hotaks444
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मैने अपने धक्के तेज
कर दिए बुआ अब ज़ोर ज़ोर से हाई हाई करने लगी मुझसे उनकी परेशानी देखी नही गई
तो मैने लंड बाहर निकाल लिया और बोला कि बुआ जी तकलीफ़ है तो रहने देते है बुआ
को भी थोड़ी शांति मिली कुछ देर सांस लेने के बाद वो बोली आओ चूत मे समा
जाओ तो मैने कहा बुआ पर आपको जलन हो रही है वो बोली गान्ड मे हो रही है
चूत मे थोड़ी ही ना हो रही है और बुआ घोड़ी बन गयी मैं उनके पीछे गया और
लंड को चूत से सटा गया और एक जोरदार झटका लगा दिया बुआ का बॅलेन्स बिगड़
गया और वो आगे को हो गयी तो वो पीछे मूडी ओर बोली कि क्या जल्दी मे रहते हो तो
मैने सोरी कहा और दुबारा से लंड को सही जगह पहुचा कर लगा चोदने बुआ
की चूत को उनकी कमर को पकड़े हुए मैं लगा था गपा गॅप गपा गॅप बुआ भी
मेरा जोश बढ़ा रही थी तकरीबन बीस मिनट उनको घोड़ी बनाए रखा फिर
मैने चूत मे ही पानी गिरा दिया और हान्फते हुए बेड पर पड़ गया घड़ी पर
नज़र गयी तो देखा 2 बज गये थे बुआ ने कपड़े पहने और बाथरूम मे चली
गयी मैं वही पड़ा रहा मुझे भी पेशाब लगा था पर बाथ रूम मे तो बुआ गयी
हुवी थी तो मैं मुंडेर पर चढ़ा और नीचे गली मे मूतने लगा मूतने का भी एक
अलग ही सुख होता है बड़ा ही चैन मिला पेशाब करके फिर मैं अंदर आ गया
थोड़ा पानी पिया साली प्यास भी कुछ ज़्यादा ही लगती थी थोड़ी देर बाद बुआ भी
आकर लेट गयी मैं उनसे चिपकने लगा तो बुआ बोली कि अब कुछ नही वो थक गयी है
और बस अब सोएंगी तो मैं क्या कर सकता था तो मैं उनसे चिपक कर सो गया
सुबह साढ़े 4 बजे मेरी आँख खुल गई तो मैने देखा कि मेरा हाथ बुआ की
चूचियो पर था और नीचे लंड कच्छे मे टेंट बनाए खड़ा था मैं हैरान हो
गया कि यार नींद मे भी लंड खड़ा हो सकता है अब लंड खड़ा था तो उसको
बिठाना भी ज़रूरी था तो मैने बुआ को जगा दिया आँखे मलते हुए बुआ थोड़ा
गुस्से से बोली कि क्या तुझे कभी चैन नही आता है क्या खुद तो पागल है ही दूसरो
को भी परेशान करता है तो मैने कहा डार्लिंग गुस्सा क्यो करती हो मैने सोचा कि
एक बार और सुबह सुबह राउंड लगा लेते है तो बुआ बोली शरम कर राम नाम के
वक्त दुनिया तो भगवान को याद करती है तो मैने कहा मेरी भगवान तो आप
ही हो अब भक्त की इच्छा पूरी करो तो बुआ थोड़ी से मुस्काई और बोली ठीक है अब
जगा तो दिया ही है वो कहने लगी की तू दो मिनट रुक मैं ज़रा पेशाब कर आउ बड़ी
ज़ोर से लगा है तो मुझे शरारत सूझी मैने बुआ का हाथ पकड़ लिया और कहा की
बुआ आप इधर ही कर्लो तो वो बोली कि इधर कैसे करू तो मैने कहा की आपकी चूत
का पानी तो बहुत बार पिया है आज पेशाब भी पियुंगा तो बुआ बुरी तरह से शर्मा
गयी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और उनकी सलवार का नाडा खोलते हुए उसको उतार
दिया और तुरंत ही नीचे बैठ कर चूत पर अपना मुँह लगा दिया बुआ के बदन मे
झुरजुरी दौड़ गयी वो बोली तू भी ना बिल्कुल पागला है मैने बुआ के चुतड दबाए
