hotaks444
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जल्दी जल्दी वाली चुदाई
मैने प्रीतम की पेंटी को उठा लिया और अपनी जेब मे रख लिया फिर उसने हंसते हुवे सलवार पहनी और थोड़ा खुद को सही किया और वापिस चल पड़े तभी मुझे याद आया और मैने पायल निकाली और प्रीतम के पाओ मे पहना दी वो बोली ये क्यू तो मैने कहा बस ऐसे ही और फिर हम अलग अलग रास्तों से घर की ओर चल पड़े
जब मैं घर पे पहुचा तो अंधेरा होना शुरू हो गया था दादी ने कस के मुझे डाँट पिलाई और पूछा कि मैं कहाँ गया था तो मैने झूठ बोल दिया कि ऐसे ही क्रिकेट खेलने के लिए गया था.
तभी मम्मी ने बताया कि रवि और अनिता आए हुए है ये सुनके मैं बहुत खुश हुआ मुझे भाभी को मिले 2 महीने के लगभग हो गये थे ये तो सूकर है कि प्रीतम से टांका भिड़ गया था वरना पता नही मेरा क्या होता
मैं उनके घर की और दौड़ पड़ा और उनसे मिला हम सब बैठ के बाते कर रहे थे पर मेरी नज़रे तो बस अनिता भाभी की ओर ही थी भाभी भी ये समझ रही थी और मेरे मज़े ले रही थी
तभी भाभी चाइ बना ने के बहाने रसोई मे चली गयी थोड़ी देर बाद उन्होने मुझे आवाज़ लगाते हुवे कहा कि सब के लिए चाइ ले जाओ मैं सीधा रसोई मे गया और उनको दीवार से लगाते हुए चूम लिया
भाभी बोली अभी नही तुम्हारे भाई आ जाएँगे मैं सुबह 5 बजे बड़े मे पशुओ को चारा डालने आउन्गि तुम वही मिलना ये सुनके मैं बहुत ही खुश हुआ और चाइ की ट्रे लेके बाहर आ गया
थोड़ी देर इधर उधर की करने के बाद मैं घर आ गया और घड़ी मे 4.30 का अलार्म लगाया और लेट गया पर आँखो मे नींद भी नही आ रही थी बार बार मैं अनिता भाभी को चोदने का सोच के रोमांचित हो रहा था
रात भी कुछ ज़्यादा ही लंबी हो गयी थी कट ही नही रही थी और नींद भी नही आ रही थी खैर जैसे तैसे रात कट ही गयी मैं चुप चाप उठा और घर मे देखने लगा कि क्यों कि मम्मी और ताइजी अक्सर अर्ली मॉर्निंग ही उठ जाती थी
क्यों कि खेतो और पशुओ का बहुत काम होता था घर का काम तो चाची संभाल लेती थी और वे दोनो बाहर का अड्जस्ट कर लेती थी मैं बाडे मे ठीक 5 बजे पहुच गया था
तो भाभी वही पे थी जैसे ही उन्होने मुझे देखा वो दौड़ ते हुए मेरे सीने से आ लगी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी मैने भी पूरा साथ देते हुवे उनके रसभरे अधरो को चूसना शुरू किया
उफफफफफफफफफ्फ़ क्या बताऊ उनके सुर्ख होंठ शहद से भी मीठे थे वो भी ऐसे शो कर रही थी जैसे जन्मो की प्यासी हो मैने अपना हाथ उनके घाघरे मे डाला और उनकी गरमा गरम चूत पे रख दिया भाभी ने पेंटी नही पहनी थी वो पूरी तैयारी कर के आई थी मैने चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया
मैने प्रीतम की पेंटी को उठा लिया और अपनी जेब मे रख लिया फिर उसने हंसते हुवे सलवार पहनी और थोड़ा खुद को सही किया और वापिस चल पड़े तभी मुझे याद आया और मैने पायल निकाली और प्रीतम के पाओ मे पहना दी वो बोली ये क्यू तो मैने कहा बस ऐसे ही और फिर हम अलग अलग रास्तों से घर की ओर चल पड़े
जब मैं घर पे पहुचा तो अंधेरा होना शुरू हो गया था दादी ने कस के मुझे डाँट पिलाई और पूछा कि मैं कहाँ गया था तो मैने झूठ बोल दिया कि ऐसे ही क्रिकेट खेलने के लिए गया था.
तभी मम्मी ने बताया कि रवि और अनिता आए हुए है ये सुनके मैं बहुत खुश हुआ मुझे भाभी को मिले 2 महीने के लगभग हो गये थे ये तो सूकर है कि प्रीतम से टांका भिड़ गया था वरना पता नही मेरा क्या होता
मैं उनके घर की और दौड़ पड़ा और उनसे मिला हम सब बैठ के बाते कर रहे थे पर मेरी नज़रे तो बस अनिता भाभी की ओर ही थी भाभी भी ये समझ रही थी और मेरे मज़े ले रही थी
तभी भाभी चाइ बना ने के बहाने रसोई मे चली गयी थोड़ी देर बाद उन्होने मुझे आवाज़ लगाते हुवे कहा कि सब के लिए चाइ ले जाओ मैं सीधा रसोई मे गया और उनको दीवार से लगाते हुए चूम लिया
भाभी बोली अभी नही तुम्हारे भाई आ जाएँगे मैं सुबह 5 बजे बड़े मे पशुओ को चारा डालने आउन्गि तुम वही मिलना ये सुनके मैं बहुत ही खुश हुआ और चाइ की ट्रे लेके बाहर आ गया
थोड़ी देर इधर उधर की करने के बाद मैं घर आ गया और घड़ी मे 4.30 का अलार्म लगाया और लेट गया पर आँखो मे नींद भी नही आ रही थी बार बार मैं अनिता भाभी को चोदने का सोच के रोमांचित हो रहा था
रात भी कुछ ज़्यादा ही लंबी हो गयी थी कट ही नही रही थी और नींद भी नही आ रही थी खैर जैसे तैसे रात कट ही गयी मैं चुप चाप उठा और घर मे देखने लगा कि क्यों कि मम्मी और ताइजी अक्सर अर्ली मॉर्निंग ही उठ जाती थी
क्यों कि खेतो और पशुओ का बहुत काम होता था घर का काम तो चाची संभाल लेती थी और वे दोनो बाहर का अड्जस्ट कर लेती थी मैं बाडे मे ठीक 5 बजे पहुच गया था
तो भाभी वही पे थी जैसे ही उन्होने मुझे देखा वो दौड़ ते हुए मेरे सीने से आ लगी और मुझसे लिपट गयी और मुझे चूमने लगी मैने भी पूरा साथ देते हुवे उनके रसभरे अधरो को चूसना शुरू किया
उफफफफफफफफफ्फ़ क्या बताऊ उनके सुर्ख होंठ शहद से भी मीठे थे वो भी ऐसे शो कर रही थी जैसे जन्मो की प्यासी हो मैने अपना हाथ उनके घाघरे मे डाला और उनकी गरमा गरम चूत पे रख दिया भाभी ने पेंटी नही पहनी थी वो पूरी तैयारी कर के आई थी मैने चूत के दाने को सहलाना शुरू कर दिया