Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है - Page 14 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है

अब इस मकान की छत को पक्की करवा लूँगी और कुछ पैसे बच गये तो एक भैंस भी खरीद लूँगी मैने कहा ये तो बहुत ही अच्छा है फिर वो अपने प्लॅन्स बताने लगी मैं उसकी कमर को सहलाने लगा मैने कहा कि आज थोड़ी मस्ती हो जाए तो वो बोली वैसे तो मैं तुम्हारे लिए हमेशा ही उपलब्ध हूँ पर आज थोड़ी सी थकान हो रही है तुम तो जानते ही हो तो मैने कहा कोई बात नही फिर कभी कर लेंगे ऐसी कोई जल्दी नही है कोई आधा घंटा और बिताया उसके साथ फिर मैं घर आ गया तो चाचा बोले कि यार एक काम कर तू बाहर वाला कमरा खाली कर दे ये सरसो की बोरिया वही रखवा देता हूँ जब बेचेंगे तो आसानी होगी मैं कुछ कहने ही वाला था तो वो बोले वैसे भी गर्मिया आ गयी है तू तो छत पे ही सोया करेगा तो मैने कहा कि चाचा आप इनको ताऊजी के घर रखवा दो वैसे भी उनके 2-3 कमरे हमेशा खाली ही रहते है




मैं अपना सामान नही हटाउंगा तो वो बोले तेरी मर्ज़ी फिर हमने मिलके वो बोरिया ताऊ जी के यहाँ रखवादी मैं अपने कमरे मे जा ही रहा था तो शीला अपने गेट पे खड़ी थी मैने उसे कहा कि आज बात बन जाएगी क्या तो वो बोली करती हूँ कोशिश अगर वो पीके आए तो आ जाउन्गि मैने कहा गेट खुला ही रहे गा 11 बजे तक राह देखी पर वो आई ही नही तो मैं सो गया सुबह सुबह मैं डेली साढ़े 5 बजे मंदिर जाता था पिछले 1 महीने से मेरा नियम सा बन गया था वहाँ पे एक लड़की डेली मुझसे पानी का घड़ा उठवाती थी कुछ खास सुंदर नही थी बिल्कुल काली रंगत लिए हुए पर शरीर भरा भरा था मैं सोचता था अगर ये तैयार हो तो इसे ही चोद दूं



पर मेरी हिम्मत नही होती थी उस से बात करने की वो भी बस अपना मटका उठवाती थी इस से ज़्यादा कुछ नही होता था एक दिन मैने हिम्मत करके पूछ ही लिया कि तुम्हारा नाम क्या है तो वो बोली निशा और इठलाती हुई चली गयी कुछ दिन ऑर गुजर गये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा एक दिन की बात है उस दिन कोई इक्का दुक्का लोग ही थे मंदिर पे तो मैने उसे कहा कि निशा क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगी तो उसने कहा कि वो सोच के बताएगी वो बोली मैं शाम को भी पानी लेने आती हूँ आप शाम को मिलना तो मैने कहा ठीक है मैं आ जाउन्गा दिन इसी उधेड़बुन मे कटा शाम को मैं फिर गया



पूरे 1 घंटे इंतज़ार करने के बाद वो आई तो उसने कहा कि पहले तुम बताओ की मुझस दोस्ती क्यूँ करना चाहते तो मैं तो कोई सुंदर भी नही हूँ तो मैने कहा मैं कौन सा सलमान ख़ान हूँ वो बोली आजकल के लड़के बस लड़कियो से एक चीज़ के लिए ही दोस्ती करते है मुझे उसकी साफ़गोई बहुत पसंद आई मैने कहा देखो मेरे लिए दोस्त बस दोस्त होता है तो वो बोली सभी ऐसे ही कहते है शुरू मे तो मैने कहा आजमा के देख लो वो बोली क्या थोड़ा टाइम दे सकते हो मैने कहा इंतजार करूँगा तुम्हारे जवाब का

मैने बिम्ला काकी पे पूरा दबाव बनाया हुआ था कि किसी और चूत का जुगाड़ करवा दे एक दिन उन्होने कहा की एक औरत से बात की है उनसे उमर मे तो मुझे कोई साल दो साल छोटी है पर है पूरी पटाखा पर 500 रुपये माँगे है एक बार के तो मैने कहा कि तुम मिलवा दो तो उन्होने कहा कल दुपहरी मे बुलवा लूँगी उसको तुम भी आ जाना आमने सामने बात कर लेना मैने कहा ठीक है पिछले कई दिनो से चूत नही मारी थी तो लंड भी कुलबुला रहा था मैने शीला को पकड़ लिया और बोला आज रात को अगर तूने नही दी तो तेरा मेरा रिश्ता ख़तम तो वो बोली मैं कोशिश करूँगी मैने कहा पक्का ही आ जाना बहुत दिन हो गये तुम्हे प्यार किए हुए तो शीला बोली कल इनको अपने गाँव भेजूँगी मेरे लड़के को लाने के लिए अब उसे यही पे पढ़ाउंगी अगर ये चले गये तो दो दिन बस तुम्हारे लंड को ही अंदर लिए पड़ी रहूंगी




तो मैने कहा कुछ भी करके पप्पू को भेज ही दियो बोल्ली कोशिश तो कर ही रही हूँ खैर, वो रात भी ठंडी ही निकल गयी अगली सुबह ठीक 11 बजे मैं बिम्ला के घर पहुँच गया काकी बोली वो भी बस आती ही होगी कोई 20-25 मिनट बाद एक औरत आई मैं तो उसे देखते ही रह गया कोई 38-40 की उमर की होगी पर थी पूरी पटाखा वो तो काकी से भी जबर माल थी काकी बोली ये दयावंती है मेरी पुरानी सहेली है स्पेशल तेरे लिए बुलाया है तुझे ठीक लगे तो देख ले तो मैने कहा मुझे पसंद है फिर मैने उस से पूछा कि आपको कोई परेशानी तो नही है तो उसने कहा पैसा तो पूरा मिलेगा ना तो काकी बोली तू चिंता मत कर मैने पूरी बात कर ली है तो मैं काकी को साइड मे ले गया और पूछा करूँगा कहाँ तो वो बोली तू यही पे कर ले



वैसे भी तेरे काका तो है नही फिर कोई आएगा तो मैं संभाल लूँगी 2-3 घंटे तू मौज कर तो मैने उनको किस किया और थॅंक यू कहा
दयावंती पहले ही कमरे मे आ गयी थी मैने उसको बैठने को कहा और उसे रिलॅक्स होने को कहा अब मैं भी उसके पास बैठ गया और उसके कंधे पे अपना हाथ डाल दिया वो मेरी ओर देख रही थी मैने कहा कोई परेशानी है क्या तो वो बोली नही ऐसी कोई बात नही है पर तुम्हारी उमर तो मेरे बच्चो से भी कम है इसलिए थोड़ा अजीब सा लग रहा है तो मैने कहा एक बार जब सब हो जाएगा तो शरम खुल जाएगी और उसकी पीठ को सहलाने लगा वो बोली दवाजा तो बंद कर्लो तो मैने कुण्डी लगा दी मैने कहा अब शुरू करे तो उसने बस अपनी गर्दन हिला दी मैं तो उतावला हुए जा रहा था
 
