hotaks444
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कुछ देर और घूमने के बाद मैं वापिस चल पड़ा पेट मे चूहे भी उछल कूद मचाने लगे थे घर आया तो मामी नहा रही थी उन्होने अंदर से ही आवाज़ देते हुवे कहा कि रसोई से खाना ले लू तो मैने कहा कि आप नहा लो फिर साथसाथ ही खाएँगे तभी मुझे आइडिया आया मैं फॉरन नंगा हुआ और बाथरूम की ओर चल दिया दरवाजे को धकेला तो पता चला कि मामी ने अंदर से कुण्डी लगाई हुवी हैं तो मैने कहा कि मामी ज़रा कुण्डी तो खोलो उन्होने बिना वक़्त गवाए दरवाजा खोल दिया मैं तो दंग रह गया उन्हे देख के पूर्ण रूप से नंगी औरत वो भी भीगे हुवे उनके खुले बाल उनके चुतडो को छू रहे थे उन्हे इस तरह देखके मेरा लंड एक दम तन गया और उन्हे सलामी देने लगा
मैं उनकी गोल गान्ड सहलाने लगा मामी मुझसे चिपक गयी तभी उन्होने फव्वारा चला दिया पानी हम दोनो के जिस्मो को भिगोने लगा मैं उनकी गर्देन चूमे लगा वो कस्के मुझसी चिपकी थी मेरा लंड उनके पेट पे दस्तक दे रहा था मैं दोंनो हाथो से गान्ड को दबा रहा था मामी ने अपने होंटो को मेरे होंटो पे रख दिया और उन्हे चूमने लगी मामी का खुद ही पहल करने का अंदाज बहुत ही निराला था थोड़ी देर चूमने के बाद मैं नीचे बैठ गया और उनकी नाभि को चूमने लगा कोई आधे इंच भर की नाभि बहुत ही प्यारी थी मामी गरम होने लगी थी उनके पेट पे गुदगुदी हो रही थी
जिस से वो थोड़ा विचलित हो रही थी फिर मैने उनकी टाँगो को थोड़ा आगे पीछे किया और चूत को अपने मूह मे भर ने वाला ही था तो उन्होने मुझे हटाया और झट से फरश पे घोड़ी बन गयी और बोली मेरे प्यारे ज़रा पीछे से भी तो अपनी मामी की चूत देख मैं हंसा और उनके पीछे आते हुवे उनके चुतडो पे एक चपत लगा दी पल भर मे ही उनका गोरा चूतड़ लाल हो गया वो दर्द भरे स्वर मे बोली आह ये क्यों करते हो तो मैं हँसने लगा और बोला क्यों मज़ा नही आया क्या मेरी रानी और एक चपत और लगा दी और बैठ के मामी की चूत पे अपनी जीभ चलाने लगा
सच मे इस पोज़िशन मे चूत चाटने मे और भी मज़ा आ रहा था और कुछ उपर से गिरता पानी भी ……………………… मेरी जीभ लपा लॅप रेंग रही थी तभी मैने उनकी गान्ड पे भी किस करनी शुरू कर दी गान्ड पे मेरे होंटो का स्पर्श पाके मामी मचलने लगी 15 मिनिट तक मैं बारी बारी से चूत और गान्ड दोनो छत ता रहा फिर मैने अपने लंड को चूत पे लगाया तो मेरा मन बदल गया मैने लंड को गान्ड पे रखा और अंदर सरका दिया मामी का पूरा बदन हिल गया क्यों कि मैने एक तेज धक्के से लंड को अंदर डाला था उनका जिस्म थोड़ा आगे की ओर हो गया
पर कुछ ही पॅलो मे उन्होने अपने को संभाल लिया और गान्ड को मेरी ओर करते हुवे बोली मज़ा आ गया मेरे दीवाने भानजे अरे भांजा काहे का अब तो तू मेरा पति ही बन गया हैं एक तरह से और मेरी ओर आँख मार दी मुझे भी थोड़ा जोश आ गया मैने तुरंत लंड को सुपाडे तक बाहर खींचा और दुगनी ताक़त से अंदर घुसा दिया मामी अब चिल्लाने लगी थी और पता नही क्या बॅड बड़ा रही थी मैं अपने हाथ उनकी कमर मे डाले और बड़े ही मज़े से गान्ड चोदने लगा मामी किसी रंडी से कम नही थी पूरी रात दब के चुदि थी और अब फिर से गान्ड मरा रही थी मेरा उफनता हुवा लंड उनकी गान्ड को और भी चौड़ी कर रहा था मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड मटका मटका के दे रही थी
