hotaks444
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मैं- दीदी, बैंक यू किस बात का?
दीदी- “मुझे बस में और यहाँ पे सबको चुदाई का सुख देने का..."
हाँ हाँ भैया इसी तरह चोदते रहो.. हाँ हाँ... भैया आपके साथ का मजा तो मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती... आज तक मैंने जितने से भी चुदाया हो... पर आपका लौड़ा उनका सरदार रहेगा इतना मैं जरूर कहूँगी...
मैं- “अरे दीदी, मैंने आप लोगों को मजा दिया है तो बदले में मैंने भी तो मजा लिया है... ए तो इस हाथ ले और उस हाथ दे वाली बात है...”
दीदी- “बस बस भैया, मेरा निकलने वाला है... प्लीज अपना भी निकालो.. इससे पहले की सब फिर से आ जायें और मैं शर्म की मारी उनकी ओर देख ना पाऊँ.. आप अपना पानी मेरी फुद्दी में उड़ेल दो...”
सासूमाँ- अरे बहू इसीलिए तो हमने बत्ती बंद कर दी... मैं देख रही थी कि तू अपनी फुद्दी खुजला रही थी और गरम हो गई थी... इसीलिए सबको जाने का हुकुम सुना दी...”
दीदी- है सासूमाँ.. आप गई नहीं?
झरना- “मैं भी नहीं गई हैं भाभी..."
दीदी- और तुम्हारे भैया?
झरना- “वो सचमुच अपने कमरे में गये... और चिंता मत करो मैंने उनकी गाण्ड में क्रीम लगा दी है...”
दीदी- “बैंक यू झरना दीदी...”
झरना- बैंक यू की क्या बात है भाभी... वो मेरी चुदाई करके मुझे मजे देते हैं, आप भी मेरी फुद्दी चूसती हैं। मेरा कितना खयाल रखती हैं, और मैं इतना भी नहीं कर सकती?
दीदी- “तो प्लीज एक मेहरबानी और कर दे...”
झरना- क्या? बोलो भाभी?
दीदी- यहाँ मेरे बगल में लेट तो सही।
झरना- लो लेट गई।
दीदी- “अपनी टाँगें फैलाते हुए मोड़ ले... भैया, शुरू हो जाओ...”
दीदी- “मुझे बस में और यहाँ पे सबको चुदाई का सुख देने का..."
हाँ हाँ भैया इसी तरह चोदते रहो.. हाँ हाँ... भैया आपके साथ का मजा तो मैं जिंदगी भर नहीं भूल सकती... आज तक मैंने जितने से भी चुदाया हो... पर आपका लौड़ा उनका सरदार रहेगा इतना मैं जरूर कहूँगी...
मैं- “अरे दीदी, मैंने आप लोगों को मजा दिया है तो बदले में मैंने भी तो मजा लिया है... ए तो इस हाथ ले और उस हाथ दे वाली बात है...”
दीदी- “बस बस भैया, मेरा निकलने वाला है... प्लीज अपना भी निकालो.. इससे पहले की सब फिर से आ जायें और मैं शर्म की मारी उनकी ओर देख ना पाऊँ.. आप अपना पानी मेरी फुद्दी में उड़ेल दो...”
सासूमाँ- अरे बहू इसीलिए तो हमने बत्ती बंद कर दी... मैं देख रही थी कि तू अपनी फुद्दी खुजला रही थी और गरम हो गई थी... इसीलिए सबको जाने का हुकुम सुना दी...”
दीदी- है सासूमाँ.. आप गई नहीं?
झरना- “मैं भी नहीं गई हैं भाभी..."
दीदी- और तुम्हारे भैया?
झरना- “वो सचमुच अपने कमरे में गये... और चिंता मत करो मैंने उनकी गाण्ड में क्रीम लगा दी है...”
दीदी- “बैंक यू झरना दीदी...”
झरना- बैंक यू की क्या बात है भाभी... वो मेरी चुदाई करके मुझे मजे देते हैं, आप भी मेरी फुद्दी चूसती हैं। मेरा कितना खयाल रखती हैं, और मैं इतना भी नहीं कर सकती?
दीदी- “तो प्लीज एक मेहरबानी और कर दे...”
झरना- क्या? बोलो भाभी?
दीदी- यहाँ मेरे बगल में लेट तो सही।
झरना- लो लेट गई।
दीदी- “अपनी टाँगें फैलाते हुए मोड़ ले... भैया, शुरू हो जाओ...”