उसे चोदने को मैने उसके चेहरे को अपने हाथो मे लिया और उसके थोड़े मोटे होंठो को अपने मुँह मे भर लिया उनको चूसने लगा थोड़ी देर तो वो बेमन से चुसवाती रही पर धीरे धीरे गरम होने लगी उसने अपने मुँह को थोड़ा सा खोल दिया तो मैने अपनी जीभ उसके मुँह मे सरका दी दयावंती ने मेरी जीभ को चुंसना शुरू कर दिया हम दोनो के होंठ एक दूसरे मे समा गये थे 5-7 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा फिर मैने अपने होंठो को उस क़ैद से हटाया और उसको बोला देखो अगर खुल के मज़ा लेना है तो शरम को मारो गोली मैने उसके सूट को निकला दिया सफेद ब्रा मे क़ैद उसके बड़े बड़े खरबूजो को वो ब्रा संभाल ही नही पा रही थी





तो मैने ब्रा को भी उतार दिया उसकी चूचिया ठोस नही थी बल्कि थोड़ी लटकी हुई थी मैने उन्हे अपन हाथो मे थाम लिया और उनको दबाने लगा उनके निप्पल पूरी तरह से काले थे और थोड़े बड़े भी थी वो चूचिया मेरे हाथो मे भी नही आरहि थी मैं उसके पीछे आके खड़ा हो गया और उसकी चूचियो को भींचने लगा दयावंती का शरीर गरम होने लगा 10-12 मिनट तक बस मैं ऐसे ही उसके बोबो का मज़ा लेता रहा वो भी कोई जल्दी नही दिखा रही थी मेरे लंड ने पेंट मे तंबू बना दिया था तो मैने अपनी पेंट और कच्छे को नीचे सरकते हुए लंड को आज़ाद कर दिया और उसकी गान्ड पे घिसने लगा वो भी मेरे लंड को अपनी गान्ड पे महसूस करने लगी




उसके बोबो मे तनाव आ चुका था उसकी सांसो के साथ उपर नीचे होते बोबो से सॉफ पता चल रहा था कि उसके शरीर को कामदेव का तीर घायल करने लगा है फिर मैने अपने हाथ को नीचे सरकाते हुए उसकी सलवार के नाडे पे लाया और उसको खोल दिया सलवार एक झटके से उसके पाँवो मे आ गिरी बस एक कच्छि ही बची थी ऑरेंज कलर की कच्छि बड़ी ही मुश्किल से उसके चुतडो को पूरा ढक पा रही थी मैं उसकी जाँघो पे अपना हाथ फिराने लगा बहुत ठोस टांगे थी उसकी जाँघो को सहलाते सहलाते मेरा हाथ उसकी कच्छि पी आ चुका था मैने कुछ देर उसकी कच्छि के उपर से ही चूत को सहलाया और फिर अपना हाथ उसकी कच्छि मे घूँसा दिया उसने अपनी आँखो को बंद कर लिया था योनि प्रदेश पे हाथ टच होते ही पता चल गया कि चूत पे एक भी बाल नही था मैने उसकी गर्दन पे चूमना शुरू कर दिया और अपने हाथ से चूत को रगडे जा रहा था



उसकी चूत का तापमान बढ़ते ही जा रहा था मैं पूरी तरह समझ गया था कि ये औरत अब लंबे समय तक मज़ा देगी मैं अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत की दरार पे घुमा रहा था पर बिल्कुल भी अंदर नही जाने दे रहा था उसकी टाँगो मे कंपन चालू हो गया था उसने अपने हाथ को थोड़ा पीछे किया और मेरे लंड को पकड़ लिया ये उसका संकेत था वो मेरे सुपाडे पे अपनी उंगलिया चलाने लगी मैं बस अपनी उंगली को रगडे जा रहा था उसकी सांसो की गर्मी बहुत हद तक बढ़ गयी थी मैने उसकी कच्छि को घुटनों पे सरका दिया और अब पूरी आज़ादी से चूत मे उंगली करने लगा 10 मिनट तक मैं ऐसा ही करते गया जब तक कि वो झाड़ ना गयी मेरी पूरी हथेली उसके चिपचिपे पानी से भर गयी थी मैने उसको चादर से सॉफ किया और उसको लिटा दिया
 
और लेटे लेटे ही उसके बोबो को पीने लग गया वो भी समझ चूँकि थी कि वो किसी नौसखिए खिलाड़ी से चुदवाने नही आई थी उसने मेरे लंड को अपनी चूत पे रगड़ने लगी मेरा सुपाडा उसके कामरस से गीला होने लगा मुझ से भी रुका नही जा रहा था तो मैने उसकी टाँगो को फैलाया और अपना लंड एक ही झटके मे उसकी प्यारी सी चूत में डाल दिया दयावंती बोली एक बार मे ही पूरा डाल दिया और अपने चुतडो को उचका दिया मैने अपने दाँत उसके मोटे मोटे गालो पे गढ़ा दिए और उसको चोदने लगा थोड़ी देर बाद मैने अपनी उंगलियो को उसकी उंगलियो मे उलझा लिया और उसके होंठो को पीते हुए उसकी चूत मारने लगा मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड को हिला हिला के दे रही थी



दयावंती वास्तव मे एक पटाखा ही निकली थी वो बस खामोशी से उस सेक्सी टाइम का मज़ा ले रही थी मेरा लंड उसकी चूत की बेहतरीन चुदाई किए जा रहा था अब मैने उसके निचले होंठ को अपने दाँतों मे दबा के चबाना शुरू कर दिया वो मेरा पूरा सहयोग कर रही थी उसका स्टॅमिना भी जबर दस्त था झाड़ ही नही रही थी तो मैने लंड को निकाला और उसको कोढ़ी कर दिया उसकी बेहद ही बड़ी और मोटी गान्ड मांसल टांगे और उनके बीच से झाँकती फूली हुई चूत बेहद ही दिलकश नज़ारा था मुझसे रुका ही नही गया तो मैने उसके चुतडो पे अपना मुँह लगा दिया और रस से भीगी पड़ी चूत को चाटने लगा उसका रस भी बड़ा ही मस्त था मज़ा ही आ गया उसकी चूत को चाटने मे उसके चूतड़ बुरी तरह से हिल रहे थे मैं उपर से नीचे तक उसकी चूत को चाटे जा रहा था