और कहा चलो मुतो तो कुछ देर बाद बुआ की चूत से खारे पानी की मोटी सी धार
निकली और मेरे मुँह से होते हुए गले के नीचे उतरने लगी बुआ की आँखे बंद हो
चुकी थी उनके दोनो हाथ मेरे सर पर थे बिना कुछ बोले खामोशी से वो उस
अजीब से लम्हे का मज़ा ले रही थी थोड़ा पेशाब मैं पी गया थोड़ा मेरे चेहरे
पर गिर गया सच कहता हू जो मज़ा चूत से बहते पेशाब को चखने का है वो
मज़ा महनगी से महनगी शराब मे भी नही है अब मैने बुआजी को बेड पर लिटाया
और उनकी योनि पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने लंड को उसके मुंहाने पर
सता दिया बुआ कुछ कहती उस से पहले ही लंड चूत की दीवारो को बेधते हुए अंदर
पहुच चुका था बुआ की आँखे एक झटके मे फैल गयी वो धीमे से बोली कि जल्दी ही
करलियो दिन निकलने वाला है भाई भाभी भी उठने को ही होंगे तो मैने कहा आप
भी सहयोग करो तो जल्दी काम निपट जाएगा तो बुआ बोली हाँ अब बाते कम करो और
शुरू हो जाओ तो मैं दना दान धक्के पेलने लगा बुआ भी अपने कुल्हो को उछाल
उछाल कर मेरे धक्को का पूरा साथ दे रही थी मैं उनके होंठो चूमने ही जा रहा
था कि बुआ ने मना कर दिया तो मैं उनकी गर्दन को चूमते हुए चूत की
रगदाई करने लगा बुआ अपने नाखूनो को मेरी पीठ पर लगाए जा रही थी कुछ
मिनट बाद बुआ ने अपनी टाँगो को ओर उपर कर दिया और लंबी लंबी साँसे लेते
हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी उनकी बेहद गरम साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही
थी
कर दिए बुआ अब ज़ोर ज़ोर से हाई हाई करने लगी मुझसे उनकी परेशानी देखी नही गई
तो मैने लंड बाहर निकाल लिया और बोला कि बुआ जी तकलीफ़ है तो रहने देते है बुआ
को भी थोड़ी शांति मिली कुछ देर सांस लेने के बाद वो बोली आओ चूत मे समा
जाओ तो मैने कहा बुआ पर आपको जलन हो रही है वो बोली गान्ड मे हो रही है
चूत मे थोड़ी ही ना हो रही है और बुआ घोड़ी बन गयी मैं उनके पीछे गया और
लंड को चूत से सटा गया और एक जोरदार झटका लगा दिया बुआ का बॅलेन्स बिगड़
गया और वो आगे को हो गयी तो वो पीछे मूडी ओर बोली कि क्या जल्दी मे रहते हो तो
मैने सोरी कहा और दुबारा से लंड को सही जगह पहुचा कर लगा चोदने बुआ
की चूत को उनकी कमर को पकड़े हुए मैं लगा था गपा गॅप गपा गॅप बुआ भी
मेरा जोश बढ़ा रही थी तकरीबन बीस मिनट उनको घोड़ी बनाए रखा फिर
मैने चूत मे ही पानी गिरा दिया और हान्फते हुए बेड पर पड़ गया घड़ी पर
नज़र गयी तो देखा 2 बज गये थे बुआ ने कपड़े पहने और बाथरूम मे चली
गयी मैं वही पड़ा रहा मुझे भी पेशाब लगा था पर बाथ रूम मे तो बुआ गयी
हुवी थी तो मैं मुंडेर पर चढ़ा और नीचे गली मे मूतने लगा मूतने का भी एक
अलग ही सुख होता है बड़ा ही चैन मिला पेशाब करके फिर मैं अंदर आ गया
थोड़ा पानी पिया साली प्यास भी कुछ ज़्यादा ही लगती थी थोड़ी देर बाद बुआ भी
आकर लेट गयी मैं उनसे चिपकने लगा तो बुआ बोली कि अब कुछ नही वो थक गयी है
