hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
करण मे फुर्ती तो थी लेकिन एक जंगली जानवर के मुक़ाबले नही. भेड़िया तुरंत मुड़ा और पंजे के एक वार ने करण की छाती को लहू लुहान कर दिया. करण ने बचने की पूरी कोशिश की पर वो भेड़िए की फुर्ती से मात खा गया और लड़खड़ा कर गिर पड़ा.
काजल अपने प्यारे भाई को जंगली जानवर से लड़ता देख वही बेहोश हो गयी. इधर भेड़िए ने करण को ज़मीन पर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ कर अपने भयानक जबड़े से उसका सर काट देना चाहता था.
करण अपनी पूरी ताक़त लगा कर अपने सर को भेड़िए के जबड़े से दूर रखने की कोशिश कर रहा था, क्योकि उसे पता था कि अगर एक बार भेड़िए के जबड़े मे उसका सर चला गया तो वो उसके सर को किसी तरबूज़ की तरह कुचल के रख देगा.
आख़िरकार करण को लगा कि ऐसे वो भेड़िए के सामने ज़्यादा देर तक टिक नही पाएगा इसलिए उसने अपनी पूरी इच्छा शक्ति जुटा कर पास मे पड़ी लकड़ी के एक टुकड़े को भेड़िए के मूह मे ठूंस दिया जिस से उसका जबड़ा चलना बंद हो गया और फिर उसने अपनी पूरी ताक़त लगाकर अपने मांसल कसरती पैरो का एक वार कर के भेड़िए को दूर उच्छल दिया.
भेड़िया थोड़ी दूर जेया गिरा पर उसे संभलने मे देर नही लगी. उसका जबड़ा इतना ताक़तवर था कि उसके मूह मे ठूँसि हुई लकड़ी को भी उसने चकना चूर कर दिया. अब सिर्फ़ उसके सामने घायल करण पड़ा था.
करण को पता था कि भेड़िए का जबड़ा अब आज़ाद है और वह पहले से ज़्यादा ख़तरनाक हो गया है. पीठ और सीने मे इतने घाव हो जाने की वजह से उसमे अब इतनी ताक़त नही बची थी कि भेड़िए का सामना फिर से कर सके.
पर तभी हड़बड़ाता हुआ अर्जुन पता नही कहाँ से आ गया. उसने देखा कि एक तरफ काजल बेहोश पड़ी है और दूसरी तरफ भेड़िया करण पर घात लगाए बैठा है.
भेड़िया अब एक वार मे ही कारण की कहानी को ख़तम कर देना चाहता था इसलिए उसने करण पर छलान्ग लगा दी.
“करण....यह ले....” चिल्लाते हुए अर्जुन ने फुर्ती से करण की तरफ अपना खंजर फेका जिसे करण ने भी फुर्ती से पकड़ लिया और बिजली की तेज़ी से हवा मे कूद कर भेड़िए के सीने मे वो खंजर उतार दिया.
भेड़िया वही ढेर हो गया. खंजर भेड़िए के खून से पूरा सना हुआ था जिसे करण ने अपनी टीशर्ट से पोछ दिया. दोनो भाई भाग कर काजल के पास गये. अर्जुन ने काजल का सर अपनी गोद मे रखा और उसे हिला के होश मे लाने की कोशिश करने लगा.
काजल को होश आते ही उसके सामने अर्जुन का मुस्कुराता चेहरा दिखाई पड़ा और वो बोली, “करण भैया कहाँ है....ओह्ह माइ गॉड उनको कुछ हुआ तो नही ना....”
करण पास मे ही खड़ा था, उसने प्यार से अपनी बहन के सर पर हाथ फेरा और बोला, “मैं यही हू गुड़िया....तेरे पास मे..”
काजल ने ध्यान से देखा तो करण का चौड़ा सीना छल्नी हो गया था जिस से अभी भी खून बहा रहा था. उसने सर घुमा के देखा तो उसे भेड़िया मरा पड़ा दिखाई दिया.