वो अपनी सिसकारियो को रोकने का प्रयत्न कर रही थी परंतु वो रोक नही पा रही थी उसकी हर कत मेरे जोश को दुगना कर रही थी कुछ देर ओर चाटने के बाद मैने अपने लंड को चूत पे रगड़ा और टोपी को अंदर सरका दिया अब मैने उसकी कमर मे हाथ डाला और उसको चोदने लगा पंद्रह बीस मिनट तक बहुत ही मज़े से उसकी चूत को मारा मैने इस बीच वो अपना पानी छोड़ चूँकि थी अब मैं भी मंज़िल को छूने वाला था तो मैने दो-चार धक्के पूरी ताक़त से लगाए और दयावंती को चूत को लबा लब भर दिया और उसे लिए लिए ही खाट पे पड़ गया काफ़ी देर तक मैं उसके पास ही लेटा रहा फिर मैने उस से पूछा कि मज़ा आया तो वो बोली तुम तो पूरे जवान हो तो मैने उसके चुतडो पे चपत लगा दी



हम दोनो नंगे पड़े थे वो बोली अब मैं जाउ तो मैने कहा कुछ देर ओर रुक जाओ वो बोली ठीक है तो मैने उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया और उस से बाते करने लगा कुछ देर बाद मैने उसके हाथ मे अपना लंड दे दिया वो उसे हिलाने लगी तो मैने कहा कि क्या तुम इसे अपने मुँह मे लोगि तो वो मेरी टाँगो पे झूँकि और मेरे लंड को चुँसने लगी मेच्यूर औरतो के साथ चुदाई करने का सबसे बड़ा फ़ायदा तो ये ही है कि उनको कुछ समझाना नही पड़ता और वो मज़ा भी पूरा देती है ज्यो ज्यो उसकी जीभ मेरी खाल से टकरा रही थी मेरे लंड फूलने लगा 5-6 मिनट मे ही वो एक बार फिर से तैयार हो चुका था मैने उसे लंड पे बैठने को कहा तो वो थोड़ा आगे आई और मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पे रगड़ने लगी दो चार मिनट रगड़ने के बाद उसने सुपाडे को अपनी चूत मे ले लिया



और धीरे धीरे मेरे लंड पे नीचे होने लगी अब पूरा लंड उसके पेट मे जा चुका था अब उसने मेरे लंड पे कूदना शुरू कर दिया मैने अपनी गर्दन को थोड़ा सा उपर की ओर किया और उसकी लटकती हुई चूची को अपने मुँह मे भर लिया और उसके निप्पल को चुँसने लगा दयावंती भी जोश मे आ गयी और अपनी गान्ड को तेज़ी से हिलाने लगी मैं बारी बारी उसके दोनो बोबो को पिए जा रहा था दूसरी ओर वो भी अपना जलवा बिखेरे जा रही थी मेरी गर्दन थोड़ी दुखने लगी थी तो मैने उसकी चूचियो को आज़ाद कर दिया और अपने दोनो हाथो से उसकी गान्ड को मसल्ने लगा वो पूरी ताक़त से मेर लंड पे उछले जा रही थी मुझे तो इतना मज़ा पहले कभी नही आया था मैं उसे बोला थोड़ा और ज़ोर लगाओ
 
मेरा बस छूटने ही वाला है तो वो पूरी ताक़त से गान्ड को हिलाने लगी मुझे कंट्रोल नही हुआ और एक बार फिर मेरे लंड से निकलती धार उसकी चूत मे गिरने लगी मेरा पूरा शरीर पसीने से नहा गया था जब वो लंड पे से उठी तो उसकी चूत से गाढ़ा पानी बाहर निकल आया उसने अपनी चूत को कपड़े से सॉफ किया और अपने वस्त्रो को पहन लिया मैने भी अपने कपड़े पहने और उसके हाथो मे 700 रुपये रख दिए मैने कहा ये मेरी तरफ से तो उसने वो अपनी ब्रा मे डाल लिए मैने कहा क्या दुबारा मिलोगि तो उसने कहा जब तुम्हारी इच्छा हो तो बिम्ला को बता देना मैं आ जाउन्गि तो मैने कहा नही उसकी अब कोई ज़रूरत नही है तो उसने अलमारी से पेन लिया और अख़बार के टुकड़े पे एक नंबर लिखा और मुझे देते हुए बोली ये मेरे पड़ोसियो का फोन है तुम इस्पे बात कर्लेना फिर मैं काकी के घर से निकला और अपनी राह पकड़ ली

कुछ दूर चलने के बाद मैं एक नीम के पैड के नीच बैठ गया और दयावंती के साथ बिताए पलो के बारे मे सोचने लगा मेरे अंदर दिन ब दिन बस सेक्स की भूख जागती ही जा रही थी मेरी अंतरआत्मा हर पल मुझे कहती रहती थी कि ये सब काम ग़लत है पर इस अंधे कुन्वे मे बहुत गहरा उतर चुका था हर औरत चाहे वो नाते मे मेरी कुछ भी लगती हो पर मुझे वो बस एक चूत और गान्ड ही लगती थी अपनी उमर से दुगनी औरतो के साथ सो चुका था मैं हर दिन एक नयी शुरुआत हो रही थी जहाँ देखो बस चूत और चूत ही थी पर फिर भी कुछ था जो मुझसे छूटा जा रहा था वो था मिता का साथ कई दिन हो गये थे पेपर ख़तम होने के बाद उस से मिला भी नही था ये मेरा दृढ़ निश्चय था कि अपना घर तो उसके साथ ही बसाउन्गा पर......................



ये कोई आसान बात भी नही थी काफ़ी देर वही बैठे बैठे सोच-विचार करता रहा पापा ने एनडीए एग्ज़ॅम के लिए कुछ नयी किताबें ला दी थी मैं एग्ज़ॅम की भी तैयारी कर रहा था कुछ दिन यू ही गुजर गये एक दिन मम्मी बोली तेरे मामा को फोन तो लगा वो आने को कह रहे थे तो मैने उनकी बात कर्वादी पता चला कि वो अगले दिन आएँगे मैं भी खुश था उनसे मिलने के लिए स्पेशली मामी से मैं आतुर था उनको एक बार और भोगने के लिए उनकी याद आते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मैं बाथ रूम मे चला गया मुट्ठी मारने के लिए शाम को मैं निशा से मिलने चला गया मोका मिलते ही उस से कहा कि तुमने आभी तक कोई जवाब नही दिया तो वो बोली दोस्ती तो मुझे कबूल है पर उसके आगे कुछ नही होगा मैने कहा जो तुम चाहो तो इस तरह से मेरे जीवन मे एक और कन्या का प्रवेश हो गया था