जब मैं लंड अंदर करता तो वो बड़ी ही अदा से अपनी गान्ड सिकोड लेती थी जिस से रागड़ाई का मज़ा बढ़ जाता था काफ़ी देर गान्ड मारने के बाद मैने कहा कि चूत मे डालु तो वो बोली सबकुछ तेरा हैं जहा मर्ज़ी आए वहाँ डाल मैं कॉन हू तुझे रोकने वाली तो मैने लॅंड को एक इंच नीचे करते हुवे चूत मे धंसा दिया अब मामी की टाँगे काँपने लगी थी दना दन मैं उन्हे चोदे जा रहा था मामी भी पूरे जोश मे मज़े ले रही थी मेरा पानी छूटने ही वाला था बस थोड़ी ही देर की बात थी मैने 10-15 धक्के खेंच के मारे और अपना पानी उनके गर्म चुतडो पे छोड़ दिया
बाथरूम मे चुदाई का मज़ा ही आगेया था नहाने के बाद हम कमरे मे चले गये मैने अपने हाथो से मामी को कपड़े पहनाए और उनका शृंगार किया मन तो कर रहा था कि एक बार ऑर चोद दूं पर उन्होने मना कर दिया फिर हम ने खाना ख़तम किया और बैठ के बाते करने लगे तभी मुझे याद आया कि बड़े मामा के घर भी जाना था आज रात उनके रुक के फिर अपने घर जाना था तो मैने मामी की एक बार और चूत मारी और बड़े मामा के घर की ओर चल पड़ा . शाम के 5 बज गये थे मामा बोली बड़ी देर लगाई फिर कुछ ख़ास नही हुआ बस इधर उधर की बातें डिन्नर हुआ और हम सो गये
मैं चॉबारे मे सोया हुआ था रात को मेरी आँख खुली तो पता चला लाइट नही है पूरा बदन पसीने से भीगा था तो मैं बाहर की तरफ आया और पानी के मटके से पानी पी ही रहा था कि मेरे कानो मे चूड़ियों की आवाज़ आई अब इस वक़्त कॉन हो सकता था आवाज़ आती जा रही थी तो मैं बरामदे की ओर मुड़ा ही था कि मैने देखा मामा ने मामी को अपने नीचे लिटाया हुआ है और चुदाई का कार्यक्रम चालू हैं मेरा दिमाग़ घूम गया और लंड झट से खड़ा हो गया ऐसे मे कौसल्या मामी की बड़ी याद आई पर इतनी रात गये उनके पास भी नही जा सकता था तो अपने कच्छे को सरकया और मुट्ठी मारने लगा
उन्हे देखते हुवे और फिर वापिस जाके सो गया सुबह मे जल्दी ही उठ गया और नीचे गया तो देखा मामी झाड़ू लगा रही हैं उनके बोबे ब्लाउस से बाहर छलक रहे थे मैं उन्हे देखता ही रहा उन्होने मेरा ध्यान हटाया और बोली क्या देख रहे हो सुबह सुबह तो मैं सकपका गया और बात बदल दी नहाने धोने और खाना वाने मे ही साढ़े नो से उपर होगये थे अब मुझे जाना था तो उनसे विदा ली और घर की ओर प्रस्थान किया एक लंबे और थकाऊ सफ़र के बाद जब घर पहुचा तो लगभग रात ही हो गयी थी हाथ मूह धोया और घर वालो सी थोड़ी देर बातचीत की फिर दबा के पेट को खुराक दी
मैं उनकी गोल गान्ड सहलाने लगा मामी मुझसे चिपक गयी तभी उन्होने फव्वारा चला दिया पानी हम दोनो के जिस्मो को भिगोने लगा मैं उनकी गर्देन चूमे लगा वो कस्के मुझसी चिपकी थी मेरा लंड उनके पेट पे दस्तक दे रहा था मैं दोंनो हाथो से गान्ड को दबा रहा था मामी ने अपने होंटो को मेरे होंटो पे रख दिया और उन्हे चूमने लगी मामी का खुद ही पहल करने का अंदाज बहुत ही निराला था थोड़ी देर चूमने के बाद मैं नीचे बैठ गया और उनकी नाभि को चूमने लगा कोई आधे इंच भर की नाभि बहुत ही प्यारी थी मामी गरम होने लगी थी उनके पेट पे गुदगुदी हो रही थी
जिस से वो थोड़ा विचलित हो रही थी फिर मैने उनकी टाँगो को थोड़ा आगे पीछे किया और चूत को अपने मूह मे भर ने वाला ही था तो उन्होने मुझे हटाया और झट से फरश पे घोड़ी बन गयी और बोली मेरे प्यारे ज़रा पीछे से भी तो अपनी मामी की चूत देख मैं हंसा और उनके पीछे आते हुवे उनके चुतडो पे एक चपत लगा दी पल भर मे ही उनका गोरा चूतड़ लाल हो गया वो दर्द भरे स्वर मे बोली आह ये क्यों करते हो तो मैं हँसने लगा और बोला क्यों मज़ा नही आया क्या मेरी रानी और एक चपत और लगा दी और बैठ के मामी की चूत पे अपनी जीभ चलाने लगा