“करण भैया आपको कितनी चोट लगी है....अपने मुझे बचाने के लिए अपना जान जोखिम मे क्यू डाल दी...” उसकी आँखे नम हो गयी.
काजल अपने प्यारे भाई को जंगली जानवर से लड़ता देख वही बेहोश हो गयी. इधर भेड़िए ने करण को ज़मीन पर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ कर अपने भयानक जबड़े से उसका सर काट देना चाहता था.
करण अपनी पूरी ताक़त लगा कर अपने सर को भेड़िए के जबड़े से दूर रखने की कोशिश कर रहा था, क्योकि उसे पता था कि अगर एक बार भेड़िए के जबड़े मे उसका सर चला गया तो वो उसके सर को किसी तरबूज़ की तरह कुचल के रख देगा.
आख़िरकार करण को लगा कि ऐसे वो भेड़िए के सामने ज़्यादा देर तक टिक नही पाएगा इसलिए उसने अपनी पूरी इच्छा शक्ति जुटा कर पास मे पड़ी लकड़ी के एक टुकड़े को भेड़िए के मूह मे ठूंस दिया जिस से उसका जबड़ा चलना बंद हो गया और फिर उसने अपनी पूरी ताक़त लगाकर अपने मांसल कसरती पैरो का एक वार कर के भेड़िए को दूर उच्छल दिया.
भेड़िया थोड़ी दूर जेया गिरा पर उसे संभलने मे देर नही लगी. उसका जबड़ा इतना ताक़तवर था कि उसके मूह मे ठूँसि हुई लकड़ी को भी उसने चकना चूर कर दिया. अब सिर्फ़ उसके सामने घायल करण पड़ा था.
करण को पता था कि भेड़िए का जबड़ा अब आज़ाद है और वह पहले से ज़्यादा ख़तरनाक हो गया है. पीठ और सीने मे इतने घाव हो जाने की वजह से उसमे अब इतनी ताक़त नही बची थी कि भेड़िए का सामना फिर से कर सके.
पर तभी हड़बड़ाता हुआ अर्जुन पता नही कहाँ से आ गया. उसने देखा कि एक तरफ काजल बेहोश पड़ी है और दूसरी तरफ भेड़िया करण पर घात लगाए बैठा है.
भेड़िया अब एक वार मे ही कारण की कहानी को ख़तम कर देना चाहता था इसलिए उसने करण पर छलान्ग लगा दी.
“करण....यह ले....” चिल्लाते हुए अर्जुन ने फुर्ती से करण की तरफ अपना खंजर फेका जिसे करण ने भी फुर्ती से पकड़ लिया और बिजली की तेज़ी से हवा मे कूद कर भेड़िए के सीने मे वो खंजर उतार दिया.
भेड़िया वही ढेर हो गया. खंजर भेड़िए के खून से पूरा सना हुआ था जिसे करण ने अपनी टीशर्ट से पोछ दिया. दोनो भाई भाग कर काजल के पास गये. अर्जुन ने काजल का सर अपनी गोद मे रखा और उसे हिला के होश मे लाने की कोशिश करने लगा.
काजल को होश आते ही उसके सामने अर्जुन का मुस्कुराता चेहरा दिखाई पड़ा और वो बोली, “करण भैया कहाँ है....ओह्ह माइ गॉड उनको कुछ हुआ तो नही ना....”
करण पास मे ही खड़ा था, उसने प्यार से अपनी बहन के सर पर हाथ फेरा और बोला, “मैं यही हू गुड़िया....तेरे पास मे..”
काजल ने ध्यान से देखा तो करण का चौड़ा सीना छल्नी हो गया था जिस से अभी भी खून बहा रहा था. उसने सर घुमा के देखा तो उसे भेड़िया मरा पड़ा दिखाई दिया.
“करण भैया आपको कितनी चोट लगी है....अपने मुझे बचाने के लिए अपना जान जोखिम मे क्यू डाल दी...” उसकी आँखे नम हो गयी.