वो दिन भी यूँ ही गुजर गया अगले दिन मैं बहुत ही उत्साहित सा हो रहा था मामा-मामी जो आने वाले थे तो मैने पूरा दिन घर पे ही रहने का सोचा शाम तक वो लोग आ गये थे मामी को देख के मैं बहुत खुश हो गया था वो भी नज़रे बचा बचा के मुझे लाइन दे रही थी थोड़ा अकेलापन पाके मैने उनको अपनी बाहों मे भर लिया और बोला मामी आज रात को तुम्हे जी भर के चोदुन्गा तो वो बोली मरवाओगे क्या भरे पूरे घर मे मुमकिन ना हो पाएगा तो मैने कहा तुम मुझ पे सब छोड़ तो बस तुम मेरा इशारा पाते ही आ जाना मामी बोली कही मरवा मत देना मैने कहा टेन्षन मत लो मेरी जान और उनकी गान्ड को मसल दिया रात हो गयी थी भोजन भी कर चुके थे तो अब बारी थी सोने की मामा तो बैठक मे सोने वाले थे
 
मामी दादी के कमरे मे सोने वाली थी मैने भी बोल दिया था कि मैं आज अपने अंदर वाले कमरे मे ही सोउंगा कुछ देर बाद सब ने अपना अपना बिस्तर पकड़ लिया था कोई 11:30 के लगभग मैं दबे पाँव बाहर आया पूरा घर अंधेरे मे डूबा हुआ था मैं उनकी खाट के पास गया और उन्हे उठाया वो जागी तो पड़ी थी चुपचाप उठ के मेरे साथ आ गयी अब हम दोनो मेरे कमरे मे थे अब मेरा बिस्तर तो बाहर वाले कमरे मे था तो मैं ईक चटाई बिछा ली और मामी पे टूट बड़ा मामी भी उतावली हो रही थी वो बोली बस तुमहरे लिए ही ये रिस्क ले रही हूँ चलो जल्दी से चोद दो मुझे मैने कहा मेरी कॅटटो जल्दी क्या है और उनके बोबो को दबाने लगा मामी ने झट से मेरे कच्छे मे अपना हाथ डाल दिया है और मेरे लंड को पपोल्ने लगी




मैने बिना कोई देर किए मामी की सलवार कंमीज़ को उतार दिया और बस अब वो कच्छि-बॉडी मे ही थी मैने अब उनको अपने सामने किया और उनके रसीले होंठो को चूमना स्टार्ट कर दिया मेरे हाथ उनकी कच्छि के उपर से उनके गुदाज नरम चुतडो को दबाने लगे मैने कहा डार्लिंग गान्ड तो और भी मोटी कर ली है तो वो बोली तेरे मामा ने पिछले एक महीने सेमेरी रेल बनाई हुई है हर रात तगड़ी कब्बड़ी खेलते है तो मैने कहा चलो हम भी अपनी कब्बड़ी शुरू करते है और उनकी कच्छि को उतार दिया मामी ने खुद ही अपनी ब्रा को भी खोल दिया हम दोनो नंगे खड़े थे मैने अपने होंठ फिर से उनके होंठो पे टिका दिए एक जोरदार किस करने के बाद वो नीचे लेट गयी मैं उनकी जाँघो के बीच आया और उनकी मदमस्त चूत को अपने मुँह मे भर के खाने लगा



मामी का बदन धनुष की तरह हो गया मैने उनकी चूत की फांको को अलग किया और उनकी चूत की दरार को जीभ से चाटने लगा मामी की चूत का खारापन जब मेरी जीभ ने टेस्ट किया तो मुझे बहुत मज़ा आया मैने कहा आप तो और भी ज़्यादा करारी हो गयी हो तो मामी शरमाते हुए बोली चुंप कर बदमाश कुछ भी बोलता है मामी की गदराई चूत चिपचिपी होने लगी थी मामी ने अपने चुतडो को थोड़ा उठा लिया और पूरे मज़े से अपनी चूत को रस मुझे चखा ने लगी गुज़रते समय के साथ साथ मामी की चूत से और रस बहने लगा मामी ने मेरे सर को अपनी चूत पे दबा लिया और मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फिराने लगी मामी धीरे से बोली आज तुम्हे अपना रस पिला के ही उठने दूँगी मैं बस उनकी चूत को पिए जा रहा था




धीरे धीरे उनके हाथो का दबाव मेरे सर पे बढ़ने लगा उनकी पकड़ मजबूत होती जा रही थी फिर ऐसे ही उन्होने अपना झरना छोड़ दिया मेरा पूरा मुँह उनके चिपचिपे खारे पानी से भर गया जिसे मैने निगल लिया मैं दो मिनट रुका फिर अपने लंड की टोपे को उनकी चूत पे लगाया और उनमे समाता चला गया मामी की चूत मेरे लंड पे कस्ति चली गयी मामी ने अपने हाथ मेरे कुल्हो पे रख दिए और उनको सहलाते हुए मेरा जोश बढ़ाने लगी मैं उनकी चुदाई करते हुए उनके गालो को चूमने लगा मामी बोली मुझे धीरे धीरे चोदो मैं तुम्हे अपने अंदर बस फील करना चाहती हूँ मैने कहा जैसे आपकी मर्ज़ी और मैं बस अपनी कमर को हिलाने लगा मामी ने अपना मुँह मेरे मुँह से चिपका दिया और लगी ज़ोर आज़माइश करने को धीरे धीरे मैं अपने धक्को की गति को बढ़ाने लगा मैं उनके माथे, गालो, होंठो और गर्दन पे बेतहाशा किस किए जा रहा था उनका पूरा चेहरा मेरे थूक से सन गया था मामी ने भी अब अपनी गान्ड को उपर करलिया और चुदाई का पूरा आनंद उठा रही थी काफ़ी टाइम हो गया था पर हम दोनो मे से कोई भी हार मान ने को तैयार नही था तो मैने उनक उल्टी लिटा दिया और पीछे से उनपे लेट के चूत मारने लगा मेरे बोझ से वो दबने लगी थी मैने अपनी बाहों मे कस्के उनको दबा लिया और पूरी रफ़्तार से उनकी चूत का मर्दन करने लगा अगले दस मिनट तक हार्डकोर चुदाई चलती रही हमारे बदन पसीने से चिपचिपे हो रहे थे मैने उनके कान मे कहा कि मामी मैं झड़ने वाला हूँ तो वो काँपति आवाज़ मे बोली कि वो भी बस जाने ही वाली और तो मैने स्पीड और भी तेज कर दी




और फिर साथ साथ ही हम दोनो गिर पड़े चूत का रस और मेरे वीर्य का मिश्रण उनकी चूत की दीवारो पे रंग गया था मैने लंड को निकाला तो वो गीला था मैं उसको उनके चुतडो पे रगड़ने लगा मैं अभी अभी ही स्खलित हुआ था पर फिर भी मेरा लंड खड़ा ही था तो मैने मामी को घोड़ी बनाया और दुबारा से उनकी चूत मे लंड घुसा दिया मामी बोली थोड़ी देर रुक जाओ ना पर मैने अनसुना कर दिया औरउनके बोबो को दबाते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी मेरा लंड धड़ धड़ उनकी चूत मे अंदर बाहर हो रहा था और मेरे अंडकोष हर धक्के पे उनके नरम नरम चुतडो से टकरा रहे थे मामी लगातार चुदाई के लिए तैयार नही थी पर फिर भी चुद रही थी हर झटके के साथ उनकी चूत का गीलापन सूखने लगा तो उन्हे जलन सी होने लगी
 
