में मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है.. अब आपको ही बताना होगा ये सब..
उन्होने कहा – कोई बात नही देवेर जी मे आपको सब कुछ सिखा दूँगी.. हाए.. मेरा अनाड़ी देवेर.. ये कह कर उन्होने अपने हाथ मेरी पीठ पर कस दिए.. जिससे उनकी 34” साइज़ की कठोर चुचिया मेरे सीने में दब गयी…
उन्होने अपना वो नाम मात्र का गाउन भी निकल कर फेंक दिया… नीचे वो बिना ब्रा के ही थी, बस एक माइक्रो पेंटी.. जिसमें से उनकी चूत के मोटे-मोटे होंठ भी बाहर को दिख रहे थे.
पीछे एक डोरी सी थी, जो उनकी गान्ड की दरार में घुसी पड़ी थी…अब इसको क्या कहते हैं, आप लोग खुद नामकरण कर लेना…हहहे..
भाभी को ऐसे रूप में देख कर मेरा लॉडा मेरे अंडर वेअर को फाडे दे रहा था.. उन्होने मेरी टीशर्ट निकाल कर फर्श पर फेंक दी…
वो मेरे चौड़े सीने पर हाथ से सहलाने लगी और उसे चूम लिया.. अपनी जीभ निकाल कर मेरे चुचकों पर फेरने लगी… मेरे शरीर में झंझनाहट सी शुरू हो गयी….
मेरे हाथ स्वतः ही उनके फुटबॉल जैसे चुतड़ों के उभारों पर पहुँच गये.. और मेने उन्हें अपने हाथों में लेकर मसल दिया….
वो मेरे सीने को चूमते चाटते हुए नीचे बैठने लगी.., अपने पंजों पर बैठ कर उन्होने मेरा शॉर्ट खींच दिया… नीचे में बिना अंडरवेर के था…
मेरे फुल्ली एराक्टेड लंड को देख कर जो अब 120 डिग्री पर हिल-हिल कर उनके इस जानमारू हुश्न को सलामी दे रहा था..
उसे देख कर वो मन्त्र मुग्ध हो गयी…और अपने हाथ में लेकर अपने गालों से रगड़ते हुए बोली….
आअहह… देवेर्जी … तुम कितने बड़े झूठे हो… आपका ये हथियार बता रहा है… कि इसने ना जाने कितनों की सील तोड़ी है..
मे – क्या भाभी आप भी… ! इसने आपको कैसे बता दिया ये सब…?
वो मेरे लंड को सहलाते हुए मेरी आँखों में देख कर बोली – देवेर जी आप मुझे अनाड़ी समझते हो..?
जिस तरह से ये मस्ती में अपना मुँह खोले झूम रहा है.. लगता है इसे सब पता है कि अब इसे क्या करना है…
फिर उन्होने मेरे सुपाडे को खोल कर अपनी जीभ से चाट लिया…
अहह…….भाभी….सीईईईई……मेरी सिसकी निकल गयी.. चूसो ईसीए…उउउम्म्म्मन्न.. वो उसे अपने होंठों में ले चुकी थी और अब लॉलीपोप की तरह चूस रही थी…
मे मस्ती से उनके सर को सहलाने लगा…थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उन्होने मुझे पलंग पर धक्का दे दिया.. और अपनी नाम मात्र की पेंटी भी निकाल फेंकी…
अब वो किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे पूरे शरीर पर हाथ फेरती हुई मेरी छाती पर चढ़ बैठी…
उनके गोरे-2 मस्त भरे डुए आमों को देख कर मेरी उत्तेजना दुगनी हो गयी, और मेने उन्हें अपनी मुट्ठी में भरकर बहुत ज़ोर से मसल दिया….
आआहह……देवर्जी…आराम से मेरे राजा….उखाड़ोगे इन्हें…?
