hotaks444
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मैने इतनी देर मे नीचे का पूरा फ्लोर चेक कर लिया था एक को मैने मार दिया था और तीन चार मेरी टीम ने सॅल्टा दिए थे मैने टीम लीडर को बताया कि मैने नीचे का पूरा फ्लोर चेक कर लिया है ऑल क्लियर है तो उन्होने मुझे कहा कि मैं बाद मे लूँगा तेरी क्लास मैने कहा सर आप सभी एंटर कर जाओ अभी बातों का टाइम नही है टास्क करते है
तो आलम ये था कि उपर का फ्लोर था पूरी तरह से बुक सभी बच्चो और टीचर्स को उन्होने वही पे बंदी बनाया हुवा था नाइट विषन ना होने से मुझे गुस्सा आने लगा था मैने टीम लीडर को कहा कि सर मैं फर्स्ट फ्लोर पर एंटर कर गया हू आप बॅकप मे रहना पर अभी बिल्कुल फाइरिंग ना करना एक बार मैं हालात का आइडिया ले लू फिर रिपोर्ट करता हू
जल्दी ही मुझे पता लग गया कि कुल 9 लोग थे वहाँ पर और एक्सप्लोसिव के साथ थे मुझे लगा कहीं ये वो वाले जेहादी ना हो जो खुद को ही उड़ा लेते है क्योंकि वो साले मूडी होते है कुछ भी कही भी धमाका कर लेते है मैने हौले से कॅप्टन साहिब को कहा कि 9 बंदे है आप बॅक अप रेडी रखो मैं शॉट लगाने जा रहा हू वो मुझे रोकते रहे पर मैने स्नाइपर को लोड किया और खामोशी से एक को धर लिया
मैने लगातार खामोशी से टारगेट हिट किया और एक के बाद एक 2-3को लटका दिया अब छत्ते को छेड़ा तो मधुमक्खियाँ तो काटे ही गी तो मेरी तरफ एक एक्सप्लोसिव आया और ईटो के साथ मैं पीछे की तरफ फीक गया फिर कुछ याद ना रहा यारो वो पल क्या हुआ कुछ पता नही अपने होश खो गये
जब मुझे होश आया तो मैं हॉस्पिटल बेड पर था आँखे ठीक ढंग से खुल नही रही ती उठने की कोशिश की तो उठने मे भी बड़ी दिक्कत हुई पर तकिये का सहारा पीठ को देकर मैं बैठ सा गया दिमाग़ मे कुछ हॅंगओवर सा हो रहा था याददाश्त पर कुछ ज़ोर दिया तो याद आया वो पल जब वो घटना हुई थी कि तभी नर्स आ गयी उसने मुझे देखा और कहा
कि आप ऐसे क्यो बैठ गये और उसने मुझे फिर से लिटा दिया और कहा कि आप आराम करे मैं अभी डॉक्टर को बुला कर लाती हू और रूम से बाहर चली गयी थोड़ी देर बाद डॉक्टर आ गया उसने मुझे एग्ज़ॅमिन करना शुरू किया और बताया कि आपकी किस्मेत वाकाई मे बड़ी ही अच्छी थी जो उस ब्लास्ट मे आप बस घायल होकर रह गये है थॅंक गॉड बस कुछ छोटे ही आई है
तो पता चला कि मेरे पैर और पीठ मे चोटे लगी थी और चेहरे पर भी कुछ जख्म हो गये थे मैने डॉक्टर से पूछा कि सर मैं वापिस ड्यूटी कब जाय्न कर सकता हू तो वो बोले अरे अभी कहाँ ड्यूटी 4 दिन मे तो आपको आज होश आया है अभी आपको कम से कम 20-25 दिन तो बेड रेस्ट करनी ही पड़ेगी उसके बाद फिर से एग्ज़ॅमिन करूँगा फिर फाइनल डिसिशन होगा
मैने कहा सर कोई सीरीयस इंजुरी तो नही है ना कही जॉब मे कुछ प्राब्लम ना हो जाए वो बोले अभी तो नही लगती है पर पैरो की सिचुयेशन पे मेरी नज़र है फिर डॉक्टर ने कहा कि अभी तुम रेस्ट करो ज़्यादा बात मत करो और फिर मुझे विश करके निकल गया तो मैने अपने आँखो को मूंद लिया और विचार करने लगा एक महीन रेस्ट मतलब मैं होली पे घर नही जा पाउन्गा