उन्होने कहा लंड को निकालो तो मैने कहा क्या हुआ तो बोली चूत सुख गयी है तो मैने उनको लिटाया और उसे चाटने लगा मामी अपने बोबो को अपने हाथो से दबाने लगी और मैं उनकी चूत को चाटे जा रहा था कुछ ही देर मे वो फिर से उत्तेजित होने लगी 5-6 मिनट तक जबरदस्त चूत चुसाइ करने के बाद उनकी आँखो मे वासना के डोरे तैरने लगे थे तो वो खुद ही घोड़ी बन गयी मैने अपने लंड को थोड़ी देर उनके छेद पे रगड़ा और फिर घपप से अंदर डाल दिया और उनकी कमर को थामे हुए लगा उनको चोदने मैने अपने दाँत उनकी पीठ मे गढ़ा दिए और उनकी पीठ कंधो और गर्दन पे अपने निशान छोड़ने लगा मामी बहुत ही मुश्किल से अपनी मस्त आहो को रोक रही थी उनके पीछे की ओर हिलते चूतड़ मेरे लंड को दुगना जोश दिला रहे थे मामी ने आज की रात को पूरी तरह से रंगीन कर दिया था मैं सोच रहा था कि ये रात यही पे रुक जाए



इस रात की कभी सुबह हो ही ना मामी के दो-दो किलो के चुन्चे हवा मे झूल रहे थे मैं बेहद प्यार से उनको चोद रहा था मामी ने अपने बदन को मेरे हवाले कर दिया था मुझे अपना पति ही समझ लिया था उन्होने मेरे घुटनो मे दर्द होने लगा था पर मैं नही रुका मैं बस लगा ही रहा जब तक कि मेरे लंड का दम ना निकल गया वीर्य की पिचकारिया दना दन मामी की चूत मे फिर रही थी उनकी चूत पूरे वीर्य को पी गयी

मैं चटाई पे पसर गया मामी मेरे सीने पे अपना सर रख के लेट गयी और अपनी सांसो को दुरुस्त करने लगी फिर मामी बोली अच्छा अब मैं सोने जातीहूँ तो मैने कहा मत जाओ ना यही पे सो जाओ तो वो बोली तू समझा कर फिर और भी मौके आएँगे जब तू घर आएगा तो तेरे साथ ही तो सोया करूँगी उन्होने अपने कपड़े पहने और चुपके से बिस्तर मे घुस गयी मैने भी अपनी आँखो को मूंद लिया पूरी रात उनके ही सपने आते रहे सुबह जब मैं उठा तो तो मेरी नज़र अपने लंड पे गयी पूरे लंड पे मामी की चूत के रस की पपड़ी सी जमी थी रात को मैं नंगा ही सो गया था जल्दी से कपड़े पहने और बाथ रूम मे घूंस गया नहा-धोके आया फिर नाश्ता किया तो पता चला कि मामा आज ही वापिस जाएँगे उनकी पोस्टिंग नासिक हो गयी थी




और मामी भी कुछ महीनोके लिए उनके साथ ही जा रही थी तो मैने उनसे कहा कि मामी आप तो नासिक चले जाओगे फिर छुट्टियो के प्लान की तो बॅंड ही बज जाएगी तो मामी बोली तेरे मामा अब सूबेदार हो गये है और उनको कैसे मना करूँगी फिर तू कौशल्या के साथ अड्जस्ट कर लियो अब जाने वाले को कौन रोक सकता था दोपहर तक वो लोग वापिस चले गये मुझे याद आया कि मिता ने मुझे अपने घर का फोन नंबर दिया था तो मैने फोन किया लक से उसकी बहन ने फोन उठाया मैने उसे बताया तो वो बोली बात तो मैं करवा दूँगी पर थोड़ी सी देर में हो पाएगी फिर मिता लाइन पे आई उसने कहा कि आयेज से फोन करो तो दोपहर को करना तब घर मे कोई नही होता है फिर दो-चार मिनट उस से बात मैने पूछा कि क्या हम मिल पाएँगे तो उसने मना कर दिया



बोली अभी तो पासिबल नही हो पाएगा पर अगर कुछ होता है तो वो मुझे सूचना दे देगी फिर मैने फोन काट दिया कभी कभी प्रीतम की याद आ जाया करती थी जितना मैं बाहर से शांत दिखता था अंदर से उतनी ही उथल पुथल छाती रहती थी शाम को हर रोज ही दस पंद्रह मिनट निशा से बातचीत कर ही लिया था उसके साथ भी एक अलग सी बोंडिंग हुए जा रही थी बहुत ही सुलझी हुई सी लड़की थी वो हर टॉपिक पे कुछ ना कुछ होता था उसके पास पता चला वो बी.एससी 2न्ड एअर मे पढ़ा करती थी मैं सुबह शाम मंदिर जाता तो भगवान के साथ साथ उसके भी दर्शन कर लिया करता था कुछ ही दिनो मे ऐसे लगने लगा जैसे वो कई बरसो से मेरी पहचान मे है दिन ऐसे ही गुज़रते जा रहे थे मई आधी जा चुकी थी तो मैने सोचा.............................


कुछ दिन कौशल्या मामी के साथ बिता लूँ जून मे तो स्कूल की छुट्टियां पड़ जाएँगी तो मामा आ जाएँगे उस से पहले ही मोर्चा मार देता हूँ तो मैने घर वालो को कहा कि मैं कल मामा के जा रहा हूँ सुबह सुबह ही मैं निकल गया पहले मैं नाना नानी से मिला कुछ देर बैठा उनके पास फिर कौशल्या मामी के घर चल पड़ा मामी मुझे देखते ही खुश हो गयी बोली अब जाके मेरी याद आई है तुमको तो मैने कहा कि पूरा प्लान बना के आया हूँ जून मे तो मामा आजाएँगे तो इस लिए अभी आ गया अब दस पंद्रह दिन बस तुम और मैं फुल मस्ती मारेंगे मामी भी मुस्कुरा पड़ी मैने मेन गेट को बंद कर दिया और उनसे लिपट गया




तो वो बोली रात का इंतज़ार करो वैशे भी शाम तो ढल ही गयी है मैं फटा फट खाना बना लेती हूँ तेरी बड़ी मामी यहाँ नही है तो तू टिफिन ले जाना और माँ-बाबा को दे आईओ और वो कोई काम बताएँ तो मुझे कहियो मैने कपड़े चेंज किए मामी रसोई मे बिजी हो गयी मैं टाइम पास करने को नॉवेल पढ़ने लगा पर मन नही लगा तो मैं भी रसोई मे चला गया मामी सब्ज़ी काट रही थी मैने उनके घाघरे के नाडे को खोल दिया फूलो के डिज़ाइन वाली पेंटी उनकी गान्ड की दरार मे फसि पड़ी थी मामी बोली तुमसे तो ज़रा सा भी सब्र नही होता है तो मैने कहा क्या करूँ आप इतनी अच्छी जो लगती हो तो वो बोली ज़्यादा मस्का मत लगा मैं उनके पीछे खड़ा हो गया और उनके चुतडो को कच्छि के उपर से ही मसल्ने लगा मामी बोली मत कर ना काम करने दे मुझको




