Desi Porn Stories आवारा सांड़ - Page 3 - SexBaba
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Desi Porn Stories आवारा सांड़

अपडेट—12

चंपा—जैसे सब की बुर होती है वैसी ही मेरी मम्मी की भी बुर है....सब की तो एक जैसी ही होती है.....कहीं तू मेरी मम्मी की भी तो लेने के चक्कर मे तो नही है.... ? आअहह....अब बस कर दुखने लगी है....एयाया...मम्मीयीई.....किस सांड़ के नीचे लेट गयी.... आज ही पूरी निपोर
देगा मुझे लगता है.....आआआआ.......अब छोड़ दे राज..

राज—बस हो गया.....बस दो मिनिट.....तूने बताया नही कि अपनी मम्मी की बुर दिखाएगी कि नही और कैसी है... ?

चंपा—आअहह......उनकी मेरे से ज़्यादा...फूली हुई है......मम्मी की बुर की दोनो फांके भी फटी हुई हैं....केयी बार वो मेरे साथ सुबह सुबह
लोटा लेके फ्रेश होने खेत मे जाती हैं तब बहुत बार मैने उनकी बुर देखी है

राज—मुझे कब अपनी मम्मी की बुर के दर्शन कराएगी..... ?

चंपा—कल सुबह मैं उनके साथ खेत मे जाउन्गी तो तुझे मिस कॉल कर दूँगी...आके देख लेना वही उनकी बुर....

राज—आआआ….मैं आया…ले संभाल अपनी बुर मे….आआआआआआ

चंपा—आआहह.....हाँ भर दे मेरी बुर.......और भर......पूरी टंकी फुल कर दे...आज ही.......पूरा सांड़ है तू.....कितना पानी छोड़ता है.....ये तो बंद ही नही हो रहा........पूरी बाल्टी भर जाएगी तेरे लंड के पानी से...आअहह...मैं भी गयी फिर से... आआआआअ....मम्मी....आज्ज्जज तेरी
बिटिया चुद गाइिईई......एक सांड़ ने अपने खूब लंबे मोटे लंड से तेरी बिटिया की बुर को चोद डाल्ल्ला रे मम्मीयी

मैं चंपा के उपर ही ढेर हो गया......थोड़ी देर बाद उसके उपर से उठते ही कजरी ने तुरंत मेरा लंड अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगी

राज—अरे छिनरिया...रुक पहले मुझे मूत तो लेने दे....फिर पी लेना लंड मेरा जितना पीना है

कजरी—तो यही मेरे मूह के अंदर ही मूत दे……मुझे तेरा मूत पीना है……मूत ना मेरे मूह मे…सच मे मुझे तेरा मूत पीना है

राज—ठीक है तो ले पी ले

कजरी मेरे लंड को घपघप चूसने लगी.....चंपा की बुर और मेरा जो पानी उसपर लगा हुआ था सब चाट कर साफ कर दिया.... उसके ऐसे चूस्ते रहने से मैं अपनी पेशाब को नही रोक पाया और कजरी के मूह के अंदर ही लंड को और गहराई मे पेल कर मूतने लगा....उसने मेरे
लंड से निकलती मूत की धार को पूरा पी गयी

उसके ऐसे चूस्ते रहने से लंड राज फिर से जोश मे आ गये.....और बुर चोदन की माँग करने लगे.....मैने कजरी को नीचे पटक के उसकी
जांघे फैलाई और घचक से उसकी बुर मे लंड महाराज को पेल दिया

एक बार मे ही झटके से घुसेड़ने से वो अकड़ गयी....आँखो से पानी छलक आया.....लेकिन उसने मुझे रोका नही....मैने भी दोनो चुचियो को
ज़ोर ज़ोर से मसल्ते हुए उसे दनादन चोदने लगा

कजरी—ऐसे ही राज...आआआअहह.....चोदता रह मुझे.......आअहह...और ढीली कर दे मेरी बुर......खूब चोद..एयाया

राज—कजरी...चंपा की शादी कल्लू से करवा दे......फिर दोनो को रोज ऐसे ही चोदुन्गा रात भर

कजरी—आआआहह.....और ज़ोर से...आआआअ.....अगर तू रात भर चोदेगा चंपा को...तो कल्लू क्या करेगा..... ?

राज—वो बाहर बैठ कर मूठ मारेगा...गान्डू…और यहाँ मैं उसकी बहन और बीवी दोनो को उसकी माँ के सामने नंगी कर के चोदुन्गा....सोच
कितना मज़ा आएगा

कजरी—आआआआआअ……..मेरे भाई को ऐसा मत बोल…..आआहह…तू उसे भी बिगाड़ देगा

राज—तू मेरी रखैल है....मेरी तरफ बोल रंडी.....ले लंड खा भोसड़ी

कजरी—आआहह.....माआअ......भोसड़ी को तो तूने चोद चोद के पूरा बुर भोसड़ा बना दिया है...मेरा होने वाला है...आअहह

राज—मैं भी आने ही वाला हूँ.......

 
मैने लंबे लंबे धक्के मारने चालू कर दिए....कुछ ही देर मे हम दोनो एक साथ झड गये....मैं कजरी के उपर ही लेट गया उसकी चुचि चूस्ते
हुए....उस रात मैने दोनो को दो दो बार चोदा...फिर सो गया

अगले दिन कल्लू चूतिया जल्दी ही खेत से लौट आया...तो मुझे कजरी ने जल्दी उठा दिया...मैने कपड़े पहन कर कुछ देर कल्लू से बाते की फिर घर के लिए निकल गया.....रास्ते मे रवि मिल गया

रवि—कहाँ से आ रहा है ये सांड़ इतनी सुबह सुबह.... ?

राज—अरे कही ना...यार वो कल्लू के घर सोया था आज...वही से आ रहा हूँ

रवि—उसकी बहन का तो तूने पूरा तबला बना दिया है पेल पेल के

राज—तू क्यो उदास होता है....एक दिन तू भी मुझे अपने घर मे सुला ले....तेरी बहन का भी तबला बजा दूँगा

रवि—देख....सुबह सुबह मूड खराब मत कर

राज—तू कहाँ से आ रहा है चूतिए

रवि—अरे यार कल मेरी गर्लफ्रेंड का बर्तडे है......समझ मे नही आ रहा है कि उसे क्या गिफ्ट दूं.... ?

राज—अपना लंड दे दे

रवि—भोसड़ी के....कभी तो कुछ बड़ा सोचा कर

राज—बड़ा सोचु......हुउऊ......फिर एक काम कर उसे मेरा लंड दे दे

रवि—साले...तुझसे तो बात ही करना बेकार है....तुझे लंड और बुर के अलावा कुछ आता भी है….?

राज—और की ज़रूरत ही क्या है भाई….सभी बुर से ही इस दुनिया मे आते हैं और फिर बुर मे जाने के लिए ही तड़प्ते हैं…बुर से ही आते
हैं और बुर मे ही जाते हैं

रवि—किसी ने तेरी बाते सुन ली तो तेरे साथ मुझे भी जूते पड़ेंगे....चल मैं चलता हूँ

राज—अबे...अपनी गर्लफ्रेंड को मेरे लंड के बारे मे ज़रूर बता देना

रवि—तुझे तो उसके पास भी नही आने दूँगा.....कहाँ पटक के पेल देगा कोई भरोसा नही तेरा....चल बाइ

रवि के जाते ही मैं भी आगे बढ़ गया....तभी मुझे सीमा चाची और किंजल दीदी खेत की तरफ लोटा लिए जाती दिखी....तो मैं भी दबे पावं
उनके पीछे पीछे चल दिया चुप चाप

थोड़ी दूर जाने के बाद वो दोनो एक अरहर के खेत मे घुस गयी तो मैं भी जल्दी से बिना आवाज़ किए उसी अरहर के खेत मे घुस गया...अरहर काफ़ी बड़ी बड़ी थी....अरहर मे ये खूबी होती है कि अगर उसके अंदर कोई बैठा हो तो बाहर से आने वाला उन्हे जल्दी नही
देख पाता...