तो मेने उनके कंधों को पकड़ कर अपने ऊपर झुका लिया, और उनके आमों को चूसने लगा…वो अपनी रसीली चूत को मेरे पेट पर मसलने लगी…
फिर धीरे-2 नीचे को सरक्ति हुई अपनी सुरंग के मुंहने को मेरे शेर की तरफ ले गयी…एक-एक इंच का फासला तय करती उनकी रसीली मुनिया मेरे पप्पू की तरफ सरक रही थी….
मेरा पप्पू मन ही मन बड़बड़ा रहा था, बेन्चोद साली जल्दी से पास आ, इतना तरसा क्यों रही है…
शायद उसकी बात भाभी ने सुन ली ही, सो अपने पंजों को मॉड्कर मेरी जांघों पर रख लिया…इस तरह से उनकी रस से सराबोर हो चुकी चूत के होंठ अपने आप फैल गये,…
मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ कर पहले कसकर दबाया, शायद वो उसकी ताक़त आजमा रही थी…
फिर अपनी गर्म भाप जैसा पानी छोड़ती चूत को उसके ऊपर रख कर वो उसपर बैठती चली गयी…
आआहह……….सस्सिईईईईईईईईईईईईईई…..उउउफफफफफफफफफ्फ़….म्म्म्मा आ…..
मस्ती में उनकी आँखें बंद होती चली गयी…, मुँह अपने आप खुल गया.. मेरे तगड़े लंड को लेने में शुरुआत में उन्हें थोड़ी तकलीफ़ हुई…
लेकिन अपने होंठों को कस कर भींचते हुए धीरे-धीरे वो उसके ऊपर बैठ ही गयी…, और पूरा साडे आठ इंच का मेरा सोते जैसा लंड उनकी चूत में जड़ तक समा गया…
जब पूरा लंड जड़ तक उनकी रसीली चूत में समा गया… तो वो कुछ देर मेरे ऊपर बैठ कर लंबी लंबी साँसें लेने लगी…
उउउफ़फ्फ़… मेरे राजाजी…कितना तगड़ा और दमदार हथियार है तुम्हारा…, मेरी बुर को अंदर तक भर दिया है इसने…सस्सिईइ….आअहह….मज़ाअ…आ गायाअ….
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद उन्होने अपनी गान्ड को ऊपर नीचे करना शुरू किया.. वो धीरे-2 चूत के मुँह को सुपाडे तक निकाल लेती.. और फिर से धीरे-2 ही पूरा अंदर कर लेती..
मुझे इस तरह से बहुत मज़ा आ रहा था, जब मेरा सुपाडा उनकी मुनिया के होंठों से रगड़ता…आअहह…, मस्ती में मेने उनके दोनो आमों को अपनी मुत्ठियों में भरकर ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगा….
आअहह…. मेरे रजाआाअ…… हान्न्न.. ऐसे ही करो… बड़ा मज़ा आरहााआ…….हाीइ…हइईए……सीईईईईईई…..उफफफफ्फ़…मुऊुआाहह……
अब उनकी स्पीड कुछ बढ़ने लगी.. और वो तेज़ी से मेरे लंड पर कूदने लगी…
मेने भी नीचे से अपनी कमर उच्छालना शुरू कर दिया…
कभी वो मेरे होंठ चूसने लगती.. तो कभी मेरे सीने को सहलाती… और अजीब-अजीब सी आवाज़ें निकालते हुए.. मुझे चोद रही थी…
10 मिनिट बाद वो बड़ी बुरी तरह से झड़ने लगी.. उन्होने मेरे लंड और टट्टों को अपने चूत रस से गीला कर दिया, और मेरे ऊपर पसर गयी…
अब प्लीज़ बातों में वक़्त जाया मत करो जानू, आज मुझे भरपूर प्यार करो मेरे राजा… ये कहकर वो मेरे बदन से किसी बेल की तरह लिपट गयी..
मेने चूतिया बनाने की आक्टिंग करते हुए कहा - लेकिन भाभी मुझे तो कुछ भी नही आता है… आप ही बताइए कि कैसे करते हैं प्यार.. मेने उन्हें ये जताना चाहा, जैसे मेने ये पहले कभी किसी के साथ किया ही नही है..