तो मैने कहा मैं भी तो काम ही कर रहा हूँ ना उनको भी पता था कि मैं मान ने वाला तो हूँ नही तो उन्होने भी खुद को मेरे हवाले करता रहा मैने आहिस्ता से उनकी कच्छि को नीचे सरका दिया और उनकी चूत मे उंगली डाल दी मामी कसमसाने लगी वो बार बार मुझे मना कर रही थी कुछ देर बाद मैने अपनी उंगली को चूत से बाहर निकाला और उसे मुँह मे लेके चुँसने लगा मैं बोला मामी आपकी इस गुड़िया का रस तो और भी स्वादिष्ट हो गया है तो वो बोली जो भी है अब तो तेरे लिए ही है आज रात तुझ जी भर के पिलाउन्गि पर अभी तू मुझे खाना बनाने दे तो मैने उनको छोड़ दिया और घर से बाहर आके बैठ गया शाम की बहती हुई ठंडी हवा मे मेरा रोम रोम पुलकित हो रहा था डूबते हुए सूरज का बेहद दिलकश नज़ारा ले रहा था
 
फिर कोई एक घंटे बाद मैने खाने का टिफिन लिया और बड़ी मामी के घर पे चल पड़ा नाना- नानी को खाना खिलाया तो नानी बोली बेटा दुकान से कुछ मोमबति के पॅकेट ले आ जब मैं दुकान पे जा रहा था तो मुझे रास्ते मे सरोज मिल गयी वो मुझे देखते ही बहुत खुश हो गयी और पूछा तुम कब आए तो मैने कहा आज ही आया हूँ वो बोली कुछ दिन रुकोगे तो मैने कहा कि मैं तो स्पेशली आपसे ही मिलने आया हूँ अब आप देखलो तो वो बोली कल आ जाना दोपहर मे फिर मैं आगे बढ़ गया कौशल्या मामी तक पहुँचते पहुँचते साढ़े 8 हो गये थे जाते ही मामी ने खाना परोस दिया घी मे पूरी तरह से डूबी हुई रोटियो को देख के मैं बोलो ये सब किसलिए तो वो बोली खा ले बेटा आज तुम्हे मेहनत भी बहुत करनी है ओरमेरी तरफ आँख मार दी इसी तरह दस बज गये गर्मी भी कुछ ज़्यादा ही पड़ रही थी मैने सोचा नहा ही लूँ तो मैने मामी का हाथ पकड़ा और उन्हे लेके बाथ रूम मे घूंस गया मैने शवर चला दिया तो मामी बोली कपड़े तो उतार दो भीग जाएँगे मैने कहा भीगने दो और उनको अपने साथ चिपका लिया अब हम दोनो भीगने लगा मैने मामी के जुड़े को खोल के उनकी ज़ुल्फो को आज़ाद कर दिया मामी मेरी आँखो मे आँखे डाले देख रही थी उनके पतले पतले होंटो से बहती पानी की बूंदे मेरी उत्तेजना को बढ़ाने लगी मैने उनकी चोली और घाघरे को उतार दिया अब वो बस ब्रा-पेंटी मे थी कुछ ही पॅलो मे वो भी फर्श पे पड़े हुए थी मामी का योवन मेरे सामने पड़ा था जो बस ये ही कह रहा था कि जितना लूट सके लूट ले मैने अपने कपड़ो को भी उतार दिया




कौशाल्या की कमर मे हाथ डाला और उसे अपनी ऑर खेंच के उसके होंठो को अपने से चिपका लिया और किस करने लगा उसके मुलायम होंठो की महक मेरी सांसो मे जैसे घुलने सी लगी थी मामी ने अपना हाथ आगे बढ़ा या और मेरे लंड पे रख दिया और उसी अपनी मुट्ठी मे भींचने लगी वासना हमारे शरीरो को काबू मे करने लगी थी मैं अब उनकी गरदन को चूमने लगा मेरे हर एक किस के साथ साथ उनकी मदहोशी बढ़ने लगी थी मैं उनके बोबो तक आ गया था मैं उनकी चूची को पीने लगा मामी के निपल कड़े होने लगे उनकी छातिया मस्ती से फूलने लगी ठंडे पानी की बोछार मे भी उनके शरीर की तपन मैं सॉफ सॉफ महसूस कर पा रहा था चूचियो का आज़ाद किया और मैं उनके पेट पे आ गया मैं उनके पूरे शरीर को चूमते चूमते अपनी मंज़िल की ओर आ रहा था



मैने अपने हाथो की पकड़ उनके चुतडो पे बनाई और अपना मुँह उनकी रसीली चूत से सटा दिया मामी ने अपनी टाँगो को खोल सा दिया था ताकि मुझे कोई परेशानी ना हो मैं उनकी चूत की दरार को अपने दांतो से खाने लगा मामी औचह आऊछ!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! करने लगी वो बोली थोड़ा आहिस्ता से काटो ना कही निशान ना लग जाए घाव ना हो जाए मैने अपनी उंगलियो की सहायता से चूत को थोड़ा सा फैलाया और अपनी जीभ से उनके मात्र के साइज़ जैसे दाने को चुँसने लगा मामी का पूरा बदन एक दम से कांप सा गया आख़िर हर औरत का सबसे सेन्सिटिव पार्ट तो ये ही होता है मामी ने अपने हाथो को मेरे सर पे कस लिया और अपनी चूत को चटवाने लगी मामी बोली कई दिनो से प्यासी पड़ी हूँ आज मुझे निचोड़ डाल



आज मेरी चूत की सारी खुंजलि को मिटा दे बस खा जा इसे टुकड़ी टुकड़े कर डाल इस निगोडी को ये बहुत तडपाती है मुझ को आज इसकी सारी हेकड़ी को निकाल दे मैं बस उनकी बातों को सुनते हुए उनकी चूत के दाने को चुँसे जा रहा था पर मैं उन्हे इस तरह से नही झड़ाना चाहता था तो 5-6 मिनट और चुँसने के बाद मैने अपना मुँह वहाँ से हटा लिया और मामी को अपने घुटनों पे झुकाते हुए लंड को चूत मे प्रविष्ट करवा दिया और उनकी पतली कमर को थामते हुए उन्हे रगड़ने लगा मामी भी मज़े लेने लगी थी एक तो चुदाई का गरम माहौल और एक उपर से गिरता ठंडा पानी कुल मिला कर माहौल बना पड़ा था मामी की गदराई जवानी को मैं पूरी तरह से लूट रहा था मेरे मारे गये हर धक्के की चोट को बड़े ही कामुकता के साथ झेल रही थी मामी ने अपने सर को थोडा और झुका लिया जिस से उनके चूतड़ और उपर हो गये मैं और आसानी से लंड को अंदर बाहर करने लगा आधे घंटे तक जबरदस्त संग्राम मचाने के बाद मैने उनकी चूत को अपने पानी से भर दिया और परम सुख का अनुभव करने लगा पूरी रात उनकी 4 बार रगड़ के चुदाई की
 