लेकिन बाहर से आने वाले को अंदर बैठा आदमी देख सकता है, चेहरा नही तो पैर तो दिख ही जाते हैं....यही सोच कर मैं चुप चाप पहले बैठ गया और पूरा झुक कर खेत के अंदर झाँकने लगा

थोड़ी ही दूरी पर मुझे दो लोगो के बैठे होने का अंदाज़ा हो गया....तो मैं धीरे धीरे बैठे हुए ही आगे बढ़ने लगा....ऐसे मे आवाज़ भी नही होती

अब मैं उनके काफ़ी करीब पहुच चुका था....उनका चेहरा तो मुझे अब भी नज़र नही आ रहा था लेकिन मुझे चेहरे से क्या लेना देना था....मैं
तो उनकी बुर देखने आया था

मैं पूरा नीचे झुक कर उनकी तरफ देखने लगा......वहाँ से मुझे तीन बुर दिखाई दी....मैं तो सोच मे पड़ गया...दो बुर के साथ एक बुर फ्री

राज (मन मे)—ये तीसरी बुर किसकी है……? मैने तो दो लोगो को ही अंदर आते देखा था….एक बुर जिसकी दोनो फांके चिपकी हैं वो
किंजल दीदी की बुर होगी…..दूसरी बुर सीमा चाची की होगी….अब ये थर्ड बुर वाली कौन है….?
 
अपडेट—13

मैं दो बुर के साथ फ्री मे दिख रही तीसरी बुर देख कर खुश हो गया….कि चलो एक और बुर का जुगाड़ हो जाएगा देर सबेर…कभी ना कभी तो इस बुर मे भी लंड पेल ही लूँगा

मैं वही से झुक कर तीनो की बुर को बड़े ही ध्यान से देखने लगा….तीनो की बुर मे लंबी लंबी घनी झान्टे थी….किंजल दीदी की बुर के दोनो होंठ आपस मे चिपके हुए थे

दीदी की बुर बहुत प्यारी लग रही थी…..एक छोटा सा छेद दिख रहा था…जब वो मुतती तो वो खुल जाता और उस छेद के अंदर की लालिमा नज़र आने लगी थी

सीमा चाची की बुर की फांके खुली हुई थी लेकिन ज़्यादा फैली हुई बुर नही थी….लगता है चाचा का लंड छोटा और पतला है तभी सीमा चाची की बुर ज़्यादा फटी हुई नही है

जबकि तीसरी औरत की बुर भी ज़्यादा तो नही फटी थी लेकिन फूली हुई खूब थी…मैं बेचैन हो रहा था तीनो की बुर देख देख कर उनकी बुर मे लंड घुसेड़ने के लिए तड़प रहा था

तीनो की ही गान्ड मस्त थी…..पर सीमा चाची की गान्ड मुझे बहुत अच्छी लगी…बिल्कुल गोल मटके जैसी फूली हुई गोरी गान्ड थी सीमा चाची
की….किंजल दीदी की गान्ड भी बड़ी थी पर उन दोनो से कम फूली थी

तभी मुझे उनकी बाते करने की आवाज़ सुनाई दी जिससे मैं समझ गया कि तीसरी बुर वाली औरत रवि की माँ है…..मुझे क्या..मुझे तो बुर से
मतलब है..मैं बुर देखते हुए उनकी बाते सुनने लगा

राधा (रवि की माँ)—सीमा अब किंजल भी शादी लायक हो गयी है…देख तो ज़रा इसकी बुर कितनी फूल गयी है….पूरी चोदने लायक हो गयी है

किंजल—काकी मेरी बुर मे नज़र मत लगाओ….अपनी लड़कियो की बुर देखो उनकी बुर भी फूल कर कचौरी हो गयी है….जल्दी से अपनी
दोनो लड़कियो की शादी कर दो नही तो कोई आवारा सांड़ उनके उपर चढ़ गया तो एक बार मे ही दोनो ग्याभिन हो जाएँगी

राधा (हँसते हुए)—तो मैं कब कहती हूँ कि मेरी बेटियाँ चोदने लायक नही हुई हैं….सांड़ तो एक ही है पूरे गाओं मे तेरा भाई राज….वोही ना
कभी चढ़ जाए मेरी बेटियो पर….और उनकी कुवारि बुर को फाड़ कर सत्यानाश ना कर दे

सीमा—राज के बारे मे ऐसी बाते मत किया कर राधा…कितनी बार मना किया है तुझे लेकिन तू है कि मानती ही नही

राधा—गुस्सा क्यो होती है….तेरी बुर भी कुछ कम नही है….एक बार अगर उस सांड़ ने देख लिया तो जड़ तक फाड़ देगा तेरी बुर को और
तू ग्याभिन होकर बिया जाएगी

सीमा—तो सबसे पहले तेरी बुर मे ही पेलेगा

राधा—आज कल तेरा राज वो कल्लू है ना उसकी बहन कजरी के उपर कुछ ज़्यादा ही चढ़ रहा है

सीमा—सब झूठ है…..राज ऐसा नही है….बेवजह उसको बदनाम करते रहती हो तुम लोग

राधा—अरे सीमा, मैने तो बगीचे मे अपनी आँखो से राज को कजरी के उपर चढ़े उसकी बुर मे लंड पेलते देखा है….हाय राम पूरा सांड़ है….एक हाथ का लंड है तेरे राज का…मोटा तो इतना की दोनो हाथो से भी पकड़ मे ना आए

सीमा (मुश्कूराते हुए)—चुप बेशरम…..नज़र मत लगा मेरे बेटे को

किंजल—इतना ही पसंद आ गया था तो खुद ही क्यो नही लेट गयी उसके नीचे…..?

राधा—मन तो बहुत करता है कि राज एक बार मेरी ले ले….लेकिन ग्याभिन होने से डरती हूँ……सीमा तू चुदवा ले राज से...कसम से एक
बार चुद जाएगी तो बार बार उसको अपनी देने का मन करेगा तेरा

सीमा—देख राधा मुझे ऐसी फालतू बाते पसंद नही हैं….वो मेरा बेटा है..बोलने से पहले कुछ तो शरम किया कर कि क्या बोल रही है

राधा—इसमे शरम कैसी….बुर तो बनी ही लंड से चुदने के लिए है..फिर चाहे वो तेरी हो या मेरी या किंजल की….तू ही बता कि तेरी बुर लंड घुसेड कर चोदने के लिए नही बनी है क्या….? क्या तेरा मन नही करता की खूब मोटे लंड से तेरी बुर खूब फटे.. बता क्या तू अपनी बुर नही खूब पेलवना चाहती….?

सीमा—तो क्या सारे ज़माने से पेलवाती फिरू अपनी बुर…..?