मेरा दिल बहुत हो उदास हो गया कहाँ तो मैं बस जल्दी से घर जाने की सोच रहा था कहा ये नयी मुसीबत मोल ले ली थी मैने फालतू मे हीरो गिरी के चक्कर मे ये पहली बार था जब मेरी चाह पूरी नही हो रही थी मुझे घर की बड़ी याद आने लगी थी घर मे प्रोग्राम भी था पर फिर तकदीर को कोस कर सबर कर लिया , कर भी तो नही सकता था मैं कुछ
शाम को कर्नल साहिब पर्सनली मिलने आए हाल चाल पूछा थोड़ी देर बात चीत की और कहा कि हेल्त गेन करो अच्छे से अभी दिमाग़ मे कोई टेन्षन नही लेना जल्दी से फिट होकर ड्यूटी पर आओ आइ वॉंट बॅक माइ सोल्जर सून कोई आधा घंटा वो मेरे पास रुके वैसे तो वो कड़क ऑफीसर थे पर यहाँ उनका व्यवहार फॅमिली मेंबर जैसा ही था अच्छा लगा
तो भाई लोग अब हॉस्पिटल ही घर था अपना कुछ टाइम के लिए ज़ख़्म भी ताज़ा थे और दिल भी रो रहा था मैने नर्स से कहा कि सिस्टर आप मेरी यूनिट मे मेसेज भेज कर वहाँ से मेरा फोन मंगवा दो मुझे घर पे कॉल करनी है तो उसने कहा कि वो मेरा मेसेज फॉर्वर्ड कर देगी खाली पड़े टाइम पास भी तो नही होता था तो मैने सोचा कि घर पे बात हो जाएगी तो कुछ दिल हल्का हो जाएगा
पर अपने को तो पनोती लगी थी मुझे बताया गया कि ब्लास्ट मे मेरा मोबाइल भी टूट कर बिखर गया था ये मेरे लिए बड़ा सॉक था कंगाली मे आटा गीला वाली बात हो गयी थी अब मैं क्या करू जैसे तैसे करके वहाँ पर दिन काटने लगा पर दिन भी कुछ ज़्यादा ही लंबे हो गये थे पर दिन थे बीत जाने ही थे कैसे भी करके तो मैं भी अपना फोकस हेल्त गेन पर ही करने लगा
तो आलम ये था कि उपर का फ्लोर था पूरी तरह से बुक सभी बच्चो और टीचर्स को उन्होने वही पे बंदी बनाया हुवा था नाइट विषन ना होने से मुझे गुस्सा आने लगा था मैने टीम लीडर को कहा कि सर मैं फर्स्ट फ्लोर पर एंटर कर गया हू आप बॅकप मे रहना पर अभी बिल्कुल फाइरिंग ना करना एक बार मैं हालात का आइडिया ले लू फिर रिपोर्ट करता हू
जल्दी ही मुझे पता लग गया कि कुल 9 लोग थे वहाँ पर और एक्सप्लोसिव के साथ थे मुझे लगा कहीं ये वो वाले जेहादी ना हो जो खुद को ही उड़ा लेते है क्योंकि वो साले मूडी होते है कुछ भी कही भी धमाका कर लेते है मैने हौले से कॅप्टन साहिब को कहा कि 9 बंदे है आप बॅक अप रेडी रखो मैं शॉट लगाने जा रहा हू वो मुझे रोकते रहे पर मैने स्नाइपर को लोड किया और खामोशी से एक को धर लिया
मैने लगातार खामोशी से टारगेट हिट किया और एक के बाद एक 2-3को लटका दिया अब छत्ते को छेड़ा तो मधुमक्खियाँ तो काटे ही गी तो मेरी तरफ एक एक्सप्लोसिव आया और ईटो के साथ मैं पीछे की तरफ फीक गया फिर कुछ याद ना रहा यारो वो पल क्या हुआ कुछ पता नही अपने होश खो गये