अगले दिन जब मैं सोकर उठा तो 11 बज रहे थे धूप चढ़ चुकी थी पूरी तरह से आसमान पर मामी ने मुझे देख के बोला आज तो बहुत देर तक सोए हो तो मैने कहा रात को तो आपने सोने ही नही दिया फिर मैं बाहर आया और होदि पे ही नहाने लगा तैयार होके मैं सरोज के घर की तरफ चल पड़ा पर वो ना मिली शायद कहीं गयी हुई थी मैं निराश हो गया और वापिस चल पड़ा पर मेरा मूड नही बन रहा था तो मैं ऐसे ही टाइम पास करने के लिए घूमते घूमते घर से थोड़ा बाहर की तरफ आ गया चारो तरफ दोपहर का सन्नाटा पसरा हुआ था लू चल रही थी साय साय करते हुए मेरी टी-शर्ट पसीने से भीग चूँकि थी मुझे प्यास सी भी लग रही थी गला सूखे जा रहा था थोड़ी और आगे चलने पर मुझे एक बगीचा सा दिखाई दिया



वहाँ पे एक छोटी सी प्याऊ भी बनी हुई थी मैने अपनी प्यास बुझाई और एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गया आस पास काफ़ी घने पेड़ पौधे थे उपर से गर्मी की वजह से थोड़ी उमस भी हो रही थी मुझे वो स्थान भा गया तो मैं थोड़ा और अंदर की तरफ चल पड़ा पक्षी कुक रहे थे मैं अंदर और अंदर चल ता गया तो मैने देखा कि कुछ बकरिया और गधे चर रहे थे तो मैने सोचा कि अगर पशु है तो कोई इंसान भी होगा सोचते सोचते मैं और आगे चल पड़ा अब पेड़ पौधे और भी घने हो गये थे तभी मुझे एक पेड़ के साइड से कुछ दिखा मैने सोचा क्या पता कोई छुपा हो चेक करके देखना चाहिए तो मैने अपनी चप्पलो को हाथो मे लिया और उस साइड मे बढ़ने लगा थोड़ी साइड से मैने देखा कि एक लड़की है


सलवार घुटनो तक सरकाए हो चूत मे उंगली के मज़े लिए जा रही थी मेरे अंदर के शैतान ने अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी मैने गौर से देखा कि वो अपनी आँखो को बंद किए धीरे धीरे कुछ बुदबुदाते हुए उंगली करती जा रही थी मैने सोचा मौका ठीक है चौका मार देता हूँ मैं झट से उसके पास जाके खड़ा हो गया और उसको डाँट ते हुए पूछने लगा कि वो ये क्या कर रही है वो एक दम से घबरा गयी उसने जल्दबाज़ी मे अपनी सलवार उपर करनी चाही पर वो उसके हाथो से छूट गयी और उसके घुटनो से होते हुए उसके पैरो के पास गिर गयी वो थर थर काँपने लगी उसके माथे पे पसीना छलक उठा उसकी सिट्टी पिटी गुम हो गयी थी उसने अपनी नज़रो को झुका लिया और गर्देन नीचे करके खड़ी हो गयी

मैने बिना लग लप्पेट के उसे कहा कि देखो जो तुम कर रही थी वो तो नॉर्मल है सब लोग करते है तुम मुझसे घबराओ मत और अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हे कई गुना ज़्यादा मज़ा करवा सकता हूँ जो तुम्हे अपनी उंगली से मिल रहा था वो कुछ बोलती उस से पहले ही मैने अपने लंड को बाहर निकाल लिया जो कि पूरी तरह से तन चुका था लंड को देखते ही उसकी आँखे चौड़ी हो गयी वो चमकने लगी मैने कहा अगर तुम चाहो तो हम दोनो एक दूसरे के अरमानो को पूरा कर सकते है कुछ देर तक वो खामोश खड़ी रही मैं उसके जवाब का इंतज़ार करने लगा फिर वोधीमे से बोली कि पर उसने कभी किसी के साथ किया नही है बस सहेलियो से चुदाई की बाते ही सुनी है और वो तो बस ऐसे ही कभी कभी अपनी चूत मे उंगली कर लेती है मैं बोला चल आज तू भी लंड का मज़ा ले ही ले और उसको अपनी तरफ खींच लिया




वो बोली पर कुछ होगा तो नही मैं बोला कुछ नही होगा तू बस हिम्मत राखियो मैने कहा क्या तुम तैयार हो तो वो बोली सुना है पहली बार मे बहुत ज़्यादा दर्द होता है मैं बोला सुना तो मैने भी है वो बोली कही मैं मर गयी तो ?
 
मैने कहा आज तक कोई चुदके मरी है क्या जो तुम मरोगी देनी है तो दे वरना भाड़ मे जा आज नही तो कल किसी ना किसी से पहली बार तो चुदेगि ही तो मुझसे ही करवा ले और अगर नही देगी तो तेरे पीछे पीछे तेरे घर चलूँगा और तेरे माँ-बाप को बताउन्गा तेरी करतूतो के बारे मे ये सुनके वो घबरा गयी और बोली ठीक है तुम कर्लो पर मज़ा तो आएगा ना मैने कहा तू खुद ही बता दियो तुझे मज़ा आया कि नही वो लड़की देखने मे तो कुछ भी नही थी पर मुझे क्या करना था



चूत तो चूत ही होती है और फिर किसी ज्ञानी पुरुष ने कहा भी है कि साँप और चूत जहाँ भी मिले चुको मत मार दो तो मैने अपनी पेंट को उतार दिया और साइड मे रख दिया नीचे से वो भी नंगी ही थी मैने उसे पेड़ से सटाया और उसके अनछुए होंटो को चूमने लगा उसको अपने होंटो पर पर पुरुष का स्पर्श कुछ अच्छा नही लग रहा था पर थोड़ी देर मे जब काम ने उसके बदन मे संचार करना शुरू किया तो वो भी मेरा साथ देने लगी मैं बिना रुके उसके होंठो को पिए जा रहा था मैने अपनी हथेली उसकी चूत पे रख दिया और उसको मसल्ने लगा उसकी चूत तो बहुत ही ज़्यादा गरम हो रही थी उसकी चूत की साइड से पसीना बह रहा था मैं अपनी उंगली को उसकी चूत के दाने और उसकी लाइन पे फिराने लगा उसके बदन मे कंपकंपी होने लगी