और बस अब सोएंगी तो मैं क्या कर सकता था तो मैं उनसे चिपक कर सो गया
सुबह साढ़े 4 बजे मेरी आँख खुल गई तो मैने देखा कि मेरा हाथ बुआ की
चूचियो पर था और नीचे लंड कच्छे मे टेंट बनाए खड़ा था मैं हैरान हो
गया कि यार नींद मे भी लंड खड़ा हो सकता है अब लंड खड़ा था तो उसको
बिठाना भी ज़रूरी था तो मैने बुआ को जगा दिया आँखे मलते हुए बुआ थोड़ा
गुस्से से बोली कि क्या तुझे कभी चैन नही आता है क्या खुद तो पागल है ही दूसरो
को भी परेशान करता है तो मैने कहा डार्लिंग गुस्सा क्यो करती हो मैने सोचा कि
एक बार और सुबह सुबह राउंड लगा लेते है तो बुआ बोली शरम कर राम नाम के
वक्त दुनिया तो भगवान को याद करती है तो मैने कहा मेरी भगवान तो आप
ही हो अब भक्त की इच्छा पूरी करो तो बुआ थोड़ी से मुस्काई और बोली ठीक है अब
जगा तो दिया ही है वो कहने लगी की तू दो मिनट रुक मैं ज़रा पेशाब कर आउ बड़ी
ज़ोर से लगा है तो मुझे शरारत सूझी मैने बुआ का हाथ पकड़ लिया और कहा की
बुआ आप इधर ही कर्लो तो वो बोली कि इधर कैसे करू तो मैने कहा की आपकी चूत
का पानी तो बहुत बार पिया है आज पेशाब भी पियुंगा तो बुआ बुरी तरह से शर्मा
गयी मैं अपना हाथ नीचे ले गया और उनकी सलवार का नाडा खोलते हुए उसको उतार
दिया और तुरंत ही नीचे बैठ कर चूत पर अपना मुँह लगा दिया बुआ के बदन मे
झुरजुरी दौड़ गयी वो बोली तू भी ना बिल्कुल पागला है मैने बुआ के चुतड दबाए
और कहा चलो मुतो तो कुछ देर बाद बुआ की चूत से खारे पानी की मोटी सी धार
निकली और मेरे मुँह से होते हुए गले के नीचे उतरने लगी बुआ की आँखे बंद हो
चुकी थी उनके दोनो हाथ मेरे सर पर थे बिना कुछ बोले खामोशी से वो उस
अजीब से लम्हे का मज़ा ले रही थी थोड़ा पेशाब मैं पी गया थोड़ा मेरे चेहरे
पर गिर गया सच कहता हू जो मज़ा चूत से बहते पेशाब को चखने का है वो
मज़ा महनगी से महनगी शराब मे भी नही है अब मैने बुआजी को बेड पर लिटाया
और उनकी योनि पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने लंड को उसके मुंहाने पर
सता दिया बुआ कुछ कहती उस से पहले ही लंड चूत की दीवारो को बेधते हुए अंदर
पहुच चुका था बुआ की आँखे एक झटके मे फैल गयी वो धीमे से बोली कि जल्दी ही
करलियो दिन निकलने वाला है भाई भाभी भी उठने को ही होंगे तो मैने कहा आप
भी सहयोग करो तो जल्दी काम निपट जाएगा तो बुआ बोली हाँ अब बाते कम करो और
शुरू हो जाओ तो मैं दना दान धक्के पेलने लगा बुआ भी अपने कुल्हो को उछाल
उछाल कर मेरे धक्को का पूरा साथ दे रही थी मैं उनके होंठो चूमने ही जा रहा
था कि बुआ ने मना कर दिया तो मैं उनकी गर्दन को चूमते हुए चूत की
रगदाई करने लगा बुआ अपने नाखूनो को मेरी पीठ पर लगाए जा रही थी कुछ
मिनट बाद बुआ ने अपनी टाँगो को ओर उपर कर दिया और लंबी लंबी साँसे लेते
हुए चुदाई का मज़ा लेने लगी उनकी बेहद गरम साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही
थी