क्या ? आपने अभी तक किसी के साथ सेक्स किया ही नही है.. ? कोई गर्ल फ्रेंड भी नही बनाई अभी तक… वो मेरी बात सुन कर आश्चर्य से बोली..
मेने कहा – नही सच में मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही है.. अब आपको ही बताना होगा ये सब..
उन्होने कहा – कोई बात नही देवेर जी मे आपको सब कुछ सिखा दूँगी.. हाए.. मेरा अनाड़ी देवेर.. ये कह कर उन्होने अपने हाथ मेरी पीठ पर कस दिए.. जिससे उनकी 34” साइज़ की कठोर चुचिया मेरे सीने में दब गयी…
उन्होने अपना वो नाम मात्र का गाउन भी निकल कर फेंक दिया… नीचे वो बिना ब्रा के ही थी, बस एक माइक्रो पेंटी.. जिसमें से उनकी चूत के मोटे-मोटे होंठ भी बाहर को दिख रहे थे.
पीछे एक डोरी सी थी, जो उनकी गान्ड की दरार में घुसी पड़ी थी…अब इसको क्या कहते हैं, आप लोग खुद नामकरण कर लेना…हहहे..
भाभी को ऐसे रूप में देख कर मेरा लॉडा मेरे अंडर वेअर को फाडे दे रहा था.. उन्होने मेरी टीशर्ट निकाल कर फर्श पर फेंक दी…
वो मेरे चौड़े सीने पर हाथ से सहलाने लगी और उसे चूम लिया.. अपनी जीभ निकाल कर मेरे चुचकों पर फेरने लगी… मेरे शरीर में झंझनाहट सी शुरू हो गयी….
मेरे हाथ स्वतः ही उनके फुटबॉल जैसे चुतड़ों के उभारों पर पहुँच गये.. और मेने उन्हें अपने हाथों में लेकर मसल दिया….
वो मेरे सीने को चूमते चाटते हुए नीचे बैठने लगी.., अपने पंजों पर बैठ कर उन्होने मेरा शॉर्ट खींच दिया… नीचे में बिना अंडरवेर के था…
मेरे फुल्ली एराक्टेड लंड को देख कर जो अब 120 डिग्री पर हिल-हिल कर उनके इस जानमारू हुश्न को सलामी दे रहा था..
उसे देख कर वो मन्त्र मुग्ध हो गयी…और अपने हाथ में लेकर अपने गालों से रगड़ते हुए बोली….
आअहह… देवेर्जी … तुम कितने बड़े झूठे हो… आपका ये हथियार बता रहा है… कि इसने ना जाने कितनों की सील तोड़ी है..
मे – क्या भाभी आप भी… ! इसने आपको कैसे बता दिया ये सब…?
वो मेरे लंड को सहलाते हुए मेरी आँखों में देख कर बोली – देवेर जी आप मुझे अनाड़ी समझते हो..?
जिस तरह से ये मस्ती में अपना मुँह खोले झूम रहा है.. लगता है इसे सब पता है कि अब इसे क्या करना है…
फिर उन्होने मेरे सुपाडे को खोल कर अपनी जीभ से चाट लिया…
अहह…….भाभी….सीईईईई……मेरी सिसकी निकल गयी.. चूसो ईसीए…उउउम्म्म्मन्न.. वो उसे अपने होंठों में ले चुकी थी और अब लॉलीपोप की तरह चूस रही थी…
मे मस्ती से उनके सर को सहलाने लगा…थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उन्होने मुझे पलंग पर धक्का दे दिया.. और अपनी नाम मात्र की पेंटी भी निकाल फेंकी…
अब वो किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे पूरे शरीर पर हाथ फेरती हुई मेरी छाती पर चढ़ बैठी…
उनके गोरे-2 मस्त भरे डुए आमों को देख कर मेरी उत्तेजना दुगनी हो गयी, और मेने उन्हें अपनी मुट्ठी में भरकर बहुत ज़ोर से मसल दिया….