मेरे लंड का भी बुरा हाल हो रहा था तो देर करना उचित नही था मैने उसे वही पे पत्तो पे लिटा दिया और उसकी टाँगो को चौड़ा कर दिया मैने अपने मुँह को नीचे किया और ढेर सारा थूक उसकी चूत पे लगा दिया थोड़ा अपने लंड की टोपी पे भी लगाया और लंड को चूत पे सेट कर दिया पहली बार मे लंड फिसल गया कई ट्राइ की पर लंड घूंस ही नही रहा था तो मैने सुपाडे को कस के छेद पे रखा और अपना पूरा ज़ोर लगाते हुए धक्का मारा अबकी बार सुपाडा अंदर घूंस गया जैसे ही सुपाडा अंदर घूँसा उसकी आँखो की आगे तारे नाच उठे सांस गले मे ही अटक गयी उसने अपनी जीभ को दाँतों मे दिया आँखो से आँसुओ की धारा बह निकली वो रोते हुए बोली



रीईईईईईईईईईईई माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआअ
आआआआआआआआआआआअ मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर
र्र्र्र्र्र्र्र्रर्डिईईईईईईईईईईईईईय्ाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआरीईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईई बाआआआआआआहर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर
र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर न्न्र्रननननननननननन्न्निईीईईईईईईईईईईईईईईईईईईिककककककककककककककाअ
आआआआआआआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल लीईईईईईईईईईईईईईईईईई अभी निकाल तू मुझे नही लेना मज्जाआाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ पर मुझे पता था कि एक बार अगर अगर लंड को बाहर निकाल लिया तो फिर ये हाथ नही आए गी वो किसी हलाल होती हुई मुर्गी की तरह हो रही थी तो मैने अपना हाथ उसके मुँह पे रख दिया ताकि वो चीख ना मार सके और एक और धक्का लगाते हुए पूरे लंड को उसकी चूत की गहराइयो मे उतार दिया
 
मैने उसे कस्के दबोच लिया था मैने अपने हाथ की पकड़ उसके मुँह पे कस दी तो बुरी तरह से फड़फड़ाने की कोशिश कर रही थी पर मेरी बाँहो के चंगुल से निकल नही पाई 5-7 मिनट तक मैं ऐसे ही उसके उपर लड़ा रहा वो भी कुछ शांत हुई तो मैने अपना हाथ उसके मुँह से हटाया उसकी सांसो की गति बहुत ही तेज हो गयी थी मैने पूछा ठीक हो तो वो बोली बहुत दर्द हो रहा है मैं बोला बस अभी दूर हो जाएगा थोड़ी हिम्मत करो मैने उसके होंठो को फिर से चुंसना शुरू किया और धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाने लगा बस धीरे धीरे ही समय बीतने के साथ वो कुछ नॉर्मल तो हो रही थी पर उसको दर्द तो हो ही रहा था उसकी चूत तो हद से ज़्यादा टाइट थी ऐसा एहसास तो मुझे आज तक कभी नही हुई था लग रहा था कि जैसे लंड किसी बोतल मे फस गया हो



चूत ने उसे पूरी तरह से लॉक कर लिया था मैने लंड को एक दम किनारे तक खेंचा और दुबारा अंदर डाल दिया उसने अपनी टाँगो को सीधा कर दिया काफ़ी देर हो चुकी थी तो मैने अब धक्को की रफ़्तार को बढ़ा दिया उसके होंठ मेरे मुँह मे थे तो उसकी हर सिसकी मेरे मुँह मे ही घुल गयी थी मैं धक्के मारे जा रहा था उसके चूतड़ भी अब हिलने लगे थे मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मेरे लंड पे पिघला हुआ लावा उडेल दिया गया हो फिर उसने अपने होंठ हटाए और लंबी लंबी साँसे लेने लगी मैं पूछा अब ठीक हो तो उसने इशारा किया तो मैं भी आस्वश्त हुआ उसके हाथ मेरी पीठ पे रेंगने लगे उसके नाख़ून मेरी पीठ मे धँस गये वो बहुत ही ज़ोर से अपने नखुनो को गढ़ाए जा रही थी पूरी तरह से वो भी अब जवानी के मज़े मे बहने लगी थी



मैं अपनी गति को निरंतर बढ़ाए जा रहा था मैं उसकी थोड्डी को अपने दाँतों से खाए जा रहा था कुछ भी होश नही था मुझे तो मैं उसमे पूरी तरह से खो चुका था तभी उसने अपनी टाँगो को मेरी कमर मे फसा लिया और बेसूध होकर पड़ गयी उसने अपने चरम को पा लिया था मैं भी बस थोड़ी ही दूर था तो मैने अपने लंड को बाहर निकाला और उसके पेट पे अपना वीर्य छोड़ दिया जब खुमारी उतरी तो मैने देखा मेरा लंड पूरी तरह से खून मे सना पड़ा था और उसमे बहुत ही जलन हो रही थी मैने किसी तरह से पेंट पहनी फिर उसको उठाया उसका भी हाल ज़्यादा बेहतर नही था उस से चला ही नही जा रहा था बड़ी ही मुश्किल से वो उठी कोई आधे घंटे बाद उसकी हालत थोड़ी सुधरी वो बोली ऐसी तैसी मे जाए ऐसा मज़ा आज के बाद सौगंध है मैं ना चुदु किसी से मेरी तो फट ही गयी





आज मैने कहा अगर तुम नॉर्मल ना हो पाओ तो घर पे कह देना कि तुम पैड से गिर गयी और टाँगो मे चोट लगी है वो बोली कुछ ना कुछ तो कहना ही पड़ेगा मेरे लंड मे बहुत ही तेज जलन हो रही थी थोड़ी देर बाद वो लन्गडाते लन्गडाते अपनी बकरियो के पास चली गयी मैं भी अपनी राह पे हो लिया प्याऊ के पास आके मैने डिब्बे मे पानी भरा और एक साइड मे जाके अपने लंड को धोया तो पता चला कि अंदर से वो बुरी तरह से छिल गया है जिस वजह से बहुत ही जलन हो रही थी अब ये नई मुसीबत हो गयी थी किसी तरह से घिसट घिसट के घर आया तो मामी बोली कहाँ गये थे तुम तो मैने बहाना बना दिया पर जलन बढ़ती ही जा रही थी तो मैने मामी कोसब बता दिया मामी बोली तुम तो बहुत ही शातिर हो गये हो जब घर मे मिल रही है तो वहाँ करने की क्या ज़रूरत थी मैं चुंप ही रहा फिर उन्होने कोई ट्यूब लंड पे लगाई मामी बड़बड़ाये जा रही थी कि मेरे रात के प्लान का बंटाधार कर दिया ये है वो है दवाई लगाने के बाद कुछ चैन मिला
 
Back
Top