राधा—अरे घर की बात घर मे रहेगी......राज तो है ही महा चुदक्कड.....बस उसके सामने अपनी बुर साड़ी के उपर से खुज़ला दिया कर...वो
समझ जाएगा कि तू चुदासी है....कसम से कजरी तो उससे बहुत रगड़वाती है अपनी बुर रोज

किंजल—जैसे तुम रोज देखने जाती हो कि मेरा भाई क्या कर रहा है.... ?

राधा—अरे इसमे देखना क्या...पूरे गाओं की औरते जानती हैं कि राज डेली कजरी को उसके ही घर मे खूब चोदता है...चाहे तो किसी से भी पूछ कर देख लेना

सीमा—बस बहुत हो गया.....अब चलो जल्दी....बहुत देर हो गयी है

राधा—वैसे मेरी बात पर सोच कर देखना सीमा....तेरे मज़े हो जाएँगे

इसके बाद तीनो अपनी अपनी गान्ड धोकर वहाँ से चलती बनी....मैं तीनो की गान्ड देखता रहा....सीमा चाची के हिलते चूतड़ देख कर मेरा
दिल मचल गया उन्हे नंगी कर के चोदने को

राज (मन मे)—चाची आपकी बुर और गान्ड ने मुझे घायल कर दिया है....चाहे कुछ भी हो जाए आज से बाहर नही जाउन्गा कही.. घर मे रह कर आपको पटा कर चोदने की कोशिश करूँगा....मुझे चाची को पटाना ही होगा....आज से सीमा चाची की बुर का मिशन शुरू....अगर
सीमा चाची की बुर मिल गयी तो फिर किंजल दीदी की बुर भी चोदने को मिल जाएगी और चाची मेरी मदद भी करेंगी किंजल दीदी की बुर दिलवाने मे

उनके जाने के बाद मैं भी लंड मसल्ते हुए अरहर के खेत से बाहर निकल अपने घर को चला गया....जहाँ आँगन मे सीमा चाची नहाने की
तैय्यारी कर रही थी जबकि दादी नहा रही थी...मैं वही ठिठक कर खड़ा हो गया और उनके चुतड़ों को घूर्ने लगा

राज (मन मे)—लगता है आज मेरे लंड को बैठ कर आराम करने को नही मिलेगा.....दादी भी पूरी चोदने लायक हैं...इनके उपर भी ट्राइ कर
सकता हूँ...शायद चुदासी होकर अपनी बुर मुझे सौंप दे

सीमा (मुझे देख)—आ गया....कहाँ था रात भर... ? घर मे नही रह सकता क्या कभी, जब देखो घूमता रहता है...ना कॉलेज जाता है ना खेतो मे ध्यान देता है....ये सब तुझे ही संभालना है

 
राज (उनके दूध देखते हुए)—बताया तो था चाची...कि कल्लू के घर जा रहा हूँ...रात मे वही था....कल्लू अभी खेत से आया तो मैं घर आ गया

सीमा (मन मे)—मतलब कि कजरी घर मे अकेली थी......कही राधा सच तो नही कह रही थी.... ? कही राज कजरी को सच मच मे तो नही पेलता होगा…..? क्या सच मे राज का इतना बड़ा है, वैसे सुना तो मैने भी काई औरतो के मूह से है की राज का बहुत बड़ा और मोटा
है…..छी मैं भी ना क्या अनाप शनाप सोच रही हूँ…वो मेरा भतीजा है….मैं उसे अपना बेटा मानती हूँ…ऐसा सोचना भी पाप है…..ये सब
उस रंडी राधा की बातों का असर है

तभी दादी ने नहा कर गीली साड़ी को अपने नंगे बदन मे लपेट लिया…साड़ी उनके जिस्म से पूरी तरह से चिपक गयी जिससे पूरा गोरा जिस्म नंगा नज़र आने लगा

मेरी आँखे भला ऐसा मन मोहक नज़ारा देखने से कैसे चूक सकती थी….मैं उनके जिस्म को देखने मे इतना खो गया कि कब मेरा हाथ लंड पर चला गया और मैने लंड को अपने लोवर से बाहर निकाल कर उसे ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा मुझे पता ही नही चला…मुझे इस बात का भी होश नही रहा कि सीमा चाची वही बैठी हुई हैं और मुझे ही देख रही हैं

जैसे ही सीमा चाची ने मुझे लंड खोल कर मसल्ते देखा तो उनकी आँखे मेरे लंड को देखते ही चौंडी हो गयी….थूक गले मे ही अटक
गया….वो बस आँखे फाडे मेरे लंड को ही देखे जा रही थी बिना पलक झपकाए

सीमा (मन मे)—हे राम…..इतना बड़ाा लंड्ड्ड…..? राधा ने सब सच ही कहा था…..देखो बेशरम को ज़रा भी शरम नही है…..मुझे दिखा दिखा कर लंड मसल रहा है……क्या राज भी मेरी लेना चाहता है….? लगता है सच मे राज मेरी लेना चाहता है तभी तो मुझे अपना लंड खोल के दिखा कर इशारा कर रहा है…..मेरी बुर को क्या हो रहा है…? मुझे चुदास क्यो लग रही है….? मेरी बुर अचानक से इतनी ज़्यादा चुदासी
कैसे हो गयी है….? मैं अब क्या करूँ…हां…राधा ने मुझे बुर खुज़ला कर इशारा करने को कहा था….हां …मैं भी अपनी बुर सहला कर
राज को इशारा कर देती हूँ कि उसकी चाची अपनी देने को तैय्यार है

ये सोचते सोचते उसे खुद ही होश नही रहा कि वो कब अपना एक हाथ साड़ी पेटिकोट के अंदर घुसा कर अपनी बुर मे उंगली पेलने लगी थी…उसकी सिसकी सुनकर मेरा ध्यान दादी से हट कर चाची की तरफ चला गया

मैने चाची को पेटिकोट के अंदर हाथ डाल कर बुर खुजलते देखा तो हैरान रह गया….मैं जितनी तेज़ी से लंड पर हाथ चला रहा था चाची भी उतनी ही तेज़ी से हाथ चला रही थी

राज (मन मे)—लगता है चाची मुझे अपनी लेने का इशारा कर रही हैं…..मैं भी उन्हे अपना लंड दिखा देता हूँ….. (नीचे देख)..उउउीम्म्म…ये
लंड कब बाहर निकल आया….? साला ये लंड भी हरामी हो गया है बुर की खुश्बू मिलते ही बाहर निकल आता है

मैने चाची की आँखो मे देखते हुए साड़ी उपर खिसकाने का इशारा किया…..उन्होने ना मे गर्दन हिला दी…..मैने लंड हिला कर उन्हे
दिखाया…तो उन्होने नज़रें झुका कर हाँ मे गर्दन हिला दी

सीमा (मन मे)—लगता है राज मुझे भी अपनी दिखाने को बोल रहा है….मुझसे नही होगा राज ये….तू खुद ही मेरी देख ले… मन तो मेरा भी बहुत कर रहा है तुझे अपनी दिखाने का….

