hotaks444
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वो बोली मत छेड़ो मुझे तो मैने आख़िरी दाँव खेलते हुए कहा की अगर वो मुझे उसे छोड़ने दे तो मैं उसे 2000 रुपये दूँगा पर वो बोली मैं ऐसी औरत नही हूँ.
मैं उसकी चूची को अब पूरी तरह दबाने लगा था उसकी आवाज़ मे लड-खड़ाहट आनी शुरू हो गयी थी मैने कहा 3000 उसने ना कहा तो मैने कहा कि ठीक है मैं तुझे 3500 रुपये दूँगा और तेरी टीन को लगाने मे मदद भी करूँगा और उसका जवाब सुने बिना ही उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया सालो बाद उसने लंड को अपने हाथो मे फील किया था चाह के भी वो अपना हाथ ना हटा सकी मैने कहा देख भगवान ने अगर मौका दिया है तो उसे कॅश करले अपने तन की आग बुझा ले इसमे तेरा फ़ायदा भी है और उसकी चूची को कस के भींचने लगा उसके मुँह से आह निकली मैं समझ गया था कि यही सही टाइम है हथौड़ा मारने का
मैं दोनो हाथो से उँची गोलाईयो को मसले जा रहा था वो पर पर कर रही थी मैने अपनी उंगली उसके होंठो पे रखी और बोला बस अब तुम कुछ नही बोलोगि जो होता है होने दो मैने अपने होंठ उसके प्यासे होंठो पे रख दिए उफ़फ्फ़ क्या तपिश थी गीता मे
आज कितने ही सालो बाद उसके अधरो को किसी ने चूमा था गीता अभी थोड़ा संकोच कर रही थी पर मुझे तो बस अब उसे चोदना ही था जैसे ही हमारे होंठो ने एक दूसरे को चूमा एक तरंग उसके बदन मे दौड़ गयी गीता के प्यासे लबो की प्यास आज बुझने वाली थी मैने बड़े ही प्यार से उन्हे चूमना शुरू किया वो शायद कुछ कहना चाहती थी पर उसकी आवाज़ उसके गले मे ही घुट के रह गयी उसके नरम होंठो को मैं बहुत ही प्यार से धीमे धीमे चूस रहा था
मैं पूरी तरह उसके उपर आ चुका था मेरा लंड उसके पेट से टकरा रहा था उसके काँपते होंठ मेरे थूक से गीले हो चुके थे क्या पता कितने ही देर तक मैं उन मदिरा के प्यालो का रस्पान करता रहा तभी बाहर कही बिजली काड्की तो मुझे जैसे होश आया और मैं उस से अलग हुआ उसकी साँस फूल गयी थी वो लंबी लंबी सांस ले रही थी मैं थोड़ा नीचे आया और उसकी पहाड़ों सी विशाल घाटियो के जैसी चूचियो को देखने लगा उसके भूरे रंग के दोनो निप्पल उत्तेजना से 1 इंच के हो गये थे मैने बिना देर किए उसकी लेफ्ट साइड वाली चूची को अपने मुँह मे लिया और चुँसने लगा साथ ही दूसरी चूची को मुट्ठी मे भर के भींच ने लगा गीता की कामुक आहे बरसात के शोर मे दब सी गयी थी
इतने दिनो बाद किसी पुरुष का स्पर्श अपने बदन पे पाके गीता धन्य हो गयी थी वो बस अपनी सांसो को समेटने की कोशिश कर रही थी मस्ती से उसका अंग प्रत्यंग भड़क रहा था कामदेव का तीर उसके हृदय को छलनी किए जा रहा था उसकी बैचैनि बहुत ही बढ़ गयी थी कोई 20 मिनट तक उसकी चूचियो को मैने बारी बारी जी भर के चूसा अब मेरी जीभ उसकी चूचियो से होती हुई नीचे की ओर चली उसका गोरा पेट कांप रहा था मैने उसकी नाभि मे अपनी जीभ डाल दी और उसे चूसने लगा उसके शरीर की थर थराहट और भी बढ़ गयी थी कुछ देर बाद मैं और थोड़ा नीचे सरका अब मैने उसकी टाँगो को फैलाया वो मना कर तो रही थी