जब मुझे होश आया तो मैं हॉस्पिटल बेड पर था आँखे ठीक ढंग से खुल नही रही ती उठने की कोशिश की तो उठने मे भी बड़ी दिक्कत हुई पर तकिये का सहारा पीठ को देकर मैं बैठ सा गया दिमाग़ मे कुछ हॅंगओवर सा हो रहा था याददाश्त पर कुछ ज़ोर दिया तो याद आया वो पल जब वो घटना हुई थी कि तभी नर्स आ गयी उसने मुझे देखा और कहा
कि आप ऐसे क्यो बैठ गये और उसने मुझे फिर से लिटा दिया और कहा कि आप आराम करे मैं अभी डॉक्टर को बुला कर लाती हू और रूम से बाहर चली गयी थोड़ी देर बाद डॉक्टर आ गया उसने मुझे एग्ज़ॅमिन करना शुरू किया और बताया कि आपकी किस्मेत वाकाई मे बड़ी ही अच्छी थी जो उस ब्लास्ट मे आप बस घायल होकर रह गये है थॅंक गॉड बस कुछ छोटे ही आई है
तो पता चला कि मेरे पैर और पीठ मे चोटे लगी थी और चेहरे पर भी कुछ जख्म हो गये थे मैने डॉक्टर से पूछा कि सर मैं वापिस ड्यूटी कब जाय्न कर सकता हू तो वो बोले अरे अभी कहाँ ड्यूटी 4 दिन मे तो आपको आज होश आया है अभी आपको कम से कम 20-25 दिन तो बेड रेस्ट करनी ही पड़ेगी उसके बाद फिर से एग्ज़ॅमिन करूँगा फिर फाइनल डिसिशन होगा
मैने कहा सर कोई सीरीयस इंजुरी तो नही है ना कही जॉब मे कुछ प्राब्लम ना हो जाए वो बोले अभी तो नही लगती है पर पैरो की सिचुयेशन पे मेरी नज़र है फिर डॉक्टर ने कहा कि अभी तुम रेस्ट करो ज़्यादा बात मत करो और फिर मुझे विश करके निकल गया तो मैने अपने आँखो को मूंद लिया और विचार करने लगा एक महीन रेस्ट मतलब मैं होली पे घर नही जा पाउन्गा
मेरा दिल बहुत हो उदास हो गया कहाँ तो मैं बस जल्दी से घर जाने की सोच रहा था कहा ये नयी मुसीबत मोल ले ली थी मैने फालतू मे हीरो गिरी के चक्कर मे ये पहली बार था जब मेरी चाह पूरी नही हो रही थी मुझे घर की बड़ी याद आने लगी थी घर मे प्रोग्राम भी था पर फिर तकदीर को कोस कर सबर कर लिया , कर भी तो नही सकता था मैं कुछ
शाम को कर्नल साहिब पर्सनली मिलने आए हाल चाल पूछा थोड़ी देर बात चीत की और कहा कि हेल्त गेन करो अच्छे से अभी दिमाग़ मे कोई टेन्षन नही लेना जल्दी से फिट होकर ड्यूटी पर आओ आइ वॉंट बॅक माइ सोल्जर सून कोई आधा घंटा वो मेरे पास रुके वैसे तो वो कड़क ऑफीसर थे पर यहाँ उनका व्यवहार फॅमिली मेंबर जैसा ही था अच्छा लगा
तो भाई लोग अब हॉस्पिटल ही घर था अपना कुछ टाइम के लिए ज़ख़्म भी ताज़ा थे और दिल भी रो रहा था मैने नर्स से कहा कि सिस्टर आप मेरी यूनिट मे मेसेज भेज कर वहाँ से मेरा फोन मंगवा दो मुझे घर पे कॉल करनी है तो उसने कहा कि वो मेरा मेसेज फॉर्वर्ड कर देगी खाली पड़े टाइम पास भी तो नही होता था तो मैने सोचा कि घर पे बात हो जाएगी तो कुछ दिल हल्का हो जाएगा
पर अपने को तो पनोती लगी थी मुझे बताया गया कि ब्लास्ट मे मेरा मोबाइल भी टूट कर बिखर गया था ये मेरे लिए बड़ा सॉक था कंगाली मे आटा गीला वाली बात हो गयी थी अब मैं क्या करू जैसे तैसे करके वहाँ पर दिन काटने लगा पर दिन भी कुछ ज़्यादा ही लंबे हो गये थे पर दिन थे बीत जाने ही थे कैसे भी करके तो मैं भी अपना फोकस हेल्त गेन पर ही करने लगा