मैं खुद को नही रोक सका और सीमा चाची के पास पहुच कर बैठ गया और अपना एक हाथ उनकी पेटिकोट के अंदर घुसेड दिया और उनके हाथ के उपर अपना हाथ रख दिया

मेरे हाथ रखने से उन्होने उंगली ने अंदर बाहर करना बंद कर दिया…..मैने एक बार उनकी बुर मे हाथ फेरा….गाओं मे औरते चड्डी बहुत कम पहनती हैं…हाथ फेरने के बाद उनकी हाथ की उंगली पकड़ के अंदर बाहर किया और अपनी भी एक उंगली उनके छेद मे घुसेड दिया

चाची के मूह से सिसकारी निकल गयी….मैने उनकी आँखो मे देखते हुए कुछ देर तक उंगली को सतसट अंदर बाहर किया…चाची की
आँखो मे लाल डोरे टायर रहे थे…जो उनके खूब चुदासी होने का सबूत थे

मैने बाहर आँगन मे ये सब करना ठीक नही समझा लेकिन मैं अब चाची को चोदे बिना भी नही रह सकता था….ऐसा गोल्डन चान्स उनको
चोदने का फिर मिले ना मिले

क्या पता बाद मे उनकी औरत जाग उठे और उन्हे पछतावा होने लगे उसके पहले ही मैं उन्हे चोद लेना चाहता था….मैने बुर से उंगली निकाल कर उनका हाथ पकड़ के अंदर रूम मे चलने का इशारा किया और कान मे कहा

राज (कान मे)—चाची चलो रूम मे चलते हैं….मुझे आपकी लेनी है

चाची (धीरे से नशीली आवाज़ मे)—क्याआअ…..?

राज (कान मे)—आपकी बुर लेनी है.....आप दोगि ना अपनी बुर मुझे.... ?

चाची (शर्मा कर धीरे से)—मुझे नही मालूम...

मैने उनका हाथ पकड़ के उठा दिया और अपने रूम मे ले जाने लगा....वो किसी पतंग की डोर की तरह मेरे साथ बिना किसी विरोध के चल दी..रूम मे आते ही मैने जल्दी से दरवाजा लॉक कर के चाची से लिपट कर उनके होंठो को चूमने लगा
 
अपडेट*14

राज (कान मे)—चाची चलो रूम मे चलते हैं….मुझे आपकी लेनी है

चाची (धीरे से नशीली आवाज़ मे)—क्याआअ…..?

राज (कान मे)—आपकी बुर लेनी है.....आप दोगि ना अपनी बुर मुझे.... ?

चाची (शर्मा कर धीरे से)—मुझे नही मालूम...

मैने उनका हाथ पकड़ के उठा दिया और अपने रूम मे ले जाने लगा....वो किसी पतंग की डोर की तरह मेरे साथ बिना किसी विरोध के चल
दी..रूम मे आते ही मैने जल्दी से दरवाजा लॉक कर के चाची से लिपट कर उनके होंठो को चूमने लगा

अब आगे.......

मैं सीमा चाची से लिपट कर उनके होंठो को चूमने चाटने लगा.....चाची भी पूरी चुदासी होकर मेरा साथ दे रही थी....होंठो को चूस्ते हुए मैने एक उनके ब्लाउस पर ले गया और उसके उपर से ही चाची की चुचियो को कस कस के दबाने लगा

सीमा –आअहह.....राज्ज्जज...आआअ

राज—क्या हुआ चाची..... ?

सीमा—इतनी ज़ोर....से.....आआअ.....मत दबा....थोडा...धीरे..

राज—चुचि दबाने का मज़ा तो ज़ोर ज़ोर से ही है चाची.......ये तो बनी ही दबाने के लिए हैं

सीमा—बाद मे दबा लेना…अभी घर मे सब लोग हैं……कोई भी आ सकता है……जल्दी से कर ले

मैं चाची की चुचियो को बारी बारी से वैसे कस के मसलता रहा....और एक हाथ को उनकी साड़ी मे घुसा दिया....मुझे मालूम था कि गाओं की
ज़्यादातर औरते साड़ी के अंदर चड्डी नही पहनती हैं

मेरा हाथ सीधे चाची की झातो से जा टकराया…..झान्टो मे हाथ फेरते हुए मैं उनकी बुर की दरार मे उंगली उपर से नीचे चलाने लगा…बुर पूरी गीली होकर लसलसा रही थी

सीमा—आआआहह........अभी ज़्यादा टाइम नही है....जल्दी से कर ले

राज (बुर मे उंगली चलते)—क्या कर लूँ चाची...... ?

सीमा—आआआआ.....वोही जो तू लेना चाहता है...जल्दी से ले ले,,,,नही तो कोई आ जाएगा

राज (बुर के दाने को रगड़ कर)—मैं क्या लेना चाहता था.....मुझे तो याद ही नही है....आप बता दो तो शायद ध्यान आ जाए

सीमा—आआआहह....ऐसे...ही...आआआ.....वोही...जो तू बाहर मुझ से माँग रहा था

राज (बुर के दाने को खिचते हुए)—मैं क्या माँग रहा था चाची, साफ साफ बताओ ना..... ?

सीमा—आआआअहह....मर गयी.....आआआ....इतनी ज़ोर से मत खींच........मुझे शरम आती है बोलने मे वो शब्द

राज (बुर मे उंगली घुसेड कर)—ओहू.....साफ साफ बताओ ना ......शरम छोड़

सीमा—आआआअहह…..ऐसे ही…..आआअ…..अच्छा लग रहा है…..वोही जहाँ तू उंगली घुसेड कर अंदर बाहर कर रहा है

राज (बुर मे उंगली अंदर बाहर करते)—मैं कहाँ उंगली घुसेड कर अंदर बाहर कर रहा हूँ चाची

सीमा—आआआआअहह……मेरी साड़ी के अंदर……

राज—साड़ी के अंदर कहाँ……?

सीमा—आआआआअ……मेरी दोनो जाँघो के बीच मे

राज (उंगली से चोदते हुए)—आपकी दोनो जाँघो के बीच मे क्या है चाची…..?

सीमा—आआआहह……बहुत मज़ा आ रहा है….आआआ….ऐसे ही…..और ज़ोर से….आआअहह…..मेरी दोनो जाँघो के बीच मे जो च्छेद है उसमे तू अपनी उंगली घुसेड कर अंदर बाहर कर रहा है….आआआहह….और ज़ोर से …आआआ

राज (ज़ोर से उंगली चलाते)—उस छेद वाली जगह का क्या नाम है ……? लगता है आप अपनी वो जगह देना नही चाहती हैं तभी नाम तक नही बता रही हैं

सीमा—आआहह….मुझे शरम आ रही है…..अच्छा मैं तेरे कान मे बोलूँगी

 
राज (कान उनके पास मे करते हुए)—ठीक है अब बोलो…

सीमा (कान मे)—वो….वो..वो…

राज—नही बोलना है तो जाने दो…..जाओ आप बाहर जाओ जब कुछ कहना ही नही है तो

सीमा (कान मे)—बोल तो रही हूँ ना…..वो….मेरी दोनो जाँघो के बीच मे मेरी ….मेरी……मेरी ब…उ..र………मतलब मेरी दोनो जाँघो के बीच मे तेरी सीमा चाची की बुर है…….और तू अपनी चाची की बुर के छेद मे उंगली घुसेड कर अंदर बाहर कर रहा है…ले बोल दिया अब खुश

राज—ये हुई ना कोई बात……आप सच मे अपनी बुर दोगि मुझे चाची…..?

सीमा—मैं तो तुझे कब से अपनी बुर देना चाहती थी….लेकिन तू ही नही लेना चाहता था मेरी बुर

राज (खुश होकर)—सच चाची आप मुझे सच मे अपनी बुर देना चाहती थी….कब से….?