पर उसके विरोध मे कोई दम नही था बस दिखावे के लिए वो मत करो मान जाओ ऐसा कह रही थी पर मुझे कहाँ रुकना था अब उसकी सालो से उपेक्षित चूत और मेरे मुँह मे बस कुछ ही इंच का फासला था और तभी मैने उसे चूमते हुए अपना मुँह उसके गुप्ताँग पे रख दिया एक बहुत ही मादक खुसबू मेरी नाक से टकराई क्या गंध थी उसकी चूत की उत्त्तेज्ना की अधिकता से चूत से बहुत ही पानी बह रहा था मैं भी ज़्यादा टाइम ना लेते हुए उसकी चूत को अपने मुँह मे भर लिया गीता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी उसे अब कुछ ना याद रहा उसकी हाथो ने मेरे सर को पकड़ लिया और अपनी चूत पे दबाने लगी अब गीता पूरी तरह से मेरे रंग मे रंग चुकी थी
कई सालो का जमा खारा पानी चूत रूपी नदी के हर बाँध को तोड़ने को आज बेताब था मेरी जीभ पूरी चूत पे किसी साँप की तरह रेंग रही थी वो लगातार मुझ पे अपने हाथो का दबाव डाल रही थी जैसे कि कह रही हो पूरे शरीर समेत ही चूत मे घूंस जाओ कोई 5-7 मिनट ही बीते होंगे कि उसके बदन ने एक झूर झूरी ली और गीता का काम तमाम हो गया मैं बड़े ही चाव से उसके सारे पानी को पी गया बहुत सा पानी मेरे होंठो और थॉडी पे भी लग गया था कई दिनो के कारण उसकी चूत ने बहुत ही ज़्यादा पानी छोड़ा था मैं किसी विजेता की तरह उठा उसने अपनी आँखो को मीच रखा था मैने अपने होंठो से उसके होंठो को दबाया और उन्हे चूमने लगा दो चार लंबे लंबे चुंबनो के पश्चात मैने उसकी टाँगो को अड्जस्ट किया और अपने लंड को उसकी करारी प्यासी चूत पे रख दिया
मैं उसकी चूची को अब पूरी तरह दबाने लगा था उसकी आवाज़ मे लड-खड़ाहट आनी शुरू हो गयी थी मैने कहा 3000 उसने ना कहा तो मैने कहा कि ठीक है मैं तुझे 3500 रुपये दूँगा और तेरी टीन को लगाने मे मदद भी करूँगा और उसका जवाब सुने बिना ही उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया सालो बाद उसने लंड को अपने हाथो मे फील किया था चाह के भी वो अपना हाथ ना हटा सकी मैने कहा देख भगवान ने अगर मौका दिया है तो उसे कॅश करले अपने तन की आग बुझा ले इसमे तेरा फ़ायदा भी है और उसकी चूची को कस के भींचने लगा उसके मुँह से आह निकली मैं समझ गया था कि यही सही टाइम है हथौड़ा मारने का
मैं दोनो हाथो से उँची गोलाईयो को मसले जा रहा था वो पर पर कर रही थी मैने अपनी उंगली उसके होंठो पे रखी और बोला बस अब तुम कुछ नही बोलोगि जो होता है होने दो मैने अपने होंठ उसके प्यासे होंठो पे रख दिए उफ़फ्फ़ क्या तपिश थी गीता मे
आज कितने ही सालो बाद उसके अधरो को किसी ने चूमा था गीता अभी थोड़ा संकोच कर रही थी पर मुझे तो बस अब उसे चोदना ही था जैसे ही हमारे होंठो ने एक दूसरे को चूमा एक तरंग उसके बदन मे दौड़ गयी गीता के प्यासे लबो की प्यास आज बुझने वाली थी मैने बड़े ही प्यार से उन्हे चूमना शुरू किया वो शायद कुछ कहना चाहती थी पर उसकी आवाज़ उसके गले मे ही घुट के रह गयी उसके नरम होंठो को मैं बहुत ही प्यार से धीमे धीमे चूस रहा था