आआहह……देवर्जी…आराम से मेरे राजा….उखाड़ोगे इन्हें…?
तो मेने उनके कंधों को पकड़ कर अपने ऊपर झुका लिया, और उनके आमों को चूसने लगा…वो अपनी रसीली चूत को मेरे पेट पर मसलने लगी…
फिर धीरे-2 नीचे को सरक्ति हुई अपनी सुरंग के मुंहने को मेरे शेर की तरफ ले गयी…एक-एक इंच का फासला तय करती उनकी रसीली मुनिया मेरे पप्पू की तरफ सरक रही थी….
मेरा पप्पू मन ही मन बड़बड़ा रहा था, बेन्चोद साली जल्दी से पास आ, इतना तरसा क्यों रही है…
शायद उसकी बात भाभी ने सुन ली ही, सो अपने पंजों को मॉड्कर मेरी जांघों पर रख लिया…इस तरह से उनकी रस से सराबोर हो चुकी चूत के होंठ अपने आप फैल गये,…
मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़ कर पहले कसकर दबाया, शायद वो उसकी ताक़त आजमा रही थी…
फिर अपनी गर्म भाप जैसा पानी छोड़ती चूत को उसके ऊपर रख कर वो उसपर बैठती चली गयी…
आआहह……….सस्सिईईईईईईईईईईईईईई…..उउउफफफफफफफफफ्फ़….म्म्म्मा आ…..
मस्ती में उनकी आँखें बंद होती चली गयी…, मुँह अपने आप खुल गया.. मेरे तगड़े लंड को लेने में शुरुआत में उन्हें थोड़ी तकलीफ़ हुई…
लेकिन अपने होंठों को कस कर भींचते हुए धीरे-धीरे वो उसके ऊपर बैठ ही गयी…, और पूरा साडे आठ इंच का मेरा सोते जैसा लंड उनकी चूत में जड़ तक समा गया…
जब पूरा लंड जड़ तक उनकी रसीली चूत में समा गया… तो वो कुछ देर मेरे ऊपर बैठ कर लंबी लंबी साँसें लेने लगी…
उउउफ़फ्फ़… मेरे राजाजी…कितना तगड़ा और दमदार हथियार है तुम्हारा…, मेरी बुर को अंदर तक भर दिया है इसने…सस्सिईइ….आअहह….मज़ाअ…आ गायाअ….
कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद उन्होने अपनी गान्ड को ऊपर नीचे करना शुरू किया.. वो धीरे-2 चूत के मुँह को सुपाडे तक निकाल लेती.. और फिर से धीरे-2 ही पूरा अंदर कर लेती..
मुझे इस तरह से बहुत मज़ा आ रहा था, जब मेरा सुपाडा उनकी मुनिया के होंठों से रगड़ता…आअहह…, मस्ती में मेने उनके दोनो आमों को अपनी मुत्ठियों में भरकर ज़ोर-ज़ोर से मसल्ने लगा….
आअहह…. मेरे रजाआाअ…… हान्न्न.. ऐसे ही करो… बड़ा मज़ा आरहााआ…….हाीइ…हइईए……सीईईईईईई…..उफफफफ्फ़…मुऊुआाहह……
अब उनकी स्पीड कुछ बढ़ने लगी.. और वो तेज़ी से मेरे लंड पर कूदने लगी…
मेने भी नीचे से अपनी कमर उच्छालना शुरू कर दिया…
कभी वो मेरे होंठ चूसने लगती.. तो कभी मेरे सीने को सहलाती… और अजीब-अजीब सी आवाज़ें निकालते हुए.. मुझे चोद रही थी…
10 मिनिट बाद वो बड़ी बुरी तरह से झड़ने लगी.. उन्होने मेरे लंड और टट्टों को अपने चूत रस से गीला कर दिया, और मेरे ऊपर पसर गयी…