सीमा—आआआ……जब मैने तुझे तेरी बुआ की बुर को चोदते हुए देखा था….तब से….मैं भी तुझ से अपनी बुर चुदाना चाहती थी…..अब
जल्दी से ले ले मेरी बुर….नही तो मैं आज भी चुदासी रह जाउन्गी

राज—नही चाची…….अब आप कभी चुदासी नही रहोगी……मैं हूँ ना आपकी बुर् चोदने के लिए

सीमा—मेरा बहुत मन करता था राज तुझे अपनी बुर दिखाने का……मैं रोज यही सोचती थी कि काश तू मुझे कही पटक कर चोद डाले ज़बरदस्ती……मुझ से खूब गंदी गंदी बाते करे…….. दिन भर मुझे खूब गंदा गंदा बोले …..मेरे दूध दबा दिया करे कभी भी…..कभी भी मेरी
साड़ी उठा कर बुर देख लिया करे……कभी भी मेरी मे लंड घुसेड दिया करे….मुझे रोज 8-10 बार पूरी नंगी किया करे

राज—आप ये सब सोचती थी…….?

सीमा—आआअहह….हाँ राज…..ये मेरा सपना है जो मैं सच करना चाहती थी तेरे साथ…….तू करेगा मेरा ये सपना सच राज…? ये सब करेगा मेरे साथ रोज…..?

राज—पहले आपको नंगी करके बुर तो देख लूँ…फिर बताता हूँ

सीमा—अभी नंगी मत कर…..सब लोग हैं…..अभी साड़ी उपर कर के देख ले मेरी बुर…….सब के जाने के बाद जी भर के पूरी नंगी कर के
देख लेना अपनी सीमा चाची को……अभी साड़ी उठा के जल्दी से बुर को चोद दे…राज

मैने भी उनकी बात को सही मानते हुए उन्हे बिस्तर मे लिटा कर साड़ी और पेटिकोट जाँघो से उपर कर दिया…..साड़ी उपर होते ही चाची की गोरी मांसल जांघे और दोनो जाँघो के बीच मे छुपि हुई चाची की झान्टो वाली बुर पूरी नंगी होकर मेरे सामने आ गयी…..बुर एकदम कचौरी की तरह खूब फूली हुई थी

सीमा—देख ले राज……यही है तेरी सीमा चाची की बुर…..राज तेरा कितना मन करता था मेरी बुर लेने का... ?

राज—बहुत करता था चाची

सीमा—कोई आ जाए उसके पहले जल्दी से ले ले

मैने चाची के ब्लाउस के बटन खोल कर ब्रा को उपर कर दिया और उनकी नंगी चुचियो को चूसने और मरोड़ने लगा....अभी ज़्यादा टाइम नही था इसलिए मैने भी वक़्त खराब करना ठीक नही समझा

चाची के दोनो पैर फैला कर मैने लंड बाहर निकाल कर उनकी बुर के मुहाने पर टिका दिया….और चुचि पकड़ के ज़ोर का धक्का पेल दिया
बुर मे….लंड फिसल कर उनके दाने से रगड़ गया जिससे चाची की सिसकारी निकल गयी

सीमा—आअहह.....आराम से राज...तेरा बहुत मोटा है.....थोड़ा तेल लगा ले

मैने सरसो तेल की शीशी उठा कर अपने लंड और चाची की बुर मे तेल उडेल दिया और फिर से बुर के छेद मे लंड को टिका कर ज़ोर दार
प्रहार किया तो इस बार लंड का टोपा कच्च की आवाज़ के साथ बुर मे फच्च से घुस गया...सीमा चाची की इतने मे ही जान निकल गयी

सीमा—उूउउइइमाआअ.......मर गयी.......आआअहह......कितना मोटा है रे...तेरा........जल्दी से एक ही बार मे घुसेड दे.....बार बार दर्द सहने से तो अच्छा है एक बार ही जितना दर्द होना है हो जाए......तू कस के पेल दे....चाहे मेरी बुर फॅट के छितरा ही क्यो ना जाए तू घुसेड दे पूरा
मेरी बुर मे......घुसेड दे राज्ज्ज.....तेरी चाची की बुर बहुत चुदासी है रे.......चोद डाल इस बुर को...मेरे बेटे.....अपने मोटे लंबे लंड से फाड़ दे
आज...अपनी चाची की बुर को

मैने दोनो चुचियो को खूब ज़ोर ज़ोर से मसल्ते हुए जल्दी जल्दी चार पाँच ज़ोर ज़ोर से धक्का मार कर पूरा लंड उनकी बच्चेदानी तक मे घुसेड दिया

सीमा (चिल्लाते हुए)—आआहह.....उूउउइइइममाआआ......माआर गायययययईए........आआहह.......फॅट...गइई.... मेरी बुर्र्र्र्र्ररर......पूरीईइ फत्त्त्ट गइईए....रे......कोई बचऊूओ इसस्स सांद्दद्ड से........दीदी द.....देखो...तेरा बेटा.....अपनी चाची....की बुर.........फाड़......रहा
है..........उसकी.....बुर्र्ररर...मे...लुंद्ड़द्ड....घुसेड...के...चोद..रहा हाईईईईई....आाऐययईइमाआअ

राज—बस चाची...घुस गया.....पूरा घुस गया......अब दर्द नही होगा.........
 

सीमा (रोते हुए)—निकाल ले.....अपना लंड....आआहह......बहुत दर्द हो.....रहा है........मेरा.....पेट तक फटा जा रहा है...... मुझे नही...चुदवाना.........निकाल...मदर्चोद....जल्दी से............जा अपनी माँ...की बुर मे घुसेड......जिसने ऐसा...सांड़ पैदा किया है अपनी बुर
से.........जा अपनी माँ की बुर चोद अपने लंड से............आअहह....सच मे बहुत दर्द हो रहा है..आआआआ

मैने देखा चाची की बुर से खून निकल रहा था......मैं उनकी चुचियो को बारी बारी पीने लगा.....साथ मे उन्हे दबाता भी रहा.....थोड़ी देर मे
चाची को भी मज़ा आने लगा और वो अपनी गान्ड उपर उठाने लगी

मैने चाची को गान्ड उठाते देख कर समझ गया कि अब चाची मेरे लंड से अपनी बुर पेल्वाने को तैय्यार हो गयी हैं...तो धीरे धीरे उन्हे चोदने लगा

सीमा (सिसियाते हुए)—आआहह....धीरे धीरे.....चोद्द्द्द.....ज़ोर से नही.....हाआ....अब ठीक लग....रहा है....ऐसे ही....पेल मेरी बुर......ले ले मेरी बुर राज बेटा.......पेल ले अपनी चाची की बुर को आज...आआआ.....अब कुछ मज़ा आ रहा है.....सच मे तेरे लंड मे तो जादू है...राज्ज्ज....तू
सच मच का सांड़ है...रे........चुदक्कड सांड़ है तू...