सच मे इस पोज़िशन मे चूत चाटने मे और भी मज़ा आ रहा था और कुछ उपर से गिरता पानी भी ……………………… मेरी जीभ लपा लॅप रेंग रही थी तभी मैने उनकी गान्ड पे भी किस करनी शुरू कर दी गान्ड पे मेरे होंटो का स्पर्श पाके मामी मचलने लगी 15 मिनिट तक मैं बारी बारी से चूत और गान्ड दोनो छत ता रहा फिर मैने अपने लंड को चूत पे लगाया तो मेरा मन बदल गया मैने लंड को गान्ड पे रखा और अंदर सरका दिया मामी का पूरा बदन हिल गया क्यों कि मैने एक तेज धक्के से लंड को अंदर डाला था उनका जिस्म थोड़ा आगे की ओर हो गया
पर कुछ ही पॅलो मे उन्होने अपने को संभाल लिया और गान्ड को मेरी ओर करते हुवे बोली मज़ा आ गया मेरे दीवाने भानजे अरे भांजा काहे का अब तो तू मेरा पति ही बन गया हैं एक तरह से और मेरी ओर आँख मार दी मुझे भी थोड़ा जोश आ गया मैने तुरंत लंड को सुपाडे तक बाहर खींचा और दुगनी ताक़त से अंदर घुसा दिया मामी अब चिल्लाने लगी थी और पता नही क्या बॅड बड़ा रही थी मैं अपने हाथ उनकी कमर मे डाले और बड़े ही मज़े से गान्ड चोदने लगा मामी किसी रंडी से कम नही थी पूरी रात दब के चुदि थी और अब फिर से गान्ड मरा रही थी मेरा उफनता हुवा लंड उनकी गान्ड को और भी चौड़ी कर रहा था मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड मटका मटका के दे रही थी
जब मैं लंड अंदर करता तो वो बड़ी ही अदा से अपनी गान्ड सिकोड लेती थी जिस से रागड़ाई का मज़ा बढ़ जाता था काफ़ी देर गान्ड मारने के बाद मैने कहा कि चूत मे डालु तो वो बोली सबकुछ तेरा हैं जहा मर्ज़ी आए वहाँ डाल मैं कॉन हू तुझे रोकने वाली तो मैने लॅंड को एक इंच नीचे करते हुवे चूत मे धंसा दिया अब मामी की टाँगे काँपने लगी थी दना दन मैं उन्हे चोदे जा रहा था मामी भी पूरे जोश मे मज़े ले रही थी मेरा पानी छूटने ही वाला था बस थोड़ी ही देर की बात थी मैने 10-15 धक्के खेंच के मारे और अपना पानी उनके गर्म चुतडो पे छोड़ दिया
बाथरूम मे चुदाई का मज़ा ही आगेया था नहाने के बाद हम कमरे मे चले गये मैने अपने हाथो से मामी को कपड़े पहनाए और उनका शृंगार किया मन तो कर रहा था कि एक बार ऑर चोद दूं पर उन्होने मना कर दिया फिर हम ने खाना ख़तम किया और बैठ के बाते करने लगे तभी मुझे याद आया कि बड़े मामा के घर भी जाना था आज रात उनके रुक के फिर अपने घर जाना था तो मैने मामी की एक बार और चूत मारी और बड़े मामा के घर की ओर चल पड़ा . शाम के 5 बज गये थे मामा बोली बड़ी देर लगाई फिर कुछ ख़ास नही हुआ बस इधर उधर की बातें डिन्नर हुआ और हम सो गये
मैं चॉबारे मे सोया हुआ था रात को मेरी आँख खुली तो पता चला लाइट नही है पूरा बदन पसीने से भीगा था तो मैं बाहर की तरफ आया और पानी के मटके से पानी पी ही रहा था कि मेरे कानो मे चूड़ियों की आवाज़ आई अब इस वक़्त कॉन हो सकता था आवाज़ आती जा रही थी तो मैं बरामदे की ओर मुड़ा ही था कि मैने देखा मामा ने मामी को अपने नीचे लिटाया हुआ है और चुदाई का कार्यक्रम चालू हैं मेरा दिमाग़ घूम गया और लंड झट से खड़ा हो गया ऐसे मे कौसल्या मामी की बड़ी याद आई पर इतनी रात गये उनके पास भी नही जा सकता था तो अपने कच्छे को सरकया और मुट्ठी मारने लगा
उन्हे देखते हुवे और फिर वापिस जाके सो गया सुबह मे जल्दी ही उठ गया और नीचे गया तो देखा मामी झाड़ू लगा रही हैं उनके बोबे ब्लाउस से बाहर छलक रहे थे मैं उन्हे देखता ही रहा उन्होने मेरा ध्यान हटाया और बोली क्या देख रहे हो सुबह सुबह तो मैं सकपका गया और बात बदल दी नहाने धोने और खाना वाने मे ही साढ़े नो से उपर होगये थे अब मुझे जाना था तो उनसे विदा ली और घर की ओर प्रस्थान किया एक लंबे और थकाऊ सफ़र के बाद जब घर पहुचा तो लगभग रात ही हो गयी थी हाथ मूह धोया और घर वालो सी थोड़ी देर बातचीत की फिर दबा के पेट को खुराक दी