hotaks444
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सासूमाँ- हे राम... पर उनकी तबीयत कैसी है? इतना चुदाना उनकी सेहत के लिये ठीक नहीं है दीदी। अभी कल ही लो। मेरा चुदाना दो ही बार हुआ था पर आज के लिए हिम्मत नहीं हो रही है।
सुमनलता- क्या बात कर रहे हैं दीदी? चू- दाना से तो तबीयत तरोताजा हो जाती है। आप कहीं डुप्लीकेट चूदाना तो नहीं इश्तेमाल कर रही हैं?
सासूमाँ- नहीं दीदी... कल तो असली चुदाना ही मिला था। पर अभी उमर हो रही है ना तो जल्दी थक जाती हूँ।
सुमनलता- पर मुँह में ही तो लेना है ना।
सासूमाँ- अरे... आप खाली मुँह से ही काम चलाते हैं?
सुमनलता- अरे बहन जी मुँह में जाते ही जो मजा आता है क्या बताऊँ?
सासूमाँ- अरे बहन जी, आपकी बेटीयां भी हैं वहाँ पर?
सुमनलता- हाँ... दीदी, और स्पीकर भी ओन है। वो भी सुन रही हैं। और मजे ले-लेकर सुन रहीं हैं। अभी कुँवारी है ना।
सासूमाँ- अरे दीदी, आप उनके सामने चुदाने की बात कर लेती हैं?
सुमनलता- हाँ हाँ दीदी... अभी मेरे पति के गुजरने के बाद हम चारों माँ और बेटियों ने ये चू-दाने का बिजनेस संभाल रखा है।
सासूमाँ- बहनजी, इससे पहले की मेरा कन्फ्यूजन से सिर फट जाए। प्लीज थोड़ा खुलकर बोलिए कि आपकी कंपनी का नाम क्या है?
सुमनलता- हमारी कंपनी का नाम है। चू-दाने में मजा आता है प्राइवेट लिमिटेड। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। हमारी। और बढ़िया चल रहा है चू-दाने का धंधा।
सासूमाँ- चुदाने में मजा आता है प्राइवेट लिमिटेड। तो कौन-कौन चुदता है आपकी कंपनी में? आप, आपकी तीनों बेटियां, सविता, बबीता, और कविता।
सुमनलता- हाँ.. ओहह... क्या कहा बहनजी? कौन-कौन चुदता है? प्लीज आप ऐसी खराब बातें ना निकले अपने मुँह से।।
सासूमाँ- और अभी तक क्या हम भजन संध्या के बारे में बातें कर रहे थे... चुदाने के बारे में ही तो बातें चल रही
थीं...
सुमनलता- आह्ह... चू-दाने के बारे में बात चल रही थी।
सासूमाँ- चुदाने के बारे में बात चल रही थी चुदाई की नहीं?
सुमनलता- “आपको कैसे पता चला दीदी की हमारी कंपनी का पहला नाम चू-दाई में मजा आता है प्राइवेट लिमिटेड था। सच में पहले सविता के पापा ने जब कंपनी खोली तब यही नाम था। चूदाई में मजा आता है। पर उनके जाने के बाद जब लोग दो-तीन बार रिपीट करते थे तब कुछ अलग लगता था। जैसे लोग इसका कुछ अलग मतलब निकल रहे हों...”
सासूमाँ- और इसका क्या मतलब है बहन जी?
सुमनलता- असल में हमारा चू-दाने का बिजनेस है।
सुमनलता- क्या बात कर रहे हैं दीदी? चू- दाना से तो तबीयत तरोताजा हो जाती है। आप कहीं डुप्लीकेट चूदाना तो नहीं इश्तेमाल कर रही हैं?
सासूमाँ- नहीं दीदी... कल तो असली चुदाना ही मिला था। पर अभी उमर हो रही है ना तो जल्दी थक जाती हूँ।
सुमनलता- पर मुँह में ही तो लेना है ना।
सासूमाँ- अरे... आप खाली मुँह से ही काम चलाते हैं?
सुमनलता- अरे बहन जी मुँह में जाते ही जो मजा आता है क्या बताऊँ?
सासूमाँ- अरे बहन जी, आपकी बेटीयां भी हैं वहाँ पर?
सुमनलता- हाँ... दीदी, और स्पीकर भी ओन है। वो भी सुन रही हैं। और मजे ले-लेकर सुन रहीं हैं। अभी कुँवारी है ना।
सासूमाँ- अरे दीदी, आप उनके सामने चुदाने की बात कर लेती हैं?
सुमनलता- हाँ हाँ दीदी... अभी मेरे पति के गुजरने के बाद हम चारों माँ और बेटियों ने ये चू-दाने का बिजनेस संभाल रखा है।
सासूमाँ- बहनजी, इससे पहले की मेरा कन्फ्यूजन से सिर फट जाए। प्लीज थोड़ा खुलकर बोलिए कि आपकी कंपनी का नाम क्या है?
सुमनलता- हमारी कंपनी का नाम है। चू-दाने में मजा आता है प्राइवेट लिमिटेड। एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है। हमारी। और बढ़िया चल रहा है चू-दाने का धंधा।
सासूमाँ- चुदाने में मजा आता है प्राइवेट लिमिटेड। तो कौन-कौन चुदता है आपकी कंपनी में? आप, आपकी तीनों बेटियां, सविता, बबीता, और कविता।
सुमनलता- हाँ.. ओहह... क्या कहा बहनजी? कौन-कौन चुदता है? प्लीज आप ऐसी खराब बातें ना निकले अपने मुँह से।।
सासूमाँ- और अभी तक क्या हम भजन संध्या के बारे में बातें कर रहे थे... चुदाने के बारे में ही तो बातें चल रही
थीं...
सुमनलता- आह्ह... चू-दाने के बारे में बात चल रही थी।
सासूमाँ- चुदाने के बारे में बात चल रही थी चुदाई की नहीं?
सुमनलता- “आपको कैसे पता चला दीदी की हमारी कंपनी का पहला नाम चू-दाई में मजा आता है प्राइवेट लिमिटेड था। सच में पहले सविता के पापा ने जब कंपनी खोली तब यही नाम था। चूदाई में मजा आता है। पर उनके जाने के बाद जब लोग दो-तीन बार रिपीट करते थे तब कुछ अलग लगता था। जैसे लोग इसका कुछ अलग मतलब निकल रहे हों...”
सासूमाँ- और इसका क्या मतलब है बहन जी?
सुमनलता- असल में हमारा चू-दाने का बिजनेस है।