चाची को जोश मे आते देख मैने धक्के थोड़ा ज़ोर ज़ोर से लगाने लगा......मेरा लंड चाची की बुर मे पूरा कसा कसा जा रहा था...जिससे मुझे
भी उनकी बुर चोदने मे मज़ा आ रहा था

सीमा—आआअहह.....ऐसे ही.....बहुत मज़ा आ रहा है......खूब हचक हचक कर चोद मुझे राज्ज्ज......खूब पेल मेरी बुर को........चोद डाल
राज.....चोद डाल.....हाा.....ऐसे ही....ज़ोर ज़ोर से पेलता जा......खूब मज़ा आआ...रहा है.....एयाया

राज—चाची मुझे आपकी गान्ड भी चाहिए......मेरा बहुत मन है आपकी गान्ड मारने का...

सीमा—आआआआ.......मार लेना.....अब तो सब....कुछ तेरा है........मैं तो आज से तेरी.....रखैल बन गयी..रे...राज्ज्जज.....आआआ.... मार लेना मेरी गान्ड भी......पहले मेरी बुर तो अच्छे से ले ले...और ज़ोर से...पेल.....मुझे आज पता चला की बुर कैसे चोदि जाती है

राज—आपकी बुर भी तो बहुत टाइट लग रही है.....चाचा मादरचोद चोदता नही है तुम्हे चाची

सीमा—महीने दो महीने मे एक दो बार......उसका लंड भी तो तेरी उंगली बराबर ही है.....वो भी पतला......टाइट है तो तू ढीली कर दे ना
अब……….ढीली कर दे ….अपनी चाची की बुर को राज….रोज चोद चोद के....बोल चोदेगा ना रोज अपनी सीमा चाची की बुर को...

राज—हाअ....चाची....आपको रोज नंगी कर के चोदुन्गा

सीमा—मुझे डेली हर दो दो घंटे मे नंगी करना राज......मुझे खूब गंदा गंदा बोला करना....आआआअ.....मैं तो तेरी दीवानी हो गयी...रे

राज—चाची मुझे किंजल दीदी की बुर चाहिए....

सीमा—मुझे मालूम है तू किंजल को चोदना चाहता है

राज—कैसे..... ?

सीमा—किंजल मेरी भतीजी होने के साथ साथ हम उमर और सहेली भी है.....उसने ही बताया मुझे कि तू उसकी बुर चोदने के चक्कर मे है आज कल

राज—तो मुझे किंजल दीदी की बुर दिला दो ना

सीमा—आआआ……तू उसको पकड़ के चोद ले……वो भी बहुत चुदासी लड़की है…..जहाँ थोड़ी देर तक उसके दूध दबाएगा तो वो अपनी
बुर तुझे सौंम्प देगी…

राज—कहीं उन्होने थप्पड़ जड़ दिया तो…..सीधे मूह तो कभी बात नही करती वो मुझसे…..दूध क्या खाक दबाने देंगी…?

सीमा—आआहह……..दूध दबाने देगी……मुझे मालूम है…..वो कयि बार बता चुकी है कि वो तुझ से अपने दूध दबवाना चाहती है…लेकिन तेरे लंड से डरती है क्यों कि तू कहीं चोदने ना लग जाए…….उसका तुझ से अपने दूध दबवाने का बहुत मन करता है…..बिना डरे दबा
देना……लेकिन अकेले मे…….वो कुछ नही बोलेगी और कुछ बोलती भी है तो तू दबाते रहना……वो मारेगी नही और ना ही वहाँ से
भागेगी…..बल्कि दबवाती रहेगी अपने दूध…आआआअ

राज—ह्बीयायये चाची…….दीदी के दूध बहुत मस्त और खड़े हैं

सीमा—रात मे मैं तुझे मिस कॉल करूँगी तब आ जाना किंजल के रूम मे……..मैं तुझे उसकी बुर भी दिखा दूँगी…पर चोदना मत
अभी…….पहले दूध दबाना जी भर के……बुर चोदने को वो खुद ही बोल देगी तुझे…..एयाया….ज़ोर से मेरा होने वाला है

राज—बस चाची…….मेरा अभी होने मे टाइम है…….

मैने अपने धक्को की स्पीड डबल कर दी.....सीमा चाची ज़्यादा देर तक मैदान मे नही टिक सकी और भल भला कर झड़ने लगी... लेकिन मेरा अभी नही हुआ था.....

तभी कोई दरवाजा नॉक करने लगा.....चाची मुझे छोड़ने को कहने लगी....पर मैं अभी छोड़ने के मूड मे नही था.... मैने उन्हे चोदना जारी\
रखा.....लंड था की झड ही नही रहा था

माँ—राज दरवाजा खोल...जल्दी से

माँ की आवाज़ सुनते ही मेरी गान्ड फॅट गयी मैने चाची को छोड़ा वो बिस्तर के नीचे घुस गयी.....मैने लोवर उपर किया और दरवाजा खोल कर बाहर निकल गया

माँ—क्या कर रहा था इतनी देर से.....और तेरे कमरे से ये आवाज़े कैसी आ रही थी..... ?

राज—कुछ नही माँ....वो मैं ना बिस्तर मे कूद रहा था

मा—पागल कहीं का....देख मैने तेरा नाश्ता लगा दिया है....खा लेना और आज कॉलेज जाना......मैं खेत जा रही हूँ

राज—ओके माँ

माँ के जाते ही मैं जल्दी से रूम मे आया और लॉक कर के चाची को ढूँढने लगा मगर वो तो जा चुकी थी वहाँ से......मेरा लंड अब भी खड़ा था

राज (मन मे)—साला ये माँ को भी ना....थोड़ी देर बाद आती तो मैं चाची को अच्छे से चोद लेता......अब किसको चोदु.....मेरा तो हुआ ही
नही....जब तक पानी नही निकलेगा मुझे आराम नही मिलेगा.....किसे चोदु...... ?

मैं बाहर निकल कर यही सोच मे डूबा हुआ था कि कुछ देख कर मेरी आँखो मे चमक आ गयी

 
अपडेट-15​

माँ की आवाज़ सुनते ही मेरी गान्ड फॅट गयी मैने चाची को छोड़ा वो बिस्तर के नीचे घुस गयी.....मैने लोवर उपर किया और दरवाजा खोल कर बाहर निकल गया

माँ—क्या कर रहा था इतनी देर से.....और तेरे कमरे से ये आवाज़े कैसी आ रही थी..... ?

राज—कुछ नही माँ....वो मैं ना बिस्तर मे कूद रहा था

माँ—पागल कही का....देख मैने तेरा नाश्ता लगा दिया है....खा लेना और आज कॉलेज जाना......मैं खेत जा रही हूँ

राज—ओके माँ

माँ के जाते ही मैं जल्दी से रूम मे आया और लॉक कर के चाची को ढूँढने लगा मगर वो तो जा चुकी थी वहाँ से......मेरा लंड अब भी खड़ा था

राज (मन मे)—साला ये माँ को भी ना....थोड़ी देर बाद आती तो मैं चाची को अच्छे से चोद लेता......अब किसको चोदु.....मेरा तो हुआ ही
नही....जब तक पानी नही निकलेगा मुझे आराम नही मिलेगा.....किसे चोदु...... ?

