hotaks444
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झरना- अच्छा, चम्पारानी... आज तो बड़ी मेहरबान हो रही हैं हम पर। पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ? आज क्या खास बात है?
दीदी- खास बात ये है झरना दीदी की कल आ रहे हैं हमरे जीजाजी... याने की आपके प्यारे पतिदेव और अभी आपके ऊपर ये मेहरबान होगी तभी तो कल आप भी उसके ऊपर मेहरबान होकर अपने पति को कहोगे की- ओ जी तनिक इस बेचारी चम्पारानी की चूत की भी कुछ सेवा कर दीजिए।
चम्पारानी- हाँ नहीं तो और क्या? आप लोग नये-नये लण्ड से चुदवाओ और हम वहाँ किचेन में अकेले अपनी चूत में उंगली करते रहें।
सासूमाँ- हाँ... तो चम्पारानी शुरू हो जा। लेकर एक गरमा-गरम कहानी। जिससे की हमें बिना चोदे ही चोदन-सुख मिले।
चम्पा- हाँ हाँ... अम्माजी... अभी तो आप बोलोगी ही की बिना चोदे ही चोदन-सुख मिले। एक बार रामू भैया से
और एक बार अपने खुद के बेटे से बुर में लौड़ा पेलवा करके बुर की खुजली जो मिटा चुकी हो आप। कहती हैं। बिना चुदाई के चोदन-सुख मिले। अरे बिना चुदाई के चोदन-सुख मिले तो कैसे मिले।
असली लण्ड ही बुझाए चूत की प्यास, गाजर, मूली, बैगन सब कुछ है बकवास।
दीदी- सही कहा चम्पारानी। पर तू भी इनके बेटे के लौड़े का रस अपनी चूत में डलवा के खुजली मिटा चुकी हो। बस अब शुरू हो जाओ, और हमें ये बताओ की तुमरे पति के लौड़े के साथ कैसी हुई तुम्हारी चुदाई।
चम्पा- जैसा की आप सभी जानते हैं कि मैं कम पढ़ी-लिखी थी फिर भी मेरे पति ने मुझे पसंद किया था। शादी के तीसरे ही दिन वो शहर नौकरी जाय्न करने चले गये।
झरना- और तुमरी चूत की खुजली बढ़ती ही गई... बढ़ती ही गई।
चम्पारानी- हाँ... झरना दीदी।
दीदी- खास बात ये है झरना दीदी की कल आ रहे हैं हमरे जीजाजी... याने की आपके प्यारे पतिदेव और अभी आपके ऊपर ये मेहरबान होगी तभी तो कल आप भी उसके ऊपर मेहरबान होकर अपने पति को कहोगे की- ओ जी तनिक इस बेचारी चम्पारानी की चूत की भी कुछ सेवा कर दीजिए।
चम्पारानी- हाँ नहीं तो और क्या? आप लोग नये-नये लण्ड से चुदवाओ और हम वहाँ किचेन में अकेले अपनी चूत में उंगली करते रहें।
सासूमाँ- हाँ... तो चम्पारानी शुरू हो जा। लेकर एक गरमा-गरम कहानी। जिससे की हमें बिना चोदे ही चोदन-सुख मिले।
चम्पा- हाँ हाँ... अम्माजी... अभी तो आप बोलोगी ही की बिना चोदे ही चोदन-सुख मिले। एक बार रामू भैया से
और एक बार अपने खुद के बेटे से बुर में लौड़ा पेलवा करके बुर की खुजली जो मिटा चुकी हो आप। कहती हैं। बिना चुदाई के चोदन-सुख मिले। अरे बिना चुदाई के चोदन-सुख मिले तो कैसे मिले।
असली लण्ड ही बुझाए चूत की प्यास, गाजर, मूली, बैगन सब कुछ है बकवास।
दीदी- सही कहा चम्पारानी। पर तू भी इनके बेटे के लौड़े का रस अपनी चूत में डलवा के खुजली मिटा चुकी हो। बस अब शुरू हो जाओ, और हमें ये बताओ की तुमरे पति के लौड़े के साथ कैसी हुई तुम्हारी चुदाई।
चम्पा- जैसा की आप सभी जानते हैं कि मैं कम पढ़ी-लिखी थी फिर भी मेरे पति ने मुझे पसंद किया था। शादी के तीसरे ही दिन वो शहर नौकरी जाय्न करने चले गये।
झरना- और तुमरी चूत की खुजली बढ़ती ही गई... बढ़ती ही गई।
चम्पारानी- हाँ... झरना दीदी।