hotaks444
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निशा उसके हाथो से ब्रा पैंटी नाइटी और तौलिया लेकर बाथरूम मे घुस गयी. इतनी देर मे करण ने जल्दी से अपने पॅंट का ज़िप खोला और अपना लंबा और मोटा लॉडा बाहर निकाल के सहलाने लगा. ळौडे को सहलाने भर से प्रेकुं की दो बूंदे सुपाडे से नीचे छलक आई. उसने प्रेकुं की बूँदो को सुपाडे पर गोल गोल मल दिया और लौडे को पॅंट के अंदर अड्जस्ट करके ज़िप बंद कर लिया.
तभी निशा नहा कर बाहर आई. उसने सिर्फ़ सफेद तौलिया लपेटा था जो उसकी मोटी मोटी चुचियो को ढके हुए था पर उसकी मखमली सुडोल जाँघो की नुमाइश कर रहा था. करण ने सोचा कि इसने नाइटी क्यू नही पहनी, पर वो तौलिए से बाहर निशा के कंधो पर उसके पिंक ब्रा के स्ट्रॅप्स देख सकता था.
“वो क्या है ना कि नाइटी अगर बातरूम मे पहनती तो वो गीली हो जाती...” निशा ने अपनी खुसबूदार गीली ज़ुल्फो को झटकते हुए कहा जिस से पानी की बूंदे सीधे करण के चेहरे पर पड़ी. निशा की इस अदा पर करण तो निढाल हो गया. निशा जैसे बाउन्सर बार बार फेक रही थी, करण उन सभी बाउन्सरो पर क्लीन बोल्ड होता जा रहा था.
दो मिनिट तक अपने रेशमी गीली बालो को सवारने के बाद उसने करण को देखा, करण पत्थर की मूरत बन उसकी जवानी को निहार रहा था जिसे समझकर निशा मंद मंद मुस्कुरा रही थी.
निशा ने घूर के करण को देखा और हौले से अपनी चुचियो की घाटी पर बँधे तौलिए की गाँठ मे हाथ डाल कर एक झटके मे खोल दिया. करण एक तक देखता रह गया जब तौलिया निशा की जिस्म से सरकता हुआ नीचे जा गिरा.
निशा उसके सामने केवल पिंक ब्रा और पैंटी मे थी. 34 डी साइज़ के इतने मोटे मोटे कसे हुए दूध कि उनको ब्रा की कोई ज़रूरत ही नही थी उपर से ब्रा इतनी पतली कि उसमे से निपल्स का उभार सॉफ पता चल रहा था.
चुचियो के नीचे निशा का गोरा बिल्कुल सपाट पेट था जिसमे बहुत ही गहरी नाभि थी. उस नाभि मे एक डाइमंड लगा हुआ था जो निशा की नाभि की खूबसूरती को और बढ़ा रहा था.
करण की नज़रें किसी स्कॅनर की तरह काम करते हुए निशा के पेट से नीचे आई तो उसका दिल धक्क से कर के रह गया. ऐसा नज़ारा उसने ब्लू फ़िल्मो मे भी नही देखा था. एक सोने की चैन निशा की 26 साइज़ की गोरी कमर पर कातिल लग रही थी.
करण को यह सब देख कर लग रहा था कि अब उसको हार्ट अटॅक ज़रूर आएगा. वो सोने की चैन निशा के कमर पर इतनी सेक्सी लग रही थी कि मत पूछो.
नीचे सिर्फ़ पतली सी पिंक रेशमी जालीदार पैंटी मे कसी 36 साइज़ की सुडोल और मांसल गान्ड थी. करण तो यही सोच रहा था कि आख़िर उस पैंटी पर क्या बीत रही होगी जो अपनी औकात से बड़ी गान्ड को संभालने की कोशिश कर रही थी.
पैंटी थोड़ी पारदर्शी थी जिसकी वजह से निशा की झाँते पैंटी के अंदर ही दिख रही थी. निशा की झाँते इतनी घनी और लंबी थी कि पैंटी के कोने से बाहर निकल रही थी.
करण को कुछ होश नही रहा, वो तो बस अपने सामने खड़ी रति के अवतार को ही निहारे जा रहा था. अब तक निशा ने उस से यह सब छिपाया था, तो आज यह सब दिखाने का क्या मतलब हो सकता है. लंड को अड्जस्ट करने का कोई फायेदा नही था क्यूकी वो निशा के सेक्सी जिस्म को देख कर दोबारा फुफ्कारने लगा था. प्रेकुं की कुछ बूंदे करण को अपने सुपाडे पर महसूस हो रही थी.
“क्या हुआ...ऐसे क्या देख रहे हो मुझे...कभी किसी लड़की को ऐसे नही देखा है क्या..” निशा अपनी निचले होठ को चबाते हुए बोली और अपनी नाइटी पहन ने लगी.
अब करण से बर्दास्त करना बहुत ही मुश्किल हो गया था, जब औरत के इस रूप ने ऋषि मुनियो की तपस्या तक भंग कर दी तो उनके सामने करण क्या था. वो आगे बढ़ा और निशा की गोरी गोरी कमर मे अपना हाथ डाल दिया और सोने की चैन को खीचने लगा. चैन की रगड़ ने निशा की गोरी कमर पर लाल निशान बना दिया.
करण ने अपने हाथो को निशा की सुडोल मोटी मोटी गदराई गान्ड पर रख कर उसे मसल्ने लगा. निशा एकदम से तड़प उठी. आनंद मे निशा का सर पीछे हो गया. करण ने झटके से निशा की गान्ड पकड़के उसके पेट को अपने से चिपका लिया.
तभी निशा नहा कर बाहर आई. उसने सिर्फ़ सफेद तौलिया लपेटा था जो उसकी मोटी मोटी चुचियो को ढके हुए था पर उसकी मखमली सुडोल जाँघो की नुमाइश कर रहा था. करण ने सोचा कि इसने नाइटी क्यू नही पहनी, पर वो तौलिए से बाहर निशा के कंधो पर उसके पिंक ब्रा के स्ट्रॅप्स देख सकता था.
“वो क्या है ना कि नाइटी अगर बातरूम मे पहनती तो वो गीली हो जाती...” निशा ने अपनी खुसबूदार गीली ज़ुल्फो को झटकते हुए कहा जिस से पानी की बूंदे सीधे करण के चेहरे पर पड़ी. निशा की इस अदा पर करण तो निढाल हो गया. निशा जैसे बाउन्सर बार बार फेक रही थी, करण उन सभी बाउन्सरो पर क्लीन बोल्ड होता जा रहा था.
दो मिनिट तक अपने रेशमी गीली बालो को सवारने के बाद उसने करण को देखा, करण पत्थर की मूरत बन उसकी जवानी को निहार रहा था जिसे समझकर निशा मंद मंद मुस्कुरा रही थी.
निशा ने घूर के करण को देखा और हौले से अपनी चुचियो की घाटी पर बँधे तौलिए की गाँठ मे हाथ डाल कर एक झटके मे खोल दिया. करण एक तक देखता रह गया जब तौलिया निशा की जिस्म से सरकता हुआ नीचे जा गिरा.
निशा उसके सामने केवल पिंक ब्रा और पैंटी मे थी. 34 डी साइज़ के इतने मोटे मोटे कसे हुए दूध कि उनको ब्रा की कोई ज़रूरत ही नही थी उपर से ब्रा इतनी पतली कि उसमे से निपल्स का उभार सॉफ पता चल रहा था.
चुचियो के नीचे निशा का गोरा बिल्कुल सपाट पेट था जिसमे बहुत ही गहरी नाभि थी. उस नाभि मे एक डाइमंड लगा हुआ था जो निशा की नाभि की खूबसूरती को और बढ़ा रहा था.
करण की नज़रें किसी स्कॅनर की तरह काम करते हुए निशा के पेट से नीचे आई तो उसका दिल धक्क से कर के रह गया. ऐसा नज़ारा उसने ब्लू फ़िल्मो मे भी नही देखा था. एक सोने की चैन निशा की 26 साइज़ की गोरी कमर पर कातिल लग रही थी.
करण को यह सब देख कर लग रहा था कि अब उसको हार्ट अटॅक ज़रूर आएगा. वो सोने की चैन निशा के कमर पर इतनी सेक्सी लग रही थी कि मत पूछो.
नीचे सिर्फ़ पतली सी पिंक रेशमी जालीदार पैंटी मे कसी 36 साइज़ की सुडोल और मांसल गान्ड थी. करण तो यही सोच रहा था कि आख़िर उस पैंटी पर क्या बीत रही होगी जो अपनी औकात से बड़ी गान्ड को संभालने की कोशिश कर रही थी.
पैंटी थोड़ी पारदर्शी थी जिसकी वजह से निशा की झाँते पैंटी के अंदर ही दिख रही थी. निशा की झाँते इतनी घनी और लंबी थी कि पैंटी के कोने से बाहर निकल रही थी.
करण को कुछ होश नही रहा, वो तो बस अपने सामने खड़ी रति के अवतार को ही निहारे जा रहा था. अब तक निशा ने उस से यह सब छिपाया था, तो आज यह सब दिखाने का क्या मतलब हो सकता है. लंड को अड्जस्ट करने का कोई फायेदा नही था क्यूकी वो निशा के सेक्सी जिस्म को देख कर दोबारा फुफ्कारने लगा था. प्रेकुं की कुछ बूंदे करण को अपने सुपाडे पर महसूस हो रही थी.
“क्या हुआ...ऐसे क्या देख रहे हो मुझे...कभी किसी लड़की को ऐसे नही देखा है क्या..” निशा अपनी निचले होठ को चबाते हुए बोली और अपनी नाइटी पहन ने लगी.
अब करण से बर्दास्त करना बहुत ही मुश्किल हो गया था, जब औरत के इस रूप ने ऋषि मुनियो की तपस्या तक भंग कर दी तो उनके सामने करण क्या था. वो आगे बढ़ा और निशा की गोरी गोरी कमर मे अपना हाथ डाल दिया और सोने की चैन को खीचने लगा. चैन की रगड़ ने निशा की गोरी कमर पर लाल निशान बना दिया.
करण ने अपने हाथो को निशा की सुडोल मोटी मोटी गदराई गान्ड पर रख कर उसे मसल्ने लगा. निशा एकदम से तड़प उठी. आनंद मे निशा का सर पीछे हो गया. करण ने झटके से निशा की गान्ड पकड़के उसके पेट को अपने से चिपका लिया.