मैं बाहर निकल कर यही सोच मे डूबा हुआ था कि कुछ देख कर मेरी आँखो मे चमक आ गयी

अब आगे……

मैं अपने रूम से निकल कर बाहर बरामदे मे घूम रहा था लंड सहलाते हुए और मन मे सोचता जा रहा था कि अभी किसकी बुर मिल सकती
है चोदने के लिए…..चाची का काम तो हो गया लेकिन मेरा अधूरा ही रहा गया था

ऐसे ही घूमते हुए मेरी नज़र सीमा चाची की सबसे छोटी बेटी सोनम पर चली गयी….उनके कमरे का दरवाजा खुला हुआ था सोनम स्कर्ट पहने हुए बिस्तर मे लेट कर पढ़ाई कर रही थी

उसके दोनो पैर घुटनो के पास से मुड़े हुए थे जिसके कारण सोनम की गोरी गोरी चिकनी जांघे और काली कलर की चड्डी साफ साफ दिख
रही थी….सोनम ने अभी एक हफ्ते पहले ही अपनी ज़िंदगी के 18 बसंत पूरे किए थे

सोनम की गोरी चिकनी जांघे देख कर मेरी आँखो मे चमक आ गयी….उसकी गोरी गोरी जांघे देख कर मेरा मन ललचा गया…... उसकी चड्डी के अंदर छुपि सोनम की बुर देखने की इच्छा दिल मे होने लगी…..लेकिन उसके साथ कुछ भी करना अभी ख़तरनाक हो सकता
था…..लेकिन लंड था कि बग़ावत पर उतर आया था की उसको सोनम की बुर चाहिए

मन मे बस एक ही ख्याल घूम रहा था की मेरी लाडली छोटी बहन की बुर कैसी होगी….? सोनम की बुर मे झान्टे होगी या फिर एकदम चिकनी होगी….? उसकी बुर का छेद कैसा होगा…? उसकी चूचियाँ कितनी बड़ी हो गयी होगी….? सोनम के चूतड़ नंगे होने पर कैसे
लगेंगे…? मेरी बहन सोनम पूरी नंगी होने पर कैसी दिखेगी….? मेरा मन उसको चोदने के लिए मचल उठा था.

राज (मन मे) :- हाई..कितनी चिकनी और गोरी जांघे हैं सोनम की…जब जांघे इतनी चिकनी हैं तो ये नंगी होने पर कितनी मस्त नही दिखती होगी….सोनम की टाइट बुर मे लंड घुसेड कर उसकी चूची दबा दबा कर चोदने मे बहुत मज़ा आएगा….कैसे चोदु इसको…? अब तो मेरा
लंड सोनम की बुर मे घुसे बगैर मानेगा नही….कुछ ना कुछ जुगाड़ तो लगाना ही होगा अगर इस कच्ची कली की जवानी का मज़ा लेना है तो.

मुझे कोई आइडिया नही सूझ रहा था कि कैसे कुछ करने का तरीका मिले….तभी मुझे अपने पास रखी खुजली वाली पाउडर का ध्यान आया…मैं तुरंत अपने रूम से खुजली वाला पाउडर दोनो हाथ मे लेकर धीरे धीरे सोनम के पास गया और जल्दी से उस पाउडर को उसकी
दोनो जाँघो के बीच मे फेक दिया जो सीधा उसकी चड्डी के उपर पड़ा और मैं सोनम से बात करने लगा….मुझे मालूम था की थोड़ी ही देर मे
ये पाउडर अपना असर दिखाना शुरू कर देगा.

राज :- क्या कर रही है मेरी लाडली गुड़िया बहन….?

सोनम :- बस कल से टेस्ट शुरू होने वाले हैं तो उसकी ही तैय्यरी कर रही थी भैया.

राज :- फिर तो मैने फालतू ही तुम्हे डिस्टर्ब करने यहाँ आ गया…..अच्छा मैं चलता हूँ, तू पढ़ाई कर.

सोनम :- अरे नही भैया, मैं तो बस रिविषन कर रही थी....आप बैठिए ना

राज :- तू तो अब बड़ी हो गयी है….शादी करने लायक हो गयी है.

सोनम (शरमाते हुए) :- क्या भैया आप भी कैसी बाते करते हैं….अभी तो मैं बहुत छोटी हूँ.

राज :- पर मुझे तो लगता है कि तू सबसे बड़ी हो गयी है घर मे….पहले तेरी ही शादी करनी पड़ेगी.

सोनम :- (मूह बनाते हुए) जाओ मैं आप से बात ही नही करूँगी.

राज :- (टॉप मे उभरी हुई चूचियो को घूरते हुए) मुझे तो तेरा सब कुछ बड़ा बड़ा लग रहा है....किसी लड़के से दोस्ती तो नही कर ली....मुझे तो यही लगता है...तेरा सब देख कर.

सोनम :- (मेरी नज़रो को अपनी चूचियो पर महसूस कर शरमाते हुए) नही भैया, मेरी किसी लड़के से दोस्ती नही है... आप चाहे तो मेरी सहेलियो से पता कर सकते हैं.

राज :- मैं नही मानता, अगर किसी लड़के से तेरी दोस्ती नही है तो फिर इतनी ज़्यादा हर जगह पर तरक्की कैसे है.....कही तू किसी लड़की के साथ तो...... ?

सोनम :- (दोनो जाँघो को आपस मे रगड़ते हुए, शायद पाउडर का असर शुरू हो चुका था) छी भैया, आप पता नही क्या क्या सोचते हो....ऐसा कुछ भी नही है.

 
सोनम का हाथ बार बार अपनी जाँघो की तरफ जा रहा था लेकिन वो बड़ी मुश्किल से शरम की वजह से अपनी बुर खुजलाने से खुद को रोक रही थी....उसके चेहरे पर परेशानी सॉफ दिखाई दे रही थी. मुझे अपना प्लान कामयाब होता दिख रहा था और साथ मे सोनम की अन चुदि
बुर को चोदने की खुशी दिल मे उठ रही थी कि अब मेरी छोटी बहन की बुर बिल्कुल मेरे लंड के निशाने पर है.

राज :- क्या बात है सोनम.... ? तुम कुछ परेशान लग रही हो.

सोनम :- (सकुचते हुए) नही कोई परेशानी नही है भैया… (फिर धीरे से ) .आअहह माँ.

राज :- नही कोई तो परेशानी है ज़रूर जो तुम मुझे बताना नही चाहती....मैं तो तेरा बड़ा भाई हूँ पगली, भला मुझ से कैसा संकोच करना...मैने तो छोटे मे तुझे काई बार नंगी तक देखा है......चल बता मुझे जल्दी.

सोनम के चेहरे पर लाज़ और संकोच के भाव उमड़ आए....चेहरा पसीने से पूरी तरह तर बतर हो गया.....उसने अपने हाथो को बहुत रोकने की कोशिश की मगर खुजली जब हद से अत्यधिक बढ़ गयी तो उसका हाथ बरबस ही उसकी बुर तक पहुच गया जिसे वो ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी और सीसीयाने लगी.

सोनम :- (आँखे बंद कर के बुर को हाथो से घिसते हुए) आआअहह....मम्मीयीई.....मररर गयीइ

राज :- (सोनम के पास जाकर उसको बाहों मे लेकर) क्या हुआ सोनम..... ? देख मुझे भी नही बताएगी क्या….? लगता है कि तू मुझे अपना
भाई नही मानती.

सोनम :- (लज़ाते हुए) आअहह....भैया...वो....वो....खुजली....हो रही है......मम्मीयीईयीयै.....मैं मरररर जाउन्गी.....आअहह

राज :- ऐसे कैसे मर जाएगी....मैं हूँ ना...तेरा भाई राज है ना अभी....मैं तुझे मरने थोड़े ही दूँगा......तू तो मेरी सबसे लाडली बहन है.......चल
दिखा मुझे.....कहाँ खुजली हो रही है.

मैने सोनम को कस कर अपनी बाहो मे समेट कर एक हाथ उसके हाथ के उपर रख दिया जिससे वो अपनी बुर को स्कर्ट के उपर से जोरो
से रगड़ रही थी.

सोनम :- (आँखे बंद कर सीसियाते हुए) आआहह…माआ…..नहिी भैयाअ……प्लीज़ आप वहाँ हाथ मत लगाओ….मैं आपको नही दिखा
सकती……उूुउउइम्म्म्माआ……मैं इस\ खुजली से आज मर् जाउन्गी, भैयाअ

राज :- पगली ये बड़ी ख़तरनाक खुजली वाली बीमारी है.....धीरे धीरे कुछ ही देर मे ये तेरे पूरे शरीर मे फैल जाएगी... तभी तो कहता हूँ मुझे
देखने दे…चल मुझे दिखा और बता कि कहाँ पर ज़्यादा खुजली हो रही है.

सोनम :- आआहह.....माआ....भैया..मुझे वहाँ पर मत छुओ....मैं आपकी बहन हूँ....आपको नही ...आअहह...नही दिखा सकती.....मैं मम्मी के
साथ डॉक्टर के पास चली जाउन्गी.

राज :- (झूठ) ये बीमारी मेरी एक मेडम को भी हुई थी....एक घंटे के अंदर अंदर उसके पूरे शरीर मे खुजली होने लगी थी....मजबूरी मे उनको घरवालो के सामने ही नंगी होना पड़ता था.....उन्होने इसका बहुत इलाज़ करवाया लेकिन कोई आराम नही हुआ.

सोनम :- क्य्ाआअ.... ? आप सच कह रहे हैं.....फिर क्या हुआ मेडम का..... ? आआहह….उउउइममाआ

राज :- तेरी कसम, क्या मैं तुझ से अपनी बहन से झूठ बोलूँगा….? तू तो मेरी जान है….मैं तो तुझे बहुत चाहता हूँ…. फिर जब मुझे मेडम के
बारे मे पता चला तो मैने उन्हे बताया कि मैं उनको ठीक कर सकता हूँ.

सोनम :- क्याअ आप इस बीमारी को ठीक कर सकते हैं…पर कैसे…..? क्या फिर मेडम ठीक हो गयी….मान गयी वो…?

राज :- (सोनम को अपने जाल मे फस्ते देख खुश होते हुए) पहले तो वो नही मानी….लेकिन जब खुजली से परेशान हो गयी तो उन्होने खुद मुझे अपने घर बुला कर अपना इलाज़ करने को कहा तो मैने उनका इलाज़ किया और अब वो बिल्कुल ठीक हैं…. उन्होने तो मुझे अपना सब
कुछ नंगी होकर दिखाया था…..तभी तो तुझे समझा रहा हूँ कि मुझसे बिना शरम किए अपनी खुजली वाली जगह दिखा जल्दी नही तो ये दूसरी जगह पर भी होने लगेगी.

 
सोनम :- मुझे भी ठीक कर दो भैया…..आआअहह…….बहुत खुजली हो रही है भैया…..ऊऊहह….माआअ….मुझे भी ठीक कर दो भैया……मैं आपकी हर बात मानूँगी…..उूउउइइमाआअ

राज :- (स्कर्ट के उपर से बर मे हाथ फेरते हुए) हाँ तो चल बता और दिखा मुझे कि कहाँ खुजली हो रही है….अब शरमाना मत…

सोनम :- (शरमाते हुए) जहाँ आप हाथ फेर रहे हो….वही पर

राज :- कहाँ पैर मे…..?

सोनम :- नही

राज :- तो क्या स्कर्ट मे…? मैं तो तेरी स्कर्ट मे हाथ फेर रहा हूँ…..ऐसे शरमाएगी तो तेरा हाल भी मेडम के जैसा हो जाएगा थोड़ी देर मे.

सोनम :- नहीं….नहीं भैया, प्लीज़ मुझे ठीक कर दो….अब नही शरमाउंगी…..आआहह…लेकिन आप किसी को बताना मत प्लीज़…सब मुझे ग़लत समझेंगे.

राज :- मैने आज तक मेडम की बात किसी को नही बताई तो तू तो मेरी अपनी बहन है….भला मैं तुझे कैसे बदनाम होने दे सकता हूँ…..चल अब बता कहाँ खुजली हो रही है.

सोनम :- वो…वो…अंदर ज़्यादा है.

राज :- सॉफ सॉफ बता ना की कहाँ पर हो रही है…? ज़्यादा देर करेगी तो ये उपर तक फैल जाएगी थोड़ी ही देर मे....जाँघो मे हो रही है क्या खुजली.... ?

सोनम :- नहीं

राज :- तो कहाँ…?

सोनम :- वो…भैया…वो….प..आ..न..त..य

राज :- अच्छा तेरी चड्डी मे खुजली हो रही है.

सोनम :- उउउहहुउऊउन्न्ञन्…नहिी…..(शरमाते हुए धीरे से) पैंटी के अंदर

राज :- क्या कहा….कुछ सुनाई नही दिया….थोड़ा ज़ोर से बोल

सोनम :- (शरमाते हुए कान मे) मेरी पैंटी के अंदर बहुत खुजली हो रही है भैया

राज :- पैंटी के अंदर..मतलब कि बुर मे…..?

सोनम :- (कोई जवाब नही)

राज :- बोलो ना…क्या मेरी बहन की बुर मे खुजली हो रही है…..?

सोनम :- (शरमा कर कान मे धीरे से) हां

राज :- फिर तो ये बहुत ही गंभीर समस्या है…..चल दिखा जल्दी मुझे.

सोनम :-नही भैया….मुझे शरम आती है…आआहह..माआ

राज :- देख खुजली बढ़ती जा रही है ना…..?

सोनम :- हाअ

राज :- तभी तो कहता हूँ जल्दी दिखा मुझे नही तो ये तेरी बच्चेदानी तक पहुच गयी तो फिर तू कभी माँ नही बन पाएगी. मुझे तेरी बहुत चिंता हो रही है और तू है की शरमाये जा रही है.

सोनम :- भैया आप कैसे ठीक करोगे...... ?

राज :- गाओं के बाहर नदी किनारे जो खंडहर है ना मैने वहाँ पर इस खुजली को दूर करने की दवाई का पेड़ लगा रखा है…..चल जल्दी से
वही पर तेरा जल्दी इलाज़ कर देता हूँ इससे पहले कि ये तेरी बुर के साथ साथ कोई और अंग मे फैल जाए.

सोनम :- आआआहह…..उूउउइमाआअ….भैयाअ…मुझे ठीक कर दो…..जैसा आप कहोगे मैं करूँगी…आआअहह अब तो खुजलाते खुजलाते मेरा हाथ भी दर्द करने लगा है और जलन भी होने लगी है वहाँ पर बहुत.

राज :- चल जल्दी से मेरे साथ वही खंडहर मे…..और किसी को बताना मत

सोनम :- चलो भैया....मुझे जल्दी ठीक कर दो

अँधा क्या चाहे दो आँखे…..सोनम के हाँ कहते ही मैने तुरंत उसका हाथ पकड़ कर घर से बाहर साइकल मे बिठा कर खंडहर की तरफ सोनम को लेकर निकल गया.

 
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