मैं पूरी तरह उसके उपर आ चुका था मेरा लंड उसके पेट से टकरा रहा था उसके काँपते होंठ मेरे थूक से गीले हो चुके थे क्या पता कितने ही देर तक मैं उन मदिरा के प्यालो का रस्पान करता रहा तभी बाहर कही बिजली काड्की तो मुझे जैसे होश आया और मैं उस से अलग हुआ उसकी साँस फूल गयी थी वो लंबी लंबी सांस ले रही थी मैं थोड़ा नीचे आया और उसकी पहाड़ों सी विशाल घाटियो के जैसी चूचियो को देखने लगा उसके भूरे रंग के दोनो निप्पल उत्तेजना से 1 इंच के हो गये थे मैने बिना देर किए उसकी लेफ्ट साइड वाली चूची को अपने मुँह मे लिया और चुँसने लगा साथ ही दूसरी चूची को मुट्ठी मे भर के भींच ने लगा गीता की कामुक आहे बरसात के शोर मे दब सी गयी थी
इतने दिनो बाद किसी पुरुष का स्पर्श अपने बदन पे पाके गीता धन्य हो गयी थी वो बस अपनी सांसो को समेटने की कोशिश कर रही थी मस्ती से उसका अंग प्रत्यंग भड़क रहा था कामदेव का तीर उसके हृदय को छलनी किए जा रहा था उसकी बैचैनि बहुत ही बढ़ गयी थी कोई 20 मिनट तक उसकी चूचियो को मैने बारी बारी जी भर के चूसा अब मेरी जीभ उसकी चूचियो से होती हुई नीचे की ओर चली उसका गोरा पेट कांप रहा था मैने उसकी नाभि मे अपनी जीभ डाल दी और उसे चूसने लगा उसके शरीर की थर थराहट और भी बढ़ गयी थी कुछ देर बाद मैं और थोड़ा नीचे सरका अब मैने उसकी टाँगो को फैलाया वो मना कर तो रही थी
पर उसके विरोध मे कोई दम नही था बस दिखावे के लिए वो मत करो मान जाओ ऐसा कह रही थी पर मुझे कहाँ रुकना था अब उसकी सालो से उपेक्षित चूत और मेरे मुँह मे बस कुछ ही इंच का फासला था और तभी मैने उसे चूमते हुए अपना मुँह उसके गुप्ताँग पे रख दिया एक बहुत ही मादक खुसबू मेरी नाक से टकराई क्या गंध थी उसकी चूत की उत्त्तेज्ना की अधिकता से चूत से बहुत ही पानी बह रहा था मैं भी ज़्यादा टाइम ना लेते हुए उसकी चूत को अपने मुँह मे भर लिया गीता की आँखे मस्ती से बंद हो गयी उसे अब कुछ ना याद रहा उसकी हाथो ने मेरे सर को पकड़ लिया और अपनी चूत पे दबाने लगी अब गीता पूरी तरह से मेरे रंग मे रंग चुकी थी
कई सालो का जमा खारा पानी चूत रूपी नदी के हर बाँध को तोड़ने को आज बेताब था मेरी जीभ पूरी चूत पे किसी साँप की तरह रेंग रही थी वो लगातार मुझ पे अपने हाथो का दबाव डाल रही थी जैसे कि कह रही हो पूरे शरीर समेत ही चूत मे घूंस जाओ कोई 5-7 मिनट ही बीते होंगे कि उसके बदन ने एक झूर झूरी ली और गीता का काम तमाम हो गया मैं बड़े ही चाव से उसके सारे पानी को पी गया बहुत सा पानी मेरे होंठो और थॉडी पे भी लग गया था कई दिनो के कारण उसकी चूत ने बहुत ही ज़्यादा पानी छोड़ा था मैं किसी विजेता की तरह उठा उसने अपनी आँखो को मीच रखा था मैने अपने होंठो से उसके होंठो को दबाया और उन्हे चूमने लगा दो चार लंबे लंबे चुंबनो के पश्चात मैने उसकी टाँगो को अड्जस्ट किया और अपने लंड को उसकी करारी प्यासी चूत पे रख दिया