desiaks
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राज—ठीक है नही बोलोगि तो फिर नंगी करके देखूँगा
सरला—नही…नंगी नही….देख ले….मेरी बुर देख ले….अब तो बोल दिया ना….जल्दी से चड्डी किनारे खिसका के मेरी बुर देख ले
राज—भाई रोज चोदता है ना…?
सरला—नही...10-15 दिन मे एक दो बार
राज—खूब मज़ा आता होगा ना बुर चुदवाने मे
सरला (गरम होकर)—नही….
राज—क्यो…?
सरला (मदहोश)—उसका बहुत छोटा और पतला है...डालते ही झड जाता है
सरला अब पूरी गरम होकर मदहोश हो चुकी थी.....राज की गंदी गंदी बाते भी अब उसको अमृत लग रही थी...चुदासी होकर वो खुल कर राज की बातो का जवाब देने लगी थी...इस बीच राज ने मौका देख कर सरला की पैंटी खीच कर उसके पैरो से निकाल दी और अपनी जेब मे रख ली
सरला इतनी चुदासी हो चुकी थी कि उसको अपनी चड्डी उतर जाने का पता तक नही चला....चड्डी उतार कर राज ने जैसे ही उसकी गोरी
गोरी जाँघो को फैलाया तो दोनो जाँघो के बीच छोटी छोटी काली घुंघराली झान्टो से भरपूर सरला की बुर खुल कर राज के सामने आ गयी
राज ने जैसे ही उसकी बुर पर हाथ फेरा तो सरला चिहुक उठी मारे आनंद के...हाथ फेरते हुए राज ने एक उंगली धीरे से सरला की बुर के
छेद मे अंदर सरका दी....उसकी बुर लार टपकाने से पूरी गीली हो गयी थी
सरला—आआहह...मत करो..राज...आहह...मैं मर जाउन्गी....उउउइंाआ....आहह
राज—भाभी चुचि दबा लूँ आपकी थोड़ा सा
सरला—आआहह....दबा ले.....कोई आ जाएगा...राज....जल्दी से मसल ले मेरी चुचि भी
राज जान बूझकर सरला को फुल चुदासी कर दिया था जिससे कि फिर दुबारा उसे चोदने का मौका मिलने पर कोई दिक्कत ना रहे....वो तुरंत उसकी चुचियो को दोनो हाथो मे भरकर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा और साथ मे अपना मूह सरला की रस नहाती बुर के मुहाने पर भिड़ा दिया
राज की इस हरकत से सरला तड़प उठी....उसके आदमी ने उसके साथ कभी ऐसा नही किया था....सरला असीम सुख की अनुभूति करने लगी...ऐसा मज़ा उसे पहले कभी नही मिला था जैसा आज राज के हाथो मिल रहा था उसको
सरला—नही…नंगी नही….देख ले….मेरी बुर देख ले….अब तो बोल दिया ना….जल्दी से चड्डी किनारे खिसका के मेरी बुर देख ले
राज—भाई रोज चोदता है ना…?
सरला—नही...10-15 दिन मे एक दो बार
राज—खूब मज़ा आता होगा ना बुर चुदवाने मे
सरला (गरम होकर)—नही….
राज—क्यो…?
सरला (मदहोश)—उसका बहुत छोटा और पतला है...डालते ही झड जाता है
सरला अब पूरी गरम होकर मदहोश हो चुकी थी.....राज की गंदी गंदी बाते भी अब उसको अमृत लग रही थी...चुदासी होकर वो खुल कर राज की बातो का जवाब देने लगी थी...इस बीच राज ने मौका देख कर सरला की पैंटी खीच कर उसके पैरो से निकाल दी और अपनी जेब मे रख ली
सरला इतनी चुदासी हो चुकी थी कि उसको अपनी चड्डी उतर जाने का पता तक नही चला....चड्डी उतार कर राज ने जैसे ही उसकी गोरी
गोरी जाँघो को फैलाया तो दोनो जाँघो के बीच छोटी छोटी काली घुंघराली झान्टो से भरपूर सरला की बुर खुल कर राज के सामने आ गयी
राज ने जैसे ही उसकी बुर पर हाथ फेरा तो सरला चिहुक उठी मारे आनंद के...हाथ फेरते हुए राज ने एक उंगली धीरे से सरला की बुर के
छेद मे अंदर सरका दी....उसकी बुर लार टपकाने से पूरी गीली हो गयी थी
सरला—आआहह...मत करो..राज...आहह...मैं मर जाउन्गी....उउउइंाआ....आहह
राज—भाभी चुचि दबा लूँ आपकी थोड़ा सा
सरला—आआहह....दबा ले.....कोई आ जाएगा...राज....जल्दी से मसल ले मेरी चुचि भी
राज जान बूझकर सरला को फुल चुदासी कर दिया था जिससे कि फिर दुबारा उसे चोदने का मौका मिलने पर कोई दिक्कत ना रहे....वो तुरंत उसकी चुचियो को दोनो हाथो मे भरकर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा और साथ मे अपना मूह सरला की रस नहाती बुर के मुहाने पर भिड़ा दिया
राज की इस हरकत से सरला तड़प उठी....उसके आदमी ने उसके साथ कभी ऐसा नही किया था....सरला असीम सुख की अनुभूति करने लगी...ऐसा मज़ा उसे पहले कभी नही मिला था जैसा आज राज के हाथो मिल रहा था उसको