hotaks444
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निशा अपनी चूत मे करण के लंड से गिरते वीर्य की हर बूँद अपने अंदर समा लेना चाहती थी, इसीलिए वो उसे पूरी तरह चिपक गयी और गरम वीर्य को अपने अंदर गिरते महसूस करने लगी.
करण ना जाने कितने देर तक हद से ज़्यादा वीर्य निकालता रहा और निशा की चूत लबालब भरता रहा. निशा उसके अंडकोषो को मसल्ते हुए वीर्य की हर बूँद निचोड़ने लगी. जब उसका लंड खाली होकर सिकुड गया तो ‘प्लॉप’ की आवाज़ के साथ चूत से बाहर आ गया और करण निशा के बगल मे बिस्तर पर लेट गया.
लंड के बाहर आते ही लबालब भरी चूत से वीर्य की एक पतली धार बह निकली. “ओह्ह माइ गॉड करण तुम्हारे लंड से कितना वीर्य निकलता है...देखो मेरी पूरी चूत को तुमने अपने वीर्य से भर दिया है...” निशा वीर्य की उस धार को उंगली पर लेकर अपने मूह मे डाल कर चूस्ते हुए बोली.
“यह वीर्य ना जाने कितने सालो से तुम्हारी चूत मे खाली होने के इंतेज़ार मे था...इसीलिए इतना सारा इकट्ठा हो गया..”
निशा करण की बातो पर मुस्कुराने लगी. आज वो पहली बात इतनी तृप्त लग रही थी. इतनी संतुष्टि मानो उसे कभी महसूस नही हुई थी. उसने पलट कर करण के होन्ट चूम लिए. फिर वो दोनो नंगे बदन ही एक दूसरे से चिपक कर सो गये.
चुदाई के इस तूफान मे दोनो को पता ही नही चला कि कब रात के बारह बज गये. वो दोनो करीब एक घंटे से सो रहे थे. निशा की आँख खुली तो उसने खुदको करण की बाँहो मे नंगी पाया. करण उसके बगल मे नंगा सोया हुआ था. करण के हॅंडसम चेहरे पर कितनी संतुष्टि थी यह देख कर निशा ने उसके होंठो को एक बार चूम लिया. इससे करण जाग गया और निशा को अपनी बाँहो मे भर कर उसके दूध मसल्ने लगा.
“अभी मन नही भरा क्या....” अपने दूध मसले जाने निशा सीसीया गयी.
“जब कोई पत्नी अपने पति की बाँहो मे नंगी सोती है तो क्या कभी पति का मन भर सकता है...” करण ने ज़ोर से निशा के निपल को खीचते हुए कहा.
“ओउच....दर्द होता है..” निशा अपनी चुचि की निपल खींचे जाने से चिहुक पड़ी.
करण लगातार निशा के मोटे मोटे दूध मसल रहा था जिससे निशा दोबारा गरम होने लगी थी. “ओह्ह माइ गॉड हम चुदाई मे इतने खो गये थे कि मैं तो भूल ही गयी कि तुम्हे भूक भी लगी होगी...” निशा अपने नग्न योवन को चादर से छुपाते हुए बोली.
करण उठ के बैठते हुए बोला, “मेरी जान तुमने अपनी चूत से आज मुझे इतना रस पिलाया है कि मेरा पेट भर गया है...” करण हौले से निशा की चुचि मसल्ते हुए बोला.
निशा करण की बातो से शरमा भी रही थी और गरम भी हो रही थी. “चलो मैं तुम्हारे लिए मिल्क शेक बना देती हू...” कहते वो बिस्तर से उठ गयी और पास मे पड़ी अपनी हाफ नाइटी को बिना ब्रा या पैंटी को अपने जिस्म पर डाल के नीचे किचन की तरफ चली गयी.
करण ना जाने कितने देर तक हद से ज़्यादा वीर्य निकालता रहा और निशा की चूत लबालब भरता रहा. निशा उसके अंडकोषो को मसल्ते हुए वीर्य की हर बूँद निचोड़ने लगी. जब उसका लंड खाली होकर सिकुड गया तो ‘प्लॉप’ की आवाज़ के साथ चूत से बाहर आ गया और करण निशा के बगल मे बिस्तर पर लेट गया.
लंड के बाहर आते ही लबालब भरी चूत से वीर्य की एक पतली धार बह निकली. “ओह्ह माइ गॉड करण तुम्हारे लंड से कितना वीर्य निकलता है...देखो मेरी पूरी चूत को तुमने अपने वीर्य से भर दिया है...” निशा वीर्य की उस धार को उंगली पर लेकर अपने मूह मे डाल कर चूस्ते हुए बोली.
“यह वीर्य ना जाने कितने सालो से तुम्हारी चूत मे खाली होने के इंतेज़ार मे था...इसीलिए इतना सारा इकट्ठा हो गया..”
निशा करण की बातो पर मुस्कुराने लगी. आज वो पहली बात इतनी तृप्त लग रही थी. इतनी संतुष्टि मानो उसे कभी महसूस नही हुई थी. उसने पलट कर करण के होन्ट चूम लिए. फिर वो दोनो नंगे बदन ही एक दूसरे से चिपक कर सो गये.
चुदाई के इस तूफान मे दोनो को पता ही नही चला कि कब रात के बारह बज गये. वो दोनो करीब एक घंटे से सो रहे थे. निशा की आँख खुली तो उसने खुदको करण की बाँहो मे नंगी पाया. करण उसके बगल मे नंगा सोया हुआ था. करण के हॅंडसम चेहरे पर कितनी संतुष्टि थी यह देख कर निशा ने उसके होंठो को एक बार चूम लिया. इससे करण जाग गया और निशा को अपनी बाँहो मे भर कर उसके दूध मसल्ने लगा.
“अभी मन नही भरा क्या....” अपने दूध मसले जाने निशा सीसीया गयी.
“जब कोई पत्नी अपने पति की बाँहो मे नंगी सोती है तो क्या कभी पति का मन भर सकता है...” करण ने ज़ोर से निशा के निपल को खीचते हुए कहा.
“ओउच....दर्द होता है..” निशा अपनी चुचि की निपल खींचे जाने से चिहुक पड़ी.
करण लगातार निशा के मोटे मोटे दूध मसल रहा था जिससे निशा दोबारा गरम होने लगी थी. “ओह्ह माइ गॉड हम चुदाई मे इतने खो गये थे कि मैं तो भूल ही गयी कि तुम्हे भूक भी लगी होगी...” निशा अपने नग्न योवन को चादर से छुपाते हुए बोली.
करण उठ के बैठते हुए बोला, “मेरी जान तुमने अपनी चूत से आज मुझे इतना रस पिलाया है कि मेरा पेट भर गया है...” करण हौले से निशा की चुचि मसल्ते हुए बोला.
निशा करण की बातो से शरमा भी रही थी और गरम भी हो रही थी. “चलो मैं तुम्हारे लिए मिल्क शेक बना देती हू...” कहते वो बिस्तर से उठ गयी और पास मे पड़ी अपनी हाफ नाइटी को बिना ब्रा या पैंटी को अपने जिस्म पर डाल के नीचे किचन की तरफ चली गयी.