desiaks
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अपडेट—12
चंपा—जैसे सब की बुर होती है वैसी ही मेरी मम्मी की भी बुर है....सब की तो एक जैसी ही होती है.....कहीं तू मेरी मम्मी की भी तो लेने के चक्कर मे तो नही है.... ? आअहह....अब बस कर दुखने लगी है....एयाया...मम्मीयीई.....किस सांड़ के नीचे लेट गयी.... आज ही पूरी निपोर
देगा मुझे लगता है.....आआआआ.......अब छोड़ दे राज..
राज—बस हो गया.....बस दो मिनिट.....तूने बताया नही कि अपनी मम्मी की बुर दिखाएगी कि नही और कैसी है... ?
चंपा—आअहह......उनकी मेरे से ज़्यादा...फूली हुई है......मम्मी की बुर की दोनो फांके भी फटी हुई हैं....केयी बार वो मेरे साथ सुबह सुबह
लोटा लेके फ्रेश होने खेत मे जाती हैं तब बहुत बार मैने उनकी बुर देखी है
राज—मुझे कब अपनी मम्मी की बुर के दर्शन कराएगी..... ?
चंपा—कल सुबह मैं उनके साथ खेत मे जाउन्गी तो तुझे मिस कॉल कर दूँगी...आके देख लेना वही उनकी बुर....
राज—आआआ….मैं आया…ले संभाल अपनी बुर मे….आआआआआआ
चंपा—आआहह.....हाँ भर दे मेरी बुर.......और भर......पूरी टंकी फुल कर दे...आज ही.......पूरा सांड़ है तू.....कितना पानी छोड़ता है.....ये तो बंद ही नही हो रहा........पूरी बाल्टी भर जाएगी तेरे लंड के पानी से...आअहह...मैं भी गयी फिर से... आआआआअ....मम्मी....आज्ज्जज तेरी
बिटिया चुद गाइिईई......एक सांड़ ने अपने खूब लंबे मोटे लंड से तेरी बिटिया की बुर को चोद डाल्ल्ला रे मम्मीयी
मैं चंपा के उपर ही ढेर हो गया......थोड़ी देर बाद उसके उपर से उठते ही कजरी ने तुरंत मेरा लंड अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगी
राज—अरे छिनरिया...रुक पहले मुझे मूत तो लेने दे....फिर पी लेना लंड मेरा जितना पीना है
कजरी—तो यही मेरे मूह के अंदर ही मूत दे……मुझे तेरा मूत पीना है……मूत ना मेरे मूह मे…सच मे मुझे तेरा मूत पीना है
राज—ठीक है तो ले पी ले
कजरी मेरे लंड को घपघप चूसने लगी.....चंपा की बुर और मेरा जो पानी उसपर लगा हुआ था सब चाट कर साफ कर दिया.... उसके ऐसे चूस्ते रहने से मैं अपनी पेशाब को नही रोक पाया और कजरी के मूह के अंदर ही लंड को और गहराई मे पेल कर मूतने लगा....उसने मेरे
लंड से निकलती मूत की धार को पूरा पी गयी
उसके ऐसे चूस्ते रहने से लंड राज फिर से जोश मे आ गये.....और बुर चोदन की माँग करने लगे.....मैने कजरी को नीचे पटक के उसकी
जांघे फैलाई और घचक से उसकी बुर मे लंड महाराज को पेल दिया
एक बार मे ही झटके से घुसेड़ने से वो अकड़ गयी....आँखो से पानी छलक आया.....लेकिन उसने मुझे रोका नही....मैने भी दोनो चुचियो को
ज़ोर ज़ोर से मसल्ते हुए उसे दनादन चोदने लगा
कजरी—ऐसे ही राज...आआआअहह.....चोदता रह मुझे.......आअहह...और ढीली कर दे मेरी बुर......खूब चोद..एयाया
राज—कजरी...चंपा की शादी कल्लू से करवा दे......फिर दोनो को रोज ऐसे ही चोदुन्गा रात भर
कजरी—आआआहह.....और ज़ोर से...आआआअ.....अगर तू रात भर चोदेगा चंपा को...तो कल्लू क्या करेगा..... ?
राज—वो बाहर बैठ कर मूठ मारेगा...गान्डू…और यहाँ मैं उसकी बहन और बीवी दोनो को उसकी माँ के सामने नंगी कर के चोदुन्गा....सोच
कितना मज़ा आएगा
कजरी—आआआआआअ……..मेरे भाई को ऐसा मत बोल…..आआहह…तू उसे भी बिगाड़ देगा
राज—तू मेरी रखैल है....मेरी तरफ बोल रंडी.....ले लंड खा भोसड़ी
कजरी—आआहह.....माआअ......भोसड़ी को तो तूने चोद चोद के पूरा बुर भोसड़ा बना दिया है...मेरा होने वाला है...आअहह
राज—मैं भी आने ही वाला हूँ.......
चंपा—जैसे सब की बुर होती है वैसी ही मेरी मम्मी की भी बुर है....सब की तो एक जैसी ही होती है.....कहीं तू मेरी मम्मी की भी तो लेने के चक्कर मे तो नही है.... ? आअहह....अब बस कर दुखने लगी है....एयाया...मम्मीयीई.....किस सांड़ के नीचे लेट गयी.... आज ही पूरी निपोर
देगा मुझे लगता है.....आआआआ.......अब छोड़ दे राज..
राज—बस हो गया.....बस दो मिनिट.....तूने बताया नही कि अपनी मम्मी की बुर दिखाएगी कि नही और कैसी है... ?
चंपा—आअहह......उनकी मेरे से ज़्यादा...फूली हुई है......मम्मी की बुर की दोनो फांके भी फटी हुई हैं....केयी बार वो मेरे साथ सुबह सुबह
लोटा लेके फ्रेश होने खेत मे जाती हैं तब बहुत बार मैने उनकी बुर देखी है
राज—मुझे कब अपनी मम्मी की बुर के दर्शन कराएगी..... ?
चंपा—कल सुबह मैं उनके साथ खेत मे जाउन्गी तो तुझे मिस कॉल कर दूँगी...आके देख लेना वही उनकी बुर....
राज—आआआ….मैं आया…ले संभाल अपनी बुर मे….आआआआआआ
चंपा—आआहह.....हाँ भर दे मेरी बुर.......और भर......पूरी टंकी फुल कर दे...आज ही.......पूरा सांड़ है तू.....कितना पानी छोड़ता है.....ये तो बंद ही नही हो रहा........पूरी बाल्टी भर जाएगी तेरे लंड के पानी से...आअहह...मैं भी गयी फिर से... आआआआअ....मम्मी....आज्ज्जज तेरी
बिटिया चुद गाइिईई......एक सांड़ ने अपने खूब लंबे मोटे लंड से तेरी बिटिया की बुर को चोद डाल्ल्ला रे मम्मीयी
मैं चंपा के उपर ही ढेर हो गया......थोड़ी देर बाद उसके उपर से उठते ही कजरी ने तुरंत मेरा लंड अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगी
राज—अरे छिनरिया...रुक पहले मुझे मूत तो लेने दे....फिर पी लेना लंड मेरा जितना पीना है
कजरी—तो यही मेरे मूह के अंदर ही मूत दे……मुझे तेरा मूत पीना है……मूत ना मेरे मूह मे…सच मे मुझे तेरा मूत पीना है
राज—ठीक है तो ले पी ले
कजरी मेरे लंड को घपघप चूसने लगी.....चंपा की बुर और मेरा जो पानी उसपर लगा हुआ था सब चाट कर साफ कर दिया.... उसके ऐसे चूस्ते रहने से मैं अपनी पेशाब को नही रोक पाया और कजरी के मूह के अंदर ही लंड को और गहराई मे पेल कर मूतने लगा....उसने मेरे
लंड से निकलती मूत की धार को पूरा पी गयी
उसके ऐसे चूस्ते रहने से लंड राज फिर से जोश मे आ गये.....और बुर चोदन की माँग करने लगे.....मैने कजरी को नीचे पटक के उसकी
जांघे फैलाई और घचक से उसकी बुर मे लंड महाराज को पेल दिया
एक बार मे ही झटके से घुसेड़ने से वो अकड़ गयी....आँखो से पानी छलक आया.....लेकिन उसने मुझे रोका नही....मैने भी दोनो चुचियो को
ज़ोर ज़ोर से मसल्ते हुए उसे दनादन चोदने लगा
कजरी—ऐसे ही राज...आआआअहह.....चोदता रह मुझे.......आअहह...और ढीली कर दे मेरी बुर......खूब चोद..एयाया
राज—कजरी...चंपा की शादी कल्लू से करवा दे......फिर दोनो को रोज ऐसे ही चोदुन्गा रात भर
कजरी—आआआहह.....और ज़ोर से...आआआअ.....अगर तू रात भर चोदेगा चंपा को...तो कल्लू क्या करेगा..... ?
राज—वो बाहर बैठ कर मूठ मारेगा...गान्डू…और यहाँ मैं उसकी बहन और बीवी दोनो को उसकी माँ के सामने नंगी कर के चोदुन्गा....सोच
कितना मज़ा आएगा
कजरी—आआआआआअ……..मेरे भाई को ऐसा मत बोल…..आआहह…तू उसे भी बिगाड़ देगा
राज—तू मेरी रखैल है....मेरी तरफ बोल रंडी.....ले लंड खा भोसड़ी
कजरी—आआहह.....माआअ......भोसड़ी को तो तूने चोद चोद के पूरा बुर भोसड़ा बना दिया है...मेरा होने वाला है...आअहह
राज—मैं भी आने ही